UPSC परीक्षा : दैनिक करंट अफेयर्स, Hindi Current Affairs - 30 December 2018
UPSC परीक्षा : दैनिक करंट अफेयर्स, Hindi Current Affairs - 30 December 2018
:: राष्ट्रीय ::
जम्मू बस स्टैंड पर ग्रेनेड विस्फोट, कोई हताहत नहीं
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जम्मू में मुख्य बस स्टैंड पर कम तीव्रता वाला ग्रेनेड विस्फोट हो गया।
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हालांकि, इसमें कोई हताहत नहीं हुआ है।
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पुलिस को संदेह है कि ग्रेनेड पास में स्थित पुलिस थाना इमारत को निशाना बनाने के लिये फेंका गया था।
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पुलिस अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट आधी रात को हुआ और हमले में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है।
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उन्होंने कहा कि ग्रेनेड के वहां से गुजर रहे एक वाहन में से फेंके जाने की आशंका है, जिसका निशाना पुलिस थाना था।
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पुलिस थाना बस स्टैंड के मुख्य प्रवेश द्वार के पास है।
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अधिकारियों ने बताया कि ग्रेनेड समय से पहले हवा में ही फट गया, जिससे कोई क्षति नहीं हुई।
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उन्होंने बताया कि पुलिस ने तत्काल इलाके की घेराबंदी ली और हमलावरों का पता लगाने के लिए अलर्ट घोषित कर दिया गया है।
कोलकाता में द्वितीय विश्वयुद्ध का बम मिला
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द्वितीय विश्वयुद्ध के समय का विमान से गिराया गया 1000 पाउंड का एक बम यहां एक बंदरगाह के पास मिट्टी हटाने के दौरान बरामद किया गया।
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कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के अध्यक्ष विनीत कुमार ने बताया कि शुक्रवार को बम मिलने के बाद इलाके की घेराबंदी कर दी गयी है और पुलिस, नौसेना तथा सेना को सूचित कर दिया गया है।
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उन्होंने कहा, ‘नेताजी सुभाष डॉक बर्थ द्वितीय में मिट्टी हटाने के अभियान के दौरान विमान से गिराया गया
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4.5 मीटर लंबा बम कल दोपहर करीब दो बजे मिला।
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शुरुआत में हमने सोचा कि यह टॉरपीडो है लेकिन नौसेना ने इसके बम होने की पुष्टि की।’
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उन्होंने बताया कि विस्फोटक को ऑर्डनेंस फैक्टरी के अधिकारियों की मदद से निष्िक्रय किए जाने की संभावना है।
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नौसेना प्रभारी अधिकारी, पश्चिम बंगाल कमांडर सुप्रभो के डे ने बताया कि बम से कोई खतरा नहीं है, क्योंकि इसमें कई सुरक्षा लॉक लगे हैं।
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हुगली नदी के पूर्वी तट पर स्थित नेताजी सुभाष डॉक का द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अमेरिकी नौसेना ने बड़े पैमाने पर अपने अभियानों के लिए इस्तेमाल किया था।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यूएनएफसीसीसी में भारत के दूसरे द्विवार्षिक अद्यतन रिपोर्ट को प्रस्तुत करने की मंजूरी
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केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 28 दिसंबर 2018 को संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मेलन (यूएनएफसीसीसी) में भारत की दूसरी द्विवार्षिक अद्यतन रिपोर्ट (बीयूआर) को पेश करने की मंजूरी दे दी.
भारत की द्विवार्षिक अद्यतन रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं:
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दूसरी द्विवार्षिक रिपोर्ट, सम्मेलन में प्रस्तुत पहली द्विवार्षिक रिपोर्ट का अद्यतन रूप है.
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रिपोर्ट में पांच प्रमुख घटक, राष्ट्रीय परिस्थितियां, राष्ट्रीय स्तर पर ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन, शमन आधारित कार्यकलाप, वित्त, प्रौद्योगिकी, क्षमता निर्माण संबंधी आवश्यकताएं तथा समर्थन प्राप्ति एवं घरेलू निगरानी को शामिल किया गया है.
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राष्ट्रीय स्तर पर किए गए विभिन्न अध्ययनों के पश्चात द्विवार्षिक अद्यतन रिपोर्ट (बीयूआर) तैयार की गई है.
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विशेषज्ञों द्वारा समीक्षा, अवर सचिव (जलवायु परिवर्तन) की अध्यक्षता में प्रौद्योगिकी परामर्शदात्री विशेषज्ञ समिति द्वारा की गई समीक्षा, सचिव (ईएफ एंड सीसी) की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संचालन समिति द्वारा समीक्षा की गई.
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समीक्षा प्रक्रिया के पश्चात सभी संशोधनों व प्रासंगिक टिप्पणियों को ध्यान में रखते हुए दूसरी द्विवार्षिक अद्यतन रिपोर्ट (बीयूआर) को अंतिम रूप दिया गया है.
रिपोर्ट:
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पहली रिपोर्ट वर्ष 2016 में पेश की गयी थी. भारत में वर्ष 2014 के दौरान विभिन्न गतिविधियों से कुल 26,07,488 गीगा ग्राम ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन हुआ.
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एलयूएलयूसीएफ उत्सर्जन में ऊर्जा क्षेत्र की सर्वाधिक हिस्सेदारी (73 प्रतिशत), आईपीपीयू की 8 प्रतिशत, कृषि की 16 प्रतिशत और अपशिष्ट क्षेत्र की 3 प्रतिशत रही.
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वन भूमि, कृषि भूमि और आबादी के कार्बन सिंक ऐक्शन से उत्सर्जन में 12 प्रतिशत की कमी हुई.
प्रभाव:
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कार्यान्वयन के संबंध में जानकारी प्रदान करने का दायित्व भारत पर है.
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दूसरी द्विवार्षिक रिपोर्ट के प्रस्तुतिकरण से दायित्व का निर्वहन होगा. भारत इस सम्मेलन का सदस्य देश है.
पृष्ठभूमि:
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भारत, संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मेलन (यूएनएफसीसीसी) का सदस्य देश है.
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धारा 4.1 और धारा 12.1 के तहत सम्मेलन, विकसित और विकासशील देशों समेत सभी सदस्य देशों को सम्मेलन के सुझावों/दिशा-निर्देशों के क्रियान्वयन से संबंधित जानकारी/रिपोर्ट प्रदान करने का आग्रह करता है.
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यूएनएफसीसीसी के सदस्य देशों ने 16वें सत्र में अनुच्छेद 60 (सी) निर्णय-1 के तहत यह निश्चित किया था कि अपनी क्षमता के अनुकूल विकासशील देश भी द्विवार्षिक अद्यतन रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे.
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इन रिपोर्टों में राष्ट्रीय ग्रीन हाऊस गैस तालिका के साथ-साथ उत्सर्जन कम करने के प्रयास, आवश्यकताएं और समर्थन प्राप्ति का भी उल्लेख होगा.
::कैबिनेट मंजूरी::
मंत्रिमंडल ने भारत और साओ टोम एवं प्रिंसिप के बीच हुए समझौते से अवगत कराया
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केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाह्य अंतरिक्ष की खोज और उसके इस्तेमाल में सहयोग पर आधारित भारत और साओ टोम व प्रिंसिप के बीच हुए समझौते के बारे में बताया. इस समझौते पर 07 सितंबर 2018 को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किये गये थे.
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इस समझौते से पृथ्वी के दूर-संवेदी क्षेत्र, उपग्रह संचार, उपग्रह खोज, अंतरिक्ष विज्ञान और बाह्य अंतरिक्ष की खोज के बारे के में नई अनुसंधान गतिविधियों और उनके प्रयोग की संभावना का पता लगाने के लिए प्रोत्साुहन मिलेगा.
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इस समझौते से लोगों के लाभ के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल के क्षेत्र में अऩेक गतिविधियों को संयुक्त रूप से आयोजित करने और विकसित करने के कार्य को बढ़ावा मिलेगा. इस प्रकार दोनों देशों के सभी हिस्सों और क्षेत्रों को लाभ होगा.
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इस समझौते से पृथ्वी के दूर-संवेदी क्षेत्र, उपग्रह संचार, उपग्रह खोज, अंतरिक्ष विज्ञान और बाह्य अंतरिक्ष की खोज के बारे के में नई अनुसंधान गतिविधियों और उनके प्रयोग की संभावना का पता लगाने के लिए प्रोत्साुहन मिलेगा. इस समझौते से लोगों के लाभ के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल के क्षेत्र में अऩेक गतिविधियों को संयुक्तप रूप से आयोजित करने और विकसित करने के कार्य को बढ़ावा मिलेगा.
कैबिनेट ने तटीय नियमन जोन (सीआरजेड) अधिसूचना, 2018 को मंजूरी दी
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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तटीय नियमन जोन (सीआरजेड) अधिसूचना, 2018 को मंजूरी दे दी है जिसकी पिछली समीक्षा वर्ष 2011 में की गई थी और फिर उसी वर्ष इसे जारी भी किया गया था. समय-समय पर इसके कुछ अनुच्छेीदों में संशोधन भी किए जाते रहे हैं.
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सीआरजेड अधिसूचना, 2011 के प्रावधानों, विशेषकर समुद्री एवं तटीय पारिस्थितिकी के प्रबंधन एवं संरक्षण, तटीय क्षेत्रों के विकास, पारिस्थितिकी पर्यटन, तटीय समुदायों की आजीविका से जुड़े विकल्पे एवं सतत विकास इत्याीदि से संबंधित प्रावधानों की व्यासपक समीक्षा के लिए विभिन्ने तटीय राज्योंइ/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ-साथ अन्यय हितधारकों की ओर से भी पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को प्राप्तय हुए अनेक ज्ञापनों को ध्यावन में रखते हुए ही यह कदम उठाया गया है.
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प्रस्ता्वित सीआरजेड अधिसूचना, 2018 से तटीय क्षेत्रों में गतिविधियां काफी बढ़ जाएंगी जिसके परिणामस्वलरूप आर्थिक विकास की रफ्तार भी तेज हो जाएगी. इसके साथ ही तटीय क्षेत्रों के संरक्षण संबंधी सिद्धांतों को भी ध्यागन में रखा जाएगा. इससे न केवल बड़ी संख्याध में रोजगारों का सृजन होगा, बल्कि बेहतर जीवन के साथ-साथ भारत की अर्थव्यंवस्थाज में मूल्यावर्धन भी सुनिश्चित होगा.
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सीआरजेड अधिसूचना, 2011 के अनुसार सीआरजेड-II (शहरी) क्षेत्रों के लिए फ्लोर स्पेथस इंडेक्सा (एफएसआई) अथवा फर्श क्षेत्र अनुपात (एफएआर) को वर्ष 1991 के विकास नियंत्रण नियमन (डीसीआर) के स्तवरों के अनुसार यथावत रखा गया था.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और क्यू बा तथा भारत और कोरिया के बीच हुए दो द्विपक्षीय समझौता ज्ञापनों (एमओयू) से अवगत कराया
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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जैव-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत और क्यूबा तथा भारत और कोरिया के बीच हुए दो द्विपक्षीय समझौता ज्ञापनों (एमओयू) से अवगत कराया. इन समझौता ज्ञापनों पर क्रमश: 12 जून 2018 को हवाना, क्यूऔबा में तथा 9 जुलाई 2018 को नई दिल्लीस में हस्ता0क्षर हुए थे.
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क्यूइबा और कोरिया के साथ हस्ताजक्षर किए गए ये समझौता ज्ञापन क्रमश: विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग और उद्देश्यों के सहमत क्षेत्र में हैं, जहां देश में इन क्षेत्रों के विशेषज्ञ मौजूद हैं. इस प्रस्ताेव में जीवविज्ञान और संबंधित क्षेत्रों में पांच वर्ष की अवधि के लिए 50 से अधिक स्नातकोत्त रों और पीएचडी धारकों के लिए रोजगार सृजन की संभावना है.
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इन समझौता ज्ञापनों पर जैव प्रौद्यागिकी शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में ठोस रणनीतिक योजना को शामिल करके एस एंड टी राजनैतिक कौशल में नवाचार के लिए सहयोग हेतु भविष्यम की कार्यसूची को तैयार करने के लिए भारत और क्यूेबा और भारत तथा कोरिया में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए हस्ताेक्षर किए गए हैं.
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मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (एनसीएच) विधेयक, 2018 की स्थापना की मंजूरी दी
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यह विधेयक वर्तमान की नियामक संस्था, केन्द्रीय होम्योपैथी परिषद (सीसीएच) के स्थान पर पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक नई संस्था का गठन करेगा. विधेयक के मसौदे में राष्ट्रीय आयोग के गठन का उल्लेख है. आयोग के अंतर्गत तीन स्वायत्त परिषदें होंगी. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने एलोपैथी औषधि प्रणाली की स्थापना का प्रस्ताव दिया है.
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होम्योपैथी शिक्षा परिषद द्वारा दी जाने वाली होम्योपैथी शिक्षा के संचालन की जिम्मेदारी स्वायत्त परिषदों पर होंगी. मूल्यांकन और योग्यता निर्धारण परिषद, होम्योपैथी के शैक्षिक संस्थाओं का मूल्यांकन करेगा और मंजूरी प्रदान करेगा. नीति और पंजीयन परिषद होम्योपैथी के चिकित्सकों का पंजीयन करेगा और एक राष्ट्रीय रजिस्टर बनाएगा. इसके अतिरिक्त इलाज से संबंधित नीतिगत मामले राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग के अधिकार क्षेत्र में आएंगे.
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मसौदे में एक प्रवेश परीक्षा तथा एक्जिट परीक्षा का प्रस्ताव दिया गया है. अभ्यास के इच्छुक सभी स्नातकों को इन परीक्षाओं में उत्तीर्ण होना होगा. इसके अतिरिक्त शिक्षकों की योग्यता परीक्षा का भी प्रस्ताव है. इस परीक्षा से शिक्षकों की नियुक्ति और पदोन्नति के पूर्व उनकी योग्यता का मूल्यांकन किया जाएगा.
कैबिनेट ने भारतीय चिकित्सात प्रणालियों के लिए राष्ट्री य आयोग (एनसीआईएम) विधेयक, 2018 को मंजूरी दी
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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय चिकित्साि प्रणालियों के लिए राष्ट्रीषय आयोग (एनसीआईएम) विधेयक, 2018 के मसौदे को मंजूरी दी जिसका उद्देश्य मौजूदा नियामक भारतीय चिकित्सां केंद्रीय परिषद (सीसीआईएम) के स्थािन पर एक नया निकाय गठित करना है, ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके.
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विधेयक के मसौदे में चार स्वादयत्त बोर्डों के साथ एक राष्ट्रीएय आयोग के गठन का प्रावधान किया गया है. इसके तहत आयुर्वेद से जुड़ी समग्र शिक्षा के संचालन की जिम्मेतदारी आयुर्वेद बोर्ड और यूनानी, सिद्ध एवं सोवा रिग्पाि से जुड़ी समग्र शिक्षा के संचालन की जिम्मेरदारी यूनानी, सिद्ध एवं सोवा रिग्पाा बोर्ड के पास होगी.
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इसके अलावा दो सामान्ये या आम बोर्डों में आकलन एवं रेटिंग बोर्ड और आचार नीति एवं भारतीय चिकित्साा प्रणालियों के चिकित्सककों का पंजीकरण बोर्ड शामिल हैं. आकलन एवं रेटिंग बोर्ड भारतीय चिकित्सात प्रणालियों के शैक्षणिक संस्थानों का आकलन करने के साथ-साथ उन्हें मंजूरी देगा. भारतीय चिकित्सास प्रणालियों के चिकित्सेकों का पंजीकरण बोर्ड भारतीय राष्ट्रीय चिकित्सात आयोग के अधीन प्रैक्टिस से जुड़े आचार नीति मुद्दों के साथ-साथ राष्ट्री य रजिस्टसर के रख-रखाव की जिम्मेेदारी संभालेगा.
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विधेयक के मसौदे का उद्देश्यल एलोपैथी चिकित्साा प्रणाली के लिए प्रस्ता वित राष्ट्री य चिकित्साे आयोग की तर्ज पर भारतीय चिकित्सास क्षेत्र की चिकित्सा शिक्षा में व्यापक सुधार लाना है. प्रस्तावित नियामक ढांचे या व्यषवस्था से पारदर्शिता के साथ-साथ आम जनता के हितों के संरक्षण के लिए जवाबदेही सुनिश्चित होगी. एनसीआईएम देश के सभी हिस्सोंं में किफायती स्वाेस्य्हो सेवाओं की उपलब्धेता को बढ़ावा देगा.
मंत्रिमंडल ने शेयर बाजार में कुछ सूची से अलग केन्द्रीय सार्वजनिक उद्यमों को सूची में शामिल करने की मंजूरी दी
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आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने आईपीओ/एफपीओ के माध्यम से शेयर बाजार में निम्नलिखित सात केन्द्रीय सार्वजनिक उद्यमों को सूचीबद्ध करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है, जिसमें टेलीकम्युनिकेशन कंसलटेंट्स (इंडिया) लिमिटेड (टीसीआईएल)- आईपीओ, रेलटेल कार्पोरेशन इंडिया लिमिटेड – आईपीओ, नेशनल सीड कार्पोरेशन इंडिया लिमिटेड (एनएससी) – आईपीओ, टिहरी हाइड्रो डवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड (टीएसडीसी) – आईपीओ, वाटर एंड पावर कंसल्टेंसी सर्विसेस (इंडिया) – लिमिटेड (वापकोस लिमिटेड) – आईपीओ, एफसीआई अरावली जिप्सम एंड मिनिरल्स (इंडिया) लिमिटेड(एफएजेएमआईएल) आईपीओ, कुद्रेमुख आयरन ओर कम्पनी लिमिटेड (केआईओसीएल) – एफपीओ शामिल हैं.
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शेयर बाजार की सूची में इऩ केन्द्रीय सार्वजनिक उद्यमों के शामिल होने से उनका मूल्य बढ़ेगा और इऩमें निवेशकों की भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा. इसके अलावा, सूचीबद्ध केन्द्रीय सार्वजनिक उद्यमों (भविष्य में सूचीबद्ध किये जाने वाले केन्द्रीय सार्वजनिक उद्यमों सहित) की सीमा, निवेश के तरीके, मूल्य निर्धारण, समय आदि के बारे में निर्णय लेने के लिए वित्त मंत्री, सड़क परिवहन एवं नौवहन मंत्री और संबंधित प्रशासनिक मंत्रालय के मंत्री को शामिल करते हुए एक वैकल्पिक प्रणाली के रूप में अधिकृत किया गया है.
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केन्द्रीय सार्वजनिक उद्यमों को सूची में शामिल करने के लिए पात्रता शर्तों का दायरा बढ़ाया गया है. सकारात्मक सकल संपदा और पिछले किसी तीन वित्त वर्षों में सकल मुनाफा अर्जित करने वाला केन्द्रीय सार्वजनिक उद्यम शेयर बाजार की सूची में शामिल होने के लिए पात्र होगा.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2019 सीजन के लिए खोपरा के न्यू नतम समर्थन मूल्य में 2000 रूपये प्रति क्विंटल से अधिक की बढ़ोतरी को मंजूरी दी
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आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने वर्ष 2019 सीजन के लिए ‘मिलिंग खोपरा’ की अच्छीं औसत क्वा लिटी (एफएक्यू ) के न्यूरनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बढा़कर 9521 रूपये प्रति क्विंटल करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है. वर्ष 2018 में इसका न्यूवनतम समर्थन मूल्यन 7511 रूपये प्रति क्विंटल था. 2019 सीजन के लिए ‘बाल खोपरा’ का न्यूतनतम समर्थन मूल्य7 भी बढा़कर 9920 रूपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. 2018 में इसका न्यूमनतम समर्थन मूल्यी 7750 रूपये प्रति क्विंटल था.
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खोपरा के इस न्यूंनतम समर्थन मूल्य से किसानों को उचित न्यूयनतम मूल्य0 सुनिश्चित होने की उम्मी द है. इससे नारियल उत्पाकदन में निवेश बढ़ेगा और देश में उत्पा दन और उत्पाीदकता को बढ़ावा मिलेगा.
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एमएसपी में बढ़ोतरी की यह मंजूरी कृषि लागत और मूल्यन आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों पर आधारित है. सीएसीपी एक विशेषज्ञ संकाय है, जो उत्पासदन लागत, खाद्य तेलों के घरेलू और अंतर्राष्ट्री य मूल्योंन के रूख, खोपरा और नारियल तेल की कुल मांग और आपूर्ति खोपरा की नारियल तेल में प्रोसेसिंग करने की लागत और उपभोक्ताऔओं पर सिफारिश किए गए न्यू्नतम समर्थन मूल्य के प्रभाव को न्यूतनतम समर्थन मूल्यश की सिफारिश करते हुए ध्या्न में रखती है
केंद्र सरकार ने खालिस्तान लिबरेशन फोर्स को प्रतिबंधित संगठन घोषित किया
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केंद्र सरकार ने खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) को आतंकी संगठन घोषित कर दिया है.
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इसके साथ ही सरकार ने इस पर पाबंदी लगा दी है.
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केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है.
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पंजाब के डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि इस संगठन को पहली बार प्रतिबंधित किया गया है.
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इससे पहले बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान कमांडो फोर्स, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन जैसे संगठन ही प्रतिबंधित किए गए हैं.
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पंजाब में इस संगठन ने आम लोगों व पुलिस कर्मियों की हत्या और आतंकी गतिविधियों को चलाने को फिरौती के लिए अपहरण जैसी घटनाओं को अंजाम दिया.
फैसला क्यों लिया गया:
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यह फैसला, इस संगठन के, भारत में रिहायशी इलाकों में कई बार बमबारी करने और निर्दोष लोगों तथा पुलिस अधिकारियों की हत्याि में शामिल होने के कारण लिया गया है
मुख्य तथ्य:
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गृह मंत्रालय ने पंजाब में पिछले कुछ सालों में हुई आतंकी घटनाओं की जांच के बाद केएलएफ को उसमें शामिल होने को देखते हुए प्रतिबंधित किया है.
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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने खालिस्तान लिबरेशन फोर्स को गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 35 के तहत एक आतंकी संगठन घोषित किया है.
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खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) गैरकानूनी गतिविधियां प्रतिबन्ध कानून (यूएपीए) के तहत प्रतिबंधित किया जाने वाला 40 वां संगठन है.
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यह संगठन 1986 में पंजाब को हिंसा के जरिए अलग राष्ट्र खालिस्तान बनाने के इरादे से बना था.
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अमेरिका समेत कई देशों में पिछले कई सालों से खालिस्तान आंदोलन चलता रहा है.
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इस संगठन का मकसद था कि किसी भी तरह से पंजाब को भारत से अलग करा लिया जाए.
UPSC सामान्य अध्ययन प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा (Combo) Study Kit
UPSC सामान्य अध्ययन (GS) प्रारंभिक परीक्षा (Pre) पेपर-1 स्टडी किट
::अंतर्राष्ट्रीय::
सुनामी का कारण बने ज्वालामुखी का आकार घटा
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इंडोनेशिया में भीषण सुनामी का कारण बने अनाक क्राकातोआ ज्वालामुखी का आकार विस्फोट के बाद दो-तिहाई घट गया है।
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अनाक क्राकातोआ ज्वालामुखी में विस्फोट के बाद आए गत शनिवार आई सुनामी में 400 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
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अधिकारी ने बताया कि इंडोनेशियाई ज्वालामुखी एजेंसी के विजुअल विश्लेषण के अनुसार विस्फोट के समय की तुलना में ज्वालामुखी का आकार दो-तिहाई घट गया।
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अनाक क्राकातोआ की ऊंचाई 338 मीटर थी जो अब केवल 110 मीटर रह गई है।
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एजेंसी ने अंदाजा लगाया है कि ज्वालामुखी में 1500-1800 लाख घन मीटर की कमी आई है।
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एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी वावान इरावन ने कहा, ‘अनाक क्राकातोआ अब छोटा हो गया है।
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आमतौर पर आप उसकी चोटी वेधशाला पोस्ट से देख सकते हैं, लेकिन अब वह नहीं दिख रही है।’
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गौरतलब है कि इस ज्वालामुखी के फटने के बाद आई भयानक सुनामी में 426 लोग मारे गए थे और करीब 4000 से अधिक लोग विस्थापित हुए थे।
::अर्थव्यवस्था::
ई-कॉमर्स कंपनियों पर सख्ती से निवेश को लग सकता है झटका
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भारत में सरकार की ओर से विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के लिये नियम सख्त करने पर अमेरिकी उद्योग जगत से जुड़े एक समूह ने चिंता व्यक्त की है।
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समूह का कहना है कि सरकार के इस कदम से लंबे समय में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और उपभोक्ताओं को भी इससे नुकसान पहुंचेगा।
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सरकार ने इस हफ्ते की शुरुआत में ई-कॉमर्स क्षेत्र के लिये प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति में बदलाव की घोषणा की है।
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इसके चलते विदेशी निवेश वाली आनलाइन प्लेटफार्म कंपनियों द्वारा ग्राहकों को दी जाने वाली छूट और कैशबैक जैसी पेशकशें खत्म हो जाएंगी।
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फरवरी-2019 से लागू होने वाले इन नये नियमों से ई-कॉमर्स क्षेत्र की दो दिग्गज कंपनियां फ्लिपकार्ट और अमेजन सबसे ज्यादा प्रभावित होंगी।
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यूएस चैंबर्स ऑफ कॉमर्स की शाखा यूएस इंडिया चैंबर्स ऑफ कॉमर्स की अध्यक्ष निशा देसाई बिस्वाल ने कहा कि भारत सरकार द्वारा ई-कामर्स नियमों में किया गया बदलाव चिंता का विषय है।
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हम अभी पूरे पहलू को समझने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हमें आशंका है कि इन बदलावों से लंबे समय में अमेरिकी निवेश और भारतीय ग्राहकों दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।