UPSC परीक्षा ​: दैनिक करंट अफेयर्स, Hindi Current Affairs - 01 February 2019

IAS EXAM


UPSC परीक्षा ​: दैनिक करंट अफेयर्स, Hindi Current Affairs - 1 February 2019


भारत ने PISA-2021 में शामिल होने के लिए OECD के साथ समझौता

  • केंद्र सरकार ने 2021 में आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय छात्र मूल्यांकन कार्यक्रम (PISA) में भाग लेने का फैसला लिया है.
  • इसके फैसले के तहत भारत सरकार और आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किये गये हैं.
  • आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (OECD) वर्ष 2021 में अंतर्राष्ट्रीय छात्र मूल्यांकन कार्यक्रम का आयोजन करेगा
  • जिसके लिए भारत ने भी शामिल होने की इच्छा जताते हुए संगठन के साथ समझौता किया है.

समझौते के मुख्य बिंदु

  • इस कार्यक्रम में भारत की ओर से केंद्रीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय समिति द्वारा संचालित विद्यालय तथा केंद्र शासित क्षेत्र चंडीगढ़ के विद्यालय भाग लेंगे.
  • इस कार्यक्रम के तहत मूल्यांकन के लिये किसी देश (बड़े देशों के मामले में विशिष्ट भौगौलिक क्षेत्र) के 15 साल की आयु के छात्रों को शामिल किया जाता है जो स्कूली शिक्षा के सभी रूपों अर्थात् सार्वजनिक, निजी, निजी-सहायता प्राप्त आदि का प्रतिनिधित्व करते हैं.
  • यह सक्षमता आधारित मूल्यांकन है, जो यह मापता है कि छात्रों ने वे महत्त्वपूर्ण दक्षताएँ हासिल की हैं अथवा नहीं जो आधुनिक समाज में पूर्ण भागीदारी के लिये आवश्यक हैं.
  • केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) वास्तविक परीक्षा की प्रक्रिया और उससे संबंधित गतिविधियों का हिस्सा होंगे.
  • वर्ष 2000 में आयोजित परीक्षण के पहले दौर के बाद से 44 मध्यम आय वाले देशों सहित 80 से अधिक देशों ने इस मूल्यांकन में भाग लिया है.

अंतरराष्ट्रीय छात्र मूल्यांकन कार्यक्रम (PISA)

  • अंतर्राष्ट्रीय छात्र मूल्यांकन कार्यक्रम (PISA) का आयोजन पहली बार वर्ष 2000 में किया गया था.
  • आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (OECD) द्वारा समन्वित यह एक त्रैवार्षिक अंतर्राष्ट्रीय सर्वेक्षण है
  • जिसमें दुनिया भर की शैक्षिक प्रणाली की गुणवत्ता का आकलन विज्ञान, गणित और पठन संबंधी क्षेत्रों में छात्रों का मूल्यांकन करके किया जाता है.
  • भारत में अधिकांश स्कूली परीक्षाओं के विपरीत, यह छात्र की स्मृति और पाठ्यचर्या आधारित ज्ञान का परीक्षण नहीं करता है.
  • उदाहरण के लिये, PISA का विज्ञान परीक्षण तीन दक्षताओं को मापता है- वैज्ञानिक घटनाओं को समझने की क्षमता, डेटा एवं साक्ष्यों की वैज्ञानिक व्याख्या तथा वैज्ञानिक जिज्ञासाओंको डिज़ाइन और मूल्यांकन करने की क्षमता.

आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD)

  • आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) 35 सदस्य देशों का अंतरसरकारी आर्थिक संगठन है, जिसकी स्थापना 1961 में आर्थिक प्रगति और विश्व व्यापार को प्रोत्साहित करने हेतु की गई थी.
  • अधिकांश ओईसीडी सदस्य उच्च आय वर्ग अर्थव्यवस्थाएं हैं, जिनकी मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) बहुत उच्च हैं, और विकसित देशों के रूप में माना जाता है.
  • ओईसीडी के मुख्यालय फ्रांस के पेरिस शहर में हैं.
  • ओईसीडी को सदस्य देशों से प्राप्त योगदान द्वारा वित्त पोषित किया जाता है.

सिक्किम में पहली स्वदेश दर्शन परियोजना का उद्घाटन

  • केन्द्रीय पर्यटन मंत्री के.जे. अल्फोंस ने सिक्किम में पहली स्वदेश दर्शन परियोजना का उद्घाटन किया.
  • इस परियोजना को मंत्रालय की स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत लागू किया गया है.
  • केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय ने इस परियोजना को 98.05 करोड़ रुपये की लागत से जून 2015 में मंजूरी दी थी.
  • इस योजना के अंतर्गत सिक्किम में यह पहली परियोजना है.
  • इस योजना के अंतर्गत मंत्रालय ने पर्यटन बुनियादी ढांचा सुविधाएं जैसे पर्यटन सूचना केन्द्र, ध्यान केन्द्र, ऑर्गेनिक इको पर्यटन केन्द्र, लॉग हट, जिप लाइन, फूलों के लिए प्रदर्शनी केन्द्र, उद्यान पथ, स्मारिका दुकानें, कैफेटेरिया, बारिश से बचने की जगह, सड़क के किनारे सुविधाएं, अंतिम मील तक संपर्क पार्किंग, सार्वजनिक शौचालय आदि विकसित किए है.

स्वदेश दर्शन योजना:

  • स्वदेश दर्शन योजना का 2014-15 में पर्यटन मंत्रालय द्वारा देश में विषय आधारित पर्यटन सर्किट विकसित करने के उद्देश्य के साथ शुभारम्भ किया गया.
  • स्वदेश दर्शन योजना को एक समन्वित तरीके से उच्च पर्यटन मूल्य, प्रतिस्पर्धा और स्थिरता के सिद्धांतों पर विकसित किया जाएगा.
  • योजना सभी हितधारकों की चिंताओं, पर्यटन के अनुभव को समृद्ध और रोजगार के अवसर बढ़ाने पर केंद्रित है.
  • योजना के तहत 13 विषयगत सर्किट की विकास हेतु पहचान की गई है. जो निम्न हैं: पूर्वोत्तर भारत सर्किट, बौद्ध सर्किट, हिमालय सर्किट, तटीय सर्किट, कृष्णा सर्किट, डेजर्ट सर्किट, आदिवासी सर्किट, पारिस्थितिकी सर्किट, वन्यजीव सर्किट, ग्रामीण सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, रामायण सर्किट और विरासत सर्किट.

स्वदेश दर्शन योजना की विशेषताएं:

  • योजना के हिस्से के तौर पर देश भर में संरचनात्मक विकास के लिए विषय आधारित पर्यटन सर्किटों की पहचान की जाएगी.
  • विषय आधारित पर्यटन सर्किट (टीबीटीसी) को धर्म, संस्कृति, जातियता, स्थान आदि जैसे विशेष विषयों पर बने पर्यटन सर्किट के तौर पर परिभाषित किया जाता है.
  • टीबीटीसी एक राज्य में भी हो सकता है या यह एक ऐसा क्षेत्रीय सर्किट हो सकता है जिसमें एक से अधिक राज्य या केंद्र शासित प्रदेश आते हों.

रक्षा मंत्रालय ने 40 हज़ार करोड़ रुपये की 6 पनडुब्बियों के निर्माण को मंजूरी प्रदान की

  • रक्षा मंत्रालय ने 31 जनवरी 2019 को भारतीय नौसेना के लिए 40 हजार करोड़ रुपये की लागत से छह पनडुब्बियों के स्वदेश में निर्माण को मंजूरी प्रदान कर दी है.
  • रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.
  • रक्षा मंत्रालय की यह परियोजना रणनीतिक साझेदारी मॉडल के तहत पूरी की जाएगी जो विदेशी रक्षा निर्माताओं के साथ मिलकर भारत में चुनिंदा सैन्य प्लेटफॉर्म बनाने के लिए निजी फर्म को जिम्मेदारी देने की व्यवस्था करता है.
  • रणनीतिक साझेदारी मॉडल के तहत लागू होने वाली यह दूसरी परियोजना होगी.
  • नए मॉडल के तहत लागू होने के लिए सरकार की मंजूरी वाली पहली परियोजना 21 हजार करोड़ रुपये की लागत से नौसेना के लिए हेलीकॉप्टर की खरीद की थी.

मुख्य बिंदु

  • इस परियोजना को प्रोजेक्ट 75 नाम दिया गया है. इन पनडुब्बियों में एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (एआईपी) होगा, जिससे यह पनडुब्बियां 14 दिन तक जलमग्न रह सकती हैं.
  • इस परियोजना को रणनीतिक साझेदारी मॉडल के तहत मंज़ूरी दी गयी है. इस परियोजना को पूरा होने एक दशक का समय लग सकता है.
  • इस परियोजना के लिए भारतीय रक्षा निर्माता कंपनी विदेशी कंपनी ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर. के साथ मिलकर कार्य करेगी.
  • बैठक में रक्षा खरीद प्रक्रिया 2016 में महत्वपूर्ण बदलावों को भी मंजूरी दी गयी. बैठक में सेना के लिए लगभग 5000 मिलन टैंक रोधी मिसाइलों की खरीद को भी मंजूरी दी गई.
  • इससे पहले सरकार ने अगस्त 2018 में इसी माडल के तहत नौसेना के लिए देश में ही 111 बहुउद्देशीय हेलिकॉप्टर बनाने की मंजूरी दी थी.

रक्षा अधिग्रहण परिषद् (डीएसी)

  • रक्षा अधिग्रहण परिषद् का गठन सैन्य सामान शीघ्रता से प्राप्त करने के लिए वर्ष 2001 में सरकार द्वारा किया गया था.
  • इसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री द्वारा की जाती है.
  • रक्षा अधिग्रहण परिषद् सैन्य सामान के अधिग्रहण के लिए दिशा-निर्देश भी जारी करता है.

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प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत सीएसएमसी की में 4,78,670 मकानों को मंजूरी

  • आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने शहरी गरीबों के लाभ के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत 4,78,670 अन्य किफायती मकानों के निर्माण को मंजूरी प्रदान की है.
  • केन्द्री य स्वीीकृति एवं निगरानी समिति (सीएसएमसी) की 31 जनवरी 2019 को हुई 42वीं बैठक के दौरान यह मंजूरी प्रदान की गई.
  • प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत अब कुल स्वीकृत मकानों की संख्या 72,65,763 हो गई है.

मुख्य तथ्य:

  • आंध्र प्रदेश के लिए 1,05,956 मकानों को जबकि पश्चिम बंगाल के लिए 1,02,895 मकानों को मंजूरी दी गई है.
  • उत्त र प्रदेश के लिए 91,689 मकानों को स्वीबकृति दी गई है, जबकि तमिलनाडु के लिए 68,110 मकानों को स्वी,कृति दी गई है.
  • मध्य6 प्रदेश के लिए 35,377 मकानों और केरल के लिए 25,059 मकानों को मंजूरी दी गई है.
  • महाराष्ट्रा के लिए 17,817 और ओडिशा के लिए 12,290 मकानों को मंजूरी दी गई है.
  • बिहार के लिए 10,269 जबकि उत्तीराखंड के लिए 9,208 मकानों को मंजूरी दी गई है. \
  • आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय में सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यैक्षता में हुई इस बैठक में कुल 940 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई. 7,180 करोड़ रुपये की केन्द्री य सहायता के साथ इनकी परियोजना लागत 22,492 करोड़ रुपये है.

प्रधानमंत्री आवास योजना

  • प्रधानमंत्री आवास योजना भारत सरकार की एक योजना है जिसके माध्यम से नगरों में रहने वाले निर्धन लोगों को उनकी क्रयशक्ति के अनुकूल घर प्रदान किये जाएँगे.
  • सरकार ने 9 राज्यों के 305 नगरों एवं कस्बों को चिह्नित किया है
  • जिनमें ये घर बनाए जाएंगे. इस योजना का उद्देश्य वर्ष 2022 तक सभी को घर उपलब्ध करना है.
  • इसके लिए सरकार 20 लाख घरो का निर्माण करवाएगी
  • जिनमे से 18 लाख घर झुग्गी –झोपड़ी वाले इलाके में बाकि 2 लाख शहरों के गरीब इलाकों में किया जायेगा.

इससे होने वाले लाभ:

  • यह निर्णय निर्माण क्षेत्र को प्रोत्साअहन प्रदान करेगा. आपूर्ति क्षेत्र में भी गतिविधियां बढ़ेंगी. इस पहल से आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी और इससे मांग में भी वृद्धि होगी.
  • इस बढ़ोतरी से अधिक संख्या में एमआईजी उपभोक्ता् सब्सिडी का लाभ प्राप्त् कर पाएंगे. ये सुविधाएं प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत दी जाती हैं.
  • लाभार्थियों की संख्याख में वृद्धि होने के साथ ही कारपेट एरिया में वृद्धि से निर्माण गतिविधियों में तेजी आएगी. इससे आवास क्षेत्र को तेजी से आगे बढ़ने में मदद मिलेगी.
  • निर्माण गतिविधियों में तेजी आने से सीमेंट, स्टीनल, मशीनरी जैसे क्षेत्रों में भी मांग बढ़ेगी. शहरी क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियों में बढ़ोतरी से कुशल व अकुशल कामगारों के लिए रोजगार के नये अवसरों का सृजन होगा.

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