(Download) संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा पशुपालन एवं पशुचिकित्सा विज्ञान Paper-2 - 2018
संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा (Download) UPSC IAS Mains Exam 2018 पशुपालन एवं पशुचिकित्सा विज्ञान (Paper-2)
खण्ड ‘A’
1. निम्नलिखित प्रत्येक का लगभग 150 शब्दों में विवेचना कीजिए :
(a) शरीरविज्ञान और क्रियाशरीर विज्ञान को ध्यान में रखते हुए तंत्रिकोशिकाओं का वर्गीकरण कीजिये ।
(b) शुक्राणुजनन और डिंबाणुजनन की तुलना कीजिए।
(c) कुक्कुटो में विटामिन बी समूह त्रुटि रोगों के नैदानिक लक्षण ।
(d) जीवाणुज पशुजन्य (जूनोटिक) रोगों के कारणों और उस में शामिल मुख्य रोमंथी (रुमिनैन्ट) पशु ।
(e) संपूर्ण दुग्ध चूरा और मलाई रहित दुग्ध चूरा के लिए कानूनी मानक ।
2.(a) बूचड़खाना उपोत्पादों के प्रकारों का संपूर्णवादि वर्णन और सामाजिक एवं आर्थिक तात्पर्यों को ध्यान में रखकर उनके संभावित उपयोगों का वर्णन कीजिये।
(b) विभिन्न प्रकारके रोमंथीय रोंगों के नैदानिक लक्षणों, निदान और उपचार का विस्तारसे वर्णन कीजिये।
(c) कुक्कुटमें वायुकोशों एवं उनके महत्व का वर्णन कीजिये ।
3.(a) सांड़ के वृषण की औतिकी का विस्तारसे वर्णन कीजिये ।
(b) बूचड़खाने में मृत्युपूर्व निरीक्षण कार्यविधि का विस्तारसे वर्णन कीजिये ।
(c) गाय में सीजेरीयन शल्यचिकित्सा के लिए संज्ञाहरण और शल्यचिकित्सा कार्यविधि का वर्णन कीजिये।
4.(a) कुत्तों में रेबीज़ रोग का कारणविज्ञान, विकृन्तिजनन, नैदानिक लक्षणों, निदान और नियंत्रण का विस्तारसे वर्णन कीजिये ।
4.(b) गोपशुओं में शल्यचिकित्सा – शरीर विज्ञान को ध्यान में रखते हुए सिर क्षेत्र तंत्रिका संरोध की विवेचना कीजिये।
4.(c) परिरक्षित मांस में घटित भौतिक परिवर्तनों का संक्षिप्त में वर्णन कीजिये ।
खण्ड 'B'
5. निम्नलिखित प्रत्येक का लगभग 150 शब्दों में विवेचना कीजिये :
(a) गोपशुओं में कपाल तंत्रिका का नैदानिक परीक्षण ।
(b) मुर्गी में रोगों के रोकथाम के लिए प्रतिरक्षण समय सारणी ।
(c) गोपशुओं में रक्तस्रावी पूतजीव-रक्तिता (हेमोरेजिक सेप्टीसीमिया) रोग की रोकथाम और नियंत्रण चरण |
(d) पशुचिकित्सा कानूनी समस्या में मरणोत्तर परीक्षण संबंधित नियम ।
(e) बूचड़खाने के मांस में संदूषणके स्रोत ।
6.(a) दग्ध और दुग्ध उत्पादों को पैक करने का उद्देश्य क्या है ? दुग्ध और दुग्ध उत्पादो में इस्तेमाल होनेवाले पैकेजिंग पदार्थ के विभिन्न प्रकारों एवं आकारों का वर्णन कीजिये।
6.(b) भैंसों में कीटोसिस रोग का कारणविज्ञान, नैदानिक लक्षणों, निदान और उपचार के बारे में विस्तार से लिखिए।
6.(c) पशुओं में हॉर्मोन साव के नियमन का वर्णन कीजिये।
7.(a) परजीवी का प्रतिरक्षा पर प्रभाव और प्रतिपरजीवी औषधि क्रियाविधि पर चर्चा कीजिये ।
(b) किण्वित दुग्ध की व्याख्या कीजिए और उसके फायदों की चर्चा कीजिये । संवर्धित छाछके उत्पादन में प्रयुक्त संपूर्ण निर्माण कार्यविधि का वर्णन कीजिये ।
(c) ग्राम्य स्तर पर पशुचिकित्सालय प्रतिष्ठान के लिये यांत्रिक उपकरण, इमारत और मानवशक्ति संबंधित आवश्यकताओं का विस्तार से वर्णन कीजिये ।
8.(a) गोपशुओं के तंत्रिका तंत्र रोगों के नैदानिक अभिव्यक्तियों की विस्तार से चर्चा कीजिये ।
(b) भैंसों में ग्रीष्मकाल के दौरान तापाघात एवं इसके नैदानिक लक्षणों तथा प्रबंधन का वर्णन कीजिये।
(c) कुकुट मारस के रासायनिक संपटन और पोषक तत्वों की संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत करें ।
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