(आई. ए. एस. प्लैनर) परीक्षा की प्रकृति
परीक्षा की प्रकृति
किसी भी परीक्षा की तैयारी करने से पूर्व उसकी प्रकृति को समझना आवश्यक है, क्योकि यह उन्हें परीक्षा प्रक्रिया, संरचना, एव उसके अन्य पहलूओ के बारे में अभ्यर्थी को एक स्पष्ट समझ प्रदान करता है! जहाँ तक संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित आई, ए , एस परीक्षा का प्रश्न है तो इसकी गहराई, विषयों की विविधता और इस परीक्षा में सम्मिलित होने वाले अभ्यर्थियों (candidate) की बड़ी तादात को देखते हुए यह आवश्यक है की इसकी पूरी जानकारी अभ्यर्थियों को हो।
विगत दो वर्षो से संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा की इस अधिसूचना फ़रवरी माह में प्रकाशित करता है, इसे आयोग की अधिकारिक वेबसाइट www.upsc.gov.in पर डाउनलोड किया जा सकता है।
हर अभ्यर्थी जो सिविल सेवाओं की तैयारी करता है उसका सपना होता है की वो एक IAS अधिकारी बने. यूँ तो वैश्वीकरण के बाद (1991 के बाद) देश में निजी क्षेत्रों में रोज़गार के अनेकों अवसर पैदा हुए है जहाँ वेतन भी अच्छी खासी है लेकिन इस सेवा का आकर्षण अभी भी बरक़रार है., हर वर्ष इस सेवा में भाग लेने वाले अभ्यर्थियो की संख्या में निरंतन बढ़ोतरी हो रही है लेकिन रिक्तियां उस हिसाब से नही बढ़ रही है, ज़ाहिर सी बात है की यह परीक्षा उस भवसागर के समान है जिसे पार करने के लिए उम्मीदवारों को कड़ी मेहनत, सही रणनीति, लगन तथा समर्पण की ज़रूरत होती है.
परीक्षा में भाग लेने के दो वर्ष पूर्व से इसकी तैयारी अभ्यर्थियों के लिए पर्याप्त है.
सबसे महत्वपूर्ण बात अभ्यर्थियो को खुद का यथार्थवादी आकलन करके ही इस परीक्षा में सम्मिलित होने के बारे में सोचना चाहिए क्योंकि यहाँ सब कुछ हरा हरा ही नही है, बल्कि तपता रेगिस्तान भी है
जिसकी गर्मी से अभ्यर्थी बीच में ही रास्ता छोड़ सकते है, इसलिए अगर आपने IAS बनने का रास्ता चुन लिया है तो पूरी लगन से मंजिल की तरफ बढिए विफलता से घबराकर पीछे मुड़कर मत देखिये क्योंकि
विफलता ही सफलता के रास्ते खोलती है!
एक और कड़वा सच यह है कि आई ए एस बनने का सपना सँजोना अच्छी बात है लेकिन व्यवाहरिकता यह कहती है कि आप भविष्य की सुरक्षा के लिए नौकरी का एक विकल्प खुला रखें!