UPSC परीक्षा : दैनिक करंट अफेयर्स, Hindi Current Affairs - 11 August 2020
UPSC परीक्षा : दैनिक करंट अफेयर्स, Hindi Current Affairs - 11 August 2020
::National::
सरकार जल्द ही ऋण गारंटी संवर्धन निगम के प्रस्ताव पर करेगी विचार
- राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (एनआईपी) पर कार्यबल के अनुसार भारत को उच्च आर्थिक वृद्धि के लक्ष्य हासिल करने के लिए अगले पांच वर्षों के दौरान बुनियादी ढांचे में 111 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की जरूरत है।
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2019-20 के बजट में घोषणा की थी कि बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण के लिए पूंजी के स्रोतों को बढ़ाने के लिए ऋण गारंटी संवर्धन निगम की स्थापना की जाएगी।
- इसके लिए आरबीआई पहले ही ऋण गारंटी संवर्धन निगम के लिए नियमन को अधिसूचित कर चुका है।
- आईआईएफसीएल, एलआईसी, पीएफसी, आरईसी और इसी तरह की अन्य कंपनियों की साझेदारी में निगम को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) के रूप में गठित किए जाने की संभावना है।
- प्रस्तावित निगम की स्थापना के लिए एक कैबिनेट नोट तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि निगम के पास 20,000 करोड़ रुपये की अधिकृत पूंजी हो सकती है और पूरी हो चुकी परियोजनाओं द्वारा जारी बांडों को गारंटी देगा।
- ऋण संवर्धन से कंपनियों को अपनी बांड रेटिंग बेहतर बनाने में मदद मिलती है और उन्हें सस्ती ब्याज दरों पर ऋण मिलने की गुंजाइश बढ़ जाती है। सार्वजनिक क्षेत्र की एक वित्तीय कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बुनियादी ढांचे के लिए दीर्घावधि के वित्त पोषण की उपलब्धता एक चुनौती है। वित्त मंत्री ने 111 लाख करोड़ रुपये के राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन के लिए वित्त पोषण का समर्थन करते हुए इस साल बजट में लगभग 22,000 करोड़ रुपये दिए थे।
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम, 101 रक्षा उपकरणों के आयात पर लगी रोक
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को आगे बढ़ाते हुए रक्षा मंत्रालय ने एक बड़ी पहल की है। रक्षा उत्पादन के मामले में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने और सेना को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 101 हथियारों और सैन्य उपकरणों के आयात पर 2024 तक के लिए रोक लगाने की घोषणा की। इन उपकरणों में हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर, मालवाहक विमान, पारंपरिक पनडुब्बियां और क्रूज मिसाइल शामिल हैं।
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के मुताबिक इन वस्तुओं की सूची रक्षा मंत्रालय ने तीनों सेनाओं, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ), रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों, आयुध कारखाना बोर्ड और निजी उद्योगों सहित सभी संबंधित पक्षों के साथ कई दौर की बातचीत के बाद तैयार की है। ताकि वर्तमान और भविष्य में युद्ध उपकरणों को तैयार करने की क्षमता का आकलन किया जा सके।
- अधिकारियों के अनुसार, 101 वस्तुओं की सूची में टोएड आर्टिलरी बंदूकें, कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, क्रूज मिसाइलें, अपतटीय गश्ती जहाज, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली, अगली पीढ़ी के मिसाइल पोत, फ्लोटिंग डॉक, पनडुब्बी रोधी रॉकेट लांचर और कम दूरी के समुद्री टोही विमान शामिल हैं।
- रक्षा मंत्रालय की रक्षा खरीद नीति के मसौदे में रक्षा मंत्रालय ने 2025 तक रक्षा विनिर्माण में 1.75 लाख करोड़ रुपये (25 अरब डॉलर) के कारोबार का अनुमान लगाया है। भारत शीर्ष वैश्विक रक्षा कंपनियों के लिये सबसे आकर्षक बाजारों में से एक है। भारत पिछले आठ वर्षों से सैन्य हार्डवेयर के शीर्ष तीन आयातकों में शामिल है।
- रक्षा मंत्री ने कहा कि एक अन्य महत्वपूर्ण कदम के तहत रक्षा मंत्रालय ने 2020-21 के पूंजीगत खरीद बजट को घरेलू और विदेशी पूंजीगत खरीद में विभक्त किया है। चालू वित्त वर्ष में घरेलू खरीद के लिये करीब 52 हजार करोड़ रुपये का एक अलग बजट बनाया गया है। सिंह ने कहा कि इस सूची में शामिल किए गए उपकरणों का घरेलू विनिर्माण तय समय-सीमा के भीतर सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाये जायेंगे।
- एक सरकारी दस्तावेज के अनुसार, 69 वस्तुओं पर आयात प्रतिबंध दिसंबर 2020 से लागू होगा, जबकि अन्य 11 वस्तुओं पर प्रतिबंध दिसंबर 2021 से लागू होगा। दिसंबर 2022 से आयात प्रतिबंधों के लिए चार वस्तुओं की एक अलग सूची की पहचान की गयी है, जबकि आठ वस्तुओं के दो अलग-अलग खंडों पर प्रतिबंध दिसंबर 2023 और दिसंबर 2024 से लागू होगा। लंबी दूरी के लैंड अटैक क्रूज मिसाइलों पर आयात प्रतिबंध दिसंबर 2025 से लागू होगा।
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::International::
ट्रंप बोले- अमेरिकन को दो नौकरी, H-1B वीजा वालों की उम्मीदों को झटका
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा धारकों को बड़ा झटका दिया है.
- ट्रंप ने एच-1बी वीजा को लेकर एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए, जिसमें अमेरिकी नागरिकों की विदेशी प्रोफेशनल्स को रखने पर रोक लगा दी गई है.
- अमेरिकी राष्ट्रपति ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि हमारा सीधा नियम है- अमेरिकन को रखो.
- अमेरिका के श्रम मंत्री ने इस फैसले को लेकर कहा है कि एच-1बी वीजा के नाम पर धोखाधड़ी रोकने और अमेरिकियों के हितों की रक्षा करने के लिए यह कदम उठाया गया है.
- चुनावी साल में ट्रंप के इस कदम को अमेरिकी श्रमिकों के लिए मददगार माना जा रहा है, लेकिन इससे उन लोगों की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है, जो एच-1बी वीजा पर अमेरिका में नौकरी के अरमान पाले थे.
::Economy::
ग्रेट निकोबार द्वीप में 10,000 करोड़ रुपये के ट्रांस शिपमेंट बंदरगाह के निर्माण की योजना
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि बंगाल की खाड़ी में पोत परिवहन को नया आयाम देते हुये ग्रेट निकोबार द्वीप में 10,000 करोड़ रुपये की लागत से एक पोतांतरण बंदरगाह (ट्रांसशिपमेंट पोर्ट) का निर्माण करने की योजना है।
- उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अंडमान निकोबार, बंदरगाह विकास से जुड़ी गतिविधियों के बड़े केन्द्र के रूप में विकसित होने वाला है। मोदी ने चेन्नई से अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह को तेज इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराने वाली पहली समुद्री आप्टिकल फाइबर परियोजना का वीडियो कांफ्रेंस के जरिए उद्घाटन करते हुए अपने संबोधन में यह जानकारी दी।
- भारत की मुख्य भूमि से 2,312 किलोमीटर दूर तक इस केबल को समुद्र के अंदर बिछाया गया है जिस पर 1,224 करोड़ रुपये की लागत आई है। इससे इस द्वीप समूह को ‘‘बेहतर और सस्ती ब्रॉडबैंड’’ संपर्क सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
- प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा कि अंडमान निकोबार को बंदरगाह से जुड़ी तमाम विकास गतिविधियों के प्रमुख केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।
- प्रधानमंत्री ने कहा, अब ग्रेट निकोबार में करीब 10 हज़ार करोड़ रुपए की संभावित लागत से पोतांतरण बंदरगाह (ट्रांस शिपमेंट पोर्ट) के निर्माण की योजना है। कोशिश ये है कि आने वाले 4-5 साल में इसके पहले चरण को पूरा कर लिया जाए।
- अंडमान और निकोबार द्वीप प्रशासन ने पिछले साल ही ग्रेट निकोबार द्वीप में दक्षिणी खाड़ी में मुक्त व्यापार वेयरहाउसिंग जोन के साथ कंटेनर पोतांतरण टर्मिनल के लिये रुचि पत्र आमंत्रित किये हैं। इससे भारतीय पोत परिवहन को कोलंबो, सिंगापुर और पोर्ट क्लांग (मलेशिया) के पोतांतरण बंदरगाहों के समक्ष एक नया विकल्प उपलब होगा।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब भारत आत्मनिर्भरता के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, वैश्विक विनिर्माण केन्द्र के रूप में, वैश्विक आपूर्ति और मूल्य श्रृंखला के एक अहम भागीदार के रूप में खुद को स्थापित करने में जुटा है, तब हमारे जलमार्गो और बंदरगाहों के नेटवर्क को सशक्त बनाना बहुत ज़रूरी है।
- इससे विशेषतौर पर हमारे मछुआरे साथियों को बहुत बड़ा लाभ होगा।’’ मोदी ने नेता जी सुभाषचंद्र बोस को नमन करते हुए कहा कि करीब डेढ़ वर्ष पहले उन्हें समुद्री आप्टिकल फाइबर केबल संपर्क परियोजना के शुभारंभ का अवसर मिला था। ‘‘अब इसका काम पूरा हुआ है और आज इसके लोकार्पण का भी सौभाग्य मुझे मिला है।
प्रधानमंत्री मोदी ने लॉन्च की 1 लाख करोड़ की वित्तपोषण सुविधा, पीएम किसान निधि की छठी किस्त जारी
- प्रधानमंत्री ने पीएम-किसान योजना के तहत 8.55 करोड़ किसानों को 17,100 करोड़ रुपये की छठी किस्त जारी की।
- इस फंड से गांवों-गांवों में बेहतर भंडारण, आधुनिक कोल्ड स्टोरेज की चेन तैयार करने में मदद मिलेगी और गांव में रोजगार के अनेक अवसर तैयार होंगे।
- इसके साथ-साथ साढ़े 8 करोड़ किसान परिवारों के खाते में, पीएम किसान सम्मान निधि के रूप में 17 हजार करोड़ रुपये ट्रांस्फर करते हुए भी मुझे बहुत संतोष हो रहा है। संतोष इस बात का है कि इस योजना का जो लक्ष्य था, वो हासिल हो रहा है।
- बीते डेढ़ साल में इस योजना के माध्यम से 75 हजार करोड़ रुपये सीधे किसानों के बैंक खाते में जमा हो चुके हैं। इसमें से 22 हजार करोड़ रुपये तो कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान किसानों तक पहुंचाए गए हैं।
- अब आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत किसान और खेती से जुड़े इन सारे सवालों के समाधान ढूंढे जा रहे हैं। एक देश, एक मंडी के जिस मिशन को लेकर बीते 7 साल से काम चल रहा था, वो अब पूरा हो रहा है।
- पहले e-NAM के जरिए, एक टेक्नॉलॉजी आधारित एक बड़ी व्यवस्था बनाई गई। अब कानून बनाकर किसान को मंडी के दायरे से और मंडी टैक्स के दायरे से मुक्त कर दिया गया। अब किसान के पास अनेक विकल्प हैं।
- अगर वो अपने खेत में ही अपनी उपज का सौदा करना चाहे, तो वो कर सकता है। या फिर सीधे वेयरहाउस से, e-NAM से जुड़े व्यापारियों और संस्थानों को, जो भी उसको ज्यादा दाम देता है, उसके साथ फसल का सौदा किसान कर सकता है।
- इस कानून का उपयोग से ज्यादा दुरुपयोग हुआ। इससे देश के व्यापारियों को, निवेशकों को, डराने का काम ज्यादा हुआ। अब इस डर के तंत्र से भी कृषि से जुड़े व्यापार को मुक्त कर दिया गया है।
- आज जोकृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड लॉन्च किया गया है, इससे किसान अपने स्तर भी गांवों में भंडारण की आधुनिक सुविधाएं बना पाएंगे।
- इस योजना से गांव में किसानों के समूहों को, किसान समितियों को, एफपीओ को वेयरहाउस बनाने के लिए, कोल्ड स्टोरेज बनाने के लिए, फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्योग लगाने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए की मदद मिलेगी।
- अभी तक लगभग साढ़े 3 सौ कृषि स्टार्टअप्स को मदद दी जा रही है। ये स्टार्ट अप, खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े हैं, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, खेती से जुड़े स्मार्ट उपकरण के निर्माण और रिन्यूएबल एनर्जी से जुड़े हैं।
- 2 दिन पहले ही, देश के छोटे किसानों से जुड़ी एक बहुत बड़ी योजना की शुरुआत की गई है, जिसका आने वाले समय में पूरे देश को बहुत बड़ा लाभ होने वाला है। देश की पहली किसान रेल महाराष्ट्र और बिहार के बीच में शुरु हो चुकी है।
::Science and tech::
मिशन क्रू डेमो-2': नासा के अंतरिक्ष यात्री लौट रहे धरती पर, समुद्र में होगी लैंडिंग
- स्पेसएक्स द्वारा भेजे गए पहले अंतरिक्षयात्री धरती पर लौटने के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से रवाना हो गए और उन्हें सीधे समुद्र में उतारने की योजना है.
- नासा के डग हर्ली और बॉब बेनकेन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से रवाना हो गए और वह मेक्सिको की खाड़ी में उतरेंगे.
- फ्लोरिडा के अटलांटिक तट पर उष्णकटिबंधीय तूफान 'इसायस' के पहुंचने की आशंका के बावजूद नासा ने कहा कि पेंसाकोला तट पर मौसम अनुकूल लग रहा है.
- फ्लोरिडा के अटलांटिक तट पर उष्णकटिबंधीय तूफान 'इसायस' के पहुंचने की आशंका के बावजूद नासा ने कहा कि पेंसाकोला तट पर मौसम अनुकूल लग रहा है.
- नासा 45 वर्ष में पहली बार किसी अंतरिक्षयात्री को सीधे समुद्र में उतार रहा है। आखिरी बार अमेरिका-सोवियत के संयुक्त मिशन अपोलो-सोयुज को 1975 में समुद्र में उतारा गया था. हर्ली ने अंतरिक्ष केंद्र से कहा, 'दो महीने शानदार रहे.'
- नासा के केनेडी अंतरिक्ष केंद्र से हर्ली और बेनकेन के 30 मई को रवाना होने के साथ ही स्पेसएक्स अंतरिक्ष में लोगों को भेजने वाली पहली निजी कंपनी बन गई. अब स्पेसएक्स अंतरिक्ष से लोगों को वापस धरती पर लाने वाली पहली कंपनी बनने की कगार पर है.
::Sprots::
भारत को मिली T20 वर्ल्ड कप-2021 की मेजबानी
- अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है. कोरोना वायरस के कारण इस साल अक्टूबर में ऑस्ट्रेलिया में होने वाला टी20 विश्व कप एक साल के लिए टल गया है. वहीं, अगले साल यानी 2021 में होने वाला टी20 वर्ल्ड कप भारत में ही होगा.
- यह फैसला 07 अगस्त 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संपन्न हुई आईसीसी की बैठक में लिया गया.
- न्यूजीलैंड में अगले साल होने वाले आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप 2021 को कोरोना वायरस महामारी के कारण फरवरी-मार्च 2022 तक के लिए स्थगित कर दिया है.
- साथ ही पुरुष टी20 विश्व कप को लेकर भी अहम फैसला लिया गया है.साल 2021 में होने वाले टी20 विश्व कप अब भारत में होगा जबकि 2022 के टूर्नामेंट की मेजबानी ऑस्ट्रेलिया करेगी.