(Download) UPSC सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा 2014 सामान्य अध्ययन (GS) Paper-4
संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा
(Download) UPSC सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा 2014 सामान्य अध्ययन (GS) Paper-4
Exam Name: UPSC IAS Mains General Studies (Paper-4)
Year: 2014
Exam Date: 17-12-2014
SECTION - A
1. (a) सभी मानव सुख की आकांक्षा करते हैं। क्या आप सहमत है? आपके लिए सुख का क्या अर्थ है? उदाहरण प्रस्तुत करते हुए स्पष्ट कीजिए।
(b) मानव जीवन में नैतिकता किस बात की प्रोन्नति करने की चेष्टा करती है? लोक-प्रशासन में यह और भी अधिक महत्वपूर्ण क्यों है?
2. (a) रक्षा सेवाओं के संदर्भ में, ‘देशभक्ति’ राष्ट्र की रक्षा करने में अपना जीवन उत्सर्ग करने तक ही तत्परता की अपेक्षा करती है। आकपे अनुसार, दैनिक असैनिक जीवन में देशभक्ति का क्या तात्पर्य है? उदाहरण प्रस्तुत करते हुए इसको स्पष्ट कीजीए और अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दीजिए।
(b) लोक-जीवन में ‘सत्यनिष्ठा’ से आप क्या समझते हैं? आधुनिक काल मकें इसके अनुसार चलने में क्या कठिनाईयां हैं? इन कठिनाइयों पर किस प्रकार विजय प्राप्त कर सकते हैं?
3. (a) ‘‘ज्ञान के बिना इमानदारी कमजे़ार और व्यर्थ है, परन्तु ईमानदारी के बिना ज्ञान खतरनाक और भयानक होता हैं।’’ इस कथन से आप क्या समझते हैं? आधुनिक संदर्भ से उदाहरण लेते हुए अपने अभिमत को स्पष्ट कीजिए।
(b) ‘मनुष्यों के साथ सदैव उनको, अपने-आप में ‘लक्ष्य’ मानकर व्यवहार काना चाहिए, कभी भी उनको केवल ‘साधन’ नहीं मानना चाहिए।’’ आधुनिक तकनीकि-आर्थिक समाज में इस कथन के निहितार्थों का उल्लेख करते हुए इसका अर्थ और महत्व स्पष्ट कीजिए।
4. (a) जीवन में नैतिक आचरण के संदर्भ में आपको किस वख्यात व्यक्ति ने सर्वाधिक प्रेरणा दी? उसकी शिक्षाओं का सार प्रस्तुत कीजिए। विशिष्ट उदाहरण देते हुए वर्णन कीजिए कि आप अपने नैतिक विकास के लिए उन शिक्षाओं को किस प्रकार लागू कर पाए हैं।
(b) लोक-सेवकों पर भारी नैतिक उतरदायित्व होता है, क्योंकि वे सता के पदों पर आसीन होते हैं, लोक-निधियों की विशाल राशियों पर कार्रवाई करते हैं, और उनके निणर्याें का समाज और पर्यावरण पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। ऐसे उतरदायित्व को निभाने के लिए, अपनी नैतिक सक्षमता पुष्ट करने हेतु आपने क्या कदम उठाए हैं?
5. (a) वर्तमान समाज व्यापक विश्वास-न्यूनता ग्रसित है। इस स्थिति के व्यक्तिगत कल्याण और सामाजिक कल्याण के संदर्भ में क्या परिणाम है? आप अपने को विश्वसनीय बनाने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर क्या कर सकते है?
(b) अक्सर कहा जाता है कि निर्धनता भ्रष्टाचार की ओर प्रवृत करती है। परन्तु, ऐसे भी उदाहरण की कोई कमी नहीं है जहां संपन्न एवं शक्तिशाली लोग बड़ी मात्रा में भ्रष्टाचार में लिप्त हो जाते हैं। लोगों में व्याप्त भ्रष्टाचार के आधारभूत कारण क्या है? उदाहरणों के द्वारा अपने उतार को स्पष्ट कीजिए।
6. सामाजिक समस्याओं के प्रति व्यक्ति की अभिवृति के निर्माण में कौन-कौन से कारक प्रभाव डालते हैं? हमारे समाज में अनेक सामाजिक समस्याओं के प्रति विषम अभिवृतियां व्याप्त हैं। हमारे समाज में जाति प्रथा के बारे में क्या-क्या विषम अभिवृतियां आपको दिखाई देती हैं? इन विषम अभिवृतियों के अस्तित्व को आप किस प्रकार स्पष्ट करते हैं?
7. लोक-सेवा के संदर्भ में ‘जवाबदेही’ का क्या अर्थ हैं? लोक-सेवकों की व्यक्तिगत और सामूहिक जवाबदेही को सुनिश्चित करने के लिए क्या उपाय अपनाए जा सकते है?
8. हमें देश में महिलाओं के प्रति यौन-उत्पीड़न के बढ़ते हुए दृष्टांत दिखाई दे रहे हैं। इस कुकृत्य के विरूद्ध विद्यमान विधिक उपबंधों के होते हुए भी, ऐसी घटनाओं की संख्या बढ़ रही है। इस संकट से निपटने के लिए कुछ नवाचारी उपाय सुझाए।
SECTION - B
9. आजकल समस्त विश्व में आर्थिक विकास पर अधिक ज़ोर दिया जा रहा है। इसके साथ
ही साथ, विकास के कारण पैदा होने वाले पर्यावरणीय क्षरण में चिन्ता भी बढ़ रही है।
अनेकों बार, हमारे साने विकासिक कार्यकलापों और पर्यावरणीय गुणता के के बीच सीधा
विरोध दिखाई पड़ता है। विकासिक प्रक्रम को रोक देना या उसमें काट-छांट कर देना भी
साध्य नहीं है, और ना ही पर्यावरण के क्षरण को बढ़ने देना उचित है, क्योंकि यह तो
हमारे सबके जीवन के लिए ही खतरा है।
ऐसे कुछ साध्य रणनीतियों पर चर्चा कीजिए, जिनकों इस द्वन्द्व का शमन करने के लिए
अपनाया जा सकता हो और जो हमें धारणीय विकास की ओर ले जा सकती हों।
10. मान लीजिए कि आपके निकट मित्रों में से एक, जो स्वयं सिविल सेवा में जाने के लिए प्रयत्नशील है, वह लोक-सेवा में नैतिक आचरण से संबंधित कुछ मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आपके पास आता है। वह निम्नलिखित बिन्दुओं को उठाता हैः
(i) आज के समय में, जब अनैतिक वातावरण काफी फैला हुआ है, नैतिक सिद्धांतों से चिपके रहने के व्यक्तिगत प्रयास, व्यक्ति के कैरियर में अनेक समस्याएं पैदा कर सकते हैं। ये परिवार के सदस्यों पर कष्ट पैदा करने और साथ ही साथ स्वयं के जीवन पर जोखिम का कारण भी बन सकता हैं। हम क्यों न व्यावहारिक बनें और न्यूनतम प्रतिरोध के रास्ते का अनुसरण करें, और जितना अच्छा हम कर सकें, उसे ही करके प्रसन्न रहें?
(ii) जब इतने अधिक लोग ग़लत साधनों को अपना रहे है और तंत्र को भारी नुकसान पहुंचा रहे है, तब क्या फर्क पड़ेगा यदि केवल कुछ-एक लोग ही नैतिकता की चेष्टा करे? वे अप्रभावी ही रहंेगे और निश्चित रूप से अन्नतः निराश हो सकते।
(iii) यदि हम नैति सोच-विार के बारे में अधिक बतंगढ़ बनाएंगे, तो क्या इससे देश की आर्थिक उन्नति में रूकावट नहीं आएगी? असलियत में, उच्च प्रतिस्पर्धा के वर्तमान युग में, हम विकास की दौड़ में पीछे छूट जाने को सकहन नही सकते।
(iv) यह तो समझ आता है कि भारी अनैतिक तौर-तरीकों में हमे फंसना नहीं चाहिए, लेकिन छोटे-मोटे उपहारों को स्वीकार करना और छोटी-मोटी तरफ़दारियां करना सभी के अभिप्रेरण में वृद्धि कर देता है। यह तंत्र को और भी अधिक सुचारू बना देता है। ऐसे तौर-तरीकों को अपनाने में गलत क्या है? उपरोक्त दृष्टिकोण का समालोचतात्मक विश्लेषण कीजिए। इस विश्लेषण के आधार पर अपने मित्र को आपकी क्या सलाह रहेगी।
11. आप अनाप-शनाम न सहने वाले, ईमानदा अधिकारी हैं। आपका तबादला एक सुदूर जिले में एक ऐसे विभाग के प्रमुख के रूप में कर दिया गया है, जो अपनी अध्यक्षता और संवेदनहीनता के लिए कुख्यात है। आप पाते हैं कि इस घटिया कार्य-शक्ति का मुख्य कारण कर्मचारियों के एक भाग में अनुशासनहीनता है। वे स्वयं तो कार्य करते नहीं है और दूसरों के कार्य में भी गड़बड़ी पैदा करते हैं। सबसे पहले आपने उत्पदियों को सुधर जाने की, अन्यथा अनुशासनिक कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी दी। जब इस चेतावनी का न के बराबर असर हुआ, तब आपने नेताओं को कारण बताओं नोटिस जारी कर दिया। इसके बदले के रूप में उन्होंने अपने बीच एक महिला कर्मचारी को आपके विरूद्ध महिला आयोग में यौन-उत्पीड़न की एक शिकायत दायर करने के लिए भड़का दिया। आयोग ने तुरन्त आपका स्पष्टीकरण मांगा।
आपको इससे आगे भी लज्जित करने के लिए मामला मीडिया में भी प्रसारित किया गया। इस स्थिति से निपटने के विकल्पों में से कुछ निम्नलिखित हो सकते हैं:
(i) आयोग को अपना स्पष्टीकरण दे दीजिए और अनुशासनिक कार्रवाई पर नरमी बरतिए।
(ii) आयोग को नजरअंदाज कर दीजिए और अनुशासनिक कार्रवाइ को मज़बूती के साथ आगे बढाइए।
(iii) अपने उच्च अधिकारियों को संक्षप में अवगत करा दीजिए, उनसे निर्देश मांगिए और
उनके अनुसार कार्य कीजिए।कोई अन्य संभव विकल्प सुझाइए। सभी का मूल्यांकन कीजिए और
अपने कारण बताते हुए सबसे अच्छा विकल्प स्पष्ट कीजिए।
12. मान लीजिए कि आप ऐसी कंपनी के मुख्य अधिकारी हैं, जो एक सरकारी विभाग के
द्वारा प्रयुक्त विशीषीकृत इलेक्ट्राॅनिक उपकरण बनाती है। आपने विभाग को उपस्कर की
पूर्ती के लिए अपनी बोली पेश कर दी गई है। आपके आॅफर की गुणता और लागत दोनों आपके
प्रतिस्पधिर्यां से बेहतर हैं। इस पर भी संबंधित अधिकारी टेंडर पास कने के लिए मोटी
रिश्वत की मांग कर रहा है। आॅडर की प्राप्ति आपके और आपकी कंपनी, दोनों के लिए
महत्वपूर्ण है। आॅर्डर न मिलने का अर्थ होगा उत्पादन रेखा का बन्द कर देगा। यह आपके
स्वयं के कैरियर को भी प्रभावित कर सकता है। फिर भी, मूल्य-सचेत व्यक्ति के रूप में
आप रिश्वत देना नहीं चाहते हैं।
रिश्वत देने और आॅर्डर प्राप्त कर लेने, तथा रिश्वत देने से इनकार करने और आॅर्डर
को हाथ से निकल जाने-दोनों के लिए वैध तर्क दिए जा सकते हैं। ये तर्क क्या हो सकते
हैं? क्या इस धर्मसंकट से बाहर से बाहर निकलने का कोई बेहतर रास्ता हो सकता है? यदि
हां, तो इस तीसरे रास्ते की अच्छाइयों की ओर इंगित करते हुए उसकी रूपरेखा प्रस्तुत
कीजिए।
13. रामेश्वर ने गौरवशाली सिविल सेवा परीक्षा को सफलतापूर्वक पास कर लिया और
वह ऐसे सुअवसर से अभिभूत था जो सिविल सेवा के
माध्यम से देश की सेवा करने के लिए उसको मिलने वाला था। परन्तु, सेवा का कार्यग्रहण
करने के शीघ्र बाद उसने महसूस किया कि वस्तुस्थिति उतनी सुन्दर नहीं है जितनी उसे
कल्पना की थी। उसने अपने विभाग में व्याप्त अनेक अनाचार पाए। उदाहरण के रूप में,
विभिन्न योजनाओं और अनुदानों के अधीन निधियां दुर्विनियोजित की जा रही थी। सरकारी
सुविधाओं का अक्सर अधिकारियों और स्टाफ द्वारा व्यक्तिगत आवश्यकताओं के लिए
इस्तेमाल किया जा रहा था। कुछ समय के बाद उसने यह भी देखा कि स्टाफ को भर्ती करने
की प्रक्रिया भी दोषपूर्ण थी। भावी उम्मीदवारों को एक परीक्षा लिखनी होती थी जिसमें
काफी नकलबाज़ी चलती थी। कुछ उम्मदीवारों को परीक्षा में बाहृ सहायता भी प्रदान की
जाती थी। रामेश्वर ऐसी घटनाओं को अपने वरिष्टों की नजर में लाया। परन्तु, इस पर उसको
अपनी आंखें, कान और मुख बंद रखने और इन सभी चीजो को नजरअंदाज करने की सलाह दी गई।
यह बताया गया कि सब उच्चतर अधिकारिों की मिलिभगत से चल रहा था। इससे रामेश्वर का
भ्रम टूटा और वह व्याकुल रहने लगा। वह सलाह के लिए आपके पास आता है।
ऐसे विभिन्न सुझाइए, जो आपके विचार में, ऐसी परिस्थिति में रामेश्वर के लिए उपलब्ध
हैं। इन विकल्पों का मूल्यांकन करने और सर्वाधिक उचित रास्ता अपनाने में आप उसकी
किस प्रकार सहायता करेंगे?
14. हमारे देश में, ग्रामीण लोगों का कस्बों और शहरों की ओर प्रवसन तेजी के साथ बढ़ रहा है। यह ग्रामीण और नगरीय दोनेां क्षेत्रों में विकट समस्याएं पैदा कर रहा है। वास्तव में, स्थिति यथार्थ में अप्रबन्धनीय होती जा रही है। क्या आप इस समस्या का विस्तार से विश्लेषण कर सकते हैं और इस समस्या के लिए जिम्मेदार न केवल सामाजिक-आर्थिक, रवन् भावनात्मक और अभिवृतिक कारकों को बता सकते है? साथ ही, स्पष्ट रूप से उजार कीजिए कि क्यों-
(i) शिक्षित ग्रामीण युवा शहरी क्षेत्रों में स्थानांतरित होने की कोशश कर रहे
हैं;
(ii) भूमिहीन निर्धन लोग नगरीय मलिन बस्तियों में प्रवसन कर रहे हैं
(iii) यहां तक कि कुछ किसान अपनी जमीन बेच रहे हैं और शहरी क्षेत्रो मंे छोटी-मोटी
नौकरियां लेकर बसने की कोशिश कर रहे हैं।
आप कौन-सा साध्य कदम सुझा सकते हैं, जो हमारे देश की इस गंभीर समस्या का नियंत्रण
करने में प्रभावी होंगे?
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