(Download) संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - दर्शनशास्त्र(प्रश्न-पत्र-1)

 

UPSC CIVIL SEVA AYOG


(Download) संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा
दर्शनशास्त्र (प्रश्न-पत्र-1)


खण्ड़ ‘A’

Q1. निम्नलिखित में से प्रत्येक का लगभग 150 शब्दों में संक्षिप्त उत्तर दीजिए: 10 x 5 = 50 marks

(a) क्या झूम के लिए इन दो सत्य–'कल सुर्योदय होगा' एवं '2+2=4' में समान अनिवार्यता है अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दीजिए। |
(b) लाइबनिज़ जब पूर्व-स्थापित सामञ्जस्य' की बात करता है, तब उसके दर्शन में स्वतन्त्रता के लिए कोई स्थान हैं क्या? विवेचन कीजिए।
(c) ‘भाषा एक खेल है' इसके अनुमोदन में 'कुल-साम्य' की संकल्पना विटगेंस्टाइनकी कैसे सहायता करती हैं? विवेचन कीजिए।
(d) सार्त्र अप्रामाणिकता का आत्मप्रवथना में कैसे सम्बन्ध स्थापित करता है? सार्त्र यह क्यों दशति हैं कि अप्रामाणिकता एवं आत्मप्रवचना विसम्बन्धन की ओर ले जाते हैं। विवेचन कीजिए।
(e) स्ट्रॉसन अपने दर्शन में व्यक्ति (पर्सन) की संकल्पना की व्याख्या किस प्रकार करता है? विवेचन कीजिए।

 

Q2. (a) डेकार्टूस, स्पिनोज़ा और लाइबनिज़ की द्रव्य की परिभाषाओं एवं वर्गीकरणों में भिन्नता का क्या कारण हैं, इस तथ्य के बावजूद कि वे सभी तर्कबुद्धिवादी सम्प्रदाय से ताल्लुक रखते हैं? विवेचन कीजिए। 20 marks
(b) ' बोध प्रकृति का निर्माण करता हैं', कान्ट की इस अभ्यक्ति के महत्व की व्याख्या कीजिए। इस बात से आप कहाँ तक सहमत हैं कि हेगेल का निरपेक्षवाद, कान्ट के द्वैतवाद की पराकाष्ठा है? विवेचन कीजिए। अपने उत्तर के पक्ष में तक दीजिए। 15 marks
(c) क़ाइन कैसे दर्शाता है कि कान्ट द्वारा विवेचित प्रागनुभविक ज्ञान का अभिप्राय 'तत्त्वमीमांसीय आस्था का एक बिषय' है? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दीजिए। 15 marks

 

Q3. (a) बर्कलें यह कैसे स्थापित करता है कि केवल मन एवं इसके विचार ही बास्तविक हैं? मूर एवं, बर्कले के इस मत की कैसे प्रतिक्रिया करते हैं? मूर एवं रसेल की इस प्रतिक्रिया में क्या आपको कोई भिन्नता मिलती हैं? विवेचन कीजिए। 20 marks
(b) ताकि प्रत्यक्षायादी यह कैसे दशाते हैं कि तत्वमीमांसीय कथन निरर्थक है? क्या उनको अर्थ के सत्यापन की थियो सभी वैज्ञानिक अधनों की सार्थकता हेतु मान्य हो सकती हैं। विवेचन कीजिए। 15 marks
(c) दर्शन की अधिकतर निर्णायक समस्याओं के बोध के लिए एकमात्र मार्ग के रूप में निगेन्स्टाइन 'जो कहा जा सकता है और जिसे दिखाया जा सकता है' में कैसे भेद करता है? क्या वह औचित्यपूर्ण है? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दीजिए। 15 marks

 

Q4.(a) असम्बन्धन (इपोनें क्या हैं? हाइडेगर सांवृतिक (नामैनालॉजिकल) अपचयन को इस विधि को कैसे अस्वीकृत करता है। अनुभवातीत अहम् की संकल्पना के विरुद्ध हाडेगर की 'जगत् में होना' की संकल्पना की व्याझ्या कीजिए। 20 marks
(b) क्या प्लेटों के प्रत्यय एवं जगत् के बीच सम्बन्ध की व्याख्या तार्किक रूप से सुसंगत हैं? इसके सम्बन्ध में अरस्तू के विचारों की विवेचना कीजिए एवं अपने उत्तर के पक्ष में तर्क भी दीजिए। 15 marks
(c) रसेल की निश्चायक बर्णन को थियो, उसके तार्किक परमाणुबाद से कैसे सम्बन्धित हैविवेचन कीजिए और अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दीजिए। 15 marks

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खण्ड 'B'

5.(a) निम्नलिखित में से प्रत्येक का लगभग 150 शब्दों में संक्षिप्त उत्तर दीजिए : 10 x 5=50 marks

(a) वैशाषक दार्शनिक इन दो मामलों-/i/ टेबल का भुरा (ब्राउन) रंग और (ii) टेबल पर पुस्तक, के बीच सम्बन्ध की भिन्नता की व्याख्या कैसे करते हैं? विवेचन कीजिए।
(b) माध्यमिक बौद्ध, अपने 'शून्यता सिद्धान्त की स्थापना के लिए प्रतीत्यसमुत्पाद' सिद्धान्त का किस प्रकार अनुप्रयोग करते हैं? विवेचन कीजिए।
(c) अद्वैत वेदान्त दर्शन में 'ब्रह्म' की अवर्णनीयता (अनिर्वचनीयता) एवं 'माया' की अवर्णनीयता (अनिर्वचनीयता) में क्या भेद है। विवेचन कीजिए। \
(d) बौद्ध एवं न्याय दार्शनिक, टेबल पर जार की अनुपस्थिति है, हमारे इस ज्ञान की व्याख्या किस प्रकार करते हैं। विस्तृत उत्तर दीजिए।
(e) 'पुरुष' एक है या अनेक? इस सम्बन्ध में सांख्यसम्मत स्थिति की व्याख्या कीजिए एवं अपने उत्तर के समर्थन में तर्क दीजिए।

 

6.(a) नैयायिक इश्वर के अस्तित्व को कैसे सिद्ध करते हैं? क्या योग दार्शनिक ईश्वर को उसी प्रकार सिद्ध करते हैं? यदि हाँ, तो कैसे? और यदि नहीं, तो क्यों? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दीजिए। 20 marks
(b) बौद्ध के लिए नैरात्म्यवाद' एवं 'निर्वाण' दोन सिद्धान्तों को एक साथ स्वीकार करना क्या सुसंगत है? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दीजिए। 15 marks
(c) जैन दार्शनिक बन्धन की व्याख्या कैसे करते हैं उनके अनुसार मुक्तात्मा' एवं 'बाद्धात्मा' में क्या भिन्नता है? "मुक्तात्मा' की अवस्था के विषय में जैनियों का क्या विचार है? विवेचन कीजिए। 15 marks

 

7.(a) “विशिष्टाद्वैत', 'द्वैत', 'शुद्धाद्वैत' एवं 'अचिन्त्यभेदाभेद' दर्शनों में पाई जाने वाली 'मोक्ष' की संकल्पना का एक तुलनात्मक विचरण अन्तत कानाए। 20 marks
(b) अद्वैत वेदान्ती साय दर्शन के प्रकृतिपरिणामवाद' को कैसे प्रतिक्रिया करता है? इस सम्बन्ध में साय दर्शन अपनी स्थिति का किस प्रकार बचाव करते हैं? विवेचन कीजिए। 15 marks
(c) शङ्कर द्वारा प्रतिपादित 'माया' के सिद्धान्त का रामानुज कैसे इन करते हैं। रामानुज एवं शङ्कर दोनों को अपने-अपने सिद्धान्तों की स्थापना के लिए 'माया' की क्यों आवश्यकता है? विवेचन कीजिए। 15 marks

 

8.a) क्या स्वयप्रकाशवाद' की स्वीकृति अनिवार्यतः स्वतःप्रामाण्यवाद' की स्वीकृति उत्पन्न करती हैं। इस सन्दर्भ में नैयायिक, मीमांसकों एवं अद्वैत वेदान्तिर्यो के मर्तों का वर्णन कीजिए। 20 marks
(b) क्या चाक द्वारा अनुमान का खण्डन अन्य भारतीय दर्शन-सम्प्रदायों को स्वीकार हैं। यदि नहीं, तो क्यों क्या आपके विचार में अन्य सम्प्रदायों के विचार औचित्यपूर्ण हैं? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दीजिए। 15 marks
(c) अरविन्द के अनुसार विकास क्या है? उनके दर्शन में वर्णित त्रिविध रूपान्तरण के प्रक्रम और प्रज्ञानी प्राणी के स्वरूप का विवेचन कीजिए। 15 marks

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