(Download) संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा राजनीति विज्ञान Paper-1- 2016
(Download) UPSC IAS Mains Exam संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा 2016 राजनीति विज्ञान (Paper-2)
- Exam Name: UPSC IAS Mains Political Science (राजनीति विज्ञान) (Paper-2)
- Marks: 250
- Time Allowed: 3 Hours
खण्ड A
1. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिये :
(a) तुलनात्मक राजनीति के अध्ययन में राजनीतिक अर्थशास्त्रीय उपागम के मार्क्सवादी दृष्टिकोण का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिये।
(b) राजनीतिक दलों की अवनति पर टिप्पणी कीजिये और परीक्षण कीजिये कि क्या नव सामाजिक आंदोलन सरकार और समाज के बीच कड़ी स्थापित करने के लिए वैकल्पिक रणनीति होंगे।
(c) राज्य के आंतरिक प्रकार्यण (फंक्शनिंग) पर वैश्वीकरण के प्रभाव पर चर्चा कीजिये।
(d) अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के अध्ययन के प्रकार्यात्मक और व्यवस्थात्मक उपागमों का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिये।
(e) “आंतरिक दबावों (नृजातीय और प्रादेशिक बलों) और बाहरी घुड़कियों (यूरोपीय संघ, संयुक्त राष्ट्र, टी० एन० सी०, वैश्विक बाजार आदि) के संयोजन ने सामान्यतः कहे जाने वाले 'राष्ट्र-राज्य संकट' को पैदा कर दिया है।" विस्तारपूर्वक स्पष्ट कीजिये।
2. (a) आर्थिक सुरक्षा के साथ-साथ वैश्विक मानवीय सुरक्षा पर बल दिये जाने की आवश्यकता का क्या कारण है? उदाहरण प्रस्तुत करते हुए स्पष्ट कीजिये।
(b) क्या आप समर्थन करते हैं कि संयुक्त राष्ट्र के ढाँचे और कार्यप्रणाली में बड़े परिवर्तनों की आवश्यकता है? इसकी कार्यदक्षता बढ़ाने के लिए परिवर्तनों का सुझाव दीजिये।
(c) शीत युद्धोत्तर काल में नाभिकीय शस्त्रों के अप्रसार के उद्भव पर चर्चा कीजिये।
3. (a) “ 'नव साम्राज्यवादी काल' में टी० एन० सी०, बैंकों और निवेश फर्मों के हितों को साधने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, जी-7, गैट और अन्य संरचनाएँ बनाई गई हैं।" नयी विश्व व्यवस्था में शासन के उदाहरण प्रस्तुत करते हुए इसको संपुष्ट कीजिये।
(b) शीत युद्ध के उदय और पतन का संक्षेप में परीक्षण कीजिये।
(c) प्रादेशिकता विश्व राजनीति को किस प्रकार स्वरूप प्रदान करती है? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिये।
4. (a) राष्ट्रीय हित की प्रोन्नति के लिए अभिकल्पित उपकरणों और विधियों को स्पष्ट कीजिये।
(b) “शक्ति-संतुलन की धारणा के संभ्रांतिपूर्ण होने की मशहूरी है।" इस उद्धरण के प्रकाश में क्या आप समझते हैं कि शक्ति-संतुलन की संकल्पना प्रासंगिक है?
(c) क्या हित समूह लोकतंत्र की प्रोन्नति करने में सहायता करते हैं या कि उसे कमजोर करते हैं? अपना मत प्रस्तुत कीजिये।
खण्ड "B"
5. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिये :
(a) भारत की विदेश नीति के निर्माण में कौन-कौन से निर्धारक तत्त्व महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिये।
(b) गुट-निरपेक्ष आंदोलन में भारत के योगदान पर और इसकी समकालीन प्रासंगिकता पर टिप्पणी कीजिये।
(c) भारत व चीन के बीच तनाव के मुख्य कारणों पर प्रकाश डालिये। संबंधों को सुधारने की संभावनाएँ सुझाइये।
(d) भारत की नाभिकीय नीति का समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिये।
(e) "कभी-कभी हम देखते हैं कि प्रादेशिक सहयोग के रास्ते की विभिन्न बाधाओं के कारण 'सार्क' के प्रयासों में विराम आ जाता है।" बाधाओं के यथोचित उदाहरणों सहित इसको सविस्तार स्पष्ट कीजिये।
6. (a) ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से निष्कासन को स्पष्ट कीजिये तथा सामान्यतः विश्व की अर्थव्यवस्था पर और विशेष रूप से भारत की अर्थव्यवस्था पर इसके परिणामों को उजागर कीजिये।
(b) भारत और चीन के बीच बाधित संबंधों के परिप्रेक्ष्य में भारत के यू० एस० ए० के साथ बढ़ते हुए संबंध पर टिप्पणी कीजिये।
(c) भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में स्थायी सीट की माँग पर अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में चीन की भूमिका का समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिये।
7. (a) विश्व राजनीति में पर्यावरणीय सरोकारों की रखवाली करने से संबंधित मुख्य समस्याओं व चुनौतियों का परीक्षण कीजिये।
(b) उत्तर-दक्षिण विभाजन की संकल्पना को स्पष्ट कीजिये और सुझाइये कि किस प्रकार उच्च मजदूरी, उच्च निवेश वाले औद्योगिक उत्तर और निम्न मजदूरी, निम्न निवेश वाले अधिकतर ग्रामीण दक्षिण के बीच संरचनात्मक असमताओं को कम किया जा सकता है। (c) विकासशील देशों पर सोवियत संघ के विखंडन के सकारात्मक व नकारात्मक प्रभावों की चर्चा कीजिये।
8. (a) शस्त्रीकरण होड़ के सामाजिक-आर्थिक प्रभावों को स्पष्ट कीजिये और निःशस्त्रीकरण की राह में आने वाली रुकावटों की पहचान कीजिये।
(b) भारत की पूर्व की ओर देखो नीति' के संबंध में क्या अपेक्षाएँ व आकांक्षाएँ हैं? स्पष्ट कीजिये।
(c) पठानकोट घटना के प्रकाश में पाकिस्तान के प्रति भारत की विदेश नीति में आये परिवर्तन पर चर्चा कीजिये।
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