(Download) संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा इतिहास Paper-1 - 2018
संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा (Download) UPSC IAS Mains Exam 2018 इतिहास (Paper-1)
खण्ड ‘A’
1. आपको दिए गए मानचित्र पर अंकित निम्नलिखित स्थानों की पहचान कीजिए एवं अपनी प्रश्न-सह-उत्तर पुस्तिका में उनमें से प्रत्येक पर लगभग 30 शब्दों की संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये | मानचित्र पर अंकित प्रत्येक स्थान के लिए स्थान-निर्धारण संकेत क्रमानुसार नीचे दिए गए हैं।
(i) महापाषाणीय भूनिवेश स्थल
(ii) ताम्रपाषाणीय स्थल
(iii) गुहाचित्र
(iv) पुरापाषाणकालीन स्थल
(v) राजनीतिक एवं सांस्कृतिक केन्द्र
(vi) पक्व मृत्तिका केन्द्र
(vii) हड़प्पाकालीन स्थल
(viii) वैष्णव सांस्कृतिक स्थल
(ix) चित्रित धूसर मृदभांड स्थल
(x) ताम्रपाषाणीय स्थल
(xi) आरम्भिक कृषि केन्द्र
(xii) आरम्भिक हड़प्पाकालीन स्थल
(xiii) एक प्राचीन मन्दिर
(xiv) राजनीतिक एवं सांस्कृतिक केन्द्र
(xv) एक प्राचीन समुद्री बन्दरगाह
(xvi) बौद्ध केन्द्र
(xvii) अभिलेखन स्थल
(xviii) एक प्राचीन राजधानी
(xix) एक जैन केन्द्र
(xx) एक प्राचीन राजधानी
2.(a) आरम्भिक भारतीय ऐतिहासिक परम्परा, जैसी कि वह इतिहास-पुराण से प्रतिविम्बित है, किस प्रकार प्रकट हुई थी? इस शैली के विशिष्ट अभिलक्षण क्या हैं?
2.(b) "पुरातत्वीय साक्ष्य हड़प्पा सभ्यता के पतन के सम्भावित सामाजिक और राजनीतिक आयामों का प्रत्यक्ष पता तो नहीं देते हैं। वे यह तो बहुत स्पष्ट रूप से इंगित करते हैं कि हड़प्पा संस्कृति वि-नगरीकरण के क्रमिक प्रक्रम में से गुजरी थी।" टीका कीजिए।
2.(c) गण-संधों (गैर-राजतंत्रीय राज्य प्रणालियां) का विवरण प्रस्तुत कीजिए । उनका पतन किस कारण हुआ था?
3.(a) क्या आप इस लोक-प्रचलित मत से सहमत है कि मोर्यों ने यदि एकाश्मक राज्य तंत्र नहीं, तो भी एकात्मक और अत्यधिक केन्द्रित राज्य प्रणाली की स्थापना की थी?
3.(b) श्रमानिक धर्मों की संकल्पना के मूल, बौद्ध-धर्म के विशेष संदर्भ में, उपनिषदीय विचारों में थे। विवेचना कीजिए।
3.(c) "निसंदेह यह एक स्वतंत्र राज्य नहीं था; येन-केन प्रकारेण यह एक राज्य था" (के ए एन शास्त्री) चोला देश में स्थानीय स्वशासन संस्थाओं की प्रकृति पर विचार व्यक्त कीजिए।
4.(a) उत्तर मौर्य काल में प्रदेश-पारीय और महाद्वीप-पारीय व्यापार का भारत के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा था ?
4.(b) "उत्पन्ना द्रविड़े भक्तिः कणटि वृद्धिमागता। स्थिता किंचित् महाराष्ट्र गुर्जर जीर्णतां गता ॥"
– पद्मपुराण
'द्राविड़ देश' में भक्ति के आविर्भाव का विवरण दीजिए।
4.(c) गुप्ता-वाकाटका काल के दौरान में कला और वास्तुकला संबंधी प्रयोगों पर चर्चा कीजिए ।
SECTION ‘B'
5. निम्नलिखित में से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए :
5.(a) "टारेन और चंदावर की लड़ाइयों ने भारत में तुर्की शासन की नींव रखी थी" । विस्तारपूर्वक स्पष्ट कीजिए।
5.(b) महिला दासों के विशेष उल्लेख के साथ, इब्न बतूता द्वारा दास-प्रथा पर दिए गए साक्ष्य की विवेचना कीजिए।
5.(c) दिल्ली सुल्तानों के अधीन वस्त्र प्रौद्योगिकी में हुई उन्नति की विवेचना कीजिए ।
5.(d) "अकबर ईश्वर में अपने दृढ़ विश्वास को बलपूर्वक कहना चाहता था, परंतु ईश्वर की पूजा किस ढंग से की जाय इस संबंध में उसकी संकल्पना कट्टर इस्लाम या कट्टर हिन्दुत्व से स्वतंत्र थी।" टिप्पणी कीजिए।
5.(e) मुग़ल भारत में, हिन्दी में लिखे गए साहित्य का विवेचन कीजिए ।
6.(a) आरम्भिक मध्य कालीन अवधि के दौरान जाति की और स्त्री-पुरुष संबंधों की बदलती हुई प्रकृति का समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए ।
6.(b) "मुग़ल भारत में कृषि का एक महत्वपूर्ण अभिलक्षण किसानों द्वारा बड़ी संख्या में फसलें उगाना था" | उदाहरण देते हुए, स्पष्ट कीजिए।
6.(c) "मुहम्मद तुगलक द्वारा विषमांग अमीरवर्ग के निर्माण की नीति ने दिल्ली सल्तनत के विखण्डन का प्रक्रम प्रारम्भ कर दिया था" | व्याख्या कीजिए ।
7.(a) क्या आप सहमत हैं कि प्रायद्वीपीय भारत में राजनीतिक शून्य और इस्लामियत संस्कृति और राज्य व्यवस्था का प्रभाव विजयनगर राज्य की संवृद्धि का एक बड़ा कारण था ?
7.(b) भारत में, मकबरों के निर्माण में आनुक्रमिक सुल्तानों द्वारा जोड़े गए वास्तुकलात्मक अभिलक्षणों का वर्णन कीजिए।
7.(c) सामान्य रूप से भारत में और विशेषकर दक्कन में, इस्लाम के फैलाव में, सूफी लोक साहित्य की क्या भूमिका थी ?
8.(a) मुगल शासकों के अधीन जमींदारी व्यवस्था की कार्य-प्रणाली का विवेचन कीजिए । साथ ही मुग़ल भारत की कृषिभूमि संबंधी अर्थ-व्यवस्था में जमींदारों द्वारा निबाही गयी भूमिका का भी वर्णन कीजिए।
8.(b) "शाहजहाँ के अधीन भवन निर्माण कला को पराकाष्ठा की उच्चतम अवस्था तक ले जाया गया था । उसकी सर्वाधिक प्रख्यात इमारतों में से दो के वास्तुकलात्मक ब्यौरे देते हुए यह सुस्पष्ट कीजिए।
8.(c) "18 वीं शताब्दी में, अफग़ान आक्रमणों ने मुगल साम्राज्य की सैनिक अप्रासंगिकता को ही केवल उजागर ही नहीं किया, बल्कि इसके पतन को भी द्रुत कर दिया था" | स्पष्ट कीजिए।
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