(Syllabus) RPSC: Syllabus For Post of College Lecturer: Hindi

Rajasthan Public Service Commission

Syllabus For Screening Test For Post of College Lecturer: Hindi

हिन्दी भाषा और साहित्य का इतिहास:

इकाई-1 -
हिन्दी की बोलियाँ, राजस्थानी, अवधी और ब्रज, राजभाषा हिन्दी - संवैधानिक प्रावधान, तकनीकी शब्दों के पर्याय, मानक हिन्दी के प्रमुख व्याकरणिक लक्षण, देवनागरी लिपि-सुधार समितियाँ एवं मानकीकरण । संधि, समास, प्रत्यय एवं उपसर्ग ।

इकाई-2-
हिन्दी के प्रमुख साहित्येतिहास: रचनाकार, काल । हिन्दी साहित्य का आरंभ, काल-विभाजन और नामकरण ।

इकाई-3-
आदिकाल के अध्ययन की प्रमुख समस्याएँ: रूप, भाषा और प्रामाणिकता । आदिकाल के प्रमुख कवि और उनकी रचनाएँ (सरहपाद, स्वयंभू, गोरखनाथ, चंदबरदाई, अमीर खुसरो, विद्यापति) ।

इकाई-4-
भक्तिकाल: निर्गुण और सगुण ।
संतकाव्य: प्रमुख कवि (कबीर, दादू, रैदास) और रचनाएँ ।
सूफीकाव्य: हिन्दी के सूफी कवि और रचनाएँ ।
रामभक्ति काव्य एवं कृष्ण भक्ति काव्य: प्रमुख कवि और उनकी रचनाएँ ।

इकाई-5 -
रीतिकाव्य: मुख्य धाराएं - रीतिबद्ध, रीतिसिद्ध और रीति मुक्त - प्रमुख कवि ख्केषवदास, देव, बिहारी, सेनापति, पद्माकर, मतिराम, भिखारीदास, भूषण, घनानंद, सूर्यमल मीसण (वीर सतसई केवल),।

इकाई-6-
आधुनिकता एवं नव जागरण: भारतेन्दु और उनका मण्डल । महावीर प्रसाद द्विवेदी और उनका युग । छायावाद - प्रमुख कवि (प्रसाद, पंत, निराला, महादेवी) और रचनाएँ । प्रगतिवाद-प्रयोगवाद (सप्तक काव्य), नई कविता, समकालीन कविता के प्रबंध काव्य (प्रमुख कवि - केदार नाथ अग्रवाल, नागार्जुन, अज्ञेय, शमषेर, मुक्तिबोध, धर्मवीर भारती, रघुवीर सहाय, धूमिल) ।
हिन्दी उपन्यास, नाटक, एकांकी, कहानी, निबंध, आलोचना, जीवनी, संस्मरण एवं आत्मकथा ।
दलित विमर्ष: लेखक और कृतियाँ ।
हिन्दी की प्रमुख साहित्यिक संस्थाएँ तथा पत्र-पत्रिकाएं ।

भारतीय काव्य शास्त्र:
इकाई-7 -
- काव्य लक्षण, काव्य हेतु ।
- रस सिद्धान्त: रस के अवयव - स्थायी भाव, विभाव, अनुभाव, संचारी भाव (काव्य में इन सब की पहचान) ।
- अलंकार सिद्धान्त: अलंकार का स्वरूप, महत्त्व ।
-रीति सिद्धान्त: रीति का स्वरूप, भेद, काव्य, गुण, गुण और आलंकार का संबंध ।
- ध्वनि सिद्धान्त: ध्वनि का स्वरूप, भेद, असंलक्ष्यक्रम, व्यंग्य (रस-ध्वनि, भावोदय, भाव-षांति, भाव-षबलता और भाव-संधि ।
- वक्रोक्ति सिद्धान्त: वक्रोक्ति का स्वरूप और मुख्य छह भेद, वक्रोक्ति और स्वभावोक्ति ।

पाष्चात्य काव्य शास्त्र:
इकाई-8 -
- अरस्तू: त्रासदी और उसके तत्व ।
- लोंजाइनस: उदात्त की अवधारणा (कथानक, चरित्र, भाषा-षैली और उद्देष्य का औदात्य ।
- वडर्सवर्थ: काव्य भाषा ।
- कालरिज: कल्पना सिद्धान्त ।
- क्रोचे: अभिव्यंजनावाद - सहजाभूति और कला ।
- टी.एस.इलियट: वस्तुनिष्ठ समीकरण ।

अलंकार, छन्द एवं काव्य दोष ।
इकाई-9 -
- अलंकार: यमक, श्लेष, वक्रोक्ति, उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, विभावना, संदेह, भ्रंतिमान, उदाहरण, दृष्टान्त, प्रतीप, व्यतिरेक, दीपक और ब्याज स्तुति ।
- छन्द: चउपई-चैपाई, दोहा, सोरठा, रोला, उल्लाला, छप्पय, कुंडलिया, गीतिका, हरिगीतिका, मालिनी, मंदाक्रांता, षिखरिणी, वंषस्थ और द्रुतविलंबित ।
- दोष: ग्राम्य्त्व, श्रुतिकटुत्व, अष्लीलत्व, अक्रमत्व, न्यूनपदत्व, अधिकपदत्व, अप्रतीतत्व, क्लिष्टत्व, च्युत - संस्कृति ।

इकाई-10 -
अभ्यर्थी से यह अपेक्षा की जाती है कि उसने निम्नलिखित ग्रन्थों का सांगोपांग अध्ययन किया है -
1 पद्मावती समय - चंद बरदाई ।
2 कबीर - सं. हजारी प्रसाद द्विवेदी । (पद संख्या 163 से 202 - कुल 40 पद)
3 कामायनी - प्रसाद (श्रद्धा एवं लज्जा सर्ग) ।
4 राम की शक्ति पूजा - निराला ।
5 असाध्य वीणा - अज्ञेय ।
6 गोदान - प्रेमचंद ।
7 बाणभट्ट की आत्मकथा - हजारी प्रसाद द्विवेदी ।
8 ढोलन कुंज कली - यादवेन्द्र शर्मा चंद्र ।
9 आसाढ़ का एक दिन - मोहन राकेष ।
10 अंधायुग - धर्मवीर भारती ।
11 चिन्तामणी भाग - एक - रामचंद्र शुक्ल (केवल तीन निबंध - उत्साह, श्रद्धा और भक्ति एवं लोभ और प्रीति)

उपरिलिखित दस इकाइयों में प्रत्येक से 10 प्रष्न पूछे जायेंगे । प्रत्येक प्रष्न एक अंक का होगा । कुल प्रष्न-पत्र 100 अंक का होगा ।

Pattern of Question Papers :
1 Objective Type Paper.
2 Maximum Marks : 100
3 Number of Questions : 100
4 Duration of Paper : Two Hours.
5 All Questions carry equal marks.
6 There will be Negative Marking for wrong answer.

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