(Download) संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा इतिहास Paper-2 - 2014
संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा (Download) UPSC IAS Mains Exam 2014 इतिहास (Paper-2)
खण्ड ‘A’
Q1. निम्नलिखित प्रत्येक कथन का समालोचनात्मक परीक्षण लगभग 150 शब्दों में कीजिए :
(a). "अंग्रेज़ों की भारत की विजय प्लासी के साथ सम्पूर्ण नहीं हुई थी। अगर अंग्रेज़ों को भारत में किसी पश्चातकालीन युद्ध में पूरी तरह से पराजित कर दिया गया होता, तब प्लासी (का युद्ध) भारत के इतिहास में एक छोटा किस्सा बन कर रह जाता ।"
(b) “मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार प्रस्तावों ने 'द्विशासन' प्रणाली लागू की, किन्तु इसने ज़िम्मेदारियों की रेखाओं को धुंधला कर दिया ।”
(c) “1857 के विद्रोह के सैनिक, सामन्ती और परम्परागत अधिस्वरों को उसके राष्ट्रवादी या आद्य-राष्ट्रवादी चरित्र ने निष्प्रभ कर दिया था ।"
(d) "1885 में भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के जन्म को 'सेफ्टी-वाल्व अभिधारणा' पर्याप्त तौर पर स्पष्ट नहीं करती है ।"
(e) “एम.के. गाँधी द्वारा खिलाफ़त आन्दोलन का समर्थन एक बड़ी भूल थी, क्योंकि यह एक ऐसा अन्य-देशीय मुद्दा था जिसने भारतीय राष्ट्रीयता को जड़ों से ही काट दिया था ।"
Q2. (a) “सरकार की द्विशासन प्रणाली प्रारम्भ से ही पूर्ण रूप से असफल थी । प्रथमतः, निजी व्यापार का दुरुपयोग पहले की तुलना में ज़्यादा ऊँचाइयों पर पहुँच गया था । द्वितीय, कम्पनी की वृद्धि की माँगों ने किसानों के घोर उत्पीड़न का रास्ता खोल दिया ।” परीक्षण कीजिए ।
(b) योजना (केबिनेट मिशन योजना) को नकारने के बजाय, काँग्रेस ने अध-कचड़ी विधिक युक्ति का सहारा अपने हितों को दूरगामी प्रबन्धों से साधने के लिए, इसके सीमित (अल्पकालीन) प्रावधानों को स्वीकार कर लिया ।” समालोचनात्मक समीक्षा कीजिए। "
(c) “स्वतन्त्र भारत में सशक्तिकरण के लिए दलित आन्दोलन, अनिवार्यतः निर्वाचन राजनीति के माध्यम से राजनीति में अपना स्थान प्राप्ति के लिए बने रहे हैं ।” विवेचन कीजिए ।
Q3. (a) "नरमदलियों के अधिकांश के लिए राजनीति एक अंशकालिक कार्य था । काँग्रेस एक राजनीतिक दल नहीं, किन्तु एक त्रिदिवसीय वार्षिक प्रदर्शन था ।” सविस्तार स्पष्ट कीजिए ।
(b) "बंगाल में विभाजन विरोधी आन्दोलन (1909) का एक आर्थिक चरित्र था, जो महाराष्ट्र के उग्रवादी आन्दोलन से भिन्न था जिसका एक धार्मिक चरित्र था ।” परीक्षण कीजिए ।
(c) “सरदार पटेल ने खून की एक भी बूंद बहाए बिना, बहुसंख्य राज्यों के आमेलन और आत्मसात्करण को सुनिश्चित करने के द्वारा, एक मौन क्रांति को संपादित किया ।” सविस्तार स्पष्ट कीजिए ।
Q4. (a). “हालाँकि श्री रामकृष्ण नव हिन्दुवाद के एक पैगंबर बन गए थे, परन्तु उन्होंने किसी नए धर्म की स्थापना का दावा कभी नहीं किया ।” सविस्तार स्पष्ट कीजिए ।
(b) “आखिरकार अंग्रेज़ों ने 15 अगस्त, 1947 को भारत को क्यों छोड़ा ? साम्राज्यवादी उत्तर यह . है कि स्वतन्त्रता केवल अंग्रेज़ों के स्वनिर्धारित उद्देश्य को पूर्ण कर स्वशासन में भारतीयों की सहायता करना था ।” परीक्षण कीजिए ।
(c) भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन ने किस हद तक अफ्रीका में स्वाधीनता आन्दोलन को प्रभावित किया था ?
खण्ड "B"
Q5. निम्नलिखित प्रत्येक कथन का समालोचनात्मक परीक्षण लगभग 150 शब्दों में कीजिए :
(a) "रूसो का प्रयास व्यक्ति की स्वतन्त्रता और सरकार की संस्था के बीच सरकार की संविदा थियोरी की नई दृष्टि के माध्यम से समन्वय स्थापित करना था ।”
(b) “यूरोप में वाणिज्यिक और औद्योगिक हितों ने उपनिवेशों की स्थापना के लिए पक्का उष्णगृह वातावरण तैयार कर दिया था ।"
(c) “प्रबुद्ध तानाशाह (यूरोप) आवश्यक तौर पर राजनीतिक रूप में उदारवादी नहीं थे।"
(d) "इंग्लैंड में आधुनिक दलीय संगठन का वास्तविक प्रारम्भ 'रिफॉर्म ऐक्ट' पास करने के साथ हुआ ।... वास्तविक रूप में इंग्लैंड की वर्तमान राजनीतिक प्रणाली 1832 से चली आ रही
(e) "रूसी-जापान युद्ध ने जापान को एक बड़ी शक्ति के रूप में उदय के लिए सहायता की थी ।"
Q6. (a) "अमरीकी क्रान्ति विलक्षण आकस्मिकता के साथ घटित प्रतीत होती है । इसको सम्भव बनाने के लिए अनेक प्रतिभाशाली नेता 1763 से 1775 के बीच में उभरे ।” सविस्तार स्पष्ट कीजिए।
(b) “अगर हमें राज्य की अपनी धारणा को परिभाषित करना हो, तो हमारा उत्तर होगा कि राज्य ग़रीब लोगों का साहूकार है । सरकार उत्पादन के साजो-सामान की खरीद करने और सामाजिक कार्यशालाओं की स्थापना करने के लिए वित्तीय सहायता देगी व पर्यवेक्षण करेगी ।” लुई ब्लाँ के उपर्युक्त कथन के आलोक में, यूरोप में पूर्व-मार्क्सवादी समाजवादी विचारधारा पर प्रकाश डालिए ।
(c) 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में यूरोपीय शक्तियों के विस्तार ने किस सीमा तक अफ्रीका के आधुनिकीकरण में सहायता प्रदान की थी ?
Q7. (a) “अधिकारों की घोषणा विशेषाधिकारों की व्यवस्था के लिए और प्राचीन शासन के लिए मृत्यु का परवाना थी, फिर भी विचारों के इतिहास में, यह भविष्य की बजाय भूतकाल से सम्बन्धित है ।” परीक्षण कीजिए ।
(b) 18वीं व 19वीं शताब्दियों में, यूरोप और एशिया में देशान्तरण के सामाजिक-सांस्कृतिक व आर्थिक परिणामों का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए ।
(c) 1956 के स्वेज़ संकट की उत्तरदाई परिस्थितियों का विवेचन कीजिए और वैश्विक राजनीति पर इसके प्रभावों का परीक्षण कीजिए ।
Q8. (a) “दो विश्व युद्धों के कारण यूरोपीय मूर्खता के माध्यम से यूरोप को ग्रहण लग गया था ।" सविस्तार स्पष्ट कीजिए।
(b) "फ्रैंकफर्ट की संकुचित राष्ट्रवाद की भाषा ने जर्मन आन्दोलन को उसी प्रकार तबाह कर दिया था कि जिस प्रकार हाउस ऑफ सेवॉय के विवर्धन के विनाशक विचार ने इतालवी क्रांति को नष्ट कर दिया था ।” विवेचन कीजिए ।
(c) एशिया में अमरीका के विदेशी विस्तार की प्रकृति का विवेचन कीजिए और इसके परिणामों को स्पष्ट कीजिए।