सिविल सेवा परीक्षा के नये पैटर्न पर वर्मा समिति करेगी विचार


सिविल सेवा परीक्षा के नये पैटर्न पर वर्मा समिति करेगी विचार


केंद्र सरकार ने साफ किया है कि पिछली सरकार के कार्यकाल में गठित अरविंद वर्मा समिति ही सिविल सेवा परीक्षा में बदलावों पर विचार करेगी। समिति को एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है। कार्मिक मंत्री जितेन्द्र सिंह ने संसद में यह बात कही। दूसरी तरफ परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी यूपीएससी अभी भी अंधेरे में है तथा वह परीक्षा में किसी किस्म के बदलावों को लेकर उसे कोई जानकारी नहीं है।

सिंह ने लोकसभा में कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल में 12 मार्च को अरविंद वर्मा की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति बनी थी। उस समय भी छात्रों के एक वर्ग द्वारा परीक्षा पैटर्न को लेकर शिकायतें की गई हैं। अब जो शंकाएं उत्पन्न की गई हैं, उसे भी यही कमेटी देख रही है। कमेटी को जल्द रिपोर्ट देने को कहा गया है। उन्होंने छात्रों से भी अपील की कि वे अपना आंदोलन खत्म करें और कमेटी की रिपोर्ट आने का इंतजार करें।

कार्मिक मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार अरविंद वर्मा समिति की कुछ बैठकें हो चुकी हैं लेकिन इस बीच कोई बैठक प्रस्तावित नहीं है। यह तय नहीं है कि समिति छात्रों को पक्ष सुनने के लिए आमंत्रित करेगी या नहीं। अरविंद वर्मा काफी अरसा पहले कार्मिक मंत्रालय के सचिव रह चुके हैं। उनके साथ दो अन्य सदस्यों में वरिष्ठ आईएसएस अधिकारी राकेश गुप्ता तथा कार्मिक मंत्रालय के संयुक्त सचिव पी. के. दास हैं।

यूपीएससी खफा-सूत्रों के अनुसार परीक्षा में बदलाव को लेकर केंद्र के रुख से यूपीएससी खफा है। कार्मिक मंत्रालय की समिति में यूपीएससी के किसी विशेषज्ञ को शामिल नहीं करने से आयोग हैरान है। मंत्रालय की तरफ से यूपीएससी को परीक्षा की प्रक्रिया जारी रखने या स्थगित करने के बारे में भी अभी तक कोई सलाह-मशविरा नहीं किया गया है। यूपीएससी परीक्षा को टालने के मूड में भी नहीं है।

एक हफ्ते में रिपोर्ट-कार्मिक मंत्रालय ने वर्मा कमेटी से एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा है ताकि जो भी फैसला इस बारें में लेना हो वह जल्द ले लिया जाए।

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Courtesy: Hindustan News