प्रारंभिक परीक्षा 2014 (रणनीति - 3)
प्रारंभिक परीक्षा 2014 (रणनीति - 3)
वर्ष 2011 मे सिविल सेवा (प्रारम्भिक) परीक्षा के पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया । बदले हुए पाठ्यक्रम में वैकल्पिक विषयों को हटाकर CSAT को द्वितीय प्रश्न पत्र के रूप में लाया गया । वर्ष 2011 से अब तक कुल तीन बार यह परीक्षा हो चुकी है । वर्ष 2013 के इस परीक्षा के प्रश्न पत्र का विश्लेषण करने के बाद जिस भाग से सबसे ज्यादा प्रश्न किए ये उनमें परिच्छेद, विश्लेषणात्मक तार्किक क्षमता, डाटा विश्लेषण, निर्णयन क्षपता अंगे्रजी भाषा परिच्छेद हैं ।
परिच्छेद या बोधगम्यता से वर्ष 2013 में कुल 25 प्रश्न पुछे गये । इस प्रश्न पत्र में कुल 80 प्रश्न को देखते हुए 25 प्रश्न की संख्या एक चैथाई से भी ज्यादा है । अभ्यर्थी को इस भाग में ज्यादा दक्षता प्राप्त करनी चाहिए। ऐसे प्रश्नों को हल करने के लिए अध्ययन और अभ्यास की काफी आवश्यकता है । सामान्य तौर पर जो गद्यांश पुछे जाते है वे सभी क्षेत्र से होते है । इनमें आर्थिक समीक्षा, समाचार पत्र के संपादकीय आदि से उठाए गये होते है । इसके लिए अभ्यथी को समाचार पत्र के संपादकीय का निरंतर अध्ययन करनी चाहिए । साथ ही विश्लेषणात्मक क्षमता को बढ़ाने के लिए अच्छे लेखको की किताबे पढ़नी चाहिए ताकि गद्यांश के अर्थ को समझने में मदद मिल सके । इस रणनीति से गद्यांश के प्रश्नों के उत्तर दिये जा सकते है ।
विश्लेषणात्मक तार्किक क्षमता से 2013 में 80 प्रश्नों में कुल 18 प्रश्न पुछे गऐ । अभ्यर्थी अगर इस भाग में भी दक्षता प्राप्त कर ले तो सफल होने की संभावना बढ़ जायेगी । इसे लिए निरंतर अभ्यास की आवश्यकता होगी । उच्चस्तरीय किताब की सहायता लेना लाभप्रद हो । कालिंजर पब्लिकेशन की मानसिक योग्यता की किताबों से अभ्यास करना परीक्षा के दृष्टिकोण से सहायक होगा ।
अंग्रेजी गद्यांश से 2013 में 8 प्रश्न पुछे गये । परीक्षा में इसको शामिल करने के पीछे हिन्दी माध्यम के छात्रों को अंग्रेजी की सामान्य समझ की समीक्षा करना है । छात्रों को इस भाग से घबराना नहीं चाहिए बल्कि इसके लिए NCERT की Class 10th की ग्रामर की किताबें, अंग्रेजी अखबार और अंग्रेजी के कहानियों की किताबें का अध्ययन करनी चाहिए ।
डाटा विश्लेषण से जहाँ 8 प्रश्न पुछे गये वही निर्णयन क्षमता से 6 प्रश्न पुछे गये । डाटा विश्लेषण के प्रश्नों को हल करने के लिए अभ्यास की आवश्यकता है । इसके लिए वार्षिक बजट, आर्थिक समीक्षा का अध्ययन लाभदायक होगा । निर्णयन के लिए सामान्यत: तीन चरण होते है- प्रथम चरण में समस्या का निर्धारण किया जाता है, दूसरे चरण में समस्या के समाधान के लिए विकल्पों का विकास किया जाता और तीसरे चरण में सबसे अच्छे विकल्प को निर्णयण के रूप में चुन लेते है । इस रणनीति के द्वारा परीक्षा मे भी बेहतर प्रदर्शन किया जा सकता है ।
अभ्यर्थी यदि सामान्य अध्ययन के द्वितीय प्रश्न पत्र में बोधगम्यता, मानसिक योग्यता, डाटा विश्लेषण, अंग्रेजी बोधगम्यता, निर्णय क्षमता आदि टाॅपिक में लगातार अभ्यास करे तो उसे कुल 80 प्रश्नों में से लगभग 60 प्रश्नों में अच्छा प्रदर्शन कर सकता है और प्रारम्भिक परीक्षा में सफलता को प्राप्त कर सकता है ।