UPSC परीक्षा : दैनिक करंट अफेयर्स, Hindi Current Affairs - 08 August 2020
UPSC परीक्षा : दैनिक करंट अफेयर्स, Hindi Current Affairs - 08 August 2020
::National::
प्रोफेसर प्रदीप कुमार जोशी को यूपीएससी के नए अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया
- शिक्षाविद् प्रोफेसर प्रदीप कुमार जोशी को शुक्रवार को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जोशी अभी तक आयोग के सदस्य थे. 12 मई, 2015 को उन्हें आयोग का सदस्य बनाया गया था.आपको बता दें कि यूपीएससी भारत के नौकरशाहों एवं राजनयिकों समेत सभी अहम पदों पर नियुक्ति के लिए सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन करता है. इससे पहले जोशी छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष पद की कमान संभाल चुके थे.
- यूपीएससी की ओर से जारी बयान के अनुसार आयोग में शामिल होने से पहले वह छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग और मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष थे. बयान के अनुसार उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षण योजना एवं प्रशासन संस्थान (NIEPA) के निदेशक के रूप में भी सेवाएं दीं. बयान में कहा गया, "अपने शानदार अकादमिक करियर में प्रोफेसर जोशी ने परा स्नातक स्तर पर 28 से अधिक वर्षों तक पढ़ाया और विभिन्न नीति निर्धारण, शैक्षणिक और प्रशासनिक निकायों में कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दीं"
- यूपीएससी के अध्यक्ष के तौर पर जोशी का कार्यकाल 12 मई 2021 तक होगा. जोशी को अध्यक्ष बनाए जाने के बाद यूपीएससी में अब एक सदस्य का पद रिक्त हो गया है.
- वर्तमान में भीम सेन बस्सी, एयर मार्शल ए एस भोंसले (सेवानिवृत्त), सुजाता मेहता, मनोज सोनी, स्मिता नागराज, एम सत्यवती, भारत भूषण व्यास, टी सी ए आनंद और राजीव नयन चौबे यूपीएससी के अन्य सदस्य हैं.
- आयोग भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS),भारतीय पुलिस सेवा (IPS) और भारतीय विदेश सेवा (IFS) समेत अहम सेवाओं के लिए वार्षिक सिविल सेवा परीक्षा आयोजित कराता है.
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::International::
माइक पोम्पियो से मिले विदेश मंत्री जयशंकर, बोले- कश्मीर भारत-PAK के बीच का मसला
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर कश्मीर मसले पर बयान दिया है, जिससे ये मुद्दा फिर चर्चा में है. इस बीच भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बैंकॉक में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो से मुलाकात की. इस मुलाकात में दोनों राष्ट्रों के प्रतिनिधियों के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई.
- इस मुलाकात में एस. जयशंकर ने कश्मीर मसले पर भी भारत का रुख अमेरिका को बताया और कहा कि ये भारत-पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मसला है. विदेश मंत्री ने लिखा कि उन्होंने माइक पोम्पियो को साफ कर दिया है कि अगर कश्मीर मुद्दे पर बात होती है तो यह भारत और पाकिस्तान के बीच का मसला है, इसलिए दोनों देशों में ही बात होगी.
- एस. जयशंकर का ये बयान तब आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर कश्मीर पर मध्यस्थता की बात कही है.
- इस आसियान शिखर सम्मेलन के मुख्य विषयों में आसियान क्षेत्र की अर्थव्यवस्था पर चीन-अमेरिका व्यापारिक तनाव के प्रभाव, विश्व व्यापार संगठन के सुधार और प्रचार, क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (आरसीईपी) के लिए वार्ता है. आसियान 10 प्लस 6 (आसियान 10 देशों और चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, भारत, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड) को बढ़ावा देना है. इसके अलावा इसमें अमेरिका के 'इंडो-पैसिफिक रणनीति' के प्रभाव पर भी चर्चा की जाएगी.
- इस शिखर सम्मेलन में आसियान नेताओं की दृष्टि और आसियान सांस्कृतिक वर्ष पर आसियान नेताओं की संयुक्त घोषणा भी पारित की जाएगी. मेजबान थाईलैंड आसियान देशों से संयुक्त रूप से समुद्री कूड़े के प्रबंधन पर सहयोग हेतु दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने की वकालत भी करेगा.
::Economy::
एक्जिम बैंक ने बिजली आपूर्ति में सुधार के लिए $ 250 मिलियन एलओसी को मोजाम्बिक को प्रदान की
- भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िसम बैंक) ने भारत सरकार की ओर से मोज़ाम्बिक सरकार को बिजली आपूर्ति में सुधार के लिए 250 मिलियन यूएस डॉलर की ऋण-व्यवस्था प्रदान की है।
- इस संबंध में सोमवार, 03 अगस्त, 2020 को ऋण-व्यीवस्थाज़ करार पर हस्ताक्षर किए गए।
- ऋण-व्यवस्था करार का आदान-प्रदान एक्ज़िम बैंक के महाप्रबंधक श्री सरोज खुन्टिया तथा श्री एड्रिनो इसायास उबिसे, नेशनल डायरेक्टर ऑफ ट्रेजरी, अर्थव्यवस्था और वित्त मंत्रालय, मोज़ाम्बिक सरकार के बीच हुआ।
- उपरोक्त 250 मिलियन यूएस डॉलर के एलओसी करार पर हस्ताक्षर के साथ, एक्ज़िम बैंक द्वारा भारत सरकार की ओर से मोज़ाम्बिक सरकार को अब तक 772.44 मिलियन यूएस डॉलर की कुल 14 (चौदह) ऋण-व्यवस्थाएं प्रदान की जा चुकी हैं।
- ये ऋण-व्यवस्थाएं मोज़ाम्बिक सरकार को लोकोमोटिव, कोच, बोरवेल के निर्माण और हैंड पम्प लगाने, इन्क्यूबेटर सुविधा, अनुसंधान एवं शिक्षण केंद्र, टेक्नोलॉजी पार्क और प्रशासनिक सुविधाओं के निर्माण के लिए प्रदान की गई हैं।
- इस ऋण-व्यवस्था सहित एक्ज़िवम बैंक द्वारा अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका तथा सीआईएस क्षेत्र के 62 देशों को 25.98 बिलियन यूएस डॉलर की ऋण-प्रतिबद्धता के साथ कुल 264 ऋण-व्यावस्थालएं प्रदान की जा चुकी हैं।
::Science and tech::
चीन का स्वदेशी नेविगेशन सिस्टम BeiDou लॉन्च, अमेरिकी GPS को देगा टक्कर
- चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शुक्रवार को देश के स्वदेशी बेइदोऊ (BeiDou) नेवीगेशन सैटेलाइट सिस्टम की आधिकारिक शुरुआत की। यह सिस्टम अमेरिकी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) को टक्कर दे सकता है। माना जा रहा है कि चीन के स्वदेशी जीपीएस के लॉन्च होने से उसकी भू-राजनीतिक और सैन्य क्षमता तेजी से बढ़ेगी।
- चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी एवं पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के नेता शी जिनपिंग ने बीजिंग में ग्रेट हॉल ऑफ द पीपुल में एक समारोह में बेइदोऊ नेवीगेशन सैटेलाइट सिस्टम की आधिकारिक शुरुआत की। इससे पहले घोषणा की गई थी नेवीगेशन सैटेलाइट सिस्टम के लिए 23 जून को प्रक्षेपित 55वें एवं अंतिम उपग्रह ने सभी परीक्षणों के बाद काम करना शुरू कर दिया है।
- यह उपग्रह बेइदोऊ नेवीगेशन सैटेलाइट सिस्टम का हिस्सा है जिसे बीडीएस-3 के तौर पर जाना जाता है। इसके तहत 2018 में उन देशों को नेवीगेशन सेवाएं मुहैया कराये जाने की शुरूआत की गई थी जो चीन के महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड परियोजना में शामिल हैं। यह प्रणाली अत्यंत सटीकता के साथ नेविगेशन में सहायता प्रदान करती है।
- चीन का कहना है कि वह अन्य उपग्रह नेवीगेशन प्रणालियों के साथ सहयोग करना चाहता है लेकिन बेइदोऊ की अंतत: प्रतिस्पर्धा अमेरिकी जीपीएस, रूस के जीएलओएनएएसएस और यूरोपीय संघ के गैलीलियो नेटवर्क से हो सकती है। इससे चीन को मुख्य लाभ यह होगा कि वह अपनी मिसाइलों को निर्देशित करने के लिए जीपीएस के बदले अपने नेवीगेशन प्रणाली का इस्तेमाल कर सकता है, यह विशेष तौर अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर महत्वपूर्ण है।
- चीन ने BeiDou को साल 2000 में लॉन्च किया था। तब यह प्रणाली केवल चीन में ही सैटेलाइट नेविगेशन की सुविधा प्रदान करती थी। लेकिन, 2012 में चीन ने इसका विस्तार एशिया प्रशांत क्षेत्र में जीपीएस सर्विस देने के लिए कर लिया। अब जब इस प्रणाली का आखिरी सैटेलाइट लॉन्च होने वाला है तब चीन को पूरे विश्व में जीपीएस की वैश्विक कवरेज मिल सकेगी।