UPSC परीक्षा : दैनिक करंट अफेयर्स, Hindi Current Affairs - 03 September 2020
UPSC परीक्षा : दैनिक करंट अफेयर्स, Hindi Current Affairs - 03 September 2020
::national::
टेलीकॉम कंपनियों को मिला चाइनीज एप्स ब्लॉक करने का आदेश
- भारत सरकार ने हाल ही में टिक-टॉक, हेलो और यूसी ब्राउजर समेत 59 चीनी मोबाइल एप पर प्रतिबंध लगाया था। वहीं, अब सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को प्रतिबंधित चीनी मोबाइल एप पर रोक लगाने का आदेश दिया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के आपातकालीन प्रावधान के तहत निर्देश जारी किए गए हैं।
- सरकार का कहना है कि टेलीकॉम कंपनियों को प्रतिबंधित एप पर रोक लगाने के लिए आदेश दे दिए गए हैं। साथ ही दो सूची भी जारी की गई हैं, जिसमें पहली सूची में 35 एप और दूसरी सूची में 24 एप के नाम मौजूद हैं। इन दोनों सूची में उन चीनी मोबाइल एप के नाम हैं, जिनपर प्रतिबंध लगाया गया था। इनमें यूसी न्यूज, टिक-टॉक, यूसी ब्राउजर, वीवा वीडियो, मी वीडियो कॉल, बिगो लाइव और वीचैट आदि शामिल हैं।
- एयरटेल के नेटवर्क पर टिक-टॉक एप नहीं ओपन हो रहा है। इस बात की जांच करने के लिए जब हमने एयरटेल के नेटवर्क पर इस एप को ओपन किया, तो हमें एक नोटिफिकेशन मिला। इस इस नोटिफिकेशन में लिखा है कि हम भारत सरकार के आदेश का पालन कर रहे हैं। हमारे एप के साथ-साथ 59 अन्य एप पर प्रतिबंध लगाया गया है। भारतीय यूजर्स की डाटा की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है।
ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत ने लगाई पांच पायदान की छलांग, 52वें स्थान पर पहुंचा
- ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) 2019 में भारत पांच पायदान ऊपर चढ़कर 52वें स्थान पर पहुंच गया है।
- इस सूचकांक में पिछले साल भारत का स्थान 57वां था। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने वैश्विक नवप्रवर्तन सूचकांक (GII) की रैंकिंग जारी की। जीआईआई रैंकिंग वार्षिक आधार पर कॉरनेल विश्वविद्यालय इनसीड, संयुक्त राष्ट्र विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) और जीआईआई नॉलेज पार्टनर्स द्वारा प्रकाशित की जाती है।
- जीआईआई ने इसके 12वें संस्करण में 80 संकेतकों के आधार पर 129 अर्थव्यवस्थाओं को रैंकिंग दी है। इन संकेतकों में बौद्धिक संपदा के लिए आवेदन जमा कराने की दर से लेकर मोबाइल ऐप का सृजन, शिक्षा पर खर्च और वैज्ञानिक एवं तकनीकी प्रकाशन आते हैं। इस सूचकांक में स्विट्जरलैंड पहले स्थान पर कायम है। सूचकांक में शामिल शीर्ष दस देश..... स्वीडन, अमेरिका, नीदरलैंड, ब्रिटेन, फिनलैंड, डेनमार्क, सिंगापुर, जर्मनी और इजरायल हैं।
- भारत की अर्थव्यवस्था की बात करें तो इस साल ब्रिटेन को पछाड़ते हुए दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है। इसके अलावा एशिया प्रशांत क्षेत्र में चीन के बाद दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
::economy::
जल जीवन मिशन: लॉकडाउन के दौरान 19 लाख घरों में नल कनेक्शन दिए गए
- प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से 73वें स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन (जेजेएम) का शुभारंभ किया। राज्यों के साथ साझेदारी में मिशन को लागू किया जा रहा है। लक्ष्य है, ‘हर घर जल’- गाँव के प्रत्येक घर को नल कनेक्शन प्रदान करना। 2019-20 के दौरान, 7 महीनों में 84 लाख से अधिक घरों में नल कनेक्शन प्रदान किए गए।
- जेजेएम का लक्ष्य देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को वर्ष 2024 तक चालू घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) प्रदान करना है और इस प्रकार लम्बी अवधि तक व नियमित आधार पर निर्धारित गुणवत्ता के साथ पर्याप्त मात्रा में यानी 55 लीटर (प्रति व्यक्ति प्रति दिन) पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करना है। इस कार्यक्रम से सभी ग्रामीण लोग लाभान्वित होंगे।
- सड़क, बिजली, आवास, स्वास्थ्य सेवाओं, बैंकिंग खातों, खाना पकाने की गैस जैसी बुनियादी सेवाओं की सुविधा देने के बाद, सरकार अब ग्रामीण क्षेत्रों में एक और बुनियादी सेवा - 'हर घर जल' यानी हर परिवार को अपने घर में नल कनेक्शन की सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध है,ताकि घर की महिला को पानी लाने के लिए बाहर न जाना पड़े।
- चालू वर्ष के दौरान, जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिए राज्यों को 8,050 करोड़ रुपये की केंद्रीय निधि उपलब्ध कराई गई है। 2020-21 की पहली तिमाही में, देश भर के गांवों में 19 लाख नल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। कोविड-19 महामारी के कारण पैदा हुई प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद राज्यों के ठोस प्रयासों से यह संभव हुआ है।
- पिछले 3 महीनों के लॉकडाउन के दौरान, पेयजल और स्वच्छता विभाग के तहत राष्ट्रीय जल जीवन मिशनवीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के साथ निरंतर बातचीत कर रहा है ताकि रोडमैप को अंतिम रूप दिया जा सके और कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा की जा सके। इस अवधि के दौरान, 2020-21 के दौरान घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करने के लिए मासिक कार्य व व्यय योजना के आधार पर राज्यों की वार्षिक कार्य योजना को मंजूरी दी गयी।
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::International::
SCO की बैठक में शामिल होने के लिए रक्षा मंत्री रूस पहुंचे
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए रूस की राजधानी मास्को पहुंचे. अधिकारियों ने बताया कि एससीओ सदस्य देशों के सभी आठ रक्षा मंत्री आतंकवाद, अतिवाद जैसी क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों और उनसे एकजुट होकर निपटने के तरीकों पर चर्चा करेंगे. भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया,‘‘रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह रूस की तीन दिवसीय यात्रा पर मॉस्को पहुंच गए.
- मेजर जनरल बुखतीव यूरी निकोलाईविच ने हवाई अड्डे पर उनकी अगवानी की.''
- यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब संगठन के दो प्रमुख सदस्य देश भारत और चीन के बीच सीमा पर गतिरोध है.
- चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंघे और पाकिस्तानी रक्षा मंत्री परवेज खटक के भी एससीओ की बैठक में हिस्सा लेने की उम्मीद है. एससीओ कार्यक्रम के इतर सिंह और वेई के बीच द्विपक्षीय बैठक की संभावना के बारे में पूछे जाने पर अधिकारियों ने कहा था कि ऐसी कोई योजना नहीं है.
- सिंह ने रवाना होने से पहले ट्वीट करके कहा था कि शोइगू के साथ होनेवाली बातचीत में परस्पर हितों के मुद्दे शामिल रहेंगे. सिंह ने कहा, ‘‘भारत और रूस रणनीतिक साझेदार हैं. मैं इस यात्रा के दौरान इस साझेदारी को और आगे बढ़ाने को लेकर उत्साहित हूं.''
::Science and tech::
भारतीय नौसेना ने अंडमान के पास समुद्र में अमेरिकी नौसेना के साथ अभ्यास किया
- चीन से लगी सीमा पर टकराव के बीच भारतीय नौसेना के युद्धपोतों के एक बेड़े ने परमाणु क्षमता से लैस यूएसएस निमित्ज की अगुवाई में अमेरिकी नौसेना के एक समूह के साथ अंडमान निकोबार द्वीप समूह तट के पास सैन्य अभ्यास किया ।
- भारतीय नौसेना के चार अग्रणी युद्धपोतों ने ‘पासेक्स’ अभ्यास में भागीदारी की।
- यूएसएस निमित्ज दुनिया का सबसे बड़ा युद्धपोत है और दोनों सेनाओं के बीच इस अभ्यास की अहमियत इसलिए बढ़ गयी है क्योंकि यह ऐसे वक्त हुआ है जब पूर्वी लद्दाख और दक्षिण चीन सागर में चीन की सेना आक्रामक रूख अपनाए हुए है।
- भारत ने पिछले महीने जापान की नौसेना के साथ भी इसी तरह का अभ्यास किया था । भारतीय नौसेना ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ लगी सीमा पर गतिरोध के मद्देनजर हिंद महासागर क्षेत्र में अपने निगरानी अभियान तथा परिचालन तैनाती को बढ़ा दिया है ।
- संसाधन संपन्न क्षेत्र में चीन की नौसेना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और फ्रांस की नौसेनाओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने आपसी सहयोग को गहरा किया है । पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ने के बाद सरकार ने सेना के तीनों अंगों को हाई अलर्ट पर रखा है । भारतीय नौसेना को हिंद महासागर के उन क्षेत्रों में चौकसी बढ़ाने को कहा गया है जहां पर चीनी नौसेना से अक्सर उसका सामना होता है।