(आई. ए. एस. प्लैनर) भारतीय वन सेवा (Indian Forest Service)
अखिल भारतीय सेवा
इस सेवा में भर्ती संघ लोक सेवा आयोग द्वारा की जाती है,भारतीय प्रशासनिक सेवा भारतीय पुलिस सेवा एवं भारतीय वन सेवा, अखिल भारतीय सेवा कही जाती है।जबकि अन्य सेवाओ को (जैसे-भारतीय राजस्व सेना,सूचना सेवा) केंद्रीय सेवा कहा जाता है।
अखिल भारतीय सेवा की भर्ती एव प्रशिक्षण संघ सरकार द्वारा की जाती है।एव यह संघ तथा राज्यों दोनों जगह पर अपनी सेवाएँ देते है। अधिकारियों को काडर दिए जाते है,जिसके मुताबिक वो विभिन्न राज्यों में अपनी सेवाए देते है।
24 राज्यों का अपना काडर है लेकिन कुछ राज्यों के संयुक्त काडर भी हैं, असम, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, मिज़ोरम, अरुणाचल प्रदेश, गोवा एव केंद्र शासित प्रदेशो आदि।
भारतीय प्रशसनिक सेवा-सभी नागरिक सेवाओ में भारतीय प्रशासनिक सर्वोच्च स्थान रखती है, लगभग 90 रिक्तियों में से हर वर्ष 50 या 60 लोगो को ही (जो सफल घोषित किये जाते है)यह सेवा चाहे राज्य में हो या केंद्र में संपूर्ण प्रशासन की धुरी होती है।
शुरआत में अनुमंडल और जिलो में अपनी सेवाएँ देने के बाद यह राज्यों सचिवालय,विभागीय (राज्यों में) सचिव की भूमिका निभाते है। केंद्र में इनकी प्रतिनियुक्ति भी होती है,जहाँ यह मत्रिमंडल सचिव (देश का वरिष्ट नौकरशाह ) के पद पर भी पहुचते है।
जहाँ तक इनके कार्यो का सवाल है तो यह लिखित से ज्यादा अलिखित है,सरकारी नीतियों का क्रियान्वयन, कानून प्रशासन, प्राक्रतिक आपदा में फंडो का वितरण, प्रशासनिक समेंव्य आदि अनेको कार्य एवं आई ए एस के द्वारा संपादित किये जाते है !
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" />भारतीय वन सेवा (Indian Forest Service)
यह सेवा उपरोक्त उल्लिखित तीन अखिल भारतीय सेवाओ में से एक है।इस सेवा का स्रजन 1966 में देश की प्राक्रतिक वन संपदा के सवर्धन ऍव संरक्षण हेतु किया गया, चयनित अभ्यार्थियो को अधारभूत प्रशासनिक प्रशिक्षण के लिए लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक संस्थान, मसूरी भेज जाता है। इसके बाद इन्हें वन सेवा के अभिनव प्रशिक्षण के लिए इंदिरा गाँधी राष्टीय वन्य अकादमी संस्थान देहरादून भेज जाता है। अकादमिक प्रशिक्षण के बाद अभ्यार्थियो को फील्ड प्रशिक्षण के लिए राज्यों में (एक वर्ष के लिए) भेजा जाता है,भारतीय वन सेवा में चयनित अभ्यार्थियो की परिवीक्षाधीन अवधि तीन साल की होती है और इस अवधि में वो सहायक वन संरक्षण के पद पर कार्य करते है,इस समूची अवधि और चार वर्ष तक कनिष्ट पद पर कार्यरत रहने के बाद अधिकारियो को वरिष्ट पद और वेतनमान दिया जाता है।और वे सहायक वन संरक्षण अनुमंडल वन अधिकारी (D.F.O.) के पद पर कार्य करते है
भारतीय वन सेवा में रैंक इस प्रकार है_
- परिवीक्षाधीन अधिकारी (Probationary Officer)
- सहायक वन संरक्षण (Deputy Conservator of Forest)
- वन संरक्षण (Conservator of Forest)
- मुख्य वन संरक्षण (Chief Conservator of Forest)
- अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षण (Additional Principal Conservator of Forest)
- प्रधान मुख्य वन संरक्षण(PCCF)
नोट__यह पद किसी राज्य में वन सेवा अधिकारी का सर्वोच्च पद है।
वन महानिदेशक (Director General of Forest), केंद्र में सर्वोच्च पद, इस पद पर राज्यों के वरिष्ट अधिकारियों में से एक को चुन जाता है।