संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा UPSC Mains Exam Hindi - SYLLABUS (लोक प्रशासन - Public Administration)
संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा UPSC Mains Exam Hindi - SYLLABUS
(लोक प्रशासन - Public Administration)
प्रश्न पत्र-1
प्रशासनिक सिद्धांत
1. प्रस्तावना :
- लोक प्रशासन का अर्थ, विस्तार तथा महत्व, विल्सन के दृष्टिकोण से लोक प्रशासन, विषय का विकास तथा इसकी वर्तमान स्थिति, नया लोक प्रशासन, लोक विकल्प उपागम, उदारीकरण की चुनौतियां, निजीकरण, भूमंडलीकरण, अच्छा अभिशासन: अवधारणा तथा अनुप्रयोग, नया लोक प्रबंध
2. N प्रशासनिक चिंतन :
- वैज्ञानिक प्रबंध और वैज्ञानिक प्रबंध आंदोलन, क्लासिकी सिद्धांत, वेबर का नौकरशाही मॉडल, उसकी आलोचना और वेबर पश्चात् का विकास, गतिशील प्रशासन (मेयो पार्कर फॉले), मानव संबंध स्कूल (एल्टोन मेयो तथ अन्य), कार्यपालिका के कार्य (सीआई बर्नाडे), साइमन निर्णयन सिद्धांत, भागीदारी प्रबंध (मैक ग्रेगर, आर.लिकर्ट, सी. आजीरिस) ।
3. प्रशासनिक व्यवहार :
- निर्णयन प्रक्रिया एवं तकनीक, संचार, मनोबल, प्रेरणा, सिद्धांत-अंतर्वस्तु, प्रक्रिया एवं समकालीन नेतृत्व सिद्धांत पारंपरिक एवं आधुनिक
4.संगठन :
- सिद्धांत प्रणाली, प्रासंगिकता; संरचना एवं रूप : मंत्रालय तथा विभाग, निगम, कंपनियां, बोर्ड तथा आयोग तदर्थ तथा परामर्शदाता निकाय मुख्यालय तथा क्षेत्रीय संबंध। नियामक प्राधिकारी; लोक-निजी भागीदारी।
5. उत्तरदायित्व तथा नियंत्रण:
- उत्तरदायित्व और नियंत्रण की संकल्पनाएं, प्रशासन पर विधायी कार्यकारी और न्यायिक नियंत्रण नागरिक तथा प्रशासन, मीडिया की भूमिका हित समूह, स्वैच्छिक संगठन, सिविल समाज, नागरिकों का अधिकार पत्र (चार्टर)। सूचना का अधिकार, सामाजिक लेखा परीक्षा।
6. प्रशासनिक कानून:
- अर्थ, विस्तार और महत्व, प्रशासनिक विधि पर Dicey, प्रत्यायोजित विधान प्रशासनिक अधिकरण ।
7. तुलनात्मक लोक प्रशासन :
- प्रशासनिक प्रणालियों पर प्रभाव डालने वाले ऐतिहासिक एवं समाज वैज्ञानिक कारक; विभिन्न देशों में प्रशासन एवं राजनीति; तुलनात्मक लोक प्रशासन की अद्यतन स्थिति; परिस्थितिकी की एवं प्रशासन, रिग्सियन मॉडल एवं उनके आलोचक।
8. विकास गतिकी :
- विकास की संकल्पना, विकास प्रशासन की बदलती परिच्छदिका; विकास विरोधी अभिधारणा, नौकरशाही एवं विकास; शक्तिशाली राज्य बनाम बाजार विवाद; विकासशील देशों में प्रशासन पर उदारीकरण का प्रभावः महिला एवं विकास, स्वयं सहायता समूह आंदोलन।
9. कार्मिक प्रशासन :
- मानव संसाधन विकास का महत्व, भर्ती प्रशिक्षण, जीविका विकास, हैसियत वर्गीकरण, अनुशासन, निष्पादन मूल्यांकन, पदोन्नति, वेतन तथा सेवा शर्तें, नियोक्ता कर्मचारी संबंध, शिकायत निवारण क्रिया विधि, आचरण संहिता, प्रशासनिक आचार-नीति ।
10. लोकनीति :
- नीति निर्माण के मॉडल एवं उनके आलोचक: संप्रत्ययीकरण की प्रक्रियाएं, आयोजन; कार्यान्वयन, मानीटरन, मूल्यांकन एवं पुनरीक्षा एवं उनकी सीमाएं; राज्य सिद्धांत एवं लोकनीति सूत्रण।
11. प्रशासनिक सुधार तकनीकें :
- संगठन एवं पद्धति, कार्य अध्ययन एवं कार्य प्रबंधन; ई-गवर्नेस एवं सूचना प्रौद्योगिकी; प्रबंधन सहायता उपकरण जैसे कि नेटवर्क विश्लेषण, MIS, PERT. CPM
12. वित्तीय प्रशासन :
- वित्तीय तथा राजकोषीय नीतियां, लोक उधार ग्रहण तथा लोक ऋण बजट प्रकार एवं रूप;बजट प्रक्रिया, वित्तीय जवाबदेही, लेखा तथा लेखा परीक्षा
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प्रश्न पत्र-2
भारतीय प्रशासन
1. भारतीय प्रशासन का विकास :
- कौटिल्य का अर्थशास्त्र मुगल प्रशासन, राजनीति एवं प्रशासन में ब्रिटिश शासन का रिक्थ लोक सेवाओं का भारतीयकरण, राजस्व प्रशासन, जिला प्रशासन, स्थानीय स्वशासन
2. सरकार का दार्शनिक एवं सांविधानिक ढांचा :
- प्रमुख विशेषताएं एवं मूल्य आधारिकाएं: संविधानवाद; राजनैतिक संस्कृति, नौकरशाही एवं लोकतंत्र; नौकरशाही एवं विकास
3. सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम :
- आधुनिक भारत में सार्वजनिक क्षेत्र सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के रूप, स्वायत्ता, जवाबदेही एवं नियंत्रण की समस्याएं; उदारीकरण एवं निजीकरण का प्रभाव।
4. संघ सरकार एवं प्रशासन :
- कार्यपालिका, संसद, विधायिका संरचना, कार्य, कार्य प्रक्रियाएं हाल की प्रवृत्तियां: अंतराशासकीय संबंध: कैबिनेट सचिवालय प्रधानमंत्री कार्यालयः केन्द्रीय सचिवालय: मंत्रालय एवं विभाग; बोर्ड, आयोग, संबंद्ध कार्यालय, क्षेत्र संगठन
5. योजनाएं एवं प्राथमिकताएं:
- योजना मशीनरी योजना आयोग एवं राष्ट्रीय विकास परिषद की भूमिका, रचना एवं कार्य, संकेतात्मक आयोजना, संघ एवं राज्य स्तरों पर योजना निर्माण प्रक्रिया संविधान संशोधन (1992) एवं आर्थिक विकास तथा सामाजिक न्याय हेतु विकेन्द्रीकरण आयोजना ।
6. राज्य सरकार एवं प्रशासनः
- संघ राज्य प्रशासनिक, विधायी एवं वित्तीय संबंध; वित्त आयोग भूमिका; राज्यपाल मुख्यमंत्री मंत्रिपरिषद, मुख्य सचिव राज्य सचिवालय निदेशालय
7. स्वतंत्रता के बाद से जिला प्रशासन :
- कलेक्टर की बदलती भूमिका, संघ राज्य स्थानीय संबंध, विकास प्रबंध एवं विधि एवं अन्य प्रशासन के विध्यर्थ, जिला प्रशासन एवं लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण ।
8. सिविल सेवाएं :
- सांविधानिक स्थिति, संरचना, भर्ती प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण सुशासन की पहल, आचरण संहिता एवं अनुशासन कर्मचारी संघ राजनीतिक अधिकार शिकायत निवारण क्रियाविधि, सिविल सेवा की तटस्थता; सिविल सेवा सक्रियतावाद।
9. वित्तीय प्रबंध :
- राजनीतिक उपकरण के रूप में बजट लोक व्यय पर संसदीय नियंत्रण मौद्रिक एवं राजकोषीय क्षेत्र में वित्त मंत्रालय की भूमिका लेखाकरण तकनीक, लेखापरीक्षा; लेखा महानियंत्रक एवं भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की भूमिका ।
10. स्वतंत्रता के बाद से हुए प्रशासनिक सुधार:
- प्रमुख सरोकार; महत्वपूर्ण समितियां एवं आयोग; वित्तीय प्रबंध एवं मानव संसाधन विकास में हुए सुधार, कार्यान्वयन की समस्याएं।
11. ग्रामीण विकास :
- स्वतंत्रता के बाद से संस्थान एवं अभिकरण ग्रामीण विकास कार्यक्रम फोकस एवं कार्यनीतियां विकेन्द्रीकरण पंचायती राज; 73वां संविधान संशोधन
12. नगरीय स्थानीय शासन :
- नगरपालिका शासन मुख्य विशेषताएं, संरचना वित्त एवं समस्या क्षेत्र, 74वां संविधान संशोधन; विश्वव्यापी स्थानीय विवाद नया स्थानिकतावाद; विकास गतिकी, नगर प्रबंध के विशेष संदर्भ में राजनीति एवं प्रशासन।
13. कानून व्यवस्था प्रशासन :
- ब्रिटिश रिक्थ; राष्ट्रीय पुलिस आयोग; जांच अभिकरण, विधि व्यवस्था बनाए रखने तथा उपप्लव एवं आतंकवाद का सामना करने में पैरामिलिटरी बलों समेत केन्द्रीय एवं राज्य अभिकरणों की भूमिका राजनीति एवं प्रशासन का अपराधीकरण; पुलिस लोक संबंध, पुलिस में सुधार।
14. भारतीय प्रशासन में महत्वपूर्ण मुद्दे :
- लोक सेवा में मूल्य; नियामक आयोग; राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग; बहुदलीय शासन प्रणाली में प्रशासन की समस्याएं; नागरिक प्रशासन अंतराफलक, भ्रष्टाचार एवं प्रशासन, विपदा प्रबंधन।