(Download) संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा नृविज्ञान Paper-1- 2010
संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा (Download) UPSC IAS Mains Exam 2010 नृविज्ञान (Paper-1)
खण्ड ‘A’
1. निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिए, जो प्रत्येक लगभग 150 शब्दों में होनी चाहिए :
(क) सांस्कृतिक सापेक्षवाद और पश्चात्वर्ती मानव अधिकारों का अतिक्रमण
(ख) प्रागितिहास में कालानुक्रम का महत्त्व
(ग) अर्बुद जीन (ओंकोजीन)
(घ) खंडीय वंश-परंपरा और प्रादेशिकता
2. (क) किस अवस्था को खाद्य उत्पादन की प्रारंभिक अवस्था के तौर पर जाना जाता है? इस सांस्कृतिक अवस्था के प्रमुख अभिलक्षणों की ओर इंगित कीजिए। पुरानी दुनिया में किसी एक विशिष्ट क्षेत्र से उपयुक्त उदाहरणों के साथ अपने उत्तर को समझाइए।
(ख) सामाजिक-सांस्कृतिक नृविज्ञान में क्लासिकी विकासवाद और नव-विकासवाद की संकल्पनाओं के बीच भिन्नताएँ दर्शाइए। प्रागैतिहासिक संस्कृति की किस अवस्था को सांस्कृतिक क्रांति की संज्ञा दी जाती है और क्यों?
3. (क) संतुलित आनुवंशिक बहुरूपता क्या होती है? किसी समष्टि में उसको किस प्रकार बनाए रखा जाता है?
(ख) होमिनिड विकास के दौरान कौन-से प्रमुख कपालानन परिवर्तन हुए थे? चर्चा कीजिए।
4. (क) मानव समाजों में उच्चरित भाषाओं की, जैविक एवं सांस्कृतिक दोनों ही दृष्टिकोणों से, उत्पत्ति से सम्बद्ध थियोरियों का कथन कीजिए।
(ख) 'जननक्षमता' और 'उर्वरता' शब्दों के बीच विभेदन कीजिए। क्या उन पर प्रभाव डालने वाले कारक विभेद्य हैं? चर्चा कीजिए।
खण्ड 'B'
5. निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिए, जो प्रत्येक लगभग 150 शब्दों में हों :
(क) होमो इरेक्टस की संस्कृति
(ख) रोग की सामाजिक संकल्पना
(ग) समकालीन समय में जीर्णता और सामाजिक अर्थशास्त्र
(घ) व्यक्तिक शिनाख्त के क्षेत्र में न्यायालयिक नृविज्ञान की भूमिका
6. (क) विभिन्न समाजों के निवास स्थान में विचरण उत्पन्न करने के लिए कौन-से कारक उत्तरदायी होते हैं? समझाइए कि बन्धुता किस प्रकार मनुष्य के सामाजिक जीवन पर प्रभाव डालती है।
(ख) मानव विकास की संश्लेषात्मक थियोरी का समालोचना पूर्वक परीक्षण कीजिए।
7. (क) आप निम्नलिखित पारिभाषिक शब्दों से क्या समझते हैं?
(i) क्रमबद्ध प्रतिचयन
(ii) स्तरित प्रतिचयन
(iii) बहुचरणी प्रतिचयन किस प्रकार के नृवैज्ञानिक अनुसंधानों के लिए आप उनमें से प्रत्येक का इस्तेमाल करेंगे और क्यों?
(ख) गुणसूत्री लोपनों और संख्यात्मक उच्चावचनों से मनुष्य में गम्भीर अप्रसामान्यताएँ पैदा हो सकती हैं। उपयुक्त उदाहरणों की सहायता से इस पर चर्चा कीजिए।
8. (क) नेआंडरथलों को पूर्व-आधुनिक मानव क्यों कहा जाता है? उत्तर पुरापाषाण अवधि आधुनिक मनुष्य के साथ उनके सह-अस्तित्व का साक्ष्य प्रदान करती है। चर्चा कीजिए।
(ख) क्या प्रजाति एक मान्य संकल्पना है? भारत के संदर्भ में प्रजातीय वर्गीकरण की प्रासंगिकता का समालोचनापूर्वक आकलन कीजिए।
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