(Getting Started) सिविल सेवा परीक्षा के लिए समाचार पत्र कैसे पढ़े ? एक विश्लेषण
सिविल सेवा परीक्षा के लिए समाचार पत्र कैसे पढ़े ? एक विश्लेषण
सिविल सेवा परीक्षा में सफलता के लिए समसामयिक घटनाओं की जानकारी होना आवश्यक है । क्य़ोंकि जहाँ प्रारंभिक परीक्षा के सामान्य अध्ययन के प्रथम प्रश्न पत्र में 15 से 20 प्रश्न समसामयिक मुद्दो के होते हैं । मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में भी बेहतर प्रदर्शन करने के लिए अभ्यर्थी को समसामयिक मुद्दो की जानकारी होना जरूरी है । समसामयिक मुद्दो की तैयारी के लिए सामान्यतः अभ्यर्थी को समाचार पत्र पढ़ने की सलाह दी जाती है । लेकिन सिविल सेवा परीक्षा के दृष्टिकोण से समाचार पत्र को कैसे पढ़ा जाये छात्रों के सामने यह सबसे बड़ी समस्या होती है । यहाँ आईएस एग्जाम पोर्टल का प्रयास है कि छात्रों को बता सकें कि समाचार पत्र को कैसे पढ़ा जाये और समाचार पत्र पढ़ने की क्या रणनीति हो ? जिससे छात्रों को ज्यादा से ज्यादा लाभ हो सके ।
समाचार पत्र पढ़ने का सबसे बेहतर तरीका होगा कि सबसे महत्वपूर्ण पृष्ट से शुरू किया जाये , यह राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय हो सकता है । सामान्यतः यह देखा जाता है कि बहुत से छात्र स्थानीय ख़बरों को पढ़ने में घंटो बर्बाद करते हैं । यह कदम घातक हो सकता है क्य़ोंकि परीक्षा में स्थानीय ख़बरों से कोई प्रश्न नहीं पूछे जाते हैं ।
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वर्ष 2012 के प्रारंभिक परीक्षा में समसामयिकी से पूछे गए प्रश्नों का उदाहरण-
प्रश्न - राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के संदर्भ में , प्रशिक्षित सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता , 'आशा '(ASHA) के कार्य निम्न में से कौन -से हैं ?
1. स्त्रियों को प्रसव- पूर्व देखभाल जाँच के लिए
स्वास्थ्य सुबिधा केन्द्र साथ ले जाना
2. गर्भावस्था के प्रारंभिक संसूचन के लिए गर्भावस्था परीक्षण किट प्रयोग करना
3. पोषण और प्रतिरक्षण के विषय में सूचना देना
4. बच्चें का प्रसव कराना
1. वस्तुओं एवं सेवाओं पर कर (टैक्स ) लगाए जेन का
अभिकल्प तथा इस प्रस्तावित अभिकल्प के संपालन से सम्बद्ध क्षतिपूर्ति पैकेज
2. भारत के जनांकिकीय लाभांश के अनुरूप अगले दस वर्षो में लाखों नौकरियाँ सृजन करने
की योजना
3. केन्द्रीय करों के एक निश्चित अंश का स्थानीय निकायों को अनुदान के रूप में
हस्तांतरण
आई ए एस (मुख्य परीक्षा) 2013 में सामान्य अध्ययन द्वितीय प्रश्न पत्र में समसामयिक से पूछें गए प्रश्नों का अनुपात:
राष्ट्रीय ख़बरों में छात्रों को सावधानीपूर्वक सरकारी योजनाओं , महत्वपूर्ण पद पर नियुक्ति , महत्वपूर्ण व्यक्ति की मृत्यु ,विज्ञानं और तकनीक में नवीनतम प्रगति आदि से जुड़े ख़बरों को पढ़ना चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय खबरो में वर्ल्ड बैंक , आई एम एफ ,विश्व की आर्थिक शक्तियों ,भारत के द्विपक्षीय सम्बन्ध अदि से सम्बंधित ख़बरों को ध्यानपूर्वक पढ़ना चाहिए । आर्थिक समाचारों में छात्रों को भारत सरकार के आर्थिक नीतियों ,आर बी आई की मौद्रिक नीति , भारत का अन्य देशों से आर्थिक और व्यापार सम्बंध आदि से जुड़े खबरों को पढ़ना चाहिय ।
संपादकीय पृष्ट के सभी आलेख को पढ़ना जरूरी नहीं है । अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय ख़बरों पर आधारित आलेख को पढ़ना बेहतर होगा । सामान्यतः सम्पादकीय पृष्ट पर कई बार एक ही टीकाकार के एक ही विषय पर कई आलेख छापते रहते हैं । इन्हें बार-बार पढ़ना समय की बर्बादी होगी । एक बात और जो महत्वपूर्ण है कि सम्पादकीय को पढ़ते हुए संतुलित दृष्टिकोण रखना चाहिय , लेखक के विचार को कभी भी अंतिम सत्य नहीं मानना चाहिए।
आई ए एस (मुख्य परीक्षा) 2013 में सामान्य अध्ययन तृतीय प्रश्न पत्र में समसामयिक से पूछें गए प्रश्नों का अनुपात:
द हिन्दू' समाचार पत्र क्यों ?
अंग्रेजी में जहाँ ' द हिन्दू ' अख़बार सिविल सेवा परीक्षा के दृष्टिकोण से उपयुक्त अख़बार है वही हिंदी में इस तरह के अख़बार की कमी है । कुछ हिंदी दैनिक जरुर है जो अभ्यर्थी की मदद कर सकते है । जैसे - हिन्दुस्तान , दैनिक जागरण (राष्ट्रीय संस्करण ), दैनिक भास्कर आदि । इसके अलावा हिन्दी माध्यम के छात्र ख़बरों के लिए बीबीसी - हिन्दी साइट की भी सहायता ले सकते हैं ।
हिंदी माध्यम के छात्रों को यह सलाह दी जाती है कि जितना हो सके ‘द हिन्दू’ अख़बार पढ़े , क्योंकि 'द हिन्दू' अख़बार में राष्ट्रीय ,अंतर्राष्ट्रीय, आर्थिक ,विज्ञान और तकनीक के नवीनतम खोज अदि से सम्बंधित ख़बरों का अच्छा विश्लेषण होता है , जो सिविल सेवा परीक्षा के दृष्टिकोण से काफी उपयोगी होता है । यदि अंग्रेजी समझने में कठिनाई हो रही है तो छात्रों को अपने अंग्रेजी ज्ञान को धीरे-धीरे बढ़ाना चाहिए ।
एक्सप्रेस पॉइंट
- सामान्यतः यह देखा जाता है कि बहुत से छात्र अखबारों से प्रतिदिन नोट्स बनाने में घंटो मूल्यवान समय बर्बाद करते हैं जो कि एक घातक कदम हो सकता है । अख़बार के लिए प्रतिदिन एक घंटा पर्याप्त है , इतने समय में महत्वपूर्ण खबरों को पढ़ा जा सकता है।
- छात्रों को राजनितिक खबरों या किसी राजनितिक पार्टी के घोषणा पत्र को पढ़ने में आपना मूल्यवान समय बर्बाद नहीं करना चाहिए।
- अख़बार में किसी भी गैर जरूरी खबर को न पढ़कर , छात्र के अपने ऊर्जा और समय दोनों का सदुपयोग कर सकता है और सिविल सेवा परीक्षा में सफलता की ओर कदम बढ़ा सकता है।
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UPSCPORTAL की ओर से सभी अभ्यर्थियो को शुभकामनाओं सहित !