(अध्ययन सामग्री): भूगोल - विश्व का भूगोल "प्रति चक्रवात"


 अध्ययन सामग्री: विश्व का भूगोल


प्रति चक्रवात

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, यह चक्रवात से ठीक विपरीत होता है । प्रति चक्रवात के केन्द्र में उच्च वायु दाब होता है । जबकि बाहर की ओर दाब कम होता है । ऐसी स्थिति में हवाएँ केन्द्र से बाहर परिधि की तरफ चलती हैं ।

प्रति चक्रवातों की उत्पत्ति अधिकांशतः उपोष्ण कटिबंधीय उच्च दाब क्षेत्रों में होती है। भू-मध्यरेखीय निम्न दाब वाले क्षेत्र में ये नहीं पाये जाते ।
प्रति चक्रवातों में मौसम स्वच्छ रहता है तथा हवाएँ मंद गति से चलती हैं । इनमें हवाओं की गति की दिशा उत्तरी गोलार्द्ध में घड़ी की सुईयों के अनुकुल तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में प्रतिकुल होती है । इनमें वाताग्र नहीं बनते । इसलिए वर्षा की संभावना भी लगभग नहीं जैसी होती है ।

हाँ, प्रति चक्रवातों से शीतकाल में बर्फ की आँधियाँ जरूर चलती है, जिसे ‘शीत-लहर’ कहते हैं । इसलिए जब ये शीत प्रति चक्रवात गर्मी के मौसम में आते हैं, तो मौसम सुहावना हो जाता है।
 

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