(अध्ययन सामग्री): भूगोल - भारत का भूगोल "तटीय मैदान और द्वीप समूह "
अध्ययन सामग्री: भारत का भूगोल
तटीय मैदान और द्वीप समूह
(Costal Plane And Islands)
तटीय मैदान की लंबाई करीब 6100 कि.मी. है । यह मैदान प्रायद्वीपीय पठार और सागरीय क्षेत्रों के मध्य अवस्थित है । विशेषताओं के आधार पर इसे ‘पश्चिमी’ और ‘पूर्वी’ तटीय मैदान में विभाजित किया गया है ।
पश्चिमी तटीय मैदान तुलनात्मक दृष्टि से संकरा मैदान है । यह सर्वाधिक चैड़ा गुजरात में नर्मदा और तापी के मैदानी क्षेत्रों में है । इसके विपरीत गोवा और कर्नाटक का तटवर्ती मैदान अत्यंत संकरा है । इसकी औसत चैड़ाई मात्र 10-15 कि.मी. के मध्य है । अधिकतर जलप्रवाहों द्वारा मुहाने पर निक्षेप होता है । इसलिए तटों के किनारों पर नदमुख, लैगून, समुद्री पुलिन तथा बालू रोधिका जैसी स्थलाकृतियाँ मिलती हैं ।
पूर्वी तटीय मैदान की औसत चैड़ाई 80-100 कि.मी. के मध्य है । इसके तीन प्रमुख कारण हैं-
(1) सभी पठारी नदियाँ भूगर्भिक झुकाव के कारण पश्चिमी घाट पर्वत से निकलकर पूर्वी तट तक जाती हैं। इससे वृहत क्षेत्र में मलबे का निक्षेप हुआ है । और यही निक्षेप डेल्टाई मैदान का निर्माण करता है ।
(2) पूर्वी घाट के पर्वत के अपरदन के कारण तटवर्ती मैदान का वृहत आंतरिक फैलाव हुआ है ।
(3) कई भूगर्भिक प्रमाणों के अनुसार तमिलनाडु और उड़ीसा के तटीय क्षेत्रों का उत्थान हुआ है । इसी उत्थान प्रक्रिया के कारण चिल्का और पुलिकट झीलों का निर्माण हुआ है
पूर्वी एवं पश्चिमी तटीय मैदानों की तुलना
(ख) द्वीप समूह -
भारत के द्वीप समूह को हम दो प्रमुख वर्गों में रखते हैं । ये है -
(1) अण्डमान निकोबार द्वीप समूह तथा
(2) लक्षद्वीप समूह ।
(1) अण्डमान निकोबार द्वीप समूह -
यह बंगाल की खाड़ी में अवस्थित है । यहाँ द्वीपों की संख्या सौ से अधिक है । इसका उत्तरी भाग अण्डमान द्वीप तथा दक्षिणी भाग निकोबार द्वीप समूह के नाम से जाना जाता है । इसका निर्माण अल्पाइन काल की वलन प्रक्रिया से हुआ है । अण्डमान द्वीप की ऊँचाई 300 से 500 मीटर के मध्य है । इसका सर्वोच्च शिखर माउंट शैडल, 733 मी. ऊँचा है । निकोबार द्वीप की औसत ऊँचाई 300 से 500 मीटर के मध्य है । इसकी सर्वोच्च शिखर माउंट चुलियट है । इस क्षेत्र में दो ज्वालामुखीय द्वीप भी हैं - (1) बैरन द्वीप, जो एक सक्रिय ज्वालामुखी है तथा (2) नारकोंडम द्वीप ।
(2) लक्षद्वीप -
लक्षद्वीप समूह मध्य महासागरीय कटक का ही उत्तरी भाग है । यह चूना प्रधान चट्टानों से निर्मित है । इसमें 36 द्वीप पाये जाते हैं । आने वाले वर्षों में इन द्वीपों के अपरदन और जलमग्न होने की संभावना है ।
अण्डमान - निकोबार तथा लक्षद्वीप में संरचनात्मक अन्तर