Model Questions for UPSC PRE यूपीएससी आईएएस (प्री) सीसैट CSAT (Hindi) Set-46

Model Questions for UPSC PRE यूपीएससी आईएएस (प्री) सीसैट CSAT (Hindi) Set-46

लेखांशः प्रश्नों के लिए निर्देष नीचे दिए गए लेखांश को पढ़े तथा उसके बाद प्रश्नों के उत्तर दे। आपके उत्तर लेंखांश पर ही आधारित होना चाहिए।

आपदा किसी भी देश में आ सकती है। यहाँ तक कि एक सर्वाधिक विकसित देश पर भी। यह सच है कि पहले से तैयारी आपदा के दुष्परिणामों को कम कर सकती है। फिर भी आप नहीं जानते कि आपदा कितनी भंयकर होगी। न ही हम यह जानते है कि आखिर आपदा किसी स्थल विशेष पर ही क्यों आयी। ईश्वर की विद्यमानजापर प्रश्न का कोई औचित्य ही नही है। जैसा कि जाॅब कि समय से चला आ रहा है। लेकिन कुछ ऐसी चीजें है जिनके प्रति मनुष्य सतर्क हो सकता है। हमारे साथ होने वाली अनेक त्रासदियों का कारण हमारे कर्म है। विकास की चाह में हम यह भूल जाते है कि चीजें नियंत्रण से बाहर हो सकती है। वास्तव में, विकास की शक्ति हमे हमारी सीमाओं के प्रति अंधा कर देती है। प्रकृति को वश में करते हुए अपने आप पर गर्व महसूस करते हुए हम महल बनाते है। यह प्रकृति का प्रकोप ही है जो समय-समय पर हमे याद दिलाता है। कि ये महल तो बस रेत के ही है।
नाभकीय शक्ति एक ऐसा ही जोखिम है। हम चाहे जितना इसे एक शांतिपूर्ण साधन के रूप में प्रस्तुत करे, लेकिन यह बार-बार हमें यह याद दिलाती है कि इसकी उत्पति विश्व की सबसे भयंकर त्रासदियों में से एक से हुई थी। हिरोशिमा का दानव दफन नहीं हुआ और फुकुशिमा पर मंडराता रहा। यदि ऐसा जापान जैस विससित देश में हो सकता है। तो उससे कम विकसित देंशों को तो इस हितकारी लगने वाली तकनीक को स्वीकार करने से पूर्व दो या तीन नहीं बल्कि चार बार सोचना चाहिए। इससे सुरक्षा के तरीके जटिल है और परियोजना के पूर्ण रूप में चालू होने से पूर्व इनको विकसित करना चाहिए। चाहे यह थ्री माइल द्वीप हो, चेर्नेबिल हो या फुकुशिमा। ऐसा बहुत कुछ है जिसे विकासशील देशो को नाभकीय सौदो पर विवेकहीन तरीके से हस्ताक्षर करने से पहले सीखना होगा। वैकल्पिक रूप से यह प्रश्न उठाना कि ‘विकास का अर्थ क्या है’ बुरा विचार नहीं है। क्या यह कुछ वैसा की सम्पूर्ण है। जैसे प्रति व्यक्ति बिजली (पावर) की खपत’, यह फिर कोई और आयाम भी है। जिसे हम अपने सिमित दृष्टिकोण के कारण खोज पाने में असफल रहे है। समय आ गया है कि हम अपनी उर्जा को आध्यात्मिक खोजों की ओर भी केन्द्रित करें। भौतिक विज्ञान पढ़ना अच्छा है। किन्तु तत्वमीमांसा पढ़ने में भी कुछ गलत नहीं है।

1. मनुष्य को सतर्क रहना चाहिए

(a) प्रकृति के क्रोध के प्रति
(b) आपदा के प्रति
(c) अपने स्वयं के कर्मो के प्रति
(d) नाभिकिय आपदा के प्रति

2. आज के समय में न्यूक्लियर शक्ति को हितकारी तकनीक क्यों माना गया है।।

(a) क्योंकि यह मानव अथवा प्रकृति के लिए कोई खतरा उत्पन्न नहीं करती।
(b) क्योंकि किसी प्राकृतिक आपदा के समय यह हानिकारक सिद्ध हो सकता है।
(c) क्योंकि यह किसी अन्य प्रकार की उर्जा से सस्ती है।
(d) क्योंकि यह विकासशील देशों में हिरोशिमा या फुकुशिमा जैस विध्वंश का कारण बन सकती है।

3. भौतिक विज्ञान पढ़ना अच्छा है। किन्तु तत्वमीमांसा पढ़ने में भी कुछ गलत नहीं है। का यहाँ अर्थ है

(a) मानव को चाहिए कि वह प्रकृति की कीमत पर विकास की अंधाधुध होड़ पर विचार करे।
(b) मानव को प्रकृति को वश में करने का प्रयास छोड़ना चाहिए।
(c) प्रकृति मानव से उपर है।
(d) मानव प्रकृति से उपर है।

4. विकासशील देशों को नाभकिय सौदा पर हस्ताक्षर करने से पहले दो बार सोचना चाहिए क्योकि

(1) यह विश्व में सर्वाधिक विनाशकारी विश्वास का कारण बन सकता है।
(2) यह विश्व को तृतिय विश्व युद्ध के कगार पर खड़ा कर सकता है।
(3) थ्री माइल द्वीप, चेरनोबिल अथवा फुकुशिमा सभी मानव निर्मित आपदा थे न कि प्रकृति का प्रकोप।
(4) यह विकास के लिए आवश्यक नहीं है।

(a) केवल ;1 तथा ;2
(b) केवल ;2 तथा ;3
(c) केवल ;1 ;2 तथा ;3
(d) 1 ;2 ;3 तथा ;4

5. इस गद्यांश से क्या संदेश मिलता है।

(a) विश्व के सर्वाधिक विकसित देश भी प्रकृतिक आपदा को नहीं रोक सकते।
(b) विकास की अंधी दौड़ में मानव को प्रकृति के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।
(c) पहले से की गई तैयारी आपदाआंे को केवल कम कर सकती है। किन्तु इसे घटित होने से नहीं रोक सकती।
(d) मानव को प्रकृति के साथ रहना सीखना चाहीये।

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Answer:

1 (a), 2 (b), 3 (d), 4 (c), 5 (a)