राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर(NPR) : UPSC परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण विषय
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर(NPR) : UPSC परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण विषय
National Population Register (NPR)
क्या है राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (National Population Register)?
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) भारत में रहने वाले लोगों का एक आम रजिस्टर है। इसके तहत जुटाए गए डेटा को यूआईडीएआई(UIDAI) को री-ड्युप्लिकेशन और आधार नंबर जारी करने के लिए भेजा जाएगा। इस रजिस्टर में तीन मुख्य चीजें- डेमोग्राफिक डेटा, बॉयोमीट्रिक डेटा और आधार नंबर शामिल होंगे। साल 2010 में यूपीए सरकार ने एनपीआर बनाने की पहल की थी. इसके बाद साल 2011 में हुई जनगणना के पहले इस पर काम शुरू हुआ था. अब जबकि साल 2021 में दोबारा जनगणना होनी है तो एनपीआर पर काम फिर से शुरू किया जौएगा I केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने एक गजट अधिसूचना में कहा कि कानून दस जनवरी से प्रभावी होगा, जिसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी. अधिसूचना में कहा गया है, ''नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (2019 का 47) की धारा 1 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार 10 जनवरी 2020 को उक्त अधिनियम के प्रावधान प्रभावी होने की तारीख के रूप में तय करती है.''
संशोधित नागरिकता कानून को 11 दिसंबर को संसद द्वारा पारित किया गया था | राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के उद्देश्य देश के हर निवासी की पूरी पहचान और अन्य जानकारियों के अधार पर उनका डेटाबेस तैयार करना इसका अहम उद्देश्य है। सरकार अपनी योजनाओं को तैयार करने, धोखाधड़ी को रोकने और हर परिवार तक स्कीमों का लाभ पहुंचाने के लिए इसका इस्तेमाल करती है।
एनपीआर भारत में रहने वाले स्वाभाविक निवासियों का एक रजिस्टर है। इसे ग्राम पंचायत, तहसील, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है। नागरिकता कानून, 1955 और सिटिजनशिप रूल्स, 2003 के प्रावधानों के तहत यह रजिस्टर तैयार होता है।
कैसे तैयार होता है राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर?
नागरिकता कानून, 1955 को 2004 में संशोधित किया गया था, जिसके तहत राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के प्रावधान जोड़े गए। सिटिजनशिप ऐक्ट, 1955 के सेक्शन 14A में यह प्रावधान तय किए गए हैं|
केंद्र सरकार देश के हर नागरिक का अनिवार्य पंजीकरण कर राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी कर सकती है।
सरकार देश के हर नागरिक का रजिस्टर तैयार कर सकती है और इसके लिए नैशनल रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी भी गठित की जा सकती है। देश के किसी भी इलाके में छह महीने से अधिक समय से रहने वाले या अगले छह महीने तक रहने का इरादा रखने वाले किसी व्यक्ति को सामान्य निवासी के तौर पर दर्ज किया जायेगा.
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में कौन सी जानकारियां दर्ज होंगी?
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में व्यक्ति का नाम, परिवार के मुखिया से संबंध, पिता का नाम, माता का नाम, पत्नी या पति का नाम (यदि विवाहित हैं), लिंग, जन्मतिथि, मौजूदा पता, राष्ट्रीयता, स्थायी पता, व्यवसाय और बॉयोमीट्रिक डिटेल्स को इसमें शामिल किया जाएगा। 5 साल से अधिक उम्र के लोगों को ही इसमें शामिल किया जाएगा।
निष्कर्ष :
इस कानून में पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को आसानी से भारत की नागरिकता मिलेगी. नागरिकता हासिल करने के लिए उन्हें यहां कम से कम 6 साल बिताने होंगे Iपहले नागरिकता हासिल करने के लिए कम से कम 11 साल बिताने का पैमाना तय था I पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और आस-पास के देशों के हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के वो लोग जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 की निर्णायक तारीख तक भारत में प्रवेश कर लिया था I वे सभी भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैंI ओसीआई कार्ड धारक यदि नियमों का उल्लंघन करते हैं तो केंद्र के पास उनका कार्ड रद्द करने का अधिकार होगा Iओसीआई कार्ड स्थायी रूप से विदेश में बसे भारतीयों को दिए जाने वाला कार्ड है I
प्रारंभिक परीक्षा के लिए MCQ
1 . राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NATIONAL POPULATION REGISTER) के बारे में निम्न लिखित में से कौन सा कथन सत्य है ?
1 . यह योजना 2010 में प्रधानमंत्री मोदी के शासन काल में शुरू हो गयी थी I
2 . नागरिकता कानून में 2004 में हुए संशोधन के मुताबिक सेक्शन 14 के तहत किसी भी नागरिक के लिए एनपीआर में रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है I
3 . राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के तहत 1 अप्रैल 2020 से 30 सितम्बर 2020 तक के नागरिकों का डाटा बेस तैयार करने के लिए देश भर में जनगणना होगी I
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) 2 और 3 दोनों
ANS: (d)
मुख्य परीक्षा के लिए Question
1. राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NATIONAL POPULATION REGISTER) क्या है I इसके उद्देश्य क्या हैं I इसे तैयार करने के लिए किन -किन मुख्य बिंदुओं का ध्यान रखा जायेगा ?