(Download) संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा विधि Paper-2- 2021

UPSC CIVIL SEVA AYOG

संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा (Download) UPSC IAS Mains Exam 2021 विधि (Paper-2)

खण्ड ‘A’

Q1. निम्नलिखित में से प्रत्येक का लगभग 150 शब्दों में उत्तर दीजिये । प्रासंगिक प्रावधानों तथा न्यायिक निर्णयों को अपने उत्तर के समर्थन में दीजिए । 10x5=50 

1.(a) 'विधि के अनुसार पागलपन' का क्या मतलब है जो एक आरोपी को आपराधिक दायित्व से छूट का हकदार बनाता है ? 10 

1.(b) आई.पी.सी. 1860 के तहत हत्या के आरोप के बचाव के रूप में 'गंभीर और अचानक प्रकोपन' पर चर्चा  कीजिए।  10

1.(c) सी.आर.पी.सी. 1973 के तहत अभिवाक् सौदेबाजी (प्ली बारगेनिंग) की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए । किन मामलों में प्ली बारगेनिंग उपलब्ध नहीं है ? 

1.(d) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत परिभाषित, 'उपभोक्ता' के दायरे और गुंजाइश (एम्बिट एंड स्कोप) पर चर्चा करें। 10 

1.(e)'द्वेषपूर्ण अभियोजन' का गठन किस प्रकार होता है ? यह 'मिथ्या कारावास' से कैसे अलग है ? 10 

2.(a) क्या आई.पी.सी., 1860 में 'प्रयत्न' (अटैम्प्ट) को कहीं पर परिभाषित किया गया है ? क्या एक कार्य किसी अपराध को करने की तैयारी या प्रयास के बराबर है, यह निर्धारित करने के लिये विभिन्न परीक्षण क्या है ? प्रासंगिक निर्णयजन्य विधि/केस कानूनों की सहायता से व्याख्या कीजिए। 

2.(b) निम्नलिखित के बीच अंतर करें : 5x3=15 

2.(b)(i) 'व्यपहरण' (किडनैपिंग) एवं 'अपहरण' (ऎबडक्शन) 

2.(b)(ii) बलवा (रायट) और दंगा (ऐफ्फरे)

2.(b)(iii) 'आपराधिक न्यास-भंग' और 'बेईमानी से संपत्ति का दर्विनियोग' । 

2.(c) विभिन्न प्रकार के 'नुकसान' क्या है जो एक वादी (प्लैनटिएफ) टोर्टस् कानून के तहत एक उपाय के रूप में लाभ उठा सकता है ? किन परिस्थितियों में 'संभावित मआवजा' दिया जा सकता है ? 

3.(a) भारत में बलात्कार कानूनों के विकास पर 'मथुरा' से 'निर्भया' और उसके आगे तक चर्चा कीजिए। 20 

3.(b) एक सदोष कार्य के लिये संयुक्त अपकत्वकर्ताओं के दायित्व की व्यारया कीजिए । 'स्वतन्त्र अपकृत्यकता के दायित्व से यह किस प्रकार भिन्न है ? 

3.(c) 'लापरवाही' के वाद में, प्रतिवादी के दीवानी दायित्व को सुनिश्चित करने के लिये, वादी को क्या स्थापित करन की आवश्यकता होती है ? स्वयं प्रमाण रेस इप्सा लोस्विटर' का मूत्र कैसे लागू किया जाता है ? 15 

4.(a) विनिश्चित मामलों (डिसाइडेड केसेस) की मदद से भारत में, 'नो-फाल्ट लायाबिलिटी' से संबंधित नियम के उद्भव एवं विकास पर चर्चा कीजिए । 20 

4.(b) एक अभियुक्त को 'मानहानि' के लिये सिविल वाद में कौन से प्रतिवाद उपलब्ध होते हैं ? व्याख्या कीजिए। 15 

4.(c) हाल ही में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 में परिवर्तन हुए हैं । निरूपण कीजिए। 15 

'खण्ड -B' 

Q5. निम्नलिखित में से प्रत्येक का लगभग 150 शब्दों में उत्तर दीजिए । प्रासंगिक प्रावधानों तया न्यायिक निर्णयों को अपने उत्तर के समर्थन में दीजिए। 10x5=50 

5.(a) अवयस्क के साथ की गई संविदा प्रारम्भ से ही शून्य (वॉयड एब इनिशिओ) मानी जाती है । टिप्पणी कीजिए । 10

5.(b) भारत के उच्चतम न्यायालय के हाल के निर्णय के आलोक में सूचना का अधिकार अधिनियम, 2019 की संवैधानिकता पर चर्चा कीजिए। 10

5.(c) विधिक पदावली में "प्रत्येक व्यक्ति जो दूसरे के लिए कार्य करता है वह (एजेंट) अभिकर्ता नहीं है" | टिप्पणी कीजिए। 10 

5.(d) दिल्ली – राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण आपातकाल की वर्तमान परिस्थितियों में भारत का 40 वर्ष पुराना 'वायु अधिनियम', 1981 दम तोड़ रहा है । न्यायिक और प्रशासनिक प्रक्रिया के आलोक में कानून की प्रभावशीलता पर टिप्पणी कीजिए। 

5.(e) 'व्यापार के वैश्वीकरण के साथ ब्रांड नामों, व्यापार नामों और व्यापार चिह्नों ने असीम महत्त्व प्राप्त कर लिया है और इसलिये एक प्रभावी ट्रेडमार्क कानून की आवश्यकता है । विवेचना कीजिए। 10 

6.(a) विभिन्न तरीके क्या है जिनमें एक अनुबंध का निर्वहन किया जा सकता है ? निर्णीत मामलों के आलोक में व्याख्या करें ।20 

6.(b) सेक्शन 66 सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की वैधता और संवैधानिकता पर विस्तारपूर्वक लिखिए। 

6.(c) निम्नलिखित पर संक्षिा टिप्पणी लिखिए : 5x3=15 

(i) केविएट एम्पटर 

(ii) पूर्वरिमा फाइड्स  

(iii) नेमो डैट स्वोड नान हैबेट् 

7.(a) मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 का सेक्शन 8 एक प्रावधान को दर्शाता है जो मध्यस्थता की प्रक्रिया में न्यायिक हस्तक्षेप को सीमित करता है । इस बिद पर निर्णयजन्य विधि विकास (केस ला डेवलपमेंट) के समर्थन से गधन का विशदीकरण (इत्यूसिडेट) कीजिए। 20 

7.(b) 'हजारों में कोई एक भी ग्राहक कभी शर्तों को नहीं पड़ता । यदि वह ऐसा करने के लिये रुक गया होता, वह नाव से चूक गया होता' । उपरोक्त कथन को ध्यान में रखते हो एक मानक रूपी संविदा की संविदात्मकता का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए। 15 

7.(c) न्यायिक दृष्टिकोण के संदर्भ में मीडिया ट्रायल और फेयर ट्रायल के बीच सहजीवी संबंध पर चर्चा करें। 

8.(a) भारतीय संविदा अधिनियम, 1872 के अंतर्गत 'क्वेसी कॉन्ट्रेस्ट' की अवधारणा और वर्गीकरण पर चर्चा कीजिए। 20 

8.(b) "सीमित देयता भागीदारी एक वैकल्पिक कॉर्पोरेट प्ररूप है जो एक कंपनी की सीमित देवता और साझेदारी के तेचीलेपन का लाभ देता है। उपरोक्त के आलोक में सीमित देयता भागीदारी अधिनियम, 2008 की मुख्य विशेषताओं पर चर्चा करें । 15 

8.(c) कोई भी कारक जो 'मक्त सहमति' को दुषित (विशिएटिंग फ्री कन्सेन्ट) करता है, एक अनबंध को कैसे प्रभावित करता है ? स्पष्ट कीजिए । 15

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