Model Questions for UPSC PRE यूपीएससी आईएएस (प्री) सीसैट CSAT (Hindi) Set-43
Model Questions for UPSC PRE यूपीएससी आईएएस (प्री) सीसैट CSAT (Hindi) Set-43
लेखांशः प्रश्नों के लिए निर्देषः नीचे दिए गए लेखांश को पढ़े तथा उसके बाद प्रश्नों के उत्तर दे। आपके उत्तर लेंखांश पर ही आधारित होना चाहिए।
कतर वार्ता से पूर्व विनाश की संभावनाओं को इंगित करती हुई ताजा खबरों की बाड़ के
बीच में संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि वैश्विक ताप वृद्धि (प्लेनेट वार्मिंग) को
नियंत्रित करना अब और भी मुश्किल हो गया है । संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम
की रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार ग्रीन हाउस गैसों
के उत्सर्जन में कटौती करने के वर्तमान संकल्प के फलस्वरूर इस सदी में औसत वैश्विक
ताप में 3 से 5 डिग्री सेल्सियस को वृद्धि देखी जा सकती है ।
पूर्व-औद्योगिक स्तर पर वृद्धि की लक्षित सीमा 2 डिग्री सेल्सियस है । विश्व मौसम
विज्ञान संस्थान ने वायुमंडल में भू तापीय गैसों की मात्रा मे अभूतपूर्व वृद्धि
दर्ज की है वहीं विश्व बैंक ने तापमान में 4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने के
कारण पृथ्वी पर व्यापक विनाश की चेतावनी दी है। यूएनईपी के अनुसार त्वरित कार्यवाही
से अब भी विश्व को पटरी पर लाया जा सकता है लेकिन इसके लिए उत्सर्जन में 14 प्रतिशत
तक की कटौती हो । अर्थात् अभी के 50.1 बिलियन टन प्रति वर्ष उत्सर्जन के बजाय 2020
मै 44 बिलियन टन उत्सर्जन का तत्त्व प्राप्त करना होगा । वैज्ञानिक कहते हैं कि
वैश्विक ताप में औसतन 0.8 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि पहले ही हो चुकी है । 190 से
ज्यादा देश वैश्विक जलवायु संधि का मसौदा तैयार करने के लिए कतर में मिलेंगे जिस पर
2015 तक हस्ताक्षर होना और 2020 तक उसका लागू होना अपेक्षित है ।
ये देश क्योटो प्रोटोकॅल के पुनः कार्यान्वयन के लिए प्रयास करेंगे जो कि समृद्ध
देशों को ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कमी करो को बाध्य करता है । ध्यातव्य है कि
पिछला प्रस्ताव 31 दिसम्बर, 2012 को समाज होने वाला है । यूएनईपी ने कहा है कि
कार्बन डाईआक्साइड जैसी तापवर्धक गैसों की सघनता सन् 2000 से अब तक 20 प्रतिशत बढ़
चुकी है। 2008-09 में आई अर्थिक मंदी के दौरान कुछ गिरावट के बाद अब यह उत्सर्जन
फिर से बढ़ रहा है।
यदि त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो 2021 तक उत्सर्जन की मात्रा 58 गीगाटन तक पहुँचने
की आशंका है।
1. गद्यांश के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर ध्यान दीजिए-
1. इस सदी के औसत तापमान में होने वाली वृद्धि जलवायु परिवर्तन के लिए उत्तरदायी
तीन हाउस गैसों की वर्तमान उत्सर्जन दर के आधार पर लक्षित सीमा से 1 से 3 डिग्री
सेल्शियस अधिक हो सकती है ।
2. यदि औसत ताप वृद्धि की लक्षित सीमा को पूर्व औद्योगिक स्तर पर-लाना है तो कार्बन
डाइआॅक्साइड जैसी तापवर्द्धक गैसों के संकेंद्रण को नियंत्रित करता होगा।
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
2. 2008-09 की आर्थिक मंदी के दौरान कार्बन डाईआॅक्साइड के उत्सर्जन में आई गिरावट के परिणामस्वरूप-
1. वर्ष 2000 के आकलन की तुलना में कार्बन डाईआक्साइड की सघनता में 20% की वृद्धि
हुई।
2. वैश्विक तापमान में लगभग 0.8 डिग्री सेल्सियस की औसत वृद्धि हुई।
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं।
लेखांशः प्रश्नों के लिए निर्देषः नीचे दिए गए लेखांश को पढ़े तथा उसके बाद प्रश्नों के उत्तर दे। आपके उत्तर लेंखांश पर ही आधारित होना चाहिए।
यूँ तो जीवाणु और विषाणु में अनुवांशिक परिवर्तन महामारी फैलने का कारण हो सकते
हैं, मगर कुछ महामारियाँ ऐसे जीवाणुओं और विषाणुओं के कारण फैलती हैं जिनमें कोई
महत्वपूर्ण अनुवांशिक परिवर्तन नहीं हुआ है । दूसरी वाली स्थिति का विश्लेषण करते
समय वैज्ञानिकों ने महामारी के सामाजिक और पारिस्थितिकीय कारकों के महत्व को जाना ।
उदाहरण के लिए पोलियोमायलिटीज बीसवीं सदी में अमेरिका में एक महामारी के रूप में
उभरा तब तक आधुनिक सफाई प्रबंध पोलियो के संक्रमण को किशोरावस्था या वयस्कता तक
टालने मे सक्षम था और उस समय तक पोलियो संक्रमण के कारण लकवा हो जाता है । इससे पहले,
संक्रमण बचपन में ही हो जाता था जब यह विशेष रूप से बिना लकवे के आजीवन प्रतिवरोधकता
प्रदान करता था । अतः एक तरफ जहाँ साफ-सफाई ने टायफाइड महामारी की रोकथाम मेंसहायता
की, वहीं अप्रत्यक्ष रूप से लकवे वाली पोलियो महामारी को प्रोत्साहित किया ।
दूसरा उदाहरण लाइम रोग ;सलउम कमेमंेमद्ध का है, जो कि हिरण के शरीर पर पाए जाने वाले
परजीवियों के द्वारा संचारित जीवाणुओं के कारण होता है। यह उनासवीं सदी के
उत्तरार्ध में यदा-कदा ही सामने आती थी, मगर हाल ही में अमेरिका के कुछ भागों में
फिर से क्यल हो गई है । इसका कारण उपनगरों के विकास के साथ-साथ हिरणों की जनसंख्या
में हुई वृद्धि एवं हिरणों के आवास स्थलों में मनोरंजक गतिविधियों का बढ़ना है । इसी
तरह 1950 के दशकमें डेंगु रक्क्तसावी बुखार एशिया में एक महामारी बन गया क्योंकि
पारिस्थितिकीय परिवर्तनों के कारण डेंगू विषाणु का संचरण करने वाला मच्छर ऐडीज़़
ऐजिप्टी भारी मात्रा मैं पैदा होने लगा । इस समय अमेरिका में डेंगू महामारी के लिए
अनुकूल परिस्थितियाँ बन गई हैं क्योंकि एक अन्य मच्छर ऐडीज़़ ऐल्वापिक्टस
असावधानीपूर्वक विस्तृत रूप से फैल गया है ।
3. गद्यांश में कहा गया है कि आधुनिक सफाई प्रबंध के अभाव में निम्नलिखित में से किसके होने की संभावना सर्वाधिक है?
(a) लाइम रोग के प्रकोप की
(b) डेंगु रक्तस्रावी बुखार के प्रकोप की
(c) टायफाइड महामारी की
(d) शिशुओं में लकवा वाली पोलियो महामारी की
4. गद्यांश के अनुसार 1950 के दशक में डेंगू रक्तस्रावी बुखार के प्रकोप का निम्नलिखित में से कौन सा कारण था?
(a) एशिया में ऐडीज़ ऐजिरी मच्छर का प्रवेश हुआ था ।
(b) ऐडीज़ पेगइजरी मच्छर की तादाद बढ़ गई थी ।
(c) ऐडीज़़ ऐल्बोपिक्टस मच्छर डेंगु विषाणु से संक्रमित हो गया था।
(d) जो लोग बचपन में सामान्य रूप से डेंगु विषाणु से प्रतिरोधकता प्राप्त कर लेते
हैं, बड़ी उम्र मे इससे संक्रमित नहीं होते ।
5. गद्यांश से यह निकर्ष निकाला जा सकता है कि अमेरिका के कुछ भागों में लाइम रोग प्रबल हो गया है, उसके निम्नलिखित में से कौन से कारण हैं?
(a) अमेरिका में असावधानीपूर्वक लाइम रोग के जीवाणु का प्रवेश होना ।
(b) लाइम रोग के जीवाणुओं को खत्म करने में आधुनिक स्वच्छता पद्धति की अक्षमता ।
(c) लाइम रोग के जीवाणुओं में आनुवांशिक परिवर्तन जो कि इन्हें और अधिक विषाक्त बना
देते हैं ।
(d) हिरण परजीवियों के सम्पर्क में आने वाले मनुष्यों की संख्या में वृद्धि होना ।