UPSC परीक्षा : दैनिक करंट अफेयर्स, Hindi Current Affairs - 28 December 2018
UPSC परीक्षा : दैनिक करंट अफेयर्स, Hindi Current Affairs - 28 December 2018
:: राष्ट्रीय ::
नीति आयोग आकांक्षी जिले कार्यक्रम के अंतर्गत दूसरी डेल्टा रैंकिंग
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नीति आयोग ने 27 दिसंबर 2018 को आकांक्षी जिले कार्यक्रम (एडीपी) की दूसरी डेल्टाग रैंकिंग जारी की.
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नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत एडीपी के अंतर्गत दूसरी डेल्टाि रैंकिंग जारी की.
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इस रैंकिंग से 1 जून 2018 और 31 अक्टूाबर 2018 के बीच जिलों द्वारा की गई वृद्धि संबंधी प्रगति का अंदाज लगाया जाएगा.
दूसरी डेल्टा रैंकिंग:
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जिलों को स्वाधस्य्अं और पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन, वित्तीाय समावेशन और कौशल विकास तथा आधारभूत ढांचे के मानदंडों पर पारदर्शिता के आधार पर उनके प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों के जरिए श्रेणीबद्ध किया गया है.
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श्रेणीबद्ध करने का काम चैंपियन्सर ऑफ चेंज डैशबोर्ड के जरिए सार्वजनिक रूप से उपलब्धध आंकड़ों पर आधारित है, जिसमें वास्तिविक समय के आधार पर जिला स्त्र के आंकड़े प्रविष्टै किए गए हैं.
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श्रेणीबद्ध करने में पहली बार नीति आयोग के नॉलेज पार्टनरों, टाटा ट्रस्टि तथा बिल और मेलिन्डा गेट्स फाउंडेशन द्वारा कराए गए परिवार के सर्वेक्षण से प्राप्त जानकारी को शामिल किया गया है.
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इस कार्यक्रम के लिए नीति आयोग और ल्यूपिन फाउंडेशन भारत के आकांक्षी जिलों में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण, वित्तीय समावेश एवं कौशल विकास, कृषि एवं जल संसाधन और बुनियादी ढांचे से जुड़े संकेतकों को बेहतर करने के लिए आपस में सहयोग कर रहे हैं.
आकांक्षी जिला कार्यक्रम:
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आकांक्षी जिला कार्यक्रम की शुरूआत प्रधानमंत्री ने 05 जनवरी 2018 को की थी.
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इसका उद्देश्यज उन जिलों में तेजी से बदलावा लाना है, जिन्होंरने प्रमुख सामाजिक क्षेत्रों में तुलनात्मिक दृष्टि से कम प्रगति की है
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और वे अल्परविकास के रूप में उभरे हैं, जिसके कारण वे संतुलित क्षेत्रीय विकास सुनिश्चित करने के लिए चुनौती बने हुए हैं.
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यह कार्यक्रम अपनी क्षमता का अनुकूलतम उपयोग करने के लिए तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में भाग लेने वाले लोगों की क्षमता में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित करता है.
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स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि एवं जल संसाधन, वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास और बुनियादी ढांचा इस कार्यक्रम के मुख्य केन्द्र हैं.
पहली डेल्टा रैंकिंग:
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आकांक्षी जिलों की पहली डेल्टाा रैंकिंग जून 2018 में जारी की गई थी.
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इसने स्वाजस्य् ड और पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन, वित्ती य समावेशन और कौशल विकास तथा आधारभूत ढांचे के पांच विकासात्म क क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन पर आकांक्षी जिलों को स्वायं दिए गए आंकड़ों के आधार पर अप्रैल और मई 2018 के महीनों के लिए श्रेणीबद्ध किया था.
लोकसभा में पास हुआ तीन तलाक विधेयक
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लोकसभा में तीन तलाक (ट्रिपल तलाक) विधेयक 27 दिसंबर 2018 को पास हो गया.
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इसके पक्ष में 245 वोट पड़े हैं. वहीं बिल के विरोध में 11 वोट डाले गए हैं.
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ट्रिपल तलाक की प्रथा को रोकने के मकसद से यह बिल लाया गया है.
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अब इसे राज्यसभा में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा.
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सुप्रीम कोर्ट द्वारा अगस्त 2017 में ट्रिपल तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) की प्रथा को असंवैधानिक करार देते हुए सरकार को कानून बनाने को कहा था.
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केंद्र सरकार ने दिसंबर 2017 में लोकसभा में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक लोकसभा से पारित कराया,
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लेकिन यह बिल राज्यसभा में अटक गया क्योंकि उच्च सदन सरकार के पास पर्याप्त संख्या बल नहीं है.
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इसके बाद सरकार को तीन तलाक पर अध्यादेश लाना पड़ा था. इसकी अवधि 6 महीने की होती है.
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ट्रिपल तलाक देश में विवादास्प द मुद्दा रहा है.
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विभिन्नत मुस्लिम संगठनों ने इसे धार्मिक आस्था का सवाल बताया तो सरकार का कहना है कि इसे प्रतिबंधित करने के लिए कानून बनाने के मकसद से लाया गया विधेयक किसी समुदाय विशेष के खिलाफ नहीं है,
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बल्कि यह महिलाओं के अधिकारों और न्याषय के बारे में है.
तीन तलाक विधेयक का प्रस्ताव:
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पीड़ित महिला अदालत का रुख कर सकती है तथा अपने लिए कानूनी संरक्षण एवं सुरक्षा की मांग कर सकती है.
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इसके तहत किसी भी तरह का तीन तलाक (बोलकर, लिखकर या ईमेल, एसएमएस और व्हाट्सएप जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से) गैरकानूनी होगा.
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नए बिल के ड्राफ्ट के मुताबिक अब आरोपी को मजिस्ट्रेट सशर्त जमानत दे सकता है. पुराने बिल में पुलिस बिना वॉरंट के गिरफ्तार कर सकती थी, जिसे हटा लिया गया है.
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एक झटके में तीन तलाक को अपराध मानते हुए इसे पहले गैर जमानती करार दिया गया था लेकिन अब जमानत मिल सकेगी.
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तीन तलाक देने पर बिल में तीन साल की सजा का प्रावधान किया गया है. संशोधित नए बिल में मजिस्ट्रेट के सामने पति-पत्नी में समझौते का विकल्प भी खुला रखा गया है.
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नए बिल के मुताबिक अब पीड़िता और उसके सगे रिश्तेदार ही केस दर्ज करा सकेंगे. इस मामले में पहले कोई भी केस दर्ज करा सकता था. इतना ही नहीं पहले पुलिस संज्ञान लेकर भी खुद
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मामला दर्ज कर सकती थी लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है.
तीन तलाक क्या है?
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तीन तलाक मुसलमान समाज में तलाक का वो जरिया है, जिसमें एक मुस्लिम व्यक्ति तीन बार ‘तलाक’ बोलकर अपनी पत्नी को तलाक दे सकता है.
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ये मौखिक या लिखित हो सकता है, या हाल के दिनों में टेलीफोन, एसएमएस, ईमेल या सोशल मीडिया जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से भी तलाक दिया जा रहा है.
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तलाक का यह जरिया मुस्लिम पर्सनल लॉ के हिसाब से कानूनी है, फिर भी बहुत सारी मुस्लिम वर्ग की महिलाएं इसका विरोध करती है.
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तीन तलाक के तहत मुस्लिम व्यक्ति अपनी पत्नी को बोलकर या लिखकर तलाक दे सकता है और पत्नी का वहां होना जरुरी भी नहीं होता है,
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यहां तक कि आदमी को तलाक के लिए कोई वजह भी लेनी नहीं पड़ती.
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भारत से पहले दुनिया के 22 ऐसे देश हैं जहां तीन तलाक पूरी तरह बैन है.
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दुनिया का पहला देश मिस्र है जहां तीन तलाक को पहली बार बैन किया गया था.
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हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान हमसे कुछ मायनों में आगे है क्योंकि वर्ष 1956 में ही वहां तीन तलाक को बैन कर दिया गया था.
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सूडान ने वर्ष 1929 में अपने देश में तीन तलाक को बैन किया.
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साइप्रस, जॉर्डन, अल्जीरिया, इरान, ब्रुनेई, मोरक्को, कतर और यूएई में भी तीन तलाक पर बैन है.
UPSC सामान्य अध्ययन प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा (Combo) Study Kit
UPSC सामान्य अध्ययन (GS) प्रारंभिक परीक्षा (Pre) पेपर-1 स्टडी किट
पृष्ठभूमि:
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उतराखंड निवासी शायरा बानो नाम की महिला ने मार्च 2016 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके ट्रिपल तलाक, हलाला निकाह और बहु-विवाह की व्यवस्था को असंवैधानिक घोषित किए जाने की मांग की.
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शायरा बानो ने मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) एप्लीकेशन कानून 1937 की धारा 2 की संवैधानिकता को चुनौती दी.
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शायरा बानो द्वारा कोर्ट में दाखिल याचिका के अनुसार मुस्लिम महिलाओं के हाथ बंधे होते हैं और उन पर तलाक की तलवार लटकी रहती है.
एचडीएफसी ग्रुप देश का सबसे बड़ा कारोबारी समूह
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एचडीएफसी ग्रुप बाज़ार पूंजीकरण के लिहाज़ से टाटा समूह को पछाड़कर 26 दिसंबर 2018 को देश का सबसे बड़ा कारोबारी समूह बन गया.
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समूह की पांच सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण (एमकैप) 10.40 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है और इसने इस मामले में टाटा समूह को पीछे छोड़ दिया.
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27 दिसंबर 2018 को एचडीएफसी ग्रुप की पांचों कंपनियों का कुल एमकैप बीएसई पर 10,40,689.89 करोड़ रुपये था. वहीं टाटा समूह की सूचीबद्ध कंपनियों का कुल एमकैप बीएसई पर 10,38,290.08 करोड़ रुपये था.
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टीसीएस को छोड़ टाटा समूह की कंपनियों का वैल्यूएशन वर्ष 2018 में 25% घट गया है. इस दौरान टाटा मोटर्स के मार्केट कैप में 60.4% कमी आई. टाटा समूह के कुल मार्केट कैप में दो तिहाई हिस्सेदारी टीसीएस की है.
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10 जुलाई 2018 को एचडीएफसी ग्रुप की पांचों सूचीबद्ध कंपनियों का कुल एमकैप 10 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया था. एचडीएफसी ग्रुप की कंपनियों में एचडीएफसी बैंक 5,72,754.19 करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण के साथ देश का तीसरा सबसे बड़ा कारोबारी संगठन है. पहले स्थान पर टीसीएस (7,16,499.10 करोड़ रुपये) और दूसरे स्थान पर रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (7,09,918.93 करोड़ रुपये) है.
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जनवरी 2018 से अब तक एचडीएफसी ग्रुप के मार्केट कैप में 21.8% का इजाफा हुआ जबकि, टाटा समूह के वैल्युएशन में सिर्फ 7.9% की बढ़ोतरी हुई.
एचडीएफसी ग्रुप में शामिल कंपनियां:
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एचडीएफसी ग्रुप में इस समय चार सूचीबद्ध कंपनियां शामिल हैं,
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जिसमें हाउसिंग फाइनेंस सेक्टरर की प्रमुख कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड,
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बैंकिंग क्षेत्र की अग्रणी कंपनी एचडीएफसी बैंक, जीवन बीमा क्षेत्र की एचडीएफसी स्टैंडर्ड लाइफ और ग्रह फाइनेंस इस समूह हैं.
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वहीं दूसरी तरफ टाटा समूह की करीब 30 कंपनियां शेयर बाजार में सूचीबद्ध हैं.
टाटा समूह के बारे में:
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टाटा समूह एक निजी व्यवसायिक समूह है जिसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है.
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टाटा परिवार का एक सदस्य ही हमेशा टाटा समूह का अध्यक्ष रहा है.
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इसका कार्यक्षेत्र अनेक व्यवसायों व व्यवसाय से सम्बंधित सेवाओं के क्षेत्र में फैला हुआ है.
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टाटा समूह का उद्देश्य समझदारी, जिम्मेदारी, एकता और बेहतरीन काम से समाज में जीवन के स्तर को उंचा उठाना है.
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टाटा समूह के नाम से जाने जाने वाले इस परिवार का हर सदस्य इन मूल्यों का अनुसरण करता है.
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भारत के शिक्षा, विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में टाटा का योगदान अति महत्वपूर्ण है.
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टाटा का नीले रंग का चिन्ह (Logo) निरंतर प्रवाह की और तो इशारा करता ही है, यह कल्प-तरु या बोधि वृक्ष (Tree of Knowledge) का भी प्रतीक है.
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यह जमशेदजी टाटा द्वारा वर्ष 1868 में स्थापित किया गया था और कई वैश्विक कंपनियों को खरीदने के बाद अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हुई थी.
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम में शामिल
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ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग को 26 दिसंबर 2018 को आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया.
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इस मौके पर रिकी पोंटिंग को उनके हमवतन और आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम में शामिल ग्लेन मैकग्रा ने स्मृति चिन्ह के तौर पर कैप सौंपी.
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यह कार्यक्रम भारत और आस्ट्रेलिया के बीच एमसीजी पर तीसरे टेस्ट मैच के टी-सेशन के दौरान आयोजित किया गया.
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रिकी पोंटिंग को पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ और इंग्लैंड की महिला विकटकीपर बल्लेबाज क्लेरी टेलर के साथ जुलाई 2018 में डब्लिन में आईसीसी वार्षिक सम्मेलन के दौरान आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल करने की घोषणा की गई थी.
रिकी पोंटिंग के बारे में:
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रिकी पोंटिंग का जन्म 19 दिसम्बर 1974 को हुआ था. वे ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज क्रिकेटरों में माने जाते हैं.
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वे 100 टेस्ट जीतने वाले इतिहास के पहले और एकलौते खिलाड़ी हैं.
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पोंटिंग के नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कुल 71 शतक हैं. उन्होंने अपनी कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को दो बार विश्व कप दिलाया है.
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उन्होंने 168 टेस्ट में 41 शतकों की मदद से 13,378 रन बनाए. वहीं, 375 वनडे 30 शतक की मदद से 13,704 रन बनाए. 17 टी-20 मुकाबलों में दो अर्धशतक की मदद से 401 रन बनाए.
नोट
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हॉल ऑफ फेम में शामिल होने के लिए जरूरूी है कि खिलाड़ी ने पिछले पांच सालों में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला हो.
आईसीसी हॉल ऑफ फेम:
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आईसीसी क्रिकेट ‘हॉल ऑफ फेम’ की सूची में क्रिकेट की महान हस्तियों को शामिल किया जाता है. आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ़ फेम समूह या सूची है जिसका उद्देश्य क्रिकेट के इतिहास से दिग्गज खिलाड़ियों की उपलब्धियों को पहचान कर उन्हें सम्मानित करना है.
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आईसीसी, ‘हॉल ऑफ फेम’ में शामिल किये जाने वाले महान खिलाड़ियों की सूची हर साल जारी करता है. यह सूची अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल क्रिकेटर्स एसोसिएशन के सहयोग से वर्ष 2009 में शुरू किया गया है.
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शुरुआत में इसमें 55 खिलाड़ी शामिल थे. आईसीसी अवॉर्ड्स समारोह के दौरान प्रत्येक वर्ष आगे के सदस्यों को जोड़ा जाता है. आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ़ फेम में सात महिला खिलाड़ी भी शामिल हैं. इंग्लैंड की पूर्व महिला क्रिकेट कप्तान रेचेल फ़्लिंट वर्ष 2010 में ‘हॉल ऑफ फेम’ सूची में शामिल होने वाली पहली महिला बनीं थी.
'हॉल ऑफ फेम' से शामिल होने वाले खिलाड़ियों संख्या 87:
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आईसीसी क्रिकेट 'हॉल ऑफ फेम' से शामिल होने वाले खिलाड़ियों की कुल संख्या 87 हो गई.
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इसमें 80 पुरुष और 7 महिला क्रिकेटर हैं. देश की बात करें तो यह सम्मान सबसे अधिक इंग्लैंड (28) के खिलाड़ियों को मिला है.
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इस सम्मानित लिस्ट में ऑस्ट्रेलिया (25), वेस्ट इंडीज(18), पाकिस्तान (5), भारत (5), न्यू जीलैंड (3), दक्षिण अफ्रीका (2) और श्रीलंका का एक खिलाड़ी शामिल है.
महाराष्ट्र सरकार ने 7वें वेतन आयोग को मंजूरी दी
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महाराष्ट्र सरकार ने 27 दिसंबर 2018 को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के क्रियान्वयन को मंजूरी दी.
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मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी के फैसले को मंजूरी दी गई.
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सरकार के इस फैसले से कम से कम 20.50 लाख कर्मचारियों को फायदा होने जा रहा है.
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इस निर्णय से राज्य के खजाने पर 38,645 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझा आएगा.
मुख्य तथ्य:
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महाराष्ट्रा सरकार ने 01 जनवरी 2019 से अपने सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की घोषणा की है. बेशक ये 01 जनवरी 2019 से लागू होगा लेकिन इसमें वेतन वृद्धि 01 जनवरी 2016 से की गई है.
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कर्मचारियों को बढ़ा हुआ वेतन फरवरी के भुगतान में मिलेगा और पिछले तीन साल के एरियर का भुगतान पांच किस्तोंव में कर्मचारियों के भविष्य निधि (PF) खाते में किया जाएगा. कर्मचारियों को पिछले 14 महीनों के लिए बकाया महंगाई भत्ताख भी दिया जाएगा. सरकार हर साल 7,731 करोड़ रुपये खर्च करेगी.
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सातवां वेतन आयोग लागू होने के बाद चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के वेतन में 4,000-5,000 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि होगी.
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तृतीय श्रेणी कर्मियों वेतन में 5,000-8,000 रुपये प्रतिमाह, द्वितीय और प्रथम श्रेणी कर्मियों के वेतन में 9,000-14,000 रुपये प्रतिमाह की बढ़ोतरी होगी.
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इसके अलावा महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे और नागपुर में आवास लाभ 25 फीसदी रहेगा, जबकि ठाणे, नवी मुंबई, नासिक और अन्य शहरों में 20 फीसदी तथा अन्य शहरों के लिए 15 फीसदी आवास लाभ प्रस्तावित है.