UPSC परीक्षा ​: दैनिक करंट अफेयर्स, Hindi Current Affairs - 29 July 2020

IAS EXAM


UPSC परीक्षा ​: दैनिक करंट अफेयर्स, Hindi Current Affairs - 29 July 2020


::राष्ट्रीय::

संविधान की प्रस्तावना में बाद में जोड़े गए समाजवाद और धर्म निरपेक्ष शब्द हटाने की मांग

  • सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई है जिसमें संविधान की प्रस्तावना में बाद में जोड़े गए दो शब्द समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष को हटाने की मांग है।
  • कहा है कि सुप्रीम कोर्ट घोषित करे कि प्रस्तावना में दिये गये समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा गणतंत्र की प्रकृति बताते हैं और ये सरकार की संप्रभु शक्तियों और कामकाज तक सीमित हैं, ये आम नागरिकों, राजनैतिक दलों और सामाजिक संगठनों पर लागू नहीं होता। 
  • इसके साथ ही याचिका में जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 29ए (5) में दिये गये शब्द समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष को भी रद करने की मांग की गई है। 
  • याचिका में प्रस्तावना से समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष शब्दों को हटाने की मांग करते हुए कहा गया है कि ये दोनों शब्द मूल संविधान में नहीं थे। इन्हें 42वें संविधान संशोधन के जरिये 3 जनवरी 1977 को जोड़ा गया। 
  • जब ये शब्द प्रस्तावना में जोड़े गए उस समय देश में आपातकाल लागू था। इस पर सदन में बहस नहीं हुई थी, ये बिना बहस के पास हो गया था। 
  • संविधान सभा के सदस्य केटी शाह ने तीन बार धर्मनिरपेक्ष (सेकुलर) शब्द को संविधान में जोड़ने का प्रस्ताव दिया था लेकिन तीनों बार संविधान सभा ने प्रस्ताव खारिज कर दिया था। बीआर अंबेडकर ने भी प्रस्ताव का विरोध किया था।

हजीरा बंदरगाह के लाइसेंस को लेकर आर्सेलरमित्तल की गुजरात सरकार, एस्सार समूह को न्यायालय में चुनौती

  • आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया लिमिटेड (एएमएनएसआईएल) ने गुजरात सरकार और एस्सार बल्क टर्मिनल लिमिटेड के खिलाफ गुजरात उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर हजीरा बंदरगाह लाइसेंस को अपने नाम पर हस्तांतरित किये जाने की मांग की है। 
  • एक दिवालाशोधन प्रक्रिया के तहत एस्सार स्टील को खरीदने के चंद दिनों के भीतर, एएमएनएसआईएल ने गुजरात मैरीटाइम बोर्ड को एक आवेदन किया था, जिसमें अनुरोध किया गया था कि लाइसेंस उसे हस्तांतरित किया जाए। हालांकि, सरकार को इस मामले पर अभी फैसला करना बाकी है.
  • एएमएनएसआईएल ने अदालत से गुहार लगायी है कि एस्सार बल्क टर्मिनल लिमिटेड (ईबीटीएल) एक नॉमिनी या ट्रस्टी के रूप में कैप्टिव लाइसेंस रखती है। आर्सेलर मित्तल निप्पॉन ने अनुच्छेद 226 के तहत यह याचिका दायर की है। आर्सेलर मित्तल ने इस बार में प्रतिक्रिया के लिये भेजे गये ईमेल और फोन कॉल का जवाब नहीं दिया। 
  • एस्सार स्टील के पास गुजरात के हजीरा में एक करोड़ टन प्रति वर्ष क्षमता का इस्पात संयंत्र है। इसे बंदरगाह पर निर्मित निजी इस्तेमाल वाले घाट (जेट्टी) से सुविधाएं प्राप्त होती है। 
  • एस्सार बल्क टर्मिनल लिमिटेड ने भी गुजरात सरकार के पास इस बात की शिकायत की है कि आर्सेलर मित्तल और निप्पॉन स्टील 450 करोड़ रुपये से अधिक के भुगतान में चूक कर रही हैं, जो बंदरगाह का बकाया है। 
  • एस्सार स्टील के कार्यकारी ने पूछे जाने पर बताया कि हजीरा बंदरगाह दिवालाशोधन प्रक्रिया का हिस्सा नहीं था। दिवालाशोधन प्रक्रिया सिर्फ इस्पात संयंत्र के लिये थी।

'पंजाब 2020 रिफरेंडम',

  • कनाडा (Canada) ने कहा कि वह भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता का सम्मान करता है इसलिए कनाडा सरकार अलगाववादियों (Separatists) के कदम को मंज़ूर नहीं करेगी. विशेषज्ञ इसे भारत की रणनीतिक जीत मान रहे हैं, तो पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt. Amrinder Singh) ने कनाडा की तारीफ करते हुए धन्यवाद दिया. 
  • भारत से पंजाब को अलग कर खालिस्तान बनाए जाने के मकसद को लेकर 'सिख्स फॉर जस्टिस' नाम की संस्था ने यह अभियान शुरू किया था. 
  • 2018 में इस संस्था के प्रमुख गुरपटवंत सिंह पन्नू ने घोषणा की थी कि जनमत संग्रह के लिए लाहौर में एक स्थायी दफ्तर बनाया जाएगा और ननकाना साहिब के आसपास जरनैल सिंह भिंडारावाले की तस्वीरों के साथ इस अभियान के बैनर लगाए जाएंगे.
  • यह संस्था ग्रेटर खालिस्तान की मांग भी करती रही है, जिसमें पाकिस्तान के पंजाब का इलाका भी शामिल होता है. कथित तौर पर किए जा रहे जनमत संग्रह में गैर सिखों को भी वोटिंग के लिए रजिस्टर होने की सुविधा दी गई.

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::अंतरराष्ट्रीय:: 

म्यांमार में आतंकवादियों को हथियार सप्लाई कर रहा चीन

  • म्यांमार-थाइलैंड सीमा पर मेइ ताओ क्षेत्र में बड़ी मात्रा में अवैध चीनी हथियारों की बरामदगी के बाद उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में एक बार फिर विद्रोह भड़काने की कोशिश को लेकर भारत की चिंता बढ़ गई है।
  • यूरोपीयन फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज (EFSAS) ने 23 जून को Irrawaddy में प्रकाशित एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, ''शुरुआती जांच में पता चला कि हथियार म्यांमार के विद्रोही समूहों के लिए ले जाए जा रहे थे। लेकिन इस घटना ने नई दिल्ली में सिक्यॉरिटी सर्किल में भी चिंता बढ़ा दी है।
  • म्यांमार-थाइलैंड बॉर्डर से मिले हथियारों के चीनी लिंक होने की पुष्टि करते हुए Irrawaddy ने एक सूत्र के हवाले से कहा कि ये हथियार अभी AA (अराकन आर्मी) के द्वारा इस्तेमाल नहीं किए जा रहे हैं। 
  • EFSAS ने कहा ''भारत में नॉर्थ-ईस्ट के विद्रोही जो वर्षों से म्यांमार में शरण लेते रहे हैं और AA जिसकी जड़ें म्यांमार के रखाइन स्टेट में हैं, दोनों भारत के लिए सुरक्षा चुनौती पेश करते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा होने के साथ वे भारत की ऐक्ट ईस्ट पॉलिसी में भी अड़चन डालते हैं। भारत की शंका निराधार नहीं है। भारत का ऐक्ट ईस्ट प्रॉजेक्ट चीन की रणनीतिक सोच पर भारी है, चीनी हथियारों की आमद इसी के अनुरूप है।''
  • यूनाइडेट स्टेट मिलिट्री इंटेलिजेंस के लिए काम करने वाले एक पूर्व अधिकारी एंडर्स कोर की 'चीन का म्यांमार में डिप्लो-आतंकवाद' शीर्षक वाले स्टडी रिपोर्ट का हवाला देते हुए EFSAS ने कहा, ''म्यांमार में कूटनीतिक प्रभाव जमाने के लिए चीन आतंकवादी समूह AA को फंड और आधुनिक हथियार मुहैया करा रहा है।"

::अर्थव्यवस्था::

सरकार ने ई-वाणिज्य कंपनियों के नये नियमों को अधिसूचित किया

  • सरकार ने ई-वाणिज्य कंपनियों के लिये नये नियमों को अधिसूचित कर दिया है। इसमें अन्य बातों के अलावा अपने उत्पादों पर ‘उत्पति वाले देश’ का नाम देना शामिल हैं। 
  • उपभोक्ता संरक्षण (ई-वाणिज्य) नियम, 2020 को अधिसूचित कर दिया गया। नया नियम भारत या विदेश में पंजीकृत लेकिन भारतीय ग्राहकों को सामान और सेवांए देने वाले सभी इलेक्ट्रॉनिक खुदरा बिक्रेताओं पर लागू होगा नये नियमों के अनुसार ई-वाणिज्य कंपनियों को बिक्री के लिये रखे गये सामानों और सेवाओं की कुल कीमत के साथ अन्य शुल्कों का पूरा ब्योरा देना होगा। साथ ही उन्हें यह भी बताना होगा कि वस्तु की मियाद कब समाप्त होगी यानी  उसकी ‘एक्सपायरी’ तारीख क्या है। 
  • इसके अलावा वस्तु और सेवाओं की उत्पत्ति किस देश में हुई, इसके बारे में भी प्रमुखता से जानकारी देनी होगी ताकि ग्राहक समान या सेवाएं खरीदने से पहले पूरी जानकारी के साथ निर्णय कर सके। नियमों के तहत ई-वाणिज्य कंपनियों को रिटर्न, रिफंड, समान को बदलने, वारंटी और गारंटी, आपूर्ति तथा अन्य सूचनाएं देनी होगी जो ग्राहकों के लिये सामान की खरीद को लेकर निर्णय करने को लेकर जरूरत हो सकती है। 
  • जो विक्रेता ई-वाणिज्य कंपनियों के जरिये वस्तु और सेवाओं की बिक्री की पेशकश करते हैं, उन्हें यह जानकारी ई-वाणिज्य कंपनी को देनी होगी ताकि उसकी वेबसाइट पर इसे प्रमुखता से प्रदर्शित किया जा सके।
  • इसके अलावा ई-वाणिज्य कंपनियों को भुगतान के उपलब्ध तरीकों और उसकी सुरक्षा के बारे में पूरी जानकारी देनी होगी। नये कानून के तहत ई-वाणिज्य कंपनियों को विक्रेता के बारे में जानकारी, उसका पता, ग्राहक के लिये संपर्क को लेकर नंबर समेत विक्रेता की अगर कोई रेटिंग है तो उसके बारे में सूचना समेत अन्य जानकारी देनी होगी। 
  • उन्हें किसी प्रकार की शिकायत को लेकर ‘टिकट’ संख्या भी देनी होगी जिसके जरिये ग्राहक अपनी शिकायत की स्थिति का पता लगा सकता है। नियमों का उल्लंघन होने पर उपभोक्ता संरक्षण कानून, 2019 के तहत दंडनीय कार्रवाई होगी।

भारत ने सस्ते कच्चे तेल की खरीद कर 3.20 करोड़ टन तेल के भंडार भरे

  • पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत ने वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के घटे दाम का फायदा उठाते हुए अपने भूमिगत तेल भंडारों, टैंकों, पाइपलाइनों और जलपोतों में 3 करोड़ 20 लाख टन कच्चे तेल का भंडारण कर लिया है। 
  • भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। भारत पेट्रोलियम उत्पादों की अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए 85 फीसदी की भरपाई आयात से करता है।
  • सऊदी अरब, यूएई और इराक से की गई कच्चे तेल की खरीद से 53.30 लाख भूमिगत रणनीतिक भंडारों को भरने में मदद मिली है वहीं 70 लाख टन तेल तैरते जलपोतों में रखा गया है। इसी प्रकार ढाई करोड़ टन तेल देश के भूक्षेत्र स्थिति डिपो और टैंकों, रिफाइनरी पाइपलाइनों और उत्पाद टैंकों में भरा गया है। 
  • उन्होंने कहा कि भंडारण किया गया यह तेल देश की कुल मांग की 20 फीसदी के बराबर है। भारत अपनी कुल जरूरत का 85 फीसदी तेल आयात करता है। उसकी तेल रिफाइनरियों में 65 दिन के कच्चे तेल का भंडार रखा जाता है।
  • उन्होंने कहा कि तेल की कीमतों में गिरावट से भारत के आयात बिल में कमी आएगी जबकि कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते खपत में कमी का प्रभाव केंद्र और राज्य सरकार के राजस्व में देखा जा सकता है। 
  • आपातकाल भंडारण के तौर पर सरकार द्वारा राज्य के स्वामित्व वाली तेल कंपनियों में 53 लाख टन तेल रखा गया है। इससे 9.5 दिनों के लिए भारत की तेल जरूरतों को पूरा किया जा सकता है। सरकार द्वारा बनाई गई ये कंपनियां कर्नाटक के मंगलूरू और पाडुर और आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम की भूमिगत गुफाओं में स्थित है। इसके अलावा, पाइपलाइनों में भी कुछ भंडारण क्षमता होती है।
  • इससे पहले तेल की कीमतों में जब 20 डॉलर प्रति बैरल की गिरावट हुई थी, तब मंगलूरू और पाडुर के तेल भंडारण टैंक आधे खाली थे। लेकिन अब इन्हें सऊदी अरब, यूएई और इराक से तेल खरीद कर भर दिया गया है। 
  • देश में रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार (एसपीआर) का प्रबंधन करने वाली इकाई स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड (आईएसपीआरएल) ने एक ट्वीट में कहा कि भारत सरकार की पहल की बदौलत हमने शेड्यूल के अनुसार कच्चे तेल की बहुत कम कीमत पर पाडुर एसपीआर को सफलतापूर्वक भरा है।

::खेल कूद::

खेलो इंडिया यूथ गेम 2021

  • हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और केन्द्रीय खेल मंत्री किरेन रीजिजू ने 25-07-2020 को घोषणा की कि 2021 में आयोजित होने वाले ‘खेलो इंडिया’ यूथ गेम्स के चौथे सत्र की मेजबानी हरियाणा करेगा। 
  • इन खेलों का आयोजन अगले साल होने वाले तोक्यो ओलंपिक के बाद पंचकुला में होगा। केंद्रीय खेल मंत्री का कहना है की हर साल यूथ गेम का आयोजन जनवरी के किया जाता था लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण इसे स्थगित किया है।
  • खट्टर ने कहा कि एक राज्य के रूप में हरियाणा ने हमेशा खेलों को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया हैं और अपने एथलीटों का समर्थन किया हैं। जब तक हम खेलों की मेजबानी करेंगे तब तक महामारी समाप्त हो जाएगी। 
  • हम सभी राज्यों की भागीदारी और 10,000 से अधिक प्रतिभागियों के साथ उसी पैमाने पर खेलों की मेजबानी कर पाएंगे।

खेलो इंडिया यूथ गेम 2021 को निम्न में विभाजित किया है

  • वार्षिक खेल प्रतियोगिता
  • सामुदायिक कोचिंग विकास
  • स्कूल के बच्चो का शारीरिक
  • खेल का मैदान विकास
  • ग्रामीण और आदिवासी खेलो को बढ़ावा देना |
  • शांति  और विकास के लिए खेल
  • विकलांग लोगो के बीच खेल को बढ़ावा देना |
  • राज्य स्तरीय खेलो भारत केंद्र
  • महिलाओ के लिए खेल

 

UPSC सामान्य अध्ययन प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा (Combo) Study Kit

UPSC सामान्य अध्ययन (GS) प्रारंभिक परीक्षा (Pre) पेपर-1 स्टडी किट