UPSC परीक्षा : दैनिक करंट अफेयर्स, Hindi Current Affairs - 31 January 2019
UPSC परीक्षा : दैनिक करंट अफेयर्स, Hindi Current Affairs - 31 January 2019
वैश्विक भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक में भारत 78वें रैंक पर
- ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा जारी किए गए 'वैश्विक भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक' में भारत को 78वें पर रखा है.
- एशिया प्रशांत क्षेत्र में भ्रष्टाचार और प्रेस स्वतंत्रता के मामले में सबसे खराब स्थिति वाले मामले में देश का नाम रखा गया.
- वैश्विक भ्रष्टाचार सूचकांक, 2018 में भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है.
- भ्रष्टाचार-निरोधक संगठन द्वारा जारी वार्षिक सूचकांक के मुताबिक इस सूची में चीन काफी पीछे छूट गया है.
भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक में भारत:
- भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक 2018 के अनुसार, भारत ने 41 अंक हासिल कर 180 देशों में 78वां स्थान हासिल किया है.
- जबकि वर्ष 2017 के सूचकांक में वह 40 अंक के साथ 81वें स्थान पर था.
- इससे पहले वर्ष 2016 में भारत इस सूचकांक में 79वें स्थान पर था.
सूचकांक के बारे में: |
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रिपोर्ट: मुख्य तथ्य
- इस सूचकांक में 39 अंकों के साथ चीन 87 वें स्थान पर, 38 अंक के साथ श्रीलंका और इंडोनेशिया 89 वें स्थाअन, 35 अंकों के साथ 105 वें स्था,न पर, 33 अंकों के साथ पाकिस्ताान 117 वें स्थाथन पर, 31 अंकों के साथ नेपाल और मालदीव 124 वें स्थाकन पर, 29 अंकों के साथ म्यां मार 132 वें स्थान पर है.
- इस सूची 28 अंकों के साथ ईरान, मैक्सिको और रूस 138 वें स्था न पर, 26 अंकों के साथ बांग्लोूदश 149 वें स्था न पर, 18 अंकों के साथ बेनेजुएला और इराक 168 वें स्थालन पर, 16 अंक के साथ अफगानिस्ताऔन 172 स्थाान पर, 14 अंकों के साथ उत्त्र कोरिया 176 वें स्था न पर है.
- सबसे भ्रष्ट देश सोमालिया है, सोमालिया के बाद दक्षिणी सूडान और सीरीया को सबसे भ्रष्ट बताया गया है.
- दुनिया में डेनमार्क में सबसे कम भ्रष्टाचार है. डेनमार्क को सबसे बेहतर रैंक दी गई है. उसे 88 अंक दिये गये हैं.
- डेनमार्क के बाद न्यूजीलैंड, फिनलैंड, सिंगापुर, स्वीडन और स्विटजरलैंड सूचकांक के अनुसार सबसे कम भ्रष्ट देश हैं.
- वर्ष 2011 के बाद पहली बार अमेरिका शीर्ष 20 सबसे कम भ्रष्ट देशों की सूची से बाहर हो गया है. अमेरिका खिसककर 22 वें स्थान पर पहुंच गया है.
भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक 2018 में शीर्ष 10 देश |
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स्थान | देश |
1 | डेनमार्क |
2 | न्यूजीलैंड |
3 | फिनलैंड |
3 | सिंगापुर |
3 | स्वीडन |
3 | स्विटजरलैंड |
7 | नॉर्वे |
8 | नीदरलैंड |
9 | कनाडा |
10 | लक्ज़मबर् |
निष्कर्ष:
- इन परिणामों से ये भी निकल कर आया कि प्रेस और गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) की कम सुरक्षा वाले देशों में भ्रष्टाचार की स्थिति सबसे बुरी है.
केंद्र सरकार ने रिसर्च फेलोशिप की राशि बढ़ाने की घोषणा की
- केंद्र सरकार ने 30 जनवरी 2019 को रिसर्च फेलोशिप की राशि बढ़ाने की घोषणा की.
- केंद्र सरकार ने सभी मंत्रालयों और विभागों को रिसर्च स्कॉलर्स की संशोधित फेलोशिप राशि संबंधी सूचना जारी कर दी है.
- यह बढ़ोतरी एक जनवरी 2019 से लागू होगी. केंद्र सरकार ने भौतिक और रासायनिक विज्ञान सहित विज्ञान और प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणितीय विज्ञान, कृषि विज्ञान, जीव विज्ञान, फार्मेसी आदि किसी भी क्षेत्र में दाखिला लेने वाले पीएचडी छात्रों और अन्य अनुसंधान कर्मियों की फेलोशिप बढ़ाई है.
प्रत्याक्ष रूप से लाभ:
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी में काम कर रहे पीएचडी विद्वान औद्योगिक प्रतिस्पर्धा, शैक्षणिक जीवंतता और प्रौद्योगिकी नेतृत्व वाले नवाचारों के लिए देश के ज्ञान के आधार में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं.
- सरकार के इस फैसले से शोध के क्षेत्र में काम कर रहे करीब दो लाख शोधार्थियों को सीधा फायदा मिलेगा.
संशोधित फेलोशिप राशि:
- जूनियर रिसर्च फेलोशिप पीएचडी कार्यक्रम में पहले दो वर्षों के लिए वर्तमान दर 25,000 रुपये से बढ़ाकर 31,000 रुपये प्रति माह कर दी गई है.
- इसी प्रकार पीएचडी सीनियर रिसर्च फेलो 28,000 रुपये की जगह 35,000 रुपये प्रति माह प्राप्त करेंगे.
- वरिष्ठि अनुसंधान एसोसिएट्स के लिए 54,000 रुपये प्रति माह निर्धारित किए गए हैं.
- सभी रिसर्च फेलो को केन्द्रस सरकार के मानदंडों के अनुसार मकान किराया भत्ताभ भी मिलेगा.
- गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2006, वर्ष 2007 और वर्ष 2010 के बाद वर्ष 2014 में फेलोशिप राशि में बढ़ोतरी की थी.
- सरकार ने वर्ष 2014 में फेलोशिप राशि में सबसे अधिक 56 फीसदी की बढ़ोतरी की थी.
यूएई तथा सऊदी अरब ने संयुक्त डिजिटल करेंसी ‘Aber’ लॉन्च की
- संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब ने हाल ही में संयुक्त डिजिटल करेंसी ‘अबेर’ (Aber) लॉन्च की है.
- इस संयुक्त डिजिटल मुद्रा का उपयोग दोनों देशों के मध्य ब्लॉकचेन तथा डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी के बीच वित्तीय भुगतान के लिए किया जायेगा.
यूएई तथा सऊदी अरब को डिजिटल मुद्रा से लाभ
- इस डिजिटल मुद्रा के द्वारा वित्तीय विनिमय के लिए एक और विकल्प उपलब्ध होगा.
- आरंभ में इस मुद्रा का उपयोग सीमित बैंकों में किया जायेगा, बाद में इसे धीरे-धीरे अन्य स्रोतों द्वारा भी उपलब्ध कराया जायेगा.
- इस मुद्रा की तकनीकी, आर्थिक तथा कानूनी आवश्यकता का अध्ययन करने के बाद इस मुद्रा के उपयोग का विस्तार किया जायेगा.
- डिजिटल मुद्रा अबेर केन्द्रीय बैंक तथा अन्य बैंकों के बीच डिस्ट्रिब्यूटेड डाटा के उपयोग पर निर्भर है. यह ब्लॉकचेन पर आधारित मुद्रा है.
ब्लॉकचेन तकनीक क्या है?
- ब्लॉकचेन एक प्रकार का डिजिटल बही खाता है, इसमें डाटा क्लाउड में सुरक्षित रखा जाता है.
- यह डाटा स्टोरेज की सुरक्षित प्रणाली है.
- इसमें डाटा को कॉपी किये बिना विकेंद्रीकृत किया जाता है.
- यह काफी सुरक्षित व पारदर्शी है. इस टेक्नोलॉजी का उपयोग क्रिप्टोकरेंसी में बड़े पैमाने पर किया जाता है. इसके अलावा वित्तीय लेन-देन, क्राउड-फंडिंग, गवर्नेंस, फाइल स्टोरेज और इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स इत्यादि में इसका उपयोग किया जाता है.
डिजिटल मुद्रा के लाभ
- डिजिटल मुद्रा का लेनदेन मुख्यतः इंटरनेट पर होता है. डिजिटल वॉलेट एक तरह का अकाउंट है जिसमे आप अपनी डिजिटल मुद्रा रखते हैं.
- इंटरनेट के माध्यम से डिजिटल मुद्रा का एक डिजिटल वॉलेट से दूसरे डिजिटल वॉलेट में ट्रांसफर किया जाता है.
- इस प्रक्रिया में बैंक जाने की ज़रूरत नहीं पड़ती है इसलिए इसे सुरक्षित माना जाता है.
- डिजिटल वॉलेट को फोन, कंप्यूटर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के माध्यम से इस्तेमाल किया जा सकता है.
- डिजिटल मुद्रा को किसी भी अन्य मुद्रा जैसे रुपया, डॉलर आदि के बदले में डिजिटल मुद्रा एक्सचेंज के तहत ख़रीदा जा सकता है.
- डिजिटल मुद्रा को क्रिप्टो करेंसी भी कहा जाता है. लाइटकोइन, एथ्यूरम, बिटकॉइन आदि सभी डिजिटल मुद्राओं के लोकप्रिय उदाहरण हैं.
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प्रधानमंत्री मोदी ने दांडी में ‘नमक सत्याग्रह स्मारक’ का उद्घाटन किया
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 जनवरी 2019 को गुजरात के सूरत और दांडी का दौरा किया.
- यहां उन्होंने सूरत हवाईअड्डे पर टर्मिनल भवन के विस्तार परियोजना और एक अस्पताल की आधाशिला रखी.
- इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने दांडी में राष्ट्रीय नमक सत्याग्रह स्मारक राष्ट्र को समर्पित किया.
नमक सत्याग्रह स्मारक
- भारत की स्वतंत्रता के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान दांडी में 110 करोड़ रुपये के खर्च से 15 एकड़ में राष्ट्रीय नमक सत्याग्रह स्मारक का निर्माण किया गया है.
- गांधीजी की पुण्यतिथि के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 जनवरी को इसका उद्घाटन किया. अब यह स्मारक जनता के लिए खोल दिया गया है.
- यहां 14 नमक बनाने वाले पेन रखे गये हैं. साथ ही खारा पानी भी उपलब्ध कराया गया है. पर्यटक जब खारा पानी पेन में डालेंगे, तब पेन के अंदर लगी हुई मशीन पानी का वाष्पीकरण कर देगी और पेन में नमक बन जाएगा.
- इसके अतिरिक्त 41 सोलर वृक्ष प्रतिदिन 144 किलोवाट बिजली उत्पन्न करेंगे. इनका इस्तेमाल स्मारक में बिजली की आपूर्ति के लिए किया जाएगा.
- इसमें उन 80 पदयात्रियों की प्रतिमाएं हैं जिन्होंने दांडी मार्च में गांधी जी का साथ दिया था.
- नमक सत्याग्रह स्मारक में 18 फीट ऊंची गांधीजी की प्रतिमा बनाई गई है.
- यहां खारे पानी का कृत्रिम तालाब बनाया गया है जिसमें पर्यटकों को यात्रा के बारे में समझाया जायेगा.
- इसके अलावा यहाँ उन 24 स्थलों के स्मृतिपथ भी बनाए गये हैं जहां गांधीजी गये थे.
30 जनवरी: शहीद दिवस
- शहीद दिवस प्रत्येक वर्ष 30 जनवरी को मनाया जाता है.
- नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की गोली मार कर हत्या कर दी थी.
- बापू की पुण्यतिथि को हर साल शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है.
- हर साल इस दिन राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और तीनों सेना के प्रमुख राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं.
- 30 जनवरी के अलावा 23 मार्च को भी शहीद दिवस मनाया जाता है.
- 23 मार्च के दिन ही भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू को फांसी दी गई थी. इसीलिए 23 मार्च को भी शहीद दिवस मनाया जाता है.
सूरत में अन्य विकास परियोजनाओं की शुरुआत
- यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने सूरत हवाईअड्डे पर टर्मिनल भवन के विस्तार की आधारशिला रखी.
- सौर ऊर्जा और एलईडी प्रकाश व्यवस्था के इस्तेमाल से यह एक पर्यावरण अनुकूल भवन होगा.
- प्रधानमंत्री ने सूरत में न्यू इंडिया यूथ कॉन्क्लेव में युवाओं के साथ बातचीत भी की.
- साथ ही उन्होंने रसीलाबेन सेवंतीलाल शाह वीनस अस्पताल का भी उद्घाटन किया तथा उन्होंने वहां की सुविधाओं का भी जायजा लिया.
‘स्वस्थ भारत यात्रा’ का समापन, तमिलनाडु को सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार
- भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के नेतृत्व में चलाई गई अखिल भारतीय 'स्वस्थ भारत यात्रा' अभियान का 29 जनवरी 2019 को राष्ट्रीय राजधानी के कनॉट प्लेस में समापन हो गया.
- यह यात्रा लोगों को सुरक्षित भोजन खाने और स्वस्थ रहने के बारे में जागरूक करने के लिए निकाली गई थी.
- यह अभियान पिछले साल 16 अक्टूबर को शुरू किया गया था जिसमें तमिलनाडु को अपनी सक्रिय भागीदारी के लिए सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार मिला है.
- स्वस्थ भारत यात्रा 100 दिन का कार्यक्रम था.
स्वस्थ भारत यात्रा
- छह अलग-अलग स्थानों लेह, पणजी, तिरुवनंतपुरम, पुदुचेरी, कोलकाता और अगरतला से छह अलग-अलग मार्गों पर आयोजित किया गया.
- इसमें कुल 10,000 से अधिक स्वयंसेवक साइकिल चालकों ने 36’ राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों में बीस हज़ार किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की.साइकिल यात्रियों ने 'ईट सेफ, ईट हेल्दी एंड ईट फोर्टिफाईड’ (साफ, स्वास्थ्यवर्धक और पोषक तत्व मिली खाद्य वस्तुओें) के सेवन का संदेश फैलाया.
- भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने “इट राईट इंडिया पहल” के लिए स्वस्थ भारत यात्रा की शुरुआत की थी.
- इस यात्रा में विभिन्न राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 2.5 करोड़ लोगों ने भाग लिया. इसके तहत 21,000 “इट राईट चैंपियन” भी घोषित किये गये.
- इस राष्ट्रीय अभियान का उद्देश्य उपभोक्ताओं को सुरक्षित व पौष्टिक भोजन, स्वस्थ रहने तथा खाद्य पदार्थों में मिलावट के बारे में जागरूक करना था.
- इसके लिए देश भर में साइकिल रैली का आयोजन किया गया. इस रैली में लगभग 7,500 साइकिलिस्टों ने हिस्सा लिया.
पुरस्कार विजेता राज्य
- सक्रिय भागीदारी के लिए सर्वश्रेष्ठ राज्य: तमिलनाडु
- तीन करोड़ से अधिक आबादी वाले सर्वश्रेष्ठ राज्य: गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र
- तीन करोड़ से कम जनसँख्या वाले सर्वश्रेष्ठ राज्य: पंजाब, गोवा और दिल्ली
विशेष पुरस्कार:
- जम्मू-कश्मीर तथा उत्तराखंड को प्रतिकूल भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद भी कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया.