UPSC परीक्षा : दैनिक करंट अफेयर्स, Hindi Current Affairs - 05 february 2019
UPSC परीक्षा : दैनिक करंट अफेयर्स, Hindi Current Affairs - 05 February 2019
नासा की हबल दूरबीन ने बौनी आकाशगंगा की खोज की
- नासा के अंतरिक्ष टेलिस्कोप हबल ने हाल ही में ब्रह्मांड में एक और आकाशगंगा का पता लगाया है लेकिन नासा का कहना है कि यह आकाशगंगा हमारी मौजूदा आकाशगंगा की तुलना में बौनी है.
- नासा के स्पेस टेलिस्कोप हबल से इस आकाशगंगा का अध्ययन किया गया जिसके बाद ही इसे बौना (Dwarf) कहा गया है.
- नई आकाशगंगा को बेदिन-1 (Bedin-1) नाम दिया गया है.
- रॉयल एस्ट्रॉनोमिकल सोसायटी लेटर्स जर्नल के मासिक नोटिस में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक हबल के एडवांस कैमरे का उपयोग कर अध्ययन करने पर पता चला कि सितारों का एक छोटा संग्रह दिखाई दे रहा था.
- इन तारों की चमक और तापमान का ध्यानपूर्वक विश्लेषण करने के बाद खगोलविदों ने यह निष्कर्ष निकाला कि ये तारे आकाशगंगा के तारामंडल का हिस्सा नहीं हैं बल्कि उससे करोड़ों प्रकाश वर्ष दूर स्थित हैं.
खोज के मुख्य बिंदु
- नासा के स्पेस टेलीस्कोप ‘हबल’ ने तीन करोड़ प्रकाश वर्ष दूर, हमारे ब्रह्मांड में पीछे की ओर मौजूद एक बौनी (Dwarf) आकाशगंगा का पता लगाया है.
- शोधकर्त्ताओं ने तारों के गोल गुच्छे NGC 6752 के भीतर सफेद बौने तारों का अध्ययन करने के लिये स्पेस टेलीस्कोप ‘हबल’ का इस्तेमाल किया था.
- इस अध्ययन का उद्देश्य गोल तारामंडल की आयु का पता लगाने के लिये इन तारों का इस्तेमाल करना था, लेकिन इस प्रक्रिया में शोधकर्त्ताओं को बौनी आकाशगंगा मिली.
- गौरतलब है कि बौनी आकाशगंगा में दूसरी आकाशगंगाओं की तुलना में काफी कम तारे होते हैं.
बौनी (Dwarf) आकाशगंगा
- बौनी आकाशगंगाओं को उनके छोटे आकार, धूमिल, धूल की कमी आदि द्वारा परिभाषित किया जाता है.
- इनमें पुराने तारे मौजूद होते हैं.
- इस प्रकार की 36 आकाशगंगाएँ पहले से ही ज्ञात हैं जो आकाशगंगा के स्थानीय समूह में मौजूद हैं, जिनमें से 22 अपनी मिल्की वे की उपग्रह आकाशगंगाएँ हैं.
- तारों की विशेषताओं का अध्ययन करने के बाद शोधकर्ताओं ने इस आकाशगंगा की उम्र पता की है
- यह बौनी आकाशगंगा लगभग 1300 करोड़ वर्ष पुरानी है. अर्थात यह लगभग उतनी ही पुरानी है जितना ब्रह्मांड पुराना है.
- वैज्ञानिकों का मानना है कि शुरुआत में ही यह अन्य आकाशगंगाओं से दूर हो गई होंगी और इसका विकास नहीं हुआ होगा.
- वैज्ञानिकों का मानना है कि यहां पर जीवन की संभावना बेहद कम है.
हबल स्पेस टेलिस्कोप
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हबल अंतरिक्ष दूरदर्शी (Hubble Space Telescope) वास्तव में एक खगोलीय दूरदर्शी है जो अंतरिक्ष में कृत्रिम उपग्रह के रूप में स्थित है.
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इसे 25 अप्रैल सन् 1990 में अमेरिकी अंतरिक्ष यान डिस्कवरी की मदद से इसकी कक्षा में स्थापित किया गया था.
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हबल स्पेस टेलिस्कोप को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने यूरोपियन अंतरिक्ष एजेंसी के सहयोग से तैयार किया था.
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अमेरिकी खगोलविज्ञानी एडविन पोंवेल हबल के नाम पर इसे 'हबल’ नाम दिया गया है. यह नासा की प्रमुख वेधशालाओं में से एक है.
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यह एकमात्र स्पेस टेलिस्कोप है, जिसे अंतरिक्ष में ही सर्विसिंग के हिसाब से डिजाइन किया गया है.
खदानों में महिलाओं को रोजगार की अनुमति देने हेतु नियम अधिसूचित
- केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने 04 फरवरी 2019 को खदानों में महिलाओं की नियुक्ति करने की अधिसूचना जारी कर दी है
- जिसके बाद महिलाओं को भी खनन कार्य में रोजगार के अवसर उपलब्ध हो गए हैं.
- सरकार के इस कदम से महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहन मिलेगा और उनको खनन क्षेत्र में रोजगार के समान अवसर उपलब्ध होंगे.
- अधिसूचना के अनुसार, कंपनियां या नियोक्ता को खदानों में महिला कर्मचारियों की अनुमति दे दी गई है.
- महिलाओं की नियुक्ति खदान के भीतर तथा खदान के ऊपर की जा सकती है.
प्रावधान:
- खान अधिनियम, 1952 की धारा 83 की उपधारा (1) के अंतर्गत प्रदत्तब अधिकार का उपयोग करते हुए केंद्र सरकार ने खान अधिनियम, 1952 की धारा 46 के प्रावधानों के तहत महिलाओं को जमीन के ऊपर या जमीन के नीचे स्थित खदान में रोजगार प्रदान करने की छूट दी है.
जमीन के ऊपर स्थित किसी खदान में महिलाओं को रोजगार देने के मामले में:
- खदान का मालिक महिलाओं को रात्रि 7 बजे से प्रात: 6 बजे तक की कार्य अवधि प्रदान कर सकता है.
- महिलाओं की नियुक्ति उनकी लिखित अनुमति के बाद ही की जाएगी.
- ऐसी नियुक्ति में महिलाओं को पर्याप्ति सुविधाएं, सुरक्षा और स्वाकस्य्दत सुविधा प्रदान की जाएगी.
- मुख्यग खान निरीक्षक द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के आधार पर मानक संचालन प्रक्रियाओं के क्रियान्व्यन को ध्या न में रखते हुए महिलाओं की नियुक्ति की जाएगी.
- कम से कम तीन महिलाओं को एक शिफ्ट में ड्यूटी दी जाएगी.
जमीन के नीचे स्थित किसी खदान में महिलाओं को रोजगार देने के मामले में:
- खदान-मालिक महिलाओं को प्रात: 6 बजे से सायं 7 बजे तक तकनीकी, निरीक्षण और प्रबंधकीय कार्य सौंप सकता हैं जहां निरंतर उपस्थिति की आवश्य्कता न हो.
- महिलाओं की नियुक्ति उनकी लिखित अनुमति के बाद ही की जाएगी.
- ऐसी नियुक्ति में महिलाओं को पर्याप्ति सुविधाएं, सुरक्षा और स्वा स्य्दत सुविधा प्रदान की जाएगी.
- मुख्यग खान निरीक्षक द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के आधार पर मानक संचालन प्रक्रियाओं के क्रियान्व्यन को ध्याान में रखते हुए महिलाओं की नियुक्ति की जाएगी.
- कम से कम तीन महिलाओं को एक शिफ्ट में ड्यूटी दी जाएगी.
पृष्ठभूमि:
- खान अधिनियम, 1952 में जमीन के ऊपर या नीचे स्थित खदानों में महिलाओं को सायं 7 बजे से प्रात: 6 बजे तक रोजगार देना प्रतिबंधित था.
- विभिन्नस महिला कामगार समूह, उद्योग जगत और इंजीनियरिंग एवं डिप्लोभमा की पढ़ाई कर रहे छात्रों ने सरकार से समय-समय पर यह मांग की थी कि खदानों में कार्य करने के लिए महिलाओं को भी रोजगार के समान अवसर दिए जाने चाहिए.
- यह अधिसूचना खनन अधिनियम 1952 में बदलाव के बाद जारी की गई है.
- अधिसूचना के अनुसार महिलाओं की तैनाती गैर जोखिम वाले कार्य तथा क्षेत्र में की जाएगी.
- खदान के भीतर महिलाओं की नियुक्ति अनियमित कार्य के लिए की जा सकती है.
- श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को महिलाओं को खदानों में तैनात करने के अनुरोध विभिन्न महिला कर्मचारी संगठनों, उद्योग तथा छात्रों से प्राप्त हुए थे.
- खनन मंत्रालय ने भी महिलाओं को खदान क्षेत्रों में तैनात करने की अनुमति देने का अनुरोध किया था.
- इसके बाद श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने इस अनुरोध पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया और इसकी सिफारिशों के आधार पर महिलाओं को भी खदानों में तैनात करने की अनुमति देने का फैसला किया.
- इसके लिए गृह मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, खनन मंत्रालय, कोयला मंत्रालय और प्राकृतिक गैस एवं तेल मंत्रालय से व्यापक स्तर पर विचार विमर्श किया.
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प्रधानमंत्री किसान योजना: दूसरी किस्त पाने हेतु आधार अनिवार्य
- केंद्र सरकार ने छोटे किसानों को नकद समर्थन उपलब्ध कराने हेतु प्रधानमंत्री किसान योजना (PM Kisan scheme) के तहत पहली किस्त के लिए आधार नंबर देना अनिवार्य नहीं होगा.
- हालांकि, दूसरी किस्त पाने के लिए आधार को अनिवार्य किया गया है.
नोट
- केंद्र सरकार ने 2019-20 के अंतरिम बजट में 75,000 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की घोषणा की है.
- इस योजना के तहत दो हेक्टेयर तक की जोत वाले छोटे किसानों को सालाना 6,000 रुपये की नकद मदद दी जाएगी.
- यह राशि तीन किस्तों में उनके बैंक खाते में डाली जायेगी.
- वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने एक फरवरी को लोकसभा में अंतरिम बजट पेश किया था.
- इस योजना का फायदा देश के 12 करोड़ किसानों को होगा.
- सरकार ने बजट 2019 में किसानों की आय दुगनी करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ योजना की शुरुआत की है.
पहली किस्त हेतु आधार अनिवार्य नहीं:
- 2,000 रुपये की पहली किस्त के लिए आधार अनिवार्य नहीं होगा, लेकिन दूसरी किस्त पाने के लिए आधार नंबर को अनिवार्य किया गया है.
- किसानों को अपनी पहचान बताने के लिए आधार नंबर देना होगा.
- केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का क्रियान्वयन इसी साल से होगा और किसानों को पहली किस्त मार्च तक हस्तांतरित की जाएगी.
कृषि मंत्रालय के निर्देश:
- केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने राज्य सरकारों को कहा है कि दिसंबर 2018 से मार्च 2019 की अवधि की किस्त पाने के लिये आधार नंबर जहां उपलब्ध होगा, वहीं लिया जाएगा. यदि आधार नंबर नहीं है तो अन्य वैकल्पिक दस्तावेजों जैसे- ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान पत्र, नरेगा रोजगार कार्ड या केंद्र अथवा राज्य सरकार द्वारा जारी किसी अन्य पहचान पत्र के आधार पर पहली किस्त दी जा सकती है.
- मंत्रालय ने यह भी कहा कि दूसरी और उसके बाद की किस्त पाने हेतु आधार नंबर अनिवार्य होगा.
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