UPSC आईएएस प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी


आईएएस प्रारंभिक परीक्षा 2014 की तैयारी


संघ लोक सेवा आयोग द्वारा विभिन्न पदो के लिए आयोजित होने वाली सिविल सेवा (प्रारंभिक परीक्षा ) इस वर्ष 24 अगस्त, 2014 को होनी है । परीक्षा की विस्तृत घोषणा 17 मई को होगी । परीक्षा के लिए अब ज्यादा समय शेष नहीं है इसलिए गम्भीर अभ्यर्थी को अभी से प्रभावी अध्ययन शुरू कर देनी चाहिए। ताकि प्रथम बाधा (प्रारंभिक परीक्षा ) में सफलता अर्जित कर सके ।

सामान्य अध्ययन प्रथम प्रश्न पत्र (GS) का रोल

सबसे पहले अभ्यर्थी को यह ध्यान देना चाहिए कि सामान्य अध्ययन प्रथम प्रश्न पत्र में अब प्रश्नो कि संख्या घट कर 100 हो गयी है । जिसके लिए 200 अंक निर्धारित है। विगत तीन वर्ष से इस प्रश्न पत्र में सामान्य विज्ञान ,अर्थव्यवस्था ,पर्यावरण ,भूगोल ,राजनीतिक व्यवस्था आदि टॉपिक से ज्यादा प्रश्न पूछे जा रहे है । अभ्यर्थी को इन टॉपिक के अध्ययन के विश्वसनीय स्रोत का सहारा लेनी चाहिए । चूँकि अब परीक्षा में कम समय बचा है इसलिए बाज़ार में उपलब्ध ढेरो अध्ययन सामग्री से बचने की आवश्यकता है । अभ्यर्थी को सामान्य विज्ञान के लिए 6ठी से 10वी तक की NCERT, अर्थव्यवस्था के लिए 11वी और 12 वी की NCERT के साथ आर्थिक समीक्षा , पर्यावरण के लिए इग्नू के नोट्स,भूगोल के लिए NCERT के साथ महेश कुमार बर्णवाल की किताब ,भारतीय राजनीतिक व्यवस्था के लिए सुभाष कश्यप और एम लक्ष्मीकांत की किताबो का अध्ययन लाभदायक होगा। साथ ही अभ्यर्थी को पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रो को हल करना चाहिए ।

इस वर्ष पहली बार परीक्षा दे छात्रो को सलाह दी जाती है कि वो तथ्यो को रटने के बजाय विषयवस्तु को समझने का प्रयास करे , क्योंकि यह परीक्षा आपके अवधारणात्मक ज्ञान कि परीक्षा है । साथ ही राष्ट्रीय अख़बार के सम्पादकीय पृष्ट का अध्ययन जरुर करना चाहिए । समसामयिक घटनाओ को समझने और उससे जुड़े प्रश्नो के उत्तर देने में मदद मिलती है ।

छात्रों को सबसे ज्यादा सावधानी परीक्षा में प्रश्नों के उत्तर देते हुए करना चाहिए क्योकि गलत उत्तर देने पर नकारात्मक अंक का प्रावधान है । यानि एक गलत उत्तर देने पर 0.33 अंक की कटौती । इस परीक्षा में जहाँ एक-एक अंक का महत्व है ऐसे में छोटी सी भूल भी आपकों इस मैराथन रूपी परीक्षा से बाहर कर सकती है ।

सामान्य अध्ययन दूसरे प्रश्न पत्र (सी-सैट) का रोल

वर्ष 2011 मे सिविल सेवा (प्रारम्भिक) परीक्षा के पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया । बदले हुए पाठ्यक्रम में वैकल्पिक विषयों को हटाकर CSAT को द्वितीय प्रश्न पत्र के रूप में लाया गया । वर्ष 2011 से अब तक कुल तीन बार यह परीक्षा हो चुकी है । पिछले परीक्षा के प्रश्न पत्र का विश्लेषण करने के बाद जिस भाग से सबसे ज्यादा प्रश्न किए ये उनमें परिच्छेद, विश्लेषणात्मक तार्किक क्षमता, डाटा विश्लेषण, निर्णयन क्षमता, अंग्रेजी भाषा परिच्छेद हैं ।

परिच्छेद या बोधगम्यता से लगभग 25 प्रश्न पुछे जाते हैं । इस प्रश्न पत्र में कुल 80 प्रश्न को देखते हुए 25 प्रश्न की संख्या एक चैथाई से भी ज्यादा है । अभ्यर्थी को इस भाग में ज्यादा दक्षता प्राप्त करनी चाहिए। ऐसे प्रश्नों को हल करने के लिए अध्ययन और अभ्यास की काफी आवश्यकता है । सामान्य तौर पर जो गद्यांश पुछे जाते है वे सभी क्षेत्र से होते है । इनमें आर्थिक समीक्षा, समाचार पत्र के संपादकीय आदि से उठाए गये होते है । इसके लिए अभ्यथी को समाचार पत्र के संपादकीय का निरंतर अध्ययन करनी चाहिए । साथ ही विश्लेषणात्मक क्षमता को बढ़ाने के लिए अच्छे लेखको की किताबे पढ़नी चाहिए ताकि गद्यांश के अर्थ को समझने में मदद मिल सके । इस रणनीति से गद्यांश के प्रश्नों के उत्तर दिये जा सकते है ।

विश्लेषणात्मक तार्किक क्षमता से 18 प्रश्न पुछे गऐ । अभ्यर्थी अगर इस भाग में भी दक्षता प्राप्त कर ले तो सफल होने की संभावना बढ़ जायेगी । इसे लिए निरंतर अभ्यास की आवश्यकता होगी । उच्चस्तरीय किताब की सहायता लेना लाभप्रद हो । मानसिक योग्यता की किताबों से अभ्यास करना परीक्षा के दृष्टिकोण से सहायक होगा ।

अंग्रेजी गद्यांश से 2013 में 8 प्रश्न पुछे गये । परीक्षा में इसको शामिल करने के पीछे हिन्दी माध्यम के छात्रों को अंग्रेजी की सामान्य समझ की समीक्षा करना है । छात्रों को इस भाग से घबराना नहीं चाहिए बल्कि इसके लिए NCERT की Class 10th की व्याकरण की किताबें, अंग्रेजी अखबार (the hindu) और अंग्रेजी के कहानियों की किताबें (जैसे- My Experiments with truth by Mhatma Gandhi आदि ) का अध्ययन करनी चाहिए ।

डाटा विश्लेषण से जहाँ 8 प्रश्न पुछे गये वही निर्णयन क्षमता से 6 प्रश्न पुछे गये । डाटा विश्लेषण के प्रश्नों को हल करने के लिए अभ्यास की आवश्यकता है । इसके लिए वार्षिक बजट, आर्थिक समीक्षा का अध्ययन लाभदायक होगा । निर्णयन के लिए सामान्यत: तीन चरण होते है- प्रथम चरण में समस्या का निर्धारण किया जाता है, दूसरे चरण में समस्या के समाधान के लिए विकल्पों का विकास किया जाता और तीसरे चरण में सबसे अच्छे विकल्प को निर्णयण के रूप में चुन लेते है । इस रणनीति के द्वारा परीक्षा मे भी बेहतर प्रदर्शन किया जा सकता है ।

अभ्यर्थी यदि सामान्य अध्ययन के द्वितीय प्रश्न पत्र में बोधगम्यता, मानसिक योग्यता, डाटा विश्लेषण, अंग्रेजी बोधगम्यता, निर्णय क्षमता आदि टापिक में लगातार अभ्यास करे तो उसे कुल 80 प्रश्नों में से लगभग 60 प्रश्नों में अच्छा प्रदर्शन कर सकता है और प्रारम्भिक परीक्षा में सफलता को प्राप्त कर सकता है |

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UPSCPORTAL कि ओर से सभी अभ्यर्थियो को परीक्षा के लिए शुभकामनाओं सहित !

यूपीएससी पोर्टल हिन्दी टीम 

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