UPSC परीक्षा : दैनिक करंट अफेयर्स, Hindi Current Affairs - 18 December 2018
UPSC परीक्षा : दैनिक करंट अफेयर्स, Hindi Current Affairs - 18 December 2018
:: राष्ट्रीय ::
आंध्र के तटीय इलाके में फेथाइ की तबाही :-
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आंध्रा प्रदेश के तटीय इलाको में चक्रवाती तूफ़ान फेथाइ ने सोमवार को भारी तबाही मचाई है
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तूफ़ान के असर से भारी बारिश हुई और तेज हवाओ के कारण कई पेड़ तथा बिजली के खम्भे उखड गए
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ट्रैन और हवाई सेआए भी बाधित हुई
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सुरक्षा कारणों से तटीय जिलों में शैक्षणिक संस्थान बंद रहे |
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तूफ़ान का सबसे ज्यादा असर पूर्वी गोदावरी जिले में हुआ है
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जहा तूफ़ान कात्रेनिकोना में जमीं से टकराया |
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करीब २० हज़ार लोगो ने राहत शिविरों में शरण ली है
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जिले में करीब ८५-९० किलोमीटर /घंटा की रफ़्तार से हवाएं चली है
गगनचुम्बी इमारतों के निर्माण में शीर्ष पर चीन :-
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अंतर्राष्ट्रीय संगठन द काउंसिल ऑन टॉलबिल्डिंग एंड अर्बन हैबिटैट की रिपोर्ट के अनुसार इस साल विश्व में २०० मीटर या इससे ुचि १४३ इमारतों का निर्माण हुआ है
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इनमे से ८८ गगनचुम्बी इमारतों का निर्माता चीन रहा है
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२०१८ में बनी दुनिया की सबसे ऊंची ईमारत भी चीन की राजधानी बीजिंग में सिटिक टावर रही
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वियतनाम के हो ची मिन्ह नामक शहर में विनकॉम लैंडमार्क ८१ इस साल बनकर तैयार हुई
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दूसरी सबसे उच्ची ईमारत है चीन में ऐसे इमारतों के बनने से एशिया इस साल गगनचुम्बी इमारतों का केंद्र बनकर उभरा है
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यहाँ ७६.२ % ऊंची इमारतों का निर्माण हुआ है उत्तरी अमेरिका ११.२ % पश्चिम एशिया और अफ्रीका ९.१ % निर्माण हुआ |
परिदा बने चंडीगढ़ प्रशासक के सलाहकार
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दिल्ली वित्त निगम के चेयरमैन व् प्रबंध निदेशक मनोज कुमार परिदा को चंडीगढ़ प्रशासक का सलाहकार नियुक्त किया गया है
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१९८५ बैच के आई ए एस अधिकारी परिमल राय को गोवा का मुख्य सचिव बनाया गया
ट्रांसजेंडर बिल लोकसभा से पारित
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लोकसभा ने किन्नरों को अलग पहचान देकर उन्हें सशक्त बनाने वाला विधेयक पारित कर दिया है
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इस विधेयक को २७ संशोधनों के साथ पारित किया गया है
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द ट्रांसजेंडर्स पर्सन्स बिल २०१६ में ट्रांसजेंडर्स को परिभाषित करने के अलावा उनके साथ भेदभाव को प्रतिबंधित कर दिया गया है
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भारत और मालदीव के बीच टेक्नोलॉजी समेत चार समझौतों पर हस्ताक्षर
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भारत और मालदीव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद हिंद महासागर में शांति व सुरक्षा को बनाए रखने के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है.
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भारत इस द्विपीय देश को 1.4 अरब डॉलर के ऋण प्रदान करेगा.
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यह सहायता राशि भारत द्वारा मालदीव को दी जाने वाली सबसे बड़ी राशि है.
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दोनों पक्षों ने संस्कृति सहयोग, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स सहयोग, कृषि व्यापार के लिए बेहतर वातावरण बनाने समेत चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए.
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मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह तीन दिवसीय भारत यात्रा पर हैं.
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इब्राहिम सोलिह ने नई दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकत की.
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यहां दोनों देशो के बीच प्रतिनिधि मंडल स्तर की बातचीत हुई.
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राष्ट्रपति भवन में मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह का भव्य स्वागत हुआ.
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गर्मजोशी से हाथ मिलाकर उनका स्वागत किया.
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इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनके साथ वहां मौजूद थे.
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इब्राहिम सोलिह नवंबर 2018 में मालदीव के राष्ट्रपति बने थे.
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पीएम नरेंद्र मोदी 17 नवंबर 2018 को इब्राहिम सोलिह के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे.
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राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह को कार्यभार संभालने के बाद उनकी पहली विदेशी यात्रा है.
समझौते से संबंधित मुख्य तथ्य:
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भारत अगले पांच वर्षों में मालदीव के नागरिकों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए अतिरिक्त 1000 सीटें देने का भी निर्णय किया है.
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दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए भी भारत पूर्ण सहयोग देगा. बेहतर कनेक्टिविटी से वस्तु एवं सेवा, सूचना, विचारों, संस्कृति और लोगों के आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा.
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बातचीत के दौरान दोनों पक्ष हिंद महासागर में सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने पर भी सहमत हुए.
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भारत और मालदीव ने समुद्री डकैती, आतंकवाद, संगठित अपराध, मादक पदार्थो और मानव तस्करी समेत सामान्य चिंताओं के विषय पर द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई.
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भारत ने दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य, मानव संसाधन विकास, बुनियादी ढांचे, कृषि, क्षमता निर्माण और पर्यटन के क्षेत्र में भागादीरी को मजबूत करने का आह्वान किया.
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दोनों देश के नेताओं ने मत्स्य विभाग, पर्यटन, यातायात, कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य, शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और संचार के क्षेत्र में आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव के राष्ट्रमंडल में दोबारा शामिल होने के निर्णय की सराहना की और देश के हिंद महासागर रिम एसोसिएशन में शामिल होने का स्वागत किया.
भारत–मालदीव सम्बन्ध:
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भारत और मालदीव के संबंध सामरिक, आर्थिक और सैन्य सहयोग में करीबी रहे हैं.
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भारत ने द्वीप राष्ट्र पर सुरक्षा बनाए रखने में योगदान दिया हैं.
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मालदीव अब कम विकसित देशों की श्रेणी से बाहर निकलकर एक मध्यम आय वाला देश बन गया है.
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भारत सरकार की ओर से मालदीव को दी जाने वाली सहायता की सराहना की और घर और अवसंरचना विकास में निजी क्षेत्र की संलिप्तता, जल व निकासी प्रणाली, स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा व पर्यटन क्षेत्र समेत कई क्षेत्रों के विकास में सहयोग के लिए पहचान की.
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मालदीव हिंद महासागर में स्थित 1200 द्वीपों का देश है,
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जो भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से काफी अहम है.
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मालदीव के समुद्री रास्ते से निर्वाध रूप से चीन, जापान और भारत को एनर्जी की सप्लाई होती है.
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मालदीव के साथ भारत के सदियों पुराने सांस्कृतिक संबंध हैं.
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मालदीव के साथ नई दिल्ली का धार्मिक, भाषाई, सांस्कृतिक और व्यावसायिक संबंध है.
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वर्ष 1965 में आजादी के बाद मालदीव को सबसे पहले मान्यता देने वाले देशों में भारत शामिल था.
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बाद में भारत ने वर्ष 1972 में मालदीव में अपना दूतावास भी खोला.
भारत की पहली प्राइवेट UAV फैक्ट्री हैदराबाद में आरंभ
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अडानी समूह तथा इज़राइल की कंपनी एल्बिट सिस्टम्स द्वारा संयुक्त रूप से भारत की पहली निजी मानव रहित विमान (यूएवी) निर्माण फैक्ट्री हैदराबाद में आरंभ की गई है.
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यह देश में इस प्रकार की पहली यूनिट है जिसमें निजी कम्पनियों द्वारा मानव रहित यान बनाए जायेंगे.
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अडानी एल्बिट अडवांस्ड सिस्टम्स इंडिया लिमिटेड (AEASIL) के साथ मिलकर 12 यूएवी के पहले ऑर्डर को पूरा करेगी.
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अडानी एल्बिट अडवांस्ड सिस्टम्स इंडिया लिमिटेड इसकी जॉइंट वेंचर है.
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अडानी द्वारा यह फैक्ट्री चलाने की ट्रेनिंग लेने के लिए अपने 40 से ज्यादा इंजीनियरों को इज़रायल भेजा गया था.
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मुख्य बिंदु
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यह फैक्ट्री हैदराबाद के निकट शमशाबाद में अडानी एयरोस्पेस पार्क में शुरू की गयी है.
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यह फैक्ट्री 50,000 वर्ग फीट क्षेत्र में फैली हुई है, इसका निर्माण अडानी समूह तथा इज़राइली कंपनी एल्बिट सिस्टम्स ने किया है.
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इस फैक्ट्री में हर्मीज़ 900 UAV तथा हर्मीज 450 UAV के कार्बन कम्पोजिट ढाँचे के निर्माण किया जायेगा.
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बाद में इस फैक्ट्री में पूर्ण UAV के निर्माण व इंटीग्रेशन का कार्य भी किया जाएगा.
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वर्तमान में इस फैक्ट्री में निर्माण कार्य किया जायेगा, जबकि UAV का इंटीग्रेशन कार्य इज़राइल में किया जायेगा. जहां उसमें सेंसर और एवियानॉक्स फिट किए जाएंगे.
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कंपनी की योजना हैदराबाद वाले कारखाने को केवल UAV बनाने तक सीमित रखने की नहीं है और इसे अगले साल अन्य सैन्य साजो-सामान बनाने के लिए अपग्रेड किया जाएगा.
मानव रहित विमान (यूएवी)
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मानव रहित विमान एक प्रकार का विमान है जिसे सैन्य अभियानों में शत्रु क्षेत्र की टोह लेने एवं आवश्यकता पड़ने पर आक्रमण करने के लिये उपयोग मे लाया जाता है. अन्य क्षेत्रों में इनका उपयोग भूमि एवं सागर के उपर उड़ते हुए सर्वेक्षण करने में भी किया जाता है. चूँकि इन विमानों को रिमोट कंट्रोल के द्वारा नियंत्रित किया जाता इन्हें किसी मानव चालक की उपस्थिति की आवश्यकता नहीं होती है.
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अपनी विशेषताओं के कारण ही यह टोही विमान के रूप अत्याधिक उपयोग मे लाये जाते हैं. इन विमानों को ड्रोन विमान भी कहा जाता है. ड्रोन अंग्रेज़ी का एक शब्द है और इसका अर्थ नर मधुमक्खी होता है. ड्रोन और प्रक्षेपास्त्र दोनो ही रिमोट संचालित होते है पर इन दोनों मे मुख्य अंतर यह है की जहाँ मानव रहित विमान को पुनः उपयोग मे लिया जा सकता है, प्रक्षेपास्त्र केवल एक बार के उपयोग के लिये ही होता है.
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मिश्रित बायोफ्यूल के साथ भारतीय वायुसेना के विमान की पहली उड़ान सफल
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भारतीय वायुसेना के प्रमुख परीक्षण स्थल एएसटीई, बंगलुरु में 17 दिसंबर 2018 को पायलटों और इंजीनियरों ने एएन-32 सैनिक परिवहन विमान में पहली बार मिश्रित बायो जेट ईंधन का इस्तेमाल करते हुए प्रायोगिक उड़ान भरी. यह परियोजना भारतीय वायुसेना, डीआरडीओ, डायरेक्ट्रेट जनरल एरोनॉटिकल क्वालिटी एश्योरेंस (डीजीएक्यूए) और सीएसआईआर-भारतीय पेट्रोलियम संस्थान का मिला-जुला प्रयास है.
स्मरणीय तथ्य
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भारतीय वायुसेना ने उड़ान से पूर्व जमीन पर बड़े पैमाने पर ईंजन परीक्षण किए. इसके बाद 10 प्रतिशत मिश्रित एटीएफ का इस्तेमाल करते हुए विमान का परीक्षण किया गया.
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इस ईंधन को छत्तीसगढ़ जैव डीजल विकास प्राधिकरण (सीबीडीए) से प्राप्त जट्रोफा तेल से बनाया गया है, जिसका बाद में सीएसआईआर-आईआईपी में प्रसंस्करण किया गया है.
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भारतीय वायुसेना 26 जनवरी, 2019 को गणतंत्र दिवस पर फ्लाईपास्ट में बायो जेट ईंधन का इस्तेमाल करते हुए एएन-32 विमान उड़ाना चाहती है.
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वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल बी.एस. धनोवा ने 27 जुलाई, 2018 को घोषणा की थी कि वायुसेना बायो जेट ईंधन को बढ़ावा देने का प्रयास करेगी.
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स्वदेशी टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के बारे में आयोजित एक सेमीनार को संबोधित करते हुए वायुसेना अध्यक्ष ने कहा था कि 26 जनवरी, 2019 को गणतंत्र दिवस पर होने वाले फ्लाईपास्ट में 10 प्रतिशत बायो जेट ईंधन के साथ एएन-32 विमान उड़ाने का भारतीय वायुसेना का इरादा है.
जेट्रोफा से बायो फ्यूल
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जेट्रोफा को भारत में पहले जंगली अरण्डी के नाम से भी जाना जाता था. इसकी उपयोगिता एवं महत्व की जानकारी के अभाव में इसकी व्यापारिक तौर पर खेती नहीं की जा रही थी. विगत वर्षों से इसका उपयोग बायोडीजल के रूप में होने के कारण यह केरोसिन तेल, डीजल, कोयला, लौनी लकड़ी के विकल्प के रूप में उभरा है. जेट्रोफा के तेल से बने डीजल में सल्फर की मात्रा बहुत ही कम होने के कारण इसको बायो-डीजल की श्रेणी में रखा गया है.
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भारतीय रेल, दिल्ली से अमृतसर तक जेट्रोफा बायोडीज़ल (5 प्रतिशत मिश्रित) से शताब्दी एक्सप्रेस चलाकर तथा महिंद्रा एंड महिंद्रा कम्पनी अपने ट्रेक्टरों में बायोडीजल का प्रयोग सफलता पूर्वक कर चुका है. जेट्रोफा बायोफ्यूल के जहां बहुद्देशीय लाभ हैं वहीं इसके तेल का उपयोग करने से प्रर्यावरण प्रदूषण में कमी आती है.
स्पाइसजेट का सफल परीक्षण
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भारतीय वायुसेना से पूर्व स्पाइसजेट के विमान ने 27 अगस्त 2018 को बायोफ्यूल के इस्तेमाल से देहरादून से दिल्ली तक उड़ान भरी. स्पाइसजेट के विमान क्यू-400 को देहरादून में ही एक दिन पहले 10 मिनट तक बायो-फ्यूल के साथ उड़ाया गया. इस उड़ान के बाद इसे बायो-फ्यूल द्वारा ही देहरादून से दिल्ली तक लाया गया. यह भारत में बायोफ्यूल से उड़ने वाली पहली फ्लाइट थी. अभी तक केवल अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित देशों में यह प्रयोग सफल रहा है. इस परीक्षण के लिए काउंसिल ऑफ़ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च के तहत देहरादून में संचालित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ पेट्रोलियम ने 400 किलोग्राम बायो जेट फ्यूल तैयार किया था.
बायोफ्यूल का लाभ
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भारत में विमानों में यदि बायोफ्यूल का उपयोग होने लगे तो प्रत्येक वर्ष 4000 टन कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन कम होगा.
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पारंपरिक ईंधन की तुलना में ऑपरेटिंग लागत भी 17% से 20% तक कम हो जाएगी.
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भारत में बायोफ्यूल के आयात पर निर्भरता कम होगी. वर्ष 2013 में 38 करोड़ लीटर बायोफ्यूल की आयात हुआ, जो 2017 में 141 करोड़ लीटर तक पहुंचा.
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कुल कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन में हवाई परिवहन की भूमिका 2.5% है, जो अगले 30 साल में 4 गुना तक बढ़ सकती है. बायोफ्यूल से इस उत्सर्जन में कमी आएगी.