(Download) संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा मनोविज्ञान Paper-1 - 2019
संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा (Download) UPSC IAS Mains Exam 2019 मनोविज्ञान (Paper-1)
खण्ड ‘A’
1. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए :
(a) मनोविश्लेषण में व्यवहारवाद के भवन का निर्माण प्रयोजनपरक उपागम की कमजोरियों पर किया गया था। मूल्यांकन कीजिए।
(b) "नैदानिक तथा पूर्वानुमानिक अनुसंधानें एक-दूसरे के पूरक हैं।" उपयुक्त उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए।
(c) मनोवैज्ञानिक अनुसंधानों में, उपयुक्त उदाहरणों के साथ, परिकल्पना की भूमिका की व्याख्या कीजिए।
(d) वस्तुओं को हम तीन विमाओं में किस प्रकार देखते हैं? इसको प्रभावित करने वाले कारकों की विवेचना कीजिए।
(e) अपसरण बुद्धिलब्धि, परम्परागत बुद्धिलब्धि से किन-किन तरीकों से भिन्न है? विवेचना कीजिए।
2. (a) "स्मृति का बहुभण्डारी मॉडल, स्मृति की प्रकृति की सबसे अच्छी प्रकार से व्याख्या करता है।" इस कथन का मूल्यांकन सैद्धान्तिक परिप्रेक्ष्य एवं आनुभविक साक्ष्यों में कीजिए।
(b) बच्चे के सामाजिक तथा संवेगात्मक स्वास्थ्य के लिए माता-पिता के प्रति आसक्ति का क्या महत्त्व है? विकासीय थियोरियों के परिप्रेक्ष्य में स्पष्ट कीजिए।
(c) भूख की संवेदना को पर्यावरणी कारक किस प्रकार निर्धारित करते हैं? उदाहरणों के साथ व्याख्या कीजिए।
3. (a) प्रयोगात्मक तथा अर्ध-प्रयोगात्मक अभिकल्पों के मध्य भिन्नता दर्शाइए। मनोवैज्ञानिक अनुसंधानों में अर्ध-प्रयोगात्मक अभिकल्पों के अनुप्रयोगों का मूल्यांकन कीजिए।
(b) स्पष्ट कीजिए कि अपसारी चिंतन, अभिसारी चिंतन से किस प्रकार भिन्न है। बच्चों में अपसारी चिंतन को पोषित करने की विधियों पर चर्चा कीजिए।
(c) उपलब्धि अभिप्रेरण क्या है? उपलब्धि अभिप्रेरण का आकलन करने की एक विधि के रूप में प्रक्षेपी तकनीक पर चर्चा कीजिए।
4. (a) मानव व्यवहार पर उद्दीपक-वंचन के प्रभावों पर, इंद्रियानुभविक साक्ष्यों के साथ, चर्चा कीजिए।
(b) नव पाँच-कारक थियोरी, 16 व्यक्तित्व कारक थियोरी से किस प्रकार भिन्न है? व्याख्या कीजिए।
(c) उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए कि मूल्यों का सबसे अच्छा पोषण बाल्यावस्था के दौरान किया जा सकता है। विद्यालयी बच्चों में नैतिक एवं नीतिपरक मूल्यों का पोषण करने की विभिन्न विधियों पर चर्चा कीजिए।
खण्ड-'B'
5. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए :
(a) भाषा अर्जन में 'क्रांतिक अवधि' परिकल्पना का मूल्यांकन कीजिए।
(b) “कौशल अधिगम (सीखने) में विभेदीकरण तथा सामान्यीकरण दो पूरक प्रक्रियाएँ हैं।" क्रियाप्रसूत अनुकूलन का हवाला देते हुए इस पर चर्चा कीजिए।
(c) “रूढ़धारणाएँ पूर्वाग्रह एवं भेदभाव उत्पन्न कर सकती हैं।" भारतीय संदर्भ से उदाहरण उद्धृत करते हुए व्याख्या कीजिए।
(d) मनोविज्ञान को शास्त्र के रूप में विकसित करने में संरचनावाद ने किस प्रकार योगदान दिया था? मूल्यांकन कीजिए।
(e) किस कारण अधिकांश लोगों को ज्यामितीय भ्रमों का अनुभव होता है? मनोवैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य से व्याख्या कीजिए।
6. (a) · गार्डनर की बुद्धि की थियोरी, स्पियरमैन की बुद्धि की थियोरी से किस प्रकार भिन्न है? उदाहरण के साथ स्पष्ट कीजिए।
(b) जीवन की परिस्थितियों से उदाहरण उद्धृत करते हुए प्रत्यक्ष-ज्ञान संगठन की परिघटना की व्याख्या कीजिए।
(c) प्रतिस्थानिक अधिगम क्या है? संवेगात्मक अनुक्रियाओं के अर्जन में इसके अनुप्रयोगों की विवेचना कीजिए।
7. (a) 'संप्रत्यय' को परिभाषित कीजिए। विभिन्न प्रकार के संप्रत्ययों तथा उनके निरूपण में शामिल प्रक्रियाओं को उदाहरण की सहायता से स्पष्ट कीजिए।
(b) संस्कृतियों के आरपार समानताओं की दृष्टि से भाषा का किस प्रकार विश्लेषण किया जा सकता है? वैज्ञानिक साक्ष्यों के साथ व्याख्या कीजिए।
(c) द्विमार्गीय प्रसरण-विश्लेषण केवल दो एकमार्गीय प्रसरण-विश्लेषणों का जोड़ नहीं है। वर्णन कीजिए तथा उदाहरणों के साथ मूल्यांकन कीजिए।
8. (a) अनुसंधान साक्ष्यों को उद्धृत करते हुए समाजीकरण में सांस्कृतिक कारकों की भूमिका को उजागर कीजिए।
(b) क्या स्मृतिलोप केवल पुनःप्राप्ति (रिट्रीवल) असफलता की परिघटना है? आनुभविक साक्ष्यों के प्रकाश में चर्चा कीजिए।
(c) व्यक्तित्व आकलन में पेपर-पेन्सिल परीक्षणों की उपयोगिताओं का समालोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
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