(Download) संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा लोक प्रशासन Paper-2 - 2010
संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा (Download) UPSC IAS Mains Exam 2010 लोक प्रशासन (Paper-2)
Exam Name: UPSC IAS Mains PUBLIC ADMINISTRATION (लोक प्रशासन) (Paper-2)
Marks: 250
Time Allowed: 3 Hours.
खण्ड 'A'
1. निम्नलिखित के उत्तर दीजिए, जो प्रत्येक 200 से अधिक शब्दों में नहीं होने चाहिए :-
(क) “नरेशों का शासन मुख्यत: लिखित आदेशों पर निर्भर करता है '' क्या कारण था कि कौटिल्य कानूनों के संहिताकरण के पक्ष में था ?
(ख) क्या यह कहना सही होगा कि "अनेक सार्वजनिक क्षेत्रक उद्यमों की विफलता के प्रमुख कारणों में से एक कारण स्वायत्तता की मूल संकल्पना से हट जाना था ?'
(ग) क्या केन्द्रीय स्तर पर मंत्रियों के सशक्तीकृत समूह का उदय मंत्रिमंडलीय उत्तरदायित्व के सिद्धांत को क्षति पहुँचाएगा ?
2. (क) कहा जाता है कि भारतीय प्रशासनिक तंत्र के, युक्तिसंगत वैधिक आधार पर, आधुनिकीकरण की दिशा में अंग्रेजों ने एक महत्वपूर्ण योगदान दिया था। 1830 से 1865 के बीच की अवधि के संदर्भ में, इस आकलन को सही साबित कीजिए।
(ख) निम्नलिखित कथनों पर टिप्पणी कीजिए :-
(i) "प्रशासनिक तंत्र जितना अधिक विकसित हो जाएगा, उतनी ही बड़ी संभावना होगी कि उसके विकासात्मक प्रभाव होंगे।"
(ii) “विकास प्रशासन का प्रणोद भारत के अधिकारीतंत्र में शक्ति का संचार करने में विफल रहा।''
3. (क) भारत के संदर्भ में इस दृढ़कथन पर चर्चा कीजिए कि प्रशासनिक सुधार बहु-आयामी होते हैं और राज्य कार्य के अन्य संबंधित क्षेत्रों में सुधारों के द्वारा उनको पुष्ट करने की आवश्यकता होती है।
(ख) कहा जाता है कि केन्द्र से राज्यों को संसाधनों के अंतरण के लिए अनेक सरणियों के प्रचलन ने परिसंघीय राजकोषीय व्यवस्थाओं की समस्याओं में वृद्धि कर दी है। इस पर चर्चा कीजिए।
4. (क) “त्रिशंकु संसदों के युग में, राष्ट्रपति की शक्ति का विस्तार हो जाता है, ऐसा और भी अधिक जब पदधारी आग्रही होने का निर्णय लेता है।'' पिछले दो दशकों के दौरान भारत में स्थिति के संदर्भ में, इस कथन पर टिप्पणी कीजिए।
(ख) " न्यायाधीशों और न्यायालयों ने अपने कानूनी प्राधिकार का सर्जनात्मक रूप से पुनः निर्वचन किया है, अपनी स्वयं की शक्ति का विस्तार किया है और विधान मंडल और कार्यपालिका के मुकाबले में अपनी प्रतिष्ठा में वृद्धि की है।'' इस आकलन का समालोचनापूर्वक परीक्षण कीजिए।
(E-Book) UPSC लोक प्रशासन (Public Administration) हिन्दी Papers
Public Administration for UPSC Mains Exams Study Kit
खण्ड 'B'
5. निम्नलिखित में से किन्हीं तीन पर टिप्पणी लिखिए, जो प्रत्येक 200 से अधिक शब्दों में न हो :-
(क) “लोक हित मुकदमेबाज़ी (पी.आई.एल.) में, 1980 के दशक में उसके प्रारंभ से, अनेकों परिवर्तन हो चुके हैं।'
(ख) “सिविल सेवा तटस्थता एक कल्पना है। कोई भी विचारशील व्यक्ति तटस्थ कैसे हो सकता है ?''
(ग) कुछ राज्यों के प्रवक्ताओं के द्वारा दलील दी जाती है कि उत्तम शासन के रिकार्ड वाले राज्य वित्त आयोग के पंचाट के द्वारा अपने पहले के अंश से वंचित हो गए हैं।
6. (क) निम्नलिखित कथनों के संदर्भो एवं संदर्शों को स्पष्ट कीजिए :
(i) योजना आयोग “एक अव्यावहारिक (आर्मचेयर) सलाहकार'' है।
(ii) परिवर्तित वैश्विक और देशीय परिदृश्यों की पृष्ठभूमि में, योजना आयोग को तंत्र सुधार आयोग के रूप में अपना पुनराविष्कार करना चाहिए।
(ख) द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग ने अपनी 10वीं रिपोर्ट में, टिप्पणी की है कि “सामान्य बोध है कि सरकार में प्रोत्साहन संरचना इतनी अधिक कमज़ोर और अपर्याप्त है कि वह बेहतर निष्पादन के लिए अभिप्रेरित नहीं कर सकती।' इसको सविस्तार स्पष्ट कीजिए।
7. निम्नलिखित में से प्रत्येक पर टिप्पणी कीजिए, जो प्रत्येक 200 से अधिक शब्दों में न हो :-
(क) “समुदायों को अपनी स्वयं की प्राथमिकताओं को परिभाषित करने में सक्षम बनाने में गैर-सरकारी संगठन एक उत्प्रेरकी भूमिका का निर्वहन करते हैं।''
(ख) राजकोषीय अनुशासन को सुनिश्चित करने में, वित्तीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम, 2003 के प्रस्तावकों द्वारा व्यक्त आशावाद अनुचित प्रतीत होता है।
(ग) “जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय नगरीय नवीकरण मिशन (जे.एन.यू.आर.एम.) सरकार द्वारा हाथ में लिए गए बृहत्तम सुधार-संयोजित विकास कार्यक्रमों में से एक है।''
8. (क) तर्क दिया जाता है कि भोपाल गैस आपदा और उसके प्रति अनुक्रिया प्ररूप, कार्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व, स्थानीय, राज्यीय एवं केन्द्रीय स्तरों पर शासन, और विधिक रक्षोपायों एवं दायित्वों के तंत्रों से संबंधित बहु-सुभेद्यताओं को प्रतिबिंबित करते हैं। इस आकलन पर टिप्पणी कीजिए।
(ख) उदारीकरण के परिणामस्वरूप नव-विनियामक एजेंसियों की रचना के साथ. अतिव्यापी अधिकारिताएं और टकराव एक नई प्रवृत्ति बन गई। क्या किसी एक सुपर-विनियामक या एकीकृत विनियामक के निर्माण की आवश्यकता है ?
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