(Download) संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - दर्शनशास्त्र(प्रश्न-पत्र-2)

 

UPSC CIVIL SEVA AYOG


(Download) संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा
दर्शनशास्त्र (प्रश्न-पत्र-2)


खण्ड़ ‘A’

Q1. निम्नलिखित में से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए : 10x5=50marks

(a) उदारबादी लोकतंत्र से क्या अभिप्राय है ? क्या सामाजिक संसक्ति का वैयक्तिक अधिकारों की अपनी प्रबल अभिपुष्टि के साथ संतुलन बैठाने के लिए, इसको अपेक्षाकृत अधिक गहन सिद्धांतों की आवश्यकता है ? भारतीय सन्दर्भ से कारण प्रस्तुत कीजिए। 10 marks
(b) क्या आप इस मत का समर्थन करते हैं कि भारतीय सांस्कृतिक पहचान के लिए, बहुसंस्कृतिवाद के सिद्धांतों तथा प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा के प्रति आदरभाव का समाकलन करने की आवश्यकता है? अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए । 10 marks
(c) यह कहा जाता है कि भारत के सामाजिक व्यवहार पर जाति-आधारित समूहों की पारंपरिक पकड़, विकल्पी पहचानों का निर्माण करने के सभी प्रयासों के बावजूद, बनी रही है । मोहनदास करमचंद गाँधी के आलोक में चर्चा कीजिए । 10 marks
(d) दण्ड-नीति' के आलोक में, कौटिल्य की संप्रभुता की संकल्पना पर चर्चा कीजिए । 10 marks
(e) भारत के लोकतंत्र में भ्रष्टाचार के उन्मूलन के लिए आप क्या उपाय सुझाते हैं ? 10 marks

 

Q2.(a) स्वतंत्रता और समता को किस सीमा तक लोकतंत्र के विशिष्ट अभिलक्षणों के रूप में माना जा सकता है ? विवेचना कीजिए। 20 marks
(b) संप्रभुता पर लास्की के विचार का, राजनीतिक थियोरी में एक संतोषजनक स्थिति के रूप में, समालोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए । 15 marks
(c) क्या आप अराजकतावादियों की राजनीतिक विचारधारा का समर्थन करते हैं? अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए। 15 marks

 

Q3.(a) बहुसंस्कृतिवाद से आप क्या समझते हैं ? वैश्वीकरण और बहुसंस्कृतिवाद किस प्रकार एक-दूसरे से संबंधित हैं ? उनका संबंध किस प्रकार सांस्कृतिक परिवर्तनों को प्रभावित करता| 20 marks
(b) क्या माक्र्सवादी समाजवाद और वैयक्तिक स्वतंत्रता सुसंगत हैं ? समालोचनात्मक विवेचना कीजिए। 15 marks
(c) वर्तमान काल के सन्दर्भ में, मानवतावाद के किस रूप को, आप प्रासंगिक मानते हैं ? विस्तार से विवेचना कीजिए । 15 marks

 

Q4.(a) “मानव अधिकार और मानव गरिमा अब भविष्य में किसी एक विशेष संस्कृति की उपज नहीं होंगे, बल्कि वे एक आदर्श विश्व के लिए सामूहिक मानवीय अभिलाषा की उपज होंगे ।” चर्चा कीजिए । 20 marks
(b) स्त्री-भ्रूणहत्या के सन्दर्भ में, स्त्री-पुरुष भेदभाव का आप किस प्रकार मूल्यांकन करते हैं ? 15
(c) क्या नारी अधिकारवाद सशक्तिकरण के लिए या कि समता के लिए एक विचारधारा है ? विवेचना कीजिए| 15 marks

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खण्ड 'B'

Q5. निम्नलिखित में से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए। 10x5=50 marks

(a) किस अर्थ में, भाषा का धर्मनिरपेक्ष उपयोग भाषा के धार्मिक उपयोग से भिन्न है ? चर्चा कीजिए । 10 marks
(b) यह तर्क प्रस्तुत करना कि पुनर्जन्म की संकल्पना पर ईश्वर-विरोधी धार्मिक विचार दार्शनिक
रूप से महत्वपूर्ण हैं, किस सीमा तक युक्तिसंगत हैं ? 10 marks
(c) क्या आप ईश्वरविहीन धर्म को उचित सिद्ध कर सकते हैं ? अपने उत्तर के लिए समर्थन (आधार) प्रस्तुत कीजिए । 10 marks
(d) क्या कोई यह दावे के साथ कह सकता है कि 'धार्मिकता और अनैतिकता के बीच अन्त:संबंध है ? विवेचना कीजिए। 10 marks
(e) क्या हिन्दूधर्म बहुदेववादी हैं ? अपने उत्तर के लिए कारण दीजिए। 10 marks

 

Q6.(a) विभिन्न धर्मों के परस्पर-विरोधी सत्यता दावों के संबंध में अनन्यता, समावेशिता और बहुतत्त्ववाद के बीच विभेदन कीजिए। 20 marks
(b) “सत्य एक हैं, फिर भी लोग इसको अलग-अलग रूप में अनुभव करते हैं । आधुनिक भारतीय सन्दर्भ को ध्यान में रखते हुए इसका समालोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए। 15 marks
(c) क्या ईश्वर की संकल्पना के लिए ईश्वर का अस्तित्व आवश्यक है ? सत्तामूलक (प्रत्यय-सत्ता) युक्ति के संदर्भ से परीक्षण कीजिए।15 marks

 

Q7.(a) 'पवित्र' और 'पावन' शब्द धर्म के उद्देश्य के लिए जातिवाचक नाम के तौर पर इस्तेमाल किए जाने लगे हैं। क्या आप सहमत हैं कि धर्म के उद्देश्य (विषय-वस्तु) के रूप में, ईश्वर को स्वीकारा जा सकता है ? विवेचना कीजिए। 20 marks
(b) धार्मिक भाषा की ब्रेथवेट की असंज्ञानात्मक थियोरी का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए । 15 marks
(c) मोक्ष प्राप्ति के पथ के रूप में, भक्ति की संकल्पना का मूल्यांकन कीजिए। 15 marks

 

Q8.(a) सन्त थॉमस एक्चिनास के ईश्वरीय ज्ञान के पाँच मार्गों की भारतीय दर्शन के न्याय संप्रदाय के ईश्वर के अस्तित्व के तकों के साथ तुलना कीजिए। 20 marks
(b) जगत के सृष्टिकर्ता के रूप में, ईश्वर के अस्तित्व के विरुद्ध, बौद्धमत के तर्कों का समालोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए । 15 marks
(c) धार्मिक प्रतीकों के बैशिष्ट्य के विश्वातीत सन्दर्भ के रूप में महत्व को स्पष्ट कीजिए, जो सांस्कृतिक, आकाशीय व पार्थिव जगत में मध्यस्थता स्थापित करते हैं । 15 marks

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