(Download) संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा समाजशास्त्र Paper-1 - 2016
संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा (Download) UPSC IAS Mains Exam 2016 समाजशास्त्र (Paper-1)
Exam Name: UPSC IAS Mains SOCIOLOGY (समाजशास्त्र) (Paper-1)
Marks: 250
Time Allowed: 3 Hours.
खण्ड 'A'
1. निम्नलिखित प्रश्नों में से प्रत्येक का संक्षिप्त उत्तर लगभग 150 शब्दों में लिखिए :
(a) “समाजशास्त्र मुख्यतः आधुनिक समाजों का अध्ययन है।" विवेचना कीजिए।
(b) 'मूल्य-मुक्त समाजशास्त्र' क्या है? स्पष्ट कीजिए।
(c) सामाजिक अनुसंधान में गुणात्मक विधि के महत्त्व का विश्लेषण कीजिए।
(d) उत्पादन की पद्धति (मोड ऑफ प्रोडक्शन) पर मार्क्स के विचारों का मूल्यांकन कीजिए।
(e) “ऊर्ध्वाधर गतिशीलता संवृत समाज तंत्र में भी संरचनात्मक परिवर्तन ले आती है।" टिप्पणी कीजिए।
2. (a) डेविस के सामाजिक स्तरीकरण के संरचनात्मक-प्रकार्यात्मक सिद्धान्त की आधारभूत मान्यताओं को स्पष्ट कीजिए। यह समकालीन भारतीय समाज को समझने में किस सीमा तक प्रासंगिक है?
(b) टालकॉट पारसंस द्वारा प्रतिपादित सामाजिक व्यवस्था की प्रकार्यात्मक पूर्वापेक्षाओं (प्रीरिक्विजिट्स) का वर्णन कीजिए। एक सामाजिक व्यवस्था के रूप में विश्वविद्यालय के संदर्भ में इसका परीक्षण कीजिए।
(c) क्या समाजशास्त्र सामान्य बुद्धि है? अपने तर्क के समर्थन में कारण बताइए।
3. (a) मर्टन के सिद्धान्त के प्रकाश में 'अधिकारियों की पदावधि की सुरक्षा के प्रकट और अप्रकट प्रकार्यों का विश्लेषण कीजिए।
(b) वैज्ञानिक विधि के आधारिक अभ्युपागमों (पॉस्ट्युलेट्स) का वर्णन कीजिए। समाजशास्त्रीय अनुसंधान में इनका किस सीमा तक अनुसरण किया जाता है?
(c) “परिकल्पना दो या दो से अधिक चरों (वेरिएबल्स) के मध्य सम्बन्ध का कथन है।" निर्धनता और निरक्षरता का उदाहरण देते हुए इसको सुस्पष्ट कीजिए।
4. (a) सामाजिक अनुसंधान में वस्तुनिष्ठता बनाए रखने के लिए मैक्स वेबर की विधि का परीक्षण कीजिए।
(b) "तथ्यों को एकत्र करने के लिए सहभागी अभिमत सर्वाधिक प्रभावी उपकरण होता है।" टिप्पणी कीजिए।
(c) निर्धनता एवं सामाजिक अपवर्जन के बीच सम्बन्ध की विवेचना कीजिए।
खण्ड "B"
5. निम्नलिखित प्रश्नों में से प्रत्येक का संक्षिप्त उत्तर लगभग 150 शब्दों में लिखिए :
(a) औद्योगिक समाज में कार्य के सामाजिक संगठन के स्वरूप का वर्णन कीजिए।
(b) लोकतंत्र में 'शक्ति श्रेष्ठजन' (पावर एलीट) के महत्त्व की विवेचना कीजिए।
(c) क्या धर्म कट्टरवाद को बढ़ावा देने में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है? अपने उत्तर के लिए कारण बताइए।
(d) पितृतंत्र (पैट्रीआर्की) किस सीमा तक महिलाओं की समस्याओं का कारण है? विवेचना कीजिए।
(e) “सामाजिक संघर्ष सामाजिक परिवर्तन का कारण और परिणाम दोनों है।" स्पष्ट कीजिए।
6. (a) “वैश्वीकरण ने श्रम को कार्य के अनौपचारिक संगठन में ढकेल दिया है।" उपयुक्त उदाहरण देकर अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए।
(b) “सामाजिक परिवर्तन विकास के द्वारा लाया जा सकता है।" भारत की समकालीन स्थिति के उदाहरण से इसे समझाइए।
(c) भारत में दलितों की प्रस्थिति को परिवर्तित करने में विरोध आन्दोलनों की भूमिका का परीक्षण कीजिए।
7. (a) "धार्मिक बहुलवाद आज के समाजों की प्रचलित व्यवस्था है।" उपयुक्त उदाहरण देकर व्याख्या कीजिए।
(b) आधुनिक समाज में सामाजिक परिवर्तन के अनुक्रिया-स्वरूप परिवार में समकालीन प्रवृत्तियों की विवेचना कीजिए।
(c) क्रान्ति किस सीमा तक समाज की विद्यमान व्यवस्था को प्रतिस्थापित कर देती है? विवेचना कीजिए।
8.(a) “समकालीन समाज में शिक्षा सामाजिक गतिशीलता का एक प्रमुख साधन है।" व्याख्या कीजिए।
(b) दुर्थीम की धर्म की थियोरी मैक्स वेबर की धर्म की थियोरी से किस प्रकार भिन्न है?
(c) समाजशास्त्रीय संकल्पनाओं के रूप में परिवार और गृहस्थी (हाउसहोल्ड) के बीच विभेदन कीजिए।
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