(Download) संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा भूविज्ञान Paper-2 - 2011
संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा (Download) UPSC IAS Mains Exam 2011 भूविज्ञान (Paper-2)
खण्ड ‘A’
1. निम्नलिखित का वर्णन उचित चित्रों के साथ कीजिए :
(क) फेल्डस्पार के लिए प्रयुक्त होने वाले यमल नियम के प्रकार तथा एल्बाइट : एनॉर्थाइट अनुपात का निर्धारण
(ख) बाउन की अभिक्रिया माला के सन्दर्भ में बेसाल्टिक मैग्मा का क्रिस्टलीकरण एवं विभेदन
(ग) मेटाबेसाइट कणिकाश्म संलक्षणी कायान्तरण के लिए खनिज संयोजन (ए० सी० एफ० तथा ए० के० एफ० चित्रों का उपयोग करते हुए)
(घ) अल्कालाइन चट्टानों का वर्गीकरण एवं दक्कन ज्वालामुखी की आयु तथा अवधि
(ङ) अवसादीय संरचनाओं के प्रकार एवं उनका महत्त्व
(च) अवसादीय पर्यावरण के अधिनिरूपण में सीरियम एवं यूरोपियम असंगतियों तथा लैन्थेनम/यटरबियम अनुपात का महत्त्व
2. स्वच्छ एवं चिह्नित चित्रों के साथ निम्नलिखित पर लिखिए :
(क) खनिज अध्ययन के लिए ब्रैग का समीकरण एवं एक्स-किरण विवर्तन की विधि
(ख) सममिति के तत्त्व एवं क्रिस्टल संरचनात्मक संकेतन
(ग) एक-अक्षीय एवं द्वि-अक्षीय खनिजों के प्रकाशीय संकेतक चिह्न तथा ये कैसे प्रकाशीय धनात्मक एवं ऋणात्मक क्रिस्टलों के निर्धारण में सहायता करते हैं
3. (क) ज्वालामुखीय चट्टानों में पायी जाने वाली विभिन्न तरह की बुनावटों की चर्चा कीजिए। उनके शैलकोत्पत्तिक महत्त्व पर टिप्पणी कीजिए।
(ख) मैग्मा कैसे और कहाँ उत्पादित होता है? पृथ्वी की पट्टिका विवर्तनिकी एवं विभिन्न मैग्मा उत्पादन की जगहों को स्वच्छ चिह्नित चित्रों से दर्शाइए।
(ग) मिग्मेटाइट से आप क्या समझते हैं? ग्रेनाइटीभवन के सिद्धान्तों की चर्चा कीजिए।
4. (क) कायान्तरित शैलिकी के उदाहरण के साथ भू-तापकी एवं भू-भारकी की परिभाषा दीजिए।
(ख) उच्च दाब पर ग्लाउकोफेन तथा उच्च ताप पर हॉर्नब्लेंड के परिरोध के लिए बेसिक चट्टानों के कायान्तरण को समझाइए।
(ग) ग्रीनशिष्ट संलक्षणी मेटापिलाइट में गारनेट के दिखाई देने को 'स्पष्ट कीजिए।
(घ) पीलिटिक चट्टानों के एम्फिबोलाइट संलक्षणी' कायान्तरण में होने वाली खनिज प्रक्रिया को लिखिए।
खण्ड-"ख"
5. निम्नलिखित पर टिप्पणियाँ लिखिए :
(क) धातुजननिक युग एवं क्षेत्र (ख) ताँबा-सीसा-जस्ता के गंधकीय (सल्फाइड) अयस्कों के फेनकीय उत्प्लावन में pH की भूमिका
(ग) भारतवर्ष में यूरेनियम की खनिजिकी एवं खनिजीभवन की उत्पत्ति
(घ) उल्काओं का वर्गीकरण और समसन्तुलित कोन्ड्राइट एवं एकोन्ड्राइट की परिभाषा
(ङ) गंधकीय खनिजों के जीव-भूरासायनिक एवं भूपादपकीय पूर्वेक्षण
(च) पूर्वेक्षण की स्व-विभव एवं प्रेरित विभव की विधियाँ
6. (क) पेट्रोलियम के स्रोत, उत्पत्ति एवं प्रवसन के बारे में वर्णन कीजिए। विभिन्न प्रकार के तैलीय विपाश पर टिप्पणी कीजिए।
(ख) वर्तमान में सागर में बनने वाली मैंगनीज गाँठों की खनिजिकी, सूक्ष्म-संरचना और बनने में शामिल उत्पत्तिक प्रक्रियाओं का वर्णन कीजिए।
(ग) बुशवेल्ड आग्नेय जटिल तथा सुकिन्दा क्रोमाइट निक्षेप में क्रोमाइट और पी० जी० ई० खनिजीभवन की उपस्थित अवस्था और प्रकृति का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
(घ) नमूने लेने की तकनीकों एवं खनिज-निचय आकलन की विधियों का वर्णन कीजिए।
7. (क) अयस्क बनने की प्रक्रियाएँ क्या हैं? भारतीय उदाहरणों के सन्दर्भ में हाइड्रोथर्मल और सुपरजीन सल्फाइड एत्रिचमेंट प्रक्रियाओं का विस्तार से वर्णन कीजिए।
(ख) राष्ट्रीय खनिज नीति के बारे में वर्णन कीजिए।
(ग) खनिज निचयों के संरक्षण के बारे में वर्णन कीजिए।
(घ) अयस्क की बुनावटों एवं खनिज पराजनन के बारे में वर्णन कीजिए।
8. निम्नलिखित पर टिप्पणियाँ लिखिए :
(क) पृथ्वी का भू-रासायनिक विभेदन
(ख) शैलकोत्पत्तिक प्रक्रियाओं के विचार में हाई फील्ड स्ट्रेनग्थ तत्त्वों की भूमिका
(ग) समुद्र-तलछटीय खनिज निचयों और उनकी उत्खनन प्रक्रिया
(घ) रेडियोसक्रिय कूड़े का निपटारा
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