UPSCPORTAL Daily Dose in Hindi (रोजाना समाचार, करंट अफेयर्स, ऑडियो नोट्स) "07 फरवरी, 2014"

UPSCPORTAL Daily Dose in Hindi

दैनिक खुराक (दैनिक समसामयिकी, करंट अफेयर्स , ऑडियो नोट्स) "07 फरवरी, 2014"

समसमायिक रोजाना ऑडियो नोट्स

  • चर्चा का विषय: भारत पहुँचने पर वीजा प्रदान करने का निर्णय
  • सहभागी: सिमरन सोढी (पूर्व संपादक विदेशी मामले - द स्टेट्समैन)

अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें


अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें


आईएएस परीक्षा के लिए करंट अफेयर्स - 07 फ़रवरी 2014
 

'आप' के जनलोकपाल को सॉलिसिटर जनरल ने बताया असंवैधानिक

  • दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार के सबसे बड़े वायदे पर ग्रहण लगता दिख रहा है। दिल्ली कैबिनेट ने जिस जनलोकपाल बिल को हरी झंडी दी थी, उस पर सॉलिसिटर जनरल की राय से अड़ंगा लग गया है।सॉलिसिटर जनरल ने इसे असंवैधानिक बताया है।

  • दिल्ली सरकार के जनलोकपाल बिल पर उपराज्यपाल नजीब जंग ने सॉलिसिटर जनरल मोहन परासरण से राय मांगी थी। सॉलिसिटर जनरल ने एलजी को राय दे दी है। इसके मुताबिक जनलोकपाल बिल के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की राय जरूरी है।

  • पारासरण ने उपराज्यपाल को बताया कि संसद से पास लोकपाल और लोकायुक्त बिल प्रभाव में है। ऐसे में दिल्ली में एक लोकपाल बिल केंद्रीय कानून के असंगत होगा। इस पर राष्ट्रपति की मंजूरी जरूरी होगी।

मिस्र के सेना प्रमुख अल-सीसी लड़ेंगे राष्ट्रपति पद का चुनाव

  • मिस्र के शक्तिशाली सेना प्रमुख फील्ड मार्शल अब्दुल फताह अल-सीसी ने कहा कि वह राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ेंगे और उम्मीद की जा रही है कि वह यह चुनाव आसानी से जीत जाएंगे।

  • कुवैती अखबार अल-सियासत के अनुसार रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारियां भी संभाल रहे अल-सिसी ने कहा, ‘हां, फैसला कर लिया गया है और मेरे पास मिस्री अवाम के आह्वान पर अमल करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।’

  • अल-सीसी से जब पूछा गया कि क्या वह राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ेंगे तो उन्होंने जवाब दिया, ‘आह्वान हर जगह सुना गया और मैं उसे खारिज नहीं करूंगा। मैं स्वतंत्र मतदान के माध्यम से लोगों के विश्वास का नवीकरण करना चाहूंगा।’ मिस्र की शक्तिशाली सैन्य परिषद ने हाल ही में अल-सीसी को राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने की इजाजत दी है।

  • मिस्र की सेना ने पिछले साल जुलाई में इस्लामवादी राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी की सरकार का तख्तापलट किया था। मुर्सी सरकार को व्यापक विरोध का सामना करना पड़ रहा था। इस तख्तापलट ने अल-सीसी को व्यापक लोकप्रियता दी।

अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें