(Download) संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा लोक प्रशासन Paper-2 - 2019
संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा (Download) UPSC IAS Mains Exam 2019 लोक प्रशासन (Paper-2)
Exam Name: UPSC IAS Mains PUBLIC ADMINISTRATION (लोक प्रशासन) (Paper-2)
Marks: 250
Time Allowed: 3 Hours.
खण्ड 'A'
Q1. निम्नलिखित में से प्रत्येक का लगभग 150 शब्दों में उत्तर दीजिए :
(a) अर्थशास्त्र में मूलपाठ में "राज्य न तो एक पुलिस राज्य है और न ही मात्र एक कर एकत्रित करने वाला राज्य है"| टिप्पणी कीजिए|
(b) आर्थिक सुधारों ने भारत के संविधान के आधाभूत मूल्यों और आत्मा (भावना) का महत्वपूर्ण ढंग से अतिलंघन किया है| परीक्षण कीजिए |
(c) भारतीय सिविल सेवा पर मैकाले के विचार अधिकारीतंत्र की संभ्रांत थिथोरी के समरूप हैं, जो अभी तक भी कायम हैं | क्या आप सहमत है? औचित्य सिद्ध कीजिए|
(d) एक मत यह रहा है कि भारतीय न्यायिक व्यवस्था का विशिष्टाचार निरंतर औपनिवेशिक बना हुआ है| त्वरित न्याय की प्राप्ति के लिए न्यायिक श्रेष्ठता के स्तर को ऊँचा उठाने के लिए उपाय सुझाईए |
(e) विभिन्न आयोगों ने भारतीय शासन प्रणाली में राज्यपाल की निर्णायक भूमिका को बार-बार दोहराया है, किन्तु उतरोत्तर सरकारों ने राज्यपाल के पद को अराजनितिक बनाने पर ध्यान नहीं दिया है| उदाहरणों सहित परीक्षण कीजिए|
Q2. (a) अनुच्छेद 356 "राज्य सरकार को उसकी न्यूनताओं को सुधारने का अवसर या नोटिस दिए बिना ... बहुत हद तक आसमान से बिजली गिरने जैसा काम करता है"| यह परिघटना न केवल राज्य सरकार की स्वायत्ता को क्षति पहुंचाती है, बल्कि भारत के राष्ट्रपति की प्रतिष्ठा को भी कम करती है| समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए |
(b) सार्वजनिक क्षेत्रक उद्यमों से अपेक्षा की गई थि कि वे भारतीय अर्थव्यवस्था को 'प्रभावशाली ऊँचाइयों' तक ले जाएँगे, इसके बजाय क्रमिक सरकारें इनको विनिवेश की ओर धकेलती रही हैं| समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए कि विगत वर्षों में परिदृश्य कैसे-कैसे बदला है|
(c) समाज की उभरती हुई विकासीय आकांक्षाएँ लोक सेवकों को उपलब्ध वर्तमान सुरक्षा साधनों में परिवर्तन करने के लिए संविधान संशोधन को आवश्यक बनाती हैं | ऐसे संशोधन के पक्ष और विपक्ष में तर्कों का मूल्यांकन कीजिए|
Q3. (a) "शक्तिशाली प्रधानमंत्री कार्यालय (पी० एम० ओ०) मंत्रिपरिषद के सामूहिक उतरदायित्व के लक्षण की विपरीतता है|" इस कथन के प्रकाश में पी० एम० ओ० बनाम मंत्रिपरिषद की पद-स्थिति से सम्बंधित मुद्दों का परीक्षण कीजिए |
(b) कर्मचारियों से सम्बंधित क्षमता मुद्दों ने अनेक सरकारी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन को बाधित किया है | राष्ट्रीय प्रशिक्षण नीति, 2012 के प्रावधानों के सन्दर्भ में, इसके कारणों का पता लगाइए |
(c) हो सकता है कि बैंकों की गैर-निष्पादनी संपत्तियों से निपटने की रणनीति से करदाताओं पर अतिरिक्त भार पड़ जाय| इन दोनों के हितों की रक्षा के लिए सर्कार की भूमिका का परीक्षण कीजिए|
Q4. (a) केन्द्रीय और स्थानीय स्तरों के प्रशासन तंत्र की पुनर्रचना के बारे में प्रयाप्त ध्यान दिया गया है, किन्तु राज्य स्तर पर बहुत ही कम सुधार किए गए हैं| इस स्थिति को सही करने के लिए आप क्या सुझाव देना चाहेंगे ?
(b) यह देखा जाता है कि जिला नियोजन समितियों की अकार्यशीलता ग्रामीण और नगरीय नियोजन की आवश्यकताओं की समानुरुपता को बाधित कर रही है? क्या आप सहमत हैं? औचित्य बताईए|
(c) पुलिस-जनता आमना-सामना (पारस्परिक संबंधों) पर अविश्वास और डर के द्वारा विराम लग जाता है| सुझाइए कि जनता की नजरों में पुलिस अपनी छवि को किस प्रकार सुधार सकती है|
(E-Book) UPSC लोक प्रशासन (Public Administration) हिन्दी Papers
Public Administration for UPSC Mains Exams Study Kit
खण्ड 'B'
Q5. निम्नलिखित में से प्रत्येक का लगभग 150 शब्दों में उत्तर दीजिए :
(a) साक्ष्य यह दर्शाते हैं कि विचार-विमर्शी लोकतंत्र का सपना तृणमूल स्तर पर व्यवहार में अर्जित नहीं किया जा सका है| ग्राम सभा के प्रकार्यकरण में बाधाओं का मूल्यांकन कीजिए |
(b) "सूचना के अधिकार ने अपनी यात्रा आरम्भ कर दी है, किन्तु यह अपनी मंजिल से बहुत दूर है |" इस कथन की दृष्टि से सूचना का अधिकार आन्दोलन की वर्त्तमान स्थिति का परीक्षण कीजिए |
(c) नव स्थानीयतावाद व्यवस्था की संकल्पना स्थानीय स्वशासन के मूल उद्देश्य को ही परास्त कर सकती है | क्या आप सहमत हैं ? औचित्य सिद्ध कीजिए|
(d) अधिकारीतन्त्र (नौकरशाही) में से 'अनुत्पादक लोगों को बाहर निकालने' के पहले प्रभावी 'निष्पादन प्रबंधन तंत्र' की आवश्यकता है? टिप्पणी कीजिए|
(e) सर्वमौसमी ग्रामीण संयोजकता योजना में असंयोजित ग्रामीण वासस्थानों की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का रूपान्तरण करने की क्षमता है | क्या आप सहमत हैं? औचित्य सिद्ध कीजिए |
Q6. (a) ज़िला कलेक्टर का कार्यालय केवल सरकारी योजनाओं को पहुँचाने, आँकड़ों का संकलन करने और एक ऐसा अधिकारी बनकर रह गया है जो कभी न समाप्त होने वाली वी० आई० पी० ड्यूटी में तैनात रहता है | द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग की सिफारिशों के आलोक में इसकी भूमिका का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए |
(b) राजनीतिक तंत्र में न्यूनतम जवाबदेही के प्रभावी मानक होते हुए, लोकपाल केवल सीमित प्रभाविता वाली एक आदर्श संस्था ही हो सकती है | समझाइए|
(c) 'सवोत्तम योजना' की सेवा प्रदायगी में सुधार की अत्यधिक संभावना थी, परन्तु अवसर को गँवा दिया गया है| टिप्पणी कीजिए|
Q7. (a) आपदा प्रबंधन की राष्ट्रीय नीति में अब तक की प्रतिक्रियात्मक आपदा-पश्चात् राहत केन्द्रिक व्यवस्था के स्थान पर अधिक अग्रलक्षी और समर्थक वातावरण की ओर आगे बढ़ने के परिकल्पना की गई है | इस सम्बन्ध में राज्य सरकारों की अनुक्रियाओं का परीक्षण कीजिए|
(b) विगत वर्षों में राज्य वित्त आयोगों को सशक्त करने के प्रयासों को राज्य सरकारों की उदासीनता का सामना करना पड़ा है, जिसने क्रमिक केन्द्रीय वित्त आयोगों को भी स्थानीय निकायों को समुचित वित्तीय अंतरणो की सिफारिश करने में प्रभावित किया है| उत्तर को उदाहरणों सहित सिद्ध कीजिए|
(c) विनियामक निकायों की जवाबदेही, अति-विनियमन की समस्या को सुलझाने के साथ, उन्हें सच्चा सुकारक बनाने में सहायक करेगी | विनियामकों की वर्तमान प्रस्थिति का विश्लेषण करते हुए इस तंत्र में जवाबदेही उत्पन्न करने के उपाय सुझाइए|
Q8. (a) भारत ने आर्थिक विकास के लिए जो रणनीति बनाई थी उसे 'नीति आयोग' ने बदल दिया है, किन्तु इसकी प्रभाविता को अभी देखा जाना शेष है, विशेष तौर से जब इसकी वित्तीय शक्तियाँ इसके पूर्ववर्ती की तुलना की में बहुत कम है| विश्लेषण कीजिए |
(b) यद्यपि कानून और व्यवस्था प्रशासन एक राज्य है, तथापि यह विरोधाभासी है कि संघ सरकार के अधीन केन्द्रीय अभिकरणों-एन० आई० ए० या अर्द्धसैनिक बलों-ने राज्य सरकारों की शक्तियों को सीमित कर दिया है| विवेचना कीजिए|
(c) भारत के वित्त आयोग के द्वारा अवक्रमित (डिवोल्व्ड) निष्पादन अनुदानों ने स्थानीय निकायों की वित्तीय जवाबदेही में संवृधि कर दी है| विस्तार से समझाइए|
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