(GIST OF YOJANA) पोषण अभियान : कुपोषण से निपटने की कारगर शुरुआत [May-2018]


(GIST OF YOJANA) पोषण अभियान : कुपोषण से निपटने की कारगर शुरुआत  [May-2018]


पोषण अभियान : कुपोषण से निपटने की कारगर शुरुआत

यह तथ्य आमतौर पर लोगों को पता है कि कोई एक वजह नहीं होती, बल्कियह कई तरह की गड़बड़ियों और असंतुलन का नतीजा होता है। ये गड़बड़ियां कुपोषण के लगातर बने रहने में मददगार होती हैं। इसके कारण हम पीढ़ी दर पीढ़ी जरूरी मानव संसाधन जुटाने में अक्षम हो जाते हैं। संसाधनों संभावनाओं के भरपूर इस्तेमाल और भारत को वैश्विक महाशक्ति की भूमिका निभाने के लिए हमें कुपोषण को जड़ से खत्म करने पर फोकस करना होगा, ताकि आगामी पीढ़ियों को सेहतमंद बनाने का काम सुनिश्चित किया जा सके। साथ ही, बेहतर बौद्धिक संभावनाओं के लिए भी गुंजाइश बनाई जा सके, जिससे काम संबंधी उत्पादकता में भी बढोतरी हो सकेगी ।
यह एक चीज हमें मेक इन इंडिया डिजिटल इंडियास्किल इंडिया जैसे विभिन्न अभियानों से जुड़े खालीपन को भरने मेंमददगार होगी और एक राष्ट्र के तौर पर आगे बढ़ने की हमारी संभावनाओं का भी सही इस्तेमाल हो सकेगा ।
इस अभियान के लिए चौतरफा प्रयास के तहत सभी 36 राज्योंकेंद्रशासित प्रदेशों और जिलों को चरणबद्ध तरीके से इसके दायरे में लाया जाएगा। 2017-18 में 315 जिलों में इस पर काम करने की बात है, जबकि 2018-19 में अन्य 235 जिलों में यह अभियान चलाया जाएगा। इसके बाद बाकी जिलों में 2019-20 के दौरान इस योजना पर अमल किया जाएगा। इस कार्यक्रम से 10 करोड़ से भी ज्यादा लोगों को फायदा होगा। देश में पहले कभी उच्चस्तर पर कुपोषण की समस्या से निपटने को इतनी अहमियत नहीं दी गई थी।

समन्वित तरीके से काम करने को बढावा मिलेगा। केंद्र सरकार ने पोषण अभियान के लिए कुपोषण राष्ट्रीय परिषद और कार्यकारी समिति का गठन किया है और इसके जरिये केद्र सरकार इस दिशा में संमिलन का लक्ष्य हासिल करेगी। दोनों कमेटियों में पोषण अभियान से जुड़े सभी संबंधित पक्षों के सदस्य शामिल होंगे। इसी तरह, राज्य, जिला और प्रखंड स्तर पर संमिलन कार्य योजना (कन्वर्जेंस एक्शन प्लान) इस अभियान के अमल और निगरानी के लिए तंत्र बनाने में मददगार साबित होगा। वीएचएसएन दिवस सभी प्रमुख पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की भागीदारी के लिए गांव स्तर पर समन्वय का मंच मुहैया कराता है।

पोषण अभियान का यह पहलू पोषण सम्बन्धी जागरूक समाज बनाने की खातिर लोगो को सक्रिय करने के लिए कई स्तर पर काम करने की तरफ इशारा करता है। जरुरतमंदो और उनके परिवारों में पोषण सम्बन्धी जागरूकता फ़ैलाने के लिए आंगनवाड़ी केन्द्रो में समुदायिक कार्यक्रम, मास मिडिया, मल्टीमीडिया और अन्य स्तर पर लगातार प्रचार अभियान, तमाम प्रमुख कार्यकर्ताओं और पदधिकारीयों का मिलकर काम करना, कुपोषण के लिए काम कर रहे स्वंयसहायता संगठन और कार्यकर्ता के जरिये इस दिशा में असरदार ढंग से काम किया जा सकता है। इसका मकसद पोषण के लिए जान आंदोलन खड़ा करना है ।

इस अभियान को पूरी तरह से लागु करने की खातिर महिला और बाल विकास मंत्रालय को नोडल मंत्रालय बनाया गया है। जैसा की ऊपर बताया गया है की इस अभियान का इरादा कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए तमाम सम्बंधित मंत्रालयों द्वारा मिलकर काम करना है। इससे पहले भारत में राष्ट्रिय स्तर पर कभी भी इतने सारे कर्यक्रम एक साथ नहीं चलाये गए। प्रधानमंत्री कार्यालय हर 6 महीने पर इसकी प्रगती की समीक्षा का अनुमान है।

देश भर में कुपोषण की समस्या में चमत्कारी बदलाव की उम्मीद करने से इस दिशा में तमाम जरुरी प्रक्रियाओं पर काम करना बेहद जरूरी है। इस अभियान के तहत सेवाओं की बेहतर डिलीवरी पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को इंसेंटिव भी दिया जाएगा। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ, आशा और एएनएम के लिए एक साथ लक्ष्य हासिल करने पर टीम आधारित इनाम और इस लक्ष्य को जल्द हासिल करने वाले राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशो को भी पुरुस्कार देने का प्रस्ताव किया जा रहा है। इस सिलसिले में खराब प्रदर्शन करने वाले राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशो/जिलों/प्रखंडों/ आंगनवाड़ी केन्द्रो की मदद भी की जाएगी और उन्हें बेहतर प्रदर्शन के लिए आगे बढ़ाया जाएगा।

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Courtesy: Yojana