Text of PM’s address at the 10th Civil Services Day awards ceremony at New Delhi


Text of PM’s address at the 10th Civil Services Day awards ceremony at New Delhi


10वे सिविल सेवा दिवस के अवसर पर दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम मे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज लोक सेवकों से सकारात्‍मक नजरिया बनाये रखने, विपरीत परिस्थितियों को अवसर में तब्‍दील करने और प्रवीणता हासिल करने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने लोक सेवकों से सकारात्‍मक नजरिया अपनाने और अपने परिवार के साथ बेहतर समय बिताने का आग्रह करते हुए उन्‍हें 'शीलम् परम् भूषणम्' (चरित्र ही सर्वोच्‍च गुण है) की याद दिलाई।

सुशासन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके लिए जवाबदेही, उत्तरदायित्‍व एवं पारदर्शिता की कला की नितांत आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा कि भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था अब 'अभाव' को पीछे छोड़ 'बहुलता' की तरफ अग्रसर हो गई है, अत: सिविल सेवाओं के लिए क्षमता सृजन की जरूरत है।उन्‍होंने कहा कि वैसे तो पॉलिटिकल इंटरफरेंस अवांछनीय है, लेकिन प्रजातंत्र में जन‍-हितेषी शासन सुनिश्चित करने के लिए पॉलिटिकल इंटरवेंशन आवश्‍यक है। उन्‍होंने लोक सेवकों से अलग-थलग रहने के बजाय एक टीम के रूप में काम करने का आग्रह किया।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहां कि देश के एवं हम सबके जीवन में कुछ नया हमेशा प्रेरणा देता है। नींद उतनी थकावट पैदा नहीं करती जितनी आलस थकावट पैदा करती है। कभी व्यक्ति कार्य करके वो प्रभाव पैदा नही करता जो कार्य ना करके पैदा करता है।

श्री मोदी ने कहां कि हम ऐसा माहौल बनाए कि हमें कुछ न कुछ करते रहना है। छोटे से छोटे एवं बडे से बडे व्यक्ति को भी अपने को साबित करना होगा। प्रधानमंत्री ने कहां कि हम सब प्रयोग करने से बहुत डरते है कि कहीं कुछ गलत ना हो जाए। श्री मोदी ने कहां कि में हमेशा प्रयोग को पुरूस्कृत करता हूँ। हम अब 19वीं 20वीं शताब्दी के नियम से नही चल सकते है। प्रधानमंत्री ने लोक प्रशासन में उल्‍लेखनीय कदमों के मद्देनजर वर्ष 2012-13 एवं वर्ष 2013-14 के लिए 'लोक प्रशासन में उत्‍कृष्‍टता पुरस्‍कार' प्रदान किये। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर 'बेस्‍ट प्रैक्टिसेज-टुमारो इज हियर' पुस्‍तक का विमोचन भी किया।

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Courtesy: PIB