(Download) संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा (भौतिकी) Paper-2- 2017


संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा
(Download) UPSC IAS Mains Exam Paper - 2017 : भौतिकी (Paper - 2)


भौतिकी
(प्रश्न पत्र - II)

निर्धारित समय : तीन घंटे

अधिकतम अंक : 250

प्रश्न-पत्र सम्बन्धी विशेष अनुदेश

कृपया प्रश्नों के उत्तर देने से पूर्व निम्नलिखित प्रत्येक अनुदेश को ध्यानपूर्वक पढ़े :

इसमें आठ (8) प्रश्न हैं जो दो खण्डों में विभाजित हैं तथा हिन्दी और अंग्रेज़ी दोनों में छपे हैं ।

परीक्षार्थी को कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर देने हैं।

प्रश्न संख्या 1 और 5 अनिवार्य हैं तथा बाकी में प्रत्येक खण्ड से कम-से-कम एक प्रश्न चुनकर किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए । प्रत्येक प्रश्न/भाग के अंक उसके सामने दिए गए हैं ।

प्रश्नों के उत्तर उसी प्राधिकृत माध्यम में लिखे जाने चाहिए जिसका उल्लेख आपके प्रवेश-पत्र में किया गया है, और इस माध्यम का स्पष्ट उल्लेख प्रश्न-सह-उत्तर (क्यू.सी.ए.) पुस्तिका के मुख-पृष्ठ पर निर्दिष्ट स्थान पर किया जाना चाहिए । प्राधिकृत माध्यम के अतिरिक्त अन्य किसी माध्यम में लिखे गए उत्तर पर कोई अंक नहीं मिलेंगे।

प्रश्नों में शब्द सीमा, जहाँ विनिर्दिष्ट है, का अनुसरण किया जाना चाहिए ।

जहाँ आवश्यक हो, आरेख / चित्र उत्तर के लिए दिए गए स्थान में ही दर्शाइए ।

प्रश्नों के उत्तरों की गणना क्रमानुसार की जाएगी । यदि काटा नहीं हो, तो प्रश्न के उत्तर की गणना की जाएगी चाहे वह उत्तर अंशतः दिया गया हो । प्रश्न-सह-उत्तर पुस्तिका में खाली छोड़ा हुआ पृष्ठ या उसके अंश को स्पष्ट रूप से काटा जाना चाहिए ।

खण्ड - A

Q1. (a) एक स्रोत से 4.0 keV इलेक्ट्रॉनों का किरणपुंज 50.0 cm दूरी पर एक टार्गेट पर आपतित है । हाइज़नबर्ग के अनिश्चितता सिद्धान्त के कारण इलेक्ट्रॉन किरणपुंज की त्रिज्या ज्ञात कीजिये ।
(b) 10 एक 10 nm चौड़ाई के 1-विमीय विभव कूप में गतिमान होने के लिये परिरुद्ध एक इलेक्ट्रॉन की निम्नतम ऊर्जा का परिकलन कीजिये ।
(c) हाइड्रोजन परमाणु की प्रथम उत्तेजित अवस्था में कक्षीय परिक्रमण करते हुए इलेक्ट्रॉन की दे ब्राग्ली तरंगदैर्घ्य का आकलन कीजिये ।
(d) दर्शाइये कि सामान्य ताप पर एक मध्यम आकार के अणु की दो निकटवर्ती ऊर्जा स्तरों से घूर्णी संक्रमणों के संगत अवशोषण स्पेक्ट्रम में रेखाओं की तीव्रतायें तुलनात्मक (बराबर की) होती हैं ।
(e) प्रदत्त कि HCl अणु का बल नियतांक = 516 Nm-1 है । अणु के कम्पन की मूल विधा की तरंग-संख्या निर्धारित कीजिये । सामान्य ताप पर HCl अणु के कम्पन स्पेक्ट्रम में कितनी संक्रमण रेखाओं के होने की आशा की जा सकती है ?

Q2. (a) 2p अवस्था में हाइड्रोजन परमाणु की नाभिक से इलेक्ट्रॉन की प्रायिकतम दूरी का आकलन कीजिये । इस दूरी पर इलेक्ट्रॉन के पाये जाने की प्रायिकता क्या है ?
(b) श्रोडिंगर समीकरण का उपयोग करते हुये, एक 1-विमीय सरल आवर्ती दोलक के लिये ऊर्जा के अभिलक्षणक फलनों और अभिलक्षणक मानों को प्राप्त कीजिये । पहली तीन ऊर्जा अवस्थाओं के अभिलक्षणक फलनों के प्रोफाइलों के रेखाचित्र बनाइए ।
(c) एक 0.1 nm चौड़ाई और 4.0 eV के विभव प्राचीर में से होकर 1.0 eV ऊर्जा के एक इलेक्ट्रॉन के पारगमन की प्रायिकता का परिकलन कीजिये ।

Q3. (a) ऊर्जा स्तर आरेख की सहायता से स्टोक्स और प्रति-स्टोक्स रमन प्रकीर्णन को समझाइये । एक द्वि-परमाण्विक अणु के लिये, घूर्णनात्मक सूक्ष्म संरचना के साथ रमन स्पैक्ट्रम की संक्रमण ऊर्जाओं के लिये व्यंजक प्राप्त कीजिये और अतः स्टोक्स रेखाओं की तरंग संख्याओं को प्राप्त कीजिये ।
(b) समझाइये कि किस कारण कुछ रमन स्पैक्ट्रमों में रेखायें विभिन्न मात्राओं तक समतल ध्रुवित पायी जाती हैं, जबकि उत्तेजक विकिरण पूर्णतः अधूवित होता है ।
(c) फ्रांक-कॉन्डन सिद्धान्त का कथन कीजिये । फ्रांक-कॉन्डन गुणकों को परिभाषित कीजिये । व्यवस्थात्मक आरेख रेखाचित्र का इस्तेमाल करते हुए उत्तेजित अवस्थाओं के क्षय के फलस्वरूप होने वाली प्रतिदीप्ति और स्फुरदीप्ति परिघटनाओं की व्याख्या कीजिये ।

Q4. (a) समझाइये कि किस कारण कोणीय संवेग के वर्ग (L2) और L के घटकों (Lx, Ly, Lz) में से केवल एक, गति के स्थिरांक माने जाते हैं ।
(b) नाभिकीय चुम्बकीय अनुनाद (NMR) के सिद्धान्त को एक ऊर्जा स्तर आरेख की सहायता से समझाइये । NMR को प्रदर्शित करने वाली नाभिकाओं के उदाहरण दीजिये । एक NMR स्पेक्ट्रा से क्या मुख्य निष्कर्ष निकाले जा सकते हैं ?
(c) एक NMR प्रयोग में हाइड्रोजन परमाणुओं पर 5.0 T का चुम्बकीय क्षेत्र प्रयुक्त किया जाता है । हाइड्रोजन परमाणु के नाभिक की दो प्रचक्रण (स्पेन) अवस्थाओं और NMR के लिये आवश्यक विकिरण की आवृत्ति के बीच ऊर्जा में अंतर (kJ/mol) निर्धारित कीजिये ।

खण्ड - B

Q5. (a) एक टार्गेट (सीसा) पर आपतित 10 MeV ऊर्जा के अल्फा कणों के वृहत्कोणीय (पश्च) प्रकीर्णन का इस्तेमाल करते हुए सीसा (Z = 82) की नाभिकीय त्रिज्या की कोटि का आकलन कीजिये ।
[दिया गया है : (4pe0)-1 = 9x109 Nm2C-2]
(b) नाभिकीय बल की आवेश स्वतन्त्रता और आवेश सममिति के बीच विभेदन कीजिए । इनमें से प्रत्येक के लिये एक उदाहरण दीजिये ।
(c) संक्षेप में वर्णन कीजिये कि किस तरह 3-क्षय में पैरिटी के उल्लंघन को प्रायोगिकतः देखा गया था ? आप ‘न्यूट्रिनोस लेफ्ट-हैंडिड होते हैं' कथन से क्या समझते हैं ?
(d) एक अर्द्धचालक में एक चालक बैंड इलेक्ट्रॉन के लिये ऊर्जा (E) और तरंग सदिश (k) इस प्रकार सम्बद्ध हैं E = a h2k2 / m0 जहाँ a एक स्थिरांक है और m0 मुक्त इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान । इलेक्ट्रॉन के प्रभावी द्रव्यमान का परिकलन कीजिये ।
(e) विचारिए ऊपर दिया गया संक्रियात्मक प्रवर्धक परिपथ :
दिया गया है, R1 = 10 kW, R2 = 150 kW और प्रवर्धक के विवृत लूप गेन और उसकी बैंड चौडाई का गुणनफल = 106Hz । प्रवर्धक की संवृत लूप बैंड चौड़ाई निर्धारित कीजिये ।

Q6. (a) (i) ड्यूट्रॉन के दो गुणधर्मों को लिखिये जो अ-केन्द्रीय टेन्सर बल के अस्तित्व का समर्थन करते हैं।
(ii) दिया गया है कि ड्यूट्रॉन चुम्बकीय आघूर्ण संकारक आपरेटर (न्यूक्लीयर मेग्नेटॉन की यूनिटों में) को इस प्रकार अभिव्यक्त किया जा सकता है।

(b) (i) प्रति-न्यूक्लिऑन बंधन ऊर्जा (BE/A) के द्रव्यमान संख्या A के सापेक्ष आलेख में 30 < A < 170 के क्षेत्र में प्रति न्यूक्लिऑन औसत बंधन ऊर्जा (BE/A) की लगभग स्थिरता को कैसे स्पष्ट किया जाता है ?
(ii) आयतन पद, पृष्ठ ऊर्जा पद, कूलॉम और सममिति ऊर्जा संशोधन पदों की भूमिका का उल्लेख करते हुये, अर्ध आनुभाविक द्रव्यमान फार्मूला लिखिये ।

(c) (i) एक दूसरे से भेद दिखाते हुये प्रबल, दुर्बल और विद्युत चुम्बकीय बलों के तीन अभिलाक्षणिक गुणधर्मों | का कथन कीजिये ।।
(ii) उन अन्योन्य क्रियाओं को इंगित कीजिये जिनमें निम्नलिखित संरक्षण नियमों का अनुपालन या उल्लंघन होता है ।

(a) समस्थानिक प्रचक्रण (आइसोटोपिक स्पिन)
(b) अति आवेश
(c) लेप्टान संख्या
(d) चार्ज संयुग्मन

(iii) निम्नलिखित में से प्रत्येक के क्वार्क घटकों को लिखिये :

(a) p+
(b) K+
(c) D++
(d) So
(e) W-

Q7. (a) एक एकसमान बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र H में केवल दो ऊर्जा स्तरों में रहने वाला अनुचुम्बकीय परमाणुओं (N प्रति एकक आयतन) का एक तंत्र ताप T पर है। अगर यह तंत्र बोल्ट्समान के वितरण का अनुसरण करता है, तो तंत्र का चुम्बकन और चुम्बकीय प्रवृत्ति ज्ञात कीजिये ।
(b) अतिचालकता के लंडन के समीकरण का इस्तेमाल करते हुये वेधन गहराई के लिये व्यंजक प्राप्त कीजिये और उसके महत्व को समझाइये ।
(c) एक अर्द्धचालक में एक इलेक्ट्रॉन और एक विवर (होल) के प्रभावी द्रव्यमान क्रमशः 0.07 m0 और 0.4 m0 हैं, जहाँ m0 मुक्त इलेक्ट्रॉन द्रव्यमान है । मानते हुए कि विवर के लिये औसत विश्रान्ति काल इलेक्ट्रॉन के विश्रान्ति काल का आधा है तो विवरों की गतिशीलता का परिकलन कीजिये जब इलेक्ट्रॉनों की गतिशीलता 0.8 m2 volt-1s-1 है।

Q8. (a) ऊपर दिये रेखाचित्र में एक प्रवर्धक को उभयनिष्ठ उत्सर्जक संरूपण में दर्शाया गया है ।
अगर धारा लब्धि (गेन) b = 100 और a.c. उत्सर्जक प्रतिरोध = 25.0 W हो, तो प्रवर्धक की निवेशी प्रतिबाधा और वोल्टता लब्धि निर्धारित कीजिये ।

(b) ऊपर दिया गया स्व-अभिनत p-चैनल JFET का एक परिपथ है :
अगर संकुचन बोल्टता 5.0 V है और Vds = 6.0 V हो, तो संतृप्ति धारा IDSS का परिकलन कीजिये ।

(c) कोश मॉडल (शैल मॉडल) में प्रचक्रण-कक्षा (स्पिन ऑरबिट) युग्मन को शामिल करते हुये एकल कण के ऊर्जा स्तरों का व्यवस्था चित्र बनाइए । दर्शाइये कि यह किस तरह नाभिकों में मैजिक संख्या की व्याख्या करता है । दो उदाहरण देकर दर्शाइये कि यह स्कीम किस प्रकार विषम द्रव्यमान संख्या A के नाभिकों के कणों और प्रचक्रणों का पूर्वानुमान लगाती है ।

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