(Download) संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा विधि Paper-2 - 2014
संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा (Download) UPSC IAS Mains Exam 2014 विधि (Paper-2)
खण्ड ‘A’
Q. 1 निम्नलिखित में से प्रत्येक का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए। विधि उपबंधों और न्यायिक निर्णयों की सहायता के साथ उत्तर दें :
(a) प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार से क्या अभिप्रेत है ? प्राईवट प्रतिरक्षा के अधिकार का आधार कौनसे सामान्य सिद्धांत हैं ?
(b) अपराध के विभिन्न चरणों का विवेचन कीजिए। भारतीय दंड संहिता के अधीन प्रयत्न का चरण किस प्रकार दंडनीय है ?
(c) “सूत्र ‘स्वेच्छया जोखिम को ग्रहण करना' है, 'जोखिम का ज्ञान' नहीं।" समझाइए ।
(d) “अपकृत्य सिविल दोष का एक प्रकार है।" इस परिभाषा का परीक्षण कीजिए और इसमें अन्य लक्षण जोड़कर इसको व्यापक बनाइए।
(e) "भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 भारत में लोकतंत्र को सुरक्षित रखने के लिए एक महत्वपूर्ण विधान है।" विवेचन कीजिए।
Q. 2(a) अपराध के घटक तत्व कौनसे हैं ? सुसंगत निर्णय विधि के साथ आपराधिक मन:स्थिति का सविस्तार विवेचन कीजिए।
(b) अपनी पत्नी के शरीर के अमर्म (नॉन वाइटल) भागों पर बार-बार लातों से A ने हमला किया। वह भूमि पर गिर गई और मूर्छित हो गई। ऐसा आभास देने के लिए कि उसने आत्महत्या की थी A ने मूर्छित शरीर को उठा लिया और उसको मृत समझकर एक रस्सी से गर्दन बांध कर लटका दिया। शव परीक्षण से यह साबित हो गया कि मृत्यु गर्दन बांध कर लटकाने से हुई। न्यायिक निर्णयों की सहायता से A के आपराधिक दायित्व का विवेचन कीजिए।
(c) "किसी कार्य के अवैध लोप का दुष्प्रेरण अपराध की कोटि में आ सकेगा, चाहे दुष्प्रेरक उस कार्य को करने के लिए स्वयं आबद्ध न हो।” समझाइए और दृष्टांत दीजिए।
3(a) "आपराधिक न्यासभंग और छल दो भिन्न अपराध हैं जिनमें सामान्यत: बेईमानी का आशय होता है परंतु मूल संकल्पना में वे आपस में गैरमिलनसार और अलग हैं।" निर्णय विधि की सहायता से समझाइए।
(b) “भारतीय दंड संहिता की धारा 304-क के अधीन उतावलेपन से या उपेक्षापूर्ण कृत्य से मृत्यु करने और धारा 304 के अधीन आपराधिक मानव-वध जो हत्या नहीं है के बीच अंतर सूक्ष्म है, पर इसकी अनदेखी करने पर गंभीर अन्याय हो सकता है।” समझाइए।
(c) “यह निर्णय करने के लिए कि क्या योगदायी उपेक्षा में शिशु का दायित्व है उसकी आयु पर विचार करना आवश्यक है।" विवेचन कीजिए और निर्णय विधि का संदर्भ दीजिए।
Q. 4(a) "कस्तूरी लाल बनाम उत्तर प्रदेश राज्य में उच्चतम न्यायालय के निर्णय को यद्यपि उलटा नहीं गया है, तथापि सभी व्यावहारिक प्रयोजनों के लिए इसका बल पर्याप्त कम कर दिया गया है।” स्पष्ट कीजिए।
(b) A की पत्नी W विषाक्त एपीडर्मल नेक्रोलिसिस की बीमारी से ग्रसित थी। चिकित्सक से परामर्श करने पर उसने देर तक कार्य करने वाली कॉर्टिको स्टिरॉयड 'डेपोमेड्रॉल' की 80 मिलिग्राम की सुई प्रत्येक ' दिन दो बार लगाना निश्चित किया। इस औषधि के लेने के पश्चात् भी W का स्वास्थ्य खराब होता ही रहा और एक सप्ताह के भीतर ही उसकी मृत्यु हो गई। विशेषज्ञ की राय पर यह मालूम हुआ कि D के द्वारा लागू की गई चिकित्सा प्रणाली चिकित्सीय सोच की किसी भी विचारधारा से समर्थित नहीं है और यह स्टिरॉयड के उपयोग के संबंध में मूल परिसंकट की निरा अज्ञानता में है। अपनी पत्नी W की मृत्यु के लिए 75 लाख रुपये की मांग करते हुए A ने उपभोक्ता मंच में परिवाद दाखिल किया। उपभोक्ता मंच की अधिकारिता पर D ने आपत्ति की और अपनी कोई उपेक्षा न होने का तर्क भी दिया। निर्णय कीजिए।
(c) “मानहानि के अपकृत्य के सभी मामलों में यह आवश्यक नहीं है कि वादी की ख्याति की हानि हुई हो ।” समझाइये और दृष्टांत दीजिए।
खण्ड "B"
Q. 5 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए, जो प्रत्येक 150 शब्दों से अधिक में न हों। अपने उत्तर के समर्थन में विधिक उपबंधों और विनिश्चित मामलों का उल्लेख कीजिए :
(a) “यदि किसी संविदा का भंग किया गया हो, तो विधि प्रयास करेगा कि जहाँ तक धन का सामर्थ्य है, क्षतिग्रस्त पक्ष को ऐसी स्थिति में स्थापित कर दिया जाये कि मानो संविदा का पालन कर लिया गया हो।" उपरोक्त कथन को स्पष्ट कीजिए और कोर्ट द्वारा नुकसानी (डैमेजैस) के आकलन के लिए अनुसरण किए जाने वाले सिद्धांत पर चर्चा कीजिए।
(b) “साइबर अपील अधिकरण के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के लिए कार्यविधि और अर्हताएं न्याय के स्तरों का अनुरक्षण करने के लिए प्रस्तुत की गई हैं।” टिप्पणी कीजिए।
(c) न्यायनिर्णयन की एक वैकल्पिक विधि के रूप में, माध्यस्थम् पक्षकारों को, माध्यस्थम् और सुलह अधिनियम, 1996 के अधीन पक्षकारों के द्वारा कोर्ट की पहुँच के कठोरतापूर्वक नियंत्रण के तथ्य को ध्यान में न रखते हुए भी, अधिकांशतः स्वीकार्य है। स्पष्ट कीजिए। (d) “मुनाफे के आपस में बांट लेने' से 'पारस्परिक उत्तरदायित्व' तक भागीदारी की वास्तविक संकल्पना कौक्स वी. हिकमैन प्रकरण (केस) में विनिश्चय का परिणाम है। विस्तारपूर्वक स्पष्ट कीजिए।
(e) “मालिक के प्रति सब-एजेंट का दायित्व, कपट और जानबूझकर किए गए दोष को छोड़कर, प्रत्यक्ष नहीं होता है।" कारण बताते हुए स्पष्ट कीजिए।
Q. 6(a) ऐक्स एण्ड कंपनी ने अपने प्रास्पेक्टस में प्रस्तुत किया कि A, B और C कंपनी के निदेशक होंगे। यह सही था और इसके आधार पर P और Q ने शेयरों के लिए आवेदन किया। परंतु, आबंटन किए जाने से पहले निदेशकों में परिवर्तन किए गए। क्या P और Q को किए गए आबंटन उनकी पसंद के अधीन हैं, या कि निदेशकों में परिवर्तन के कारण वे आबंटन रद्द माने जाएंगे ? चर्चा कीजिए।
(b) 'ख', जो एक बैंक में रु. 1,600 के मासिक वेतन पर नियुक्त है, के सदाचरण (गुड कंडक्ट) के लिए 'क' प्रतिभू (श्योरटी) देता है। इसके तीन महीने के बाद जब बैंक की वित्तीय स्थिति बिगड़ जाती है, 'ख' रु. 1,500 के मासिक वेतन को स्वीकार करने के लिए राजी हो जाता है। इसके दो महीने के पश्चात् पाया जाता है कि 'ख' सारी अवधि के दौरान, नकदी का दुर्विनियोग (मिसऐप्रोप्रिएशन) करता रहा है। भारतीय विधि के अधीन, प्रतिभू के रूप में, 'क' का क्या दायित्व है ?
(c) भारत में न्यायपालिका पक्षपातरहित है, अतएव उसको आंतरिक या बाह्य कारकों के द्वारा प्रभावित नहीं किया जा सकता है। इसके प्रकाश में, चर्चा कीजिए कि मीडिया किस हद तक अपनी सीमा का उल्लंघन करने और न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास करता है।
Q. 7(a) कापीराइट कलाकार, लेखक, फिल्म निर्माता का अधिकार है, जिसने अपने कलात्मक कौशलों के उपयोग के द्वारा एक कृत्य का सृजन किया है। कापीराइट के अतिलंघन, विशेषकर वीडियो-चोरी से संबंधित . अतिलंघन, का और विधि के अधीन उपलब्ध उपचारों का परीक्षण कीजिए।
(b) “ 'लोक न्यास' के सिद्धांत ने, जैसा कि उच्चतम न्यायालय ने उसको प्रतिपादित किया है, भारत में पर्यावरण के संरक्षण के एक उपकरण के तौर पर काम किया है।" चर्चा कीजिए।
(c) उपभोक्ता संरक्षण की विस्तारशील विधि में, 'क्रेता सावधान रहे' (कैविएट ऐम्पटर) के नियम की परिधि को स्पष्ट कीजिए।
Q. 8(a) 'प्रतिस्पर्धा न करने का अधिकार' एक ऐसा अधिकार है जिसका उद्देश्य फर्म कहलाने वाले लघु समूहों के माध्यम से कारोबार की प्रोन्नति करना है। स्पष्ट कीजिए।
Q. 8(b) प्रतीत होता है कि विकल्पी विवाद समाधान के एक तरीके के तौर पर, लोक अदालतें उन लक्ष्यों को प्राप्त करने में विफल रही हैं, जिनके लिए उनका निर्माण किया गया था। टिप्पणी कीजिए।
Q. 8(c) साइबर आतंकवाद एक सुव्यवस्थित सीमापार आपराधिक कार्य है। अतएव, संभव है कि वैश्विक विधि द्वारा समर्थित देशीय विधि, संयुक्त रूप से इस समस्या का समाधान निकाल पाए। चर्चा कीजिए।