(Download) संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा पशुपालन एवं पशुचिकित्सा विज्ञान Paper-2 - 2019

UPSC CIVIL SEVA AYOG

संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा (Download) UPSC IAS Mains Exam 2019 पशुपालन एवं पशुचिकित्सा विज्ञान (Paper-2)

खण्ड ‘A’

Q1. निम्नलिखित प्रत्येक की लगभग 150 शब्दों में विवेचना कीजिये : 

(a) लुंबोसैक्रल प्लेक्सस द्वारा उत्पादित तन्त्रिकाओं का वितरण व उद्देश्य ।

(b) अधिवृक्क ग्रंथि के ऊतकों का विवरण ।

(c) ग्रामीण स्वास्थ्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य पशुचिकित्सकों की भूमिका ।

(d) एक लाख लिटर प्रतिदिन बाजारी दूध उत्पादन क्षमता वाले डेरी संयंत्र में एच.ए.सी.सी.पी. व जी.एम.पी. का उपयोग ।

(e) बाजारी करण के लिये अण्डों की पौष्टिकता एवं अण्डों के छिलकों का परिरक्षण (प्रिज़रवेशन) । 

Q2. (a) जैव रूपांतरण को परिभाषित कीजिये एवं जानवर के शरीर में दवाओं के जैव रूपांतरण के मार्गों का वर्णन कीजिये।

(b) मवेशियों में ट्रिपैनोसोमियासिस के एटिओलोजी, रोग जनन, निदान व नियन्त्रण पर विस्तार से चर्चा करें।

(c) खाद्य-पशुओं की देखभाल एवं वध से पहले के अनुरक्षण (केयर) की चर्चा कीजिये । 

Q3. (a) जानवरों में रक्तक्षीणता (एनिमिया) के बारे में विस्तार से इसके वर्गीकरण, लक्षण, क्लिनिकल विकृति व निदान की चर्चा करें।

(b) निढाल/वृद्ध जानवरों व पक्षियों का मांस चीमड़ (टफ) होता है । ऐसे जानवरों के मांस को कैसे आर्थिक/किफायती (इकॉनॉमिकली) व लाभप्रद तरीके से उपयोग में लाया जा सकता है ?

(c) दूध को सुखाने की आवश्यकता क्यों है ? इसके फायदे और नुकसान सहित दूध के स्प्रे ड्राइंग के सिद्धान्त और प्रक्रिया पर चर्चा करें।

Q4. (a) बड़े रुमिनेंट्स की उत्पादकता पर वातावरण परिवर्तन के प्रभावों पर चर्चा करें ।

(b) पोस्ट पारट्युरिऐंट रिकमबेंसी क्या होती है ? इसकी एटिओलोजी, रोगजनन, नैदानिक निष्कर्षों और निदान के बारे में चर्चा करें । 

(c) घरेलू उपयोग के लिये मांस की गुणवत्ता में सुधार करने के लिये आप किन उपायों की सलाह देते हैं ?

खण्ड 'B'

Q5. निम्नलिखित प्रत्येक की लगभग 150 शब्दों में विवेचना कीजिये : 

(a) स्तनधारी भ्रूण में एक्टोडर्मल और एंडोडर्मल व्युत्पन्नों (डैरिवेटिव्स) पर चर्चा करें।

(b) एनफ्लूएंजा के लिये व्यापकता, नियंत्रण और निवारक उपायों पर विशिष्ट टिप्पणी के साथ उभरते हुये प्राणीरुजीय (जूनोटिक) रोगों पर अंतरराष्ट्रीय सरोकार (कन्सर्न)।

(c) एक प्रवाह चार्ट की सहायता से चेडार पनीर के प्रसंस्करण के बारे में लिखें ।

(d) जीवाणु (माइक्रोब) जो मांस को खराब करते हैं, उनके विकास को प्रभावित करने वाले कारक एवं जीवाणुओं के विकास को अवरुद्ध करने वाले नियंत्रक उपाय ।

(e) ऊन (वुल) का प्रसंस्करण और फाइबर के रूप में इसकी खासियत परिधान (वस्त्र) निर्माण के लिये ।

Q6.(a) मुर्गियों के विभिन्न जीवाणु (बैक्टीरियल) और विषाणु (वायरल) जनित रोगों के निदान के लिये क्षेत्र के पशुचिकित्सक द्वारा प्रयोगशाला में भेजी जानेवाली सामग्री क्या होनी चाहिए ?

(b) मांस व दूध से पैदा होने वाली बीमारियों को सूचीबद्ध कीजिये । उनकी महामारी, रोकथाम व नियंत्रण पर चर्चा करें।

(c) "पकाने के लिये तैयार" चिकन का प्रसंस्करण एक धारा प्रवाह चार्ट व ड्रेस्ड चिकन के लिये बी.आई.एस. ग्रेडिंग के साथ लिखें ।

Q7.(a) पक्षाघात को परिभाषित कीजिये तथा घरेलू पशुओं में इसके वर्गीकरण और उपचार प्रक्रियाओं के बारे में चर्चा करें। 

(b) निराकरणीय पशुशवों (कंडैम्ड कैरकेसेस्) को मीट-कम-बोन मील में परिवर्तित करने के लिये अनुशंसित तकनीक के बारे में लिखिये एवं उपरोक्त को तैयार करने की विधियों का वर्णन कीजिये ।

(c) निम्नलिखित जूनोटिक बीमारियों के (एटिओलोजी, नॉन-ह्यूमैन प्रमुख पोषी, संक्रमण का तरीका, लक्षण व जूनोस का वर्ग) बारे में लिखें : 

(i) ब्रूसीलोसिस

(ii) तपेदिक (ट्यूबरक्युलोसिस)

(iii) संक्रामी कामला (लैप्टोस्पीरोसिस)

Q8. (a) दूध के पास्चुराइजेशन को परिभाषित करें। इसके उद्देश्य और समय-तापमान मानकों के निर्माण के आधार लिखें । दूध के पास्चुराइजेशन के विभिन्न तरीकों को सूचीबद्ध करें और आधुनिक व्यवसायिक डेयरी संयंत्रों (प्लांट) में इस्तेमाल होनेवाले तरीकों के बारे में विस्तार से चर्चा करें।

(b) सूअरों में एरिजिपेला रोग के एटिओलोजी, महामारी विज्ञान, लक्षण, विभेदक निदान, उपचार और नियंत्रण के बारे में चर्चा करें।

(c) मवेशियों में ऐसी सर्जिकल स्थिति जिसमें सामान्य संज्ञाहरण की आवश्यकता होती है उसका एक उदाहरण दें तथा सामान्य संज्ञाहरण के विभिन्न चरणों के बारे में संक्षेप में चर्चा करें। 

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