(Download) संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा राजनीति विज्ञान और अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध Paper-1 - 2014

UPSC CIVIL SEVA AYOG

संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा (Download) UPSC IAS Mains Exam 2014 राजनीति विज्ञान और अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध (Paper-1)

खण्ड ‘A’

1. निम्नलिखित प्रत्येक पर लगभग 150 शब्दों में टिप्पणी लिखिए : 

(a) " राजनीतिक थियोरी एक पलायन तंत्र नहीं है, अपितु एक कठिन आह्वान है।'' (जॉन प्लैमनेट्ज़) 

(b) "वाद-विवाद का सभी चुप करना अमोघता (इन्फैलिबिलिटी) का अभिगृहीत करना है।" (जे० एस० मिल) 

(c) “राष्ट्रवाद केवल एक राजनीतिक प्रोग्राम नहीं है, अपितु धर्म की तरह जीवन का एक मार्ग है।" (अरविन्द घोष) 

(d) "भारत ने एक तरह के न्यायिक लोकतंत्र को ऊपर उठाया है जिसका अन्यत्र कोई समरूप नहीं है, तथा एक तरह के नागरिक समाज का पोषण किया है जो कि अनन्य रूप से इसका अपना है।" (भीखू पारेख) 

(e) "शक्ति कभी भी एक व्यक्ति की सम्पत्ति नहीं होती है; यह एक समूह के पास होती है और तभी तक अस्तित्व में रहती है जब तक समूह एकसाथ बना रहता है।" (हन्ना आरेन्ट) 

2. (a) इस दृष्टिकोण की समीक्षा कीजिए कि हो सकता है कि इक्कीसवीं सदी में समाजवाद का पूँजीवाद-विरोध के रूप में पुनर्जन्म हो जाय। 

(b) आधुनिक समाजों में वैधता (लिजिटिमेसी) को अनुरक्षित करने के लिए आवश्यक शर्तों का परीक्षण कीजिए। 

(c) भारतीय राजनीतिक चिन्तन में बुद्धवादी परम्परा के योगदानों का मूल्यांकन कीजिए। 

3. (a) समुदायवादी विचारकों की समीक्षाओं में न्याय की संकल्पना को स्पष्ट कीजिए। 

(b) फासीवादी तथा मार्क्सवादी विचारधाराओं में राज्य की संकल्पना का परीक्षण कीजिए। 

(c) किस प्रकार स्वतंत्रता, समानता के लिए एक पूर्व-शर्त है? समानता और स्वतंत्रता के मध्य सम्बन्ध को स्पष्ट कीजिए। 

4. (a) स्पष्ट कीजिए कि किस प्रकार मैकियविली द्वारा मानव-मामलों में आनुभविक प्रणाली का अनुप्रयोग राजनीति विज्ञान के विकास में एक महत्त्वपूर्ण चरण को चिह्नित करता है।

(b) अरस्तू के राजनीतिक चिन्तन के केन्द्र में उसकी पॉलिटिक्स' में विभिन्न प्रकारों के राजनीतिक संविधानों का वर्गीकरण है। मूल्यांकन कीजिए।

(c) विमर्शी (डिलिबरेटिव) लोकतंत्र के अभिलक्षणों को स्पष्ट कीजिए। 
 

खण्ड "B" 

5. निम्नलिखित प्रत्येक पर लगभग 150 शब्दों में टिप्पणी लिखिए : 

(a) भारत में मानवाधिकार आन्दोलनों की दुविधाएँ 

(b) भारत में नृजातीयता और लोकतंत्र के बीच सम्बन्ध 

(c) राज्य नीति के निदेशक तत्त्वों पर बढ़ता हुआ उच्चतर फोकस 

(b) भारत में वामपन्थी विचारधारा का हाशिये पर जाना 

(e) सुशासन को बढ़ावा देने में, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की भूमिका 

6. (a) दलितों के विरुद्ध हिंसा को नियंत्रित करने में, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की कार्यप्रणाली की विवेचना कीजिए। 

(b) भारत में महिला आन्दोलनों की व्याप्ति और परिसीमाओं का परीक्षण कीजिए। 

(c) स्पष्ट कीजिए कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान किसान आन्दोलनों ने किस प्रकार राष्ट्रीय विचारों को आगे बढ़ाया। 

7. (a) भारत में चुनाव प्रक्रिया में सुधारों की प्रकृति का विवेचन कीजिए तथा और आगे सुधारों की गुंजाइश को स्पष्ट कीजिए। 

(b) भारत की उच्चतर न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति की क्रियाविधि पर वाद-विवादों का परीक्षण कीजिए। 

(c) स्पष्ट कीजिए कि महिलाओं की भागीदारी ने भारत के ग्रामीण स्थानीय निकायों की कार्यात्मकता पर किस प्रकार असर डाला है। 

8. (a) उपयुक्त उदाहरण देकर समझाइए कि दबाव समूह किस प्रकार लोक नीति-निर्माण को प्रभावित कर रहे हैं। 

(b) धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार के सांविधानिक संरक्षण के उपबन्ध कौन-से हैं और वे भारत में धर्मनिरपेक्षता को बढ़ाने में कहाँ तक सफल हुए हैं? 

(c) भारत में पिछले एक दशक के दौरान, विधायकों के सामाजिक-आर्थिक वर्णन (प्रोफाइल) में बदलावों के कारण बताइए।

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