UPSC परीक्षा : दैनिक करंट अफेयर्स, Hindi Current Affairs - 25 December 2018
UPSC परीक्षा : दैनिक करंट अफेयर्स, Hindi Current Affairs - 25 December 2018
:: राष्ट्रीय ::
तीनों तेल कंपनियों पर लगाया 3 करोड़ जुर्माना
- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने तीनों सरकारी तेल विपणन कंपनियों-इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम पर एक-एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
- यह जुर्माना पेट्रोल पंपों पर वेपर रिकवरी सिस्टम नहीं लगाने पर लगाया गया है।
- उल्लेखनीय है कि पेट्रोल पंपों से पेट्रोल एवं डीजल वाहनों या वहां बनी भूमिगत टंकियों में भरते समय बेंजीन, टॉल्यूईन और जाइलीन गैसें निकलती हैं।
- राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने तीन तेल विपणन कंपनियों को 31 अक्तूबर 2018 तक सभी पेट्रोल पंपों पर वेपर रिकवरी सिस्टम लगाने का निर्देश दिया था।
राजस्थान में 17 चेहरे पहली बार बने मंत्री
- राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में बनी कांग्रेस सरकार के मंत्रिमंडल के 13 कैबिनेट एवं 10 राज्य मंत्रियों को सोमवार को राज्यपाल कल्याण सिंह ने शपथ दिलाई।
- सभी ने हिंदी में शपथ ली। कुल 17 चेहरे पहली बार मंत्री बने हैं।
- इनमें राज्य मंत्री के रूप में शपथ लेने वाली ममता भूपेश बैरवा एक मात्र महिला मंत्री हैं।
- इसी तरह पोकरण से विधायक सालेह मोहम्मद मंत्रिमंडल में एक मात्र मुस्लिम हैं।
- अपने मंत्रिमंडल विस्तान में गहलोत ने आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए जातीय समीकरणों को साधने की कोशिश की है।
- ‘36 बिरादरी’ को साथ लेकर चलने की सोच दिख रही है।
- मंत्रिमंडल में सबसे ज्यादा चार-चार विधायक जाट व अनुसूचित जाति से हैं।
- इसके बाद वैश्य, एसटी व ओबीसी समुदाय से तीन-तीन, राजपूत व ब्राह्मण समुदाय से दो-दो विधायकों को मंत्री बनाया गया है।
- पूर्व सांसद हरीश चौधरी, लालचंद कटारिया और रघु शर्मा को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।
- गहलोत ने 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद व गोपनीयता की शपथ ली थी।
- उस दिन सचिन पायलट को भी शपथ दिलाई गयी थी जो उप मुख्यमंत्री बने हैं।
2 दिन तक निर्माण गतिविधियों पर रोक
- राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते खतरनाक स्तर को देखते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने दो दिन तक औद्योगिक और निर्माण गतिविधियों पर रोक लगा दी है।
- सीपीसीबी के अध्यक्ष एसपी सिंह परिहार ने कहा कि राजधानी तथा आस-पास के इलाकों में किसी भी तरह की औद्योगिक तथा निर्माण गतिविधि की इजाजत नहीं होगी।
- रविवार से समूचा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र गंभीर प्रदूषण की चपेट में है।
- गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक सर्वाधिक 478, नोएडा में 457 , फरीदाबाद में 444 तथा गुरुग्राम में 306 के स्तर तक पहुंच गया।
नीति आयोग ने सतत विकास लक्ष्य भारत सूची-2018 जारी
- नीति आयोग ने सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) भारत सूची 2018 जारी की.
- यह सूची 2030 एसडीजी लक्ष्यों को लागू करने में भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की प्रगति दर्शाती है.
- एसडीजी भारत सूची को सांख्यिकी व कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने ग्लोबल ग्रीन ग्रोथ इंस्टीट्यूट और संयुक्त राष्ट्र (भारत) के सहयोग से तैयार किया है.
- इस सूची को नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार, सदस्य डॉ. रमेश चन्द्र, डॉ. वी.के.पॉल तथा डॉ. वी.के.सारस्वत, आयोग के सीईओ अमिताभ कांत, संयुक्त राष्ट्र संयोजक यूरी अफानासिव और सांख्यिकी व कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव तथा सीएसआई प्रवीन श्रीवास्तव ने जारी किया.
एसडीजी भारत सूची-2018 का आधार
- एसडीजी भारत सूची 62 प्राथमिक संकेतकों पर आधारित है. इन संकेतकों का चयन नीति आयोग ने किया है.
- इस सूची में 17 एसडीजी में से 13 के आंकड़ों को शामिल किया गया है.
- एसडीजी 12, 13 और 14 का मापन संभव नहीं हो सका क्योंकि इनसे संबंधित आंकड़े राज्य/केन्द्रशासित प्रदेश द्वारा उपलब्ध नहीं कराए जा सके थे.
- एसडीजी 17 पर विचार नहीं किया गया है
- क्योंकि यह अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर आधारित है. कुल 13 एसडीजी के संदर्भ में प्रत्येक राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश के प्रदर्शन को 0-100 के पैमाने पर मापा गया है.
- यह राज्यों के औसत प्रदर्शन को दिखाता है.
- यदि किसी राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश ने 100 प्राप्त किया है तो इसका अर्थ है कि राज्य ने 2030 के राष्ट्रीय लक्ष्यों को हासिल कर लिया है.
भारत ने परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम अग्नि-4 मिसाइल का सफल परीक्षण किया
- भारत ने ओडिशा तट से परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम लंबी दूरी की मारक क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-4 का सफल परीक्षण किया.
- इस सामरिक मिसाइल का परीक्षण डॉ. अब्दुल कलाम द्वीप स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र (आईटीआर) के लॉन्च पैड संख्या-4 से किया गया.
- अग्नि-4 मिसाइल का यह सातवां परीक्षण था.
- इससे पहले भारतीय सेना की सामरिक बल कमान (एसएफसी) द्वारा इसी स्थान से 02 जनवरी 2018 को इसका सफल परीक्षण किया गया था.
- परमाणु क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण 10 दिसंबर 2018 को किया गया था,
- जिसकी मारक क्षमता 5,000 किलोमीटर है.
अग्नि-4 मिसाइल के बारे में:
- इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान ए वं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बनाया है.
- अग्नि-4 एक इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है.
- यह मिसाइल 20 मीटर लंबी, डेढ़ मीटर चौड़ी और 17 टन वजन वाली है.
- यह अपने साथ एक किलो तक के विस्फोटक ले जाने में सक्षम है.
- यह मिसाइल 4,000 किलोमीटर की दूरी तक का लक्ष्य भेदने में सक्षम है.
- सतह से सतह पर मार करने में सक्षम स्वदेशी अग्नि-4 मिसाइल में द्विचरणीय शस्त्र प्रणाली है.
- अग्नि-4 मिसाइल में पांचवी पीढी के कंप्यूटर लगे हैं. आधुनिकतम विशेषताएं उड़ान के दौरान आने वाली खामियो से खुद को ठीक एवं दिशा निर्देशित करना है.
- भारत में निर्मित यह मिसाइल जमीन से जमीन पर प्रहार करती है.
- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने इस मिसाइल प्रौद्योगिकी में कई नई प्रौद्योगिकियों और महत्वपूर्ण सुधार को प्रदर्शित किया है.
- यह मिसाइल अपने प्रकारों में एक अलग ही मिसाइल है, यह पहली बार कई नई प्रौद्योगिकियों को साबित करती है और मिसाइल प्रौद्योगिकी के मामले में एक क्वांटम छलांग दर्शाती है.
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सूचना समेकन केंद्र का उद्घाटन किया
- रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने 22 दिसंबर 2018 को सूचना प्रबंधन और विश्लेषण केंद्र (आईएमएसी) गुरुग्राम में सूचना समेकन केंद्र - हिंद महासागर क्षेत्र (आईएफसी-आईओआर) का शुभारंभ किया.
- इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्रालय, विदेश मामले मंत्रालय, गृह मंत्रालय, जहाजरानी मंत्रालय के अधिकारियों के प्रतिनिधित्व के अतिरिक्त एनएससीएस, राजदूतों और साझीदार देशों के रेजिडेंट डिफेंस अटैचियों ने भी भाग लिया.
आईएफसी-आईओआर का उद्देश्य:
- आईएफसी-आईओआर का उद्देश्य सहयोगी देशों और बहुराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ नौवहन जागरुकता और सूचना साझा करने के लिये परस्पर सहयोग करना है.
- यह खासकर वाणिज्यिक मालवाहक जहाजों के बारे में सूचनाओं को साझा करने में अहम होगा.
- इससे हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा.
मुख्य तथ्य:
- आईएफसी-आईओआर रखने का उद्देश्य साझीदार देशों के लिए अधिक है, यह वैश्विक संसाधनों को सुरक्षित रखने तथा इसे लोकतांत्रिक रूप से सभी के लिए उपलब्ध कराने की दिशा में काम करने के लिए महत्वपूर्ण हैं.
- हमारे क्षेत्र में मौजूद विभिन्न चुनौतियों को दूर करने की दिशा में आईएफसी-आईओआर हमारे सामूहिक ज्ञान और संसाधनों का उपयोग करने के अलावा हमें एकीकृत करने में भी मदद करेगा, जिससे हम एक-दूसरे की सर्वोत्तम प्रथाओं और विशेषज्ञता से लाभान्वित होंगे.
- आईएफसी-आईओआर एक सहयोगी निर्माण होगा जो भागीदारों, देशों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों की समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के लिए साथ मिलकर काम करेगा.
- आईएफसी-आईओआर एक समान सुसंगत समुद्री स्थिति चित्र बनाकर क्षेत्र और उससे परे समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के दृष्टिकोण से स्थापित किया गया है.
- इस केंद्र के जरिए भारत समुद्री परिवहन नौकाओं के संचालन और अन्यप गतिविधियों पर नजर रख पाएगा. यह तकनीक समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक नोडल केंद्र साबित होगी. इसकी मदद से हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा. इस क्षेत्र में शांति को बढ़ावा देने के लिए भारत आईएफसी-आईओआर मिली जानकारियों को मित्र राष्ट्रों से साक्ष करेगा.
जीएसटी परिषद् ने 23 वस्तुओं व सेवाओं पर दर को कम किया
- वस्तु एवं सेवा कर परिषद् (जीएसटी काउंसिल) ने 22 दिसम्बर 2018 को आम लोगों को राहत देते हुए टीवी स्क्रीन, सिनेमा के टिकट और पावर बैंक सहित विभिन्न प्रकार की 23 वस्तुओं पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कमी की घोषणा की.
- कर दर में संशोधन का यह निर्णय 01 जनवरी 2019 से प्रभावी होगा.
- वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में दिल्ली में हुई बैठक में जीएसटी दरों दरों से संबंधित कई अहम फैसले लिए गए हैं.
- विभिन्न प्रकार की वस्तुओं पर जीएसटी दरें कम करने से सालाना राजस्व में 5,500 करोड़ रुपये का असर पड़ेगा.
- परिषद् ने जीएसटी की 28 प्रतिशत की सर्वोच्च कर के दायरे में आने वाली वस्तुओं में से सात को निम्न दर वाले स्लैब में डाल दिया है.
- इसके साथ ही 28 प्रतिशत के स्लैब में अब केवल 28 वस्तुएं बची हैं.
- सिनेमा के 100 रुपये तक के टिकटों पर अब 18 प्रतिशत की बजाय 12 प्रतिशत की दर से और 100 रुपये से ऊपर के टिकट पर 28 प्रतिशत की बजाय 18 फीसदी की जीएसटी लगेगा.
- इसी तरह 32 इंच तक के मॉनिटर और टीवी स्क्रीन पर अब 28 प्रतिशत की बजाय 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा.
जीएसटी दर में कमी:
- 28 प्रतिशत से 18 प्रतिशत
टीवी-मॉनिटर स्क्रीन (32 इंच तक के), पुली, ट्रांसमिशन सॉफ्ट और क्रैंक, गियर बॉक्स, पुराने एवं रिट्रीडेड रिपीट रिट्रीडेड टायर, लिथियम आयन की बैटरियों वाले पावर बैंक, डिजिटल कैमरे, वीडियो कैमरा रिकॉर्डर, वीडियो गेम
- 28 प्रतिशत से 5 प्रतिशत
दिव्यांंगजनों के लिए कैरेज के पार्ट्स एवं एसेसरीाज
- 18 प्रतिशत से 12 प्रतिशत
मोटे स्वा मे यर्ड या डीबैग्डश कॉर्क, प्राकृतिक कॉर्क की वस्तुपएं, एग्जोषमेरेटिड कॉर्क
- 18 प्रतिशत से 5 प्रतिशत
मार्बल रबल
- 12 प्रतिशत से 5 प्रतिशत
प्राकृतिक कॉर्क, वॉकिंग स्टिक, फ्लाई एश ब्लॉृक
- 12 प्रतिशत से शून्यव
म्यूकजिक बॉक्सश
- 5 प्रतिशत से शून्य
- सब्जियां (बिना पकाई हुई या भाप में पकाई गई या पानी में उबाली गई), प्रशीतित, ब्रांडेड और एक यूनिट कंटेनर में रखी हुई, अस्था यी रूप से संरक्षित (उदाहरण के लिए सल्फरर डाई ऑक्सा इड गैस द्वारा, ब्राइन में, सल्फषर जल में या अन्यउ संरक्षित घोलों में), लेकिन उस स्थिति में तत्कासल उपभोग के लिए अनुपयुक्तण
- अभी तक 39 वस्तुओं पर 28 फीसदी टैक्स लगता था, जिसे अब घटाकर 34 कर दिया गया है, यानि 5 अन्य उत्पादों को 28 फीसदी की अधिकतम जीएसटी दर से बाहर किया गया है. गौरतलब है कि इससे पहले करीब दो साल में 30 बार हुई जीएसटी परिषद् की मीटिंग में 979 फैसले लिए गए हैं. जीएसटी परिषद् में राज्यों के वित्त मंत्री और केंद्रीय मंत्री शामिल होते हैं.
जीएसटी परिषद्:
- वस्तु एवं सेवा कर परिषद् (जीएसटी काउंसिल) का गठन 15 सितंबर 2016 को किया गया था.
- यह परिषद् देश में जीएसटी कर निर्धारण से सम्बंधित प्रमुख नीति-निर्माता संगठन है.
- यह परिषद् जीएसटी कर दर, कर छूट, कर नियम तथा कर डेडलाइन इत्यादि का निर्धारण करती है.
- जीएसटी परिषद् के अध्यक्ष केंद्रीय वित्त मंत्री हैं.
- इसके सदस्य के रूप में वित्त राज्य मंत्री के साथ साथ राज्यों व दो केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री या प्रतिनिधि शामिल हैं.
- केंद्र का इसमें एक-तिहाई मत है जबकि राज्यों का इसमें दो-तिहाई दखल रखा गया है.
- जीएसटी परिषद् में किसी प्रस्ताव के स्वीकृत होने के लिए तीन-चौथाई बहुमत जरूरी है. जीएसटी परिषद् की अधिसूचना जारी होने के बाद से परिषद् की पहली बैठक 22-23 सितंबर 2016 को हुई.
राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस 24 दिसंबर को मनाया गया
- राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस भारत में 24 दिसंबर 2018 को मनाया गया.
- यह दिवस उपभोक्ता आंदोलन को अवसर प्रदान करता है और उसके महत्व को उजागर करता है.
- इसके साथ ही हर उपभोक्ता को अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति जागरुक करने की प्रेरणा देता है.
- इस दिन लोगों को उपभोक्ता् आंदोलन के महत्वद को रेखांकित करने का अवसर मिलता है, साथ ही प्रत्ये क उपभोक्ता को उनके अधिकारों और जिम्मेिदारियों के बारे में अधिक जागरूक करने की आवश्योकता भी रेखांकित होती है.
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UPSC सामान्य अध्ययन (GS) प्रारंभिक परीक्षा (Pre) पेपर-1 स्टडी किट
विषयवस्तुह:
- भारत में एक विशिष्टे विषयवस्तुू के साथ राष्ट्री य उपभोक्ताो दिवस मनाया जाता है.
- इस वर्ष का विषय “उपभोक्ताष शिकायतों के समयबद्ध निपटान” है.
उद्देश्य:
- उपभोक्ता: सुरक्षा अधिनियम का उद्देश्या त्रुटिपूर्ण वस्तुीओं, सेवाओं में कमी तथा अनुचित व्यावपार प्रचलनों जैसे विभिन्न प्रकार के शोषणों के खिलाफ उपभोक्तािओं को प्रभावी सुरक्षा उपलब्धि कराना है.
- ये दिन इसलिए मनाया जाता है ताकि उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा सके और इसके साथ ही अगर वे धोखाधड़ी, कालाबाजारी आदि का शिकार होते हैं तो वे इसकी शिकायत कर सकें.
राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के बारे में:
- भारत में 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि उपभोक्ताओं को शोषण से बचाने के लिए 24 दिसंबर 1986 को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-1986 लागू किया गया था.
- इसके बाद इस अधिनियम में 1991 तथा 1993 में संशोधन किये गए. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को अधिकाधिक कार्यरत और प्रयोजनपूर्ण बनाने के लिए दिसंबर 2002 में एक व्यापक संशोधन लाया गया और 15 मार्च 2003 से लागू किया गया.
- परिणामस्वारूप उपभोक्ता संरक्षण नियम, 1987 में भी संशोधन किया गया और 5 मार्च 2004 को अधिसूचित किया गया.
- भारत में यह दिवस पहली बार वर्ष 2000 में मनाया गया. यह दिवस भारत में प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है.
- भारत सरकार ने उपभोक्ता के हितों को रक्षा करने तथा उनके अधिकारों को बढावा देने के उद्देश्य से उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम कानून बनाया था.
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986:
- यह अधिनियम उन सभी उपभोक्ता अधिकारों को सुरक्षित करता है जिनको अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार किया गया.
- इस अधिनियम के अनुसार उपभोक्ता अधिकारों को बढ़ावा देने और संरक्षण देने के लिए केंद्रीय, राज्य एवं जिला स्तरों पर उपभोक्ता संरक्षण परिषद स्थापित किए गए है.
- सुरक्षा का अधिकार: जीवन के लिए नुकसानदेह/हानिकारक वस्तुाओं और सेवाओं के खिलाफ संरक्षण प्रदान करना.
- सूचना का अधिकार: उपभोक्ता द्वारा अदा की गई कीमतों /सेवाओं की गुणवत्ता, मात्रा, वजन और कीमतों की जानकारी ताकि गलत व्यापारिक प्रक्रियाओं द्वारा किसी उपभोक्ता को ठगा नहीं जा सके.
- चुनने का अधिकार: प्रतिस्पर्धी कीमतों पर वस्तुओं और सेवाओं के अनेक प्रकारों तक यथासंभव पहुंच को निश्चित करना.
- सुने जाने का अधिकार: उपयुक्त फोरम पर सुने जाने का अधिकार और यह आश्वासन कि विषय पर उचित ध्यान दिया जाएगा.
- उपचार का अधिकार: गलत या प्रतिबंधित कारोबारी गतिविधियों/शोषण के खिलाफ कानूनी उपचार की मांग करना.
- उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार: उपभोक्ता शिक्षा तक पहुंच.
- लोकसभा में उपभोक्ता संरक्षण विधेयक 2018 पास हो गया है.
- यह विधेयक उपभोक्ताओं के हित के संरक्षण तथा उनसे जुड़े विवादों का समय से प्रभावी निपटारा करेगा.
- उपभोक्ता संरक्षण विधेयक 2018 पुराने उपभोक्ता संरक्षण कानून 1986 की जगह लेगा.
- इसका उद्देश्य भ्रामक विज्ञापनों, डिजिटल लेनदेन और ई-कॉमर्स से जुड़ी समस्याओं को बेहतर तरीके से दूर करके उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना है.
- विधेयक में प्रावधान है कि यदि कोई निर्माता या सेवा प्रदाता झूठा या भ्रामक प्रचार करता है जो उपभोक्ता के हित के खिलाफ है तो उसे दो साल की सजा और 10 लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है. अपराध दोहराये जाने पर जुर्माने की राशि 50 लाख रुपये तक और कैद की अवधि पांच साल तक हो जायेगी.
माकपा के वरिष्ठ नेता निरूपम सेन का निधन
- मार्क्सिवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के दिग्गज नेता व पश्चिम बंगाल के पूर्व वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निरूपम सेन का 24 दिसंबर 2018 को निधन हो गया.
- वे 72 साल के थे.
- वे पिछले दो साल से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे.
- निरूपम सेन को वर्ष 2013 में ब्रेन अटैक हुआ था,
- जिसके बाद वह मल्टी ऑर्गन फेलियर से गुजर रहे थे.
- भट्टाचार्य एवं सेन के नेतृत्व में ही वाममोर्चा ने राज्य में औद्योगीकरण का अभियान शुरू किया था और निजी निवेश की प्रक्रिया शुरू की थी.
- नीति में इस बदलाव ने उन्हें काफी फायदा पहुंचाया. वर्ष 2006 के विधानसभा चुनाव में वाममोर्चा को जबर्दस्त जीत हासिल हुई थी.
निरूपम सेन के बारे में:
- निरूपम सेन का जन्म 08 अक्टूबर 1946 को हुआ था.
- निरूपम सेन ने वर्ष 2001 और 2006 में बर्दवान दक्षिण सीट से विधानसभा चुनाव जीते थे.
- निरुपम सेन को बुद्धदेव भट्टाचार्य शासन के दौरान बंगाल में औद्योगिक सुधार अभियान की जिम्मेदारी दी गई थी और उसके बाद उन्हें कैबिनेट में जगह दी गई थी. पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चे की सरकार में उनकी अहम भूमिका थी.
- वे जब पश्चिम बंगाल में उद्योग मंत्री थे तब उन्होंने कई औद्योगिक परियोजनाओं की शुरुआत की थी.
- सेन पूर्व में पोलित ब्यूरो के सदस्य भी रहे.
- सेन को बंगाल के औद्योगिक सुधारों का जनक भी माना जाता है. सिंगुर और नंदीग्राम में औद्योगिक इकाई की स्थापना की शुरुआत उन्होंने ही की थी.
- साल 2015 में बुद्धदेव भट्टाचार्य के साथ ही निरुपम सेन ने भी पोलित ब्यूरो की सदस्यता छोड़ दी थी. इसके साथ ही शारीरिक अक्षमता के कारण पार्टी के अन्य पदों से भी इस्तीफा दे दिया था.
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