(Download) संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा पशुपालन और पशु चिकित्सा विज्ञान (Paper - 2)-2017
संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा - मुख्य परीक्षा
(Download) UPSC IAS Mains Exam Paper - 2017 : पशुपालन और पशु चिकित्सा विज्ञान (Paper - 2)
पशुपालन एवं पशु-चिकित्सा विज्ञान
(प्रश्न पत्र - II)
समय : तीन घण्टे
अधिकतम अंक : 250
प्रश्न-पत्र के लिए विशिष्ट अनुदेश
कृपया प्रश्नों का उत्तर देने से पूर्व निम्नलिखित प्रत्येक अनुदेश को ध्यानपूर्वक पढ़े :
इसमें आठ प्रश्न हैं जो दो खण्डों में विभाजित हैं तथा हिन्दी और अंग्रेज़ी दोनों में छपे हैं ।
परीक्षार्थी को कुल पांच प्रश्नों के उत्तर देने हैं।
प्रश्न संख्या 1 और 5 अनिवार्य हैं तथा बाकी में से प्रत्येक खण्ड से कम-से-कम एक प्रश्न चुनकर किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
प्रत्येक प्रश्न/भाग के अंक उसके सामने दिए गए हैं ।
प्रश्नों के उत्तर उसी माध्यम में लिखे जाने चाहिए जिसका उल्लेख आपके प्रवेश-पत्र में किया गया है, और इस माध्यम का स्पष्ट उल्लेख प्रश्न-सह-उत्तर (क्यू.सी.ए.) पुस्तिका के मुख-पृष्ठ पर अंकित निर्दिष्ट स्थान पर किया जाना चाहिए । उल्लिखित माध्यम के अतिरिक्त अन्य किसी माध्यम में लिखे गए उत्तर पर कोई अंक नहीं मिलेंगे।
प्रश्नों में शब्द सीमा, जहाँ विनिर्दिष्ट है, का अनुसरण किया जाना चाहिए ।
प्रश्नों के उत्तरों की गणना क्रमानुसार की जाएगी । यदि काटा नहीं हो, तो प्रश्न के उत्तर की गणना की जाएगी चाहे वह उत्तर अंशतः दिया गया हो । प्रश्न-सह-उत्तर पुस्तिका में खाली छोड़ा हुआ पृष्ठ या उसके अंश को स्पष्ट रूप से काटा जाना चाहिए ।
खण्ड "A"
Q1. निम्नलिखित प्रत्येक की लगभग 150 शब्दों में विवेचना कीजिए :
(a) घोड़ों में “मंडे मॉरनिंग व्याधि” का प्रबंधन ।
(b) गोपशु में ऑर्गेनोफॉस्फेट आविषालुता के नैदानिक लक्षण और प्रबंधन ।
(c) रक्त-वृषण-रोध (ब्लड-टेस्टिस बैरियर) का बनना और कार्य ।
(d) मुर्गी एवं सूअर के वध में मूत्रशूल (स्काल्डिंग) तकनीक ।
(e) दुग्ध में दुर्गध (सुवास-विकृतियाँ) के कारण।
Q2. (a) प्रयोगशाला में जाँच हेतु जैविक नमूनों के एकत्रण और संबंधित विधियों का विस्तार से वर्णन कीजिए ।
(b) सायनाइड विषाक्तता की क्रियाविधि, नैदानिक लक्षणों और उपचार की विस्तार से व्याख्या कीजिए ।
(c) घावों के कानूनी पहलुओं के संबंध में विस्तार से वर्णन कीजिए ।
Q3. (a) पशुजन्य रोग (जूनोसेस) की व्याख्या कीजिए । विभिन्न पशुजन्य रोगों के संचरण मार्गों की विवेचना कीजिए।
(b) बाहु जालक को बनाने वाली तंत्रिकाओं की विस्तार से विवेचना कीजिए ।
(c) मक्खन के उत्पादन, पैकेजिंग एवं भण्डारण की विधि का वर्णन कीजिए ।
Q4. (a) मांस और मांस उत्पादों के परिरक्षण हेतु प्रयुक्त की जाने वाली विधियों की विवेचना कीजिए।
(b) विभिन्न प्रकार की वैक्सीनों का विस्तृत विवेचन कीजिए । साथ ही उन रोगों को सूचीबद्ध कीजिए जिनके लिए भारत में वैक्सीन उपलब्ध हैं ।
(c) संज्ञाहरण-पूर्वो (प्रीएनेस्थेटिक्स) के वर्गीकरण और उपयोगों की विस्तार से व्याख्या कीजिए । साथ ही निश्वसन संज्ञाहरण के लाभों एवं हानियों की भी विवेचना कीजिए।
खण्ड "B"
Q5. निम्नलिखित प्रत्येक की लगभग 150 शब्दों में विवेचना कीजिए :
(a) गोपशु में रक्त के प्रोटोज़ोआ (हीमोप्रोटोज़ोअन) रोगों के रोगकारण (हैतुकी) और उपचार ।
(b) घरेलू पशुओं में अपरा का वर्गीकरण ।
(c) ऊष्मा प्रतिबल कैसे डेयरी गायों के प्रदर्शन (दुग्ध उत्पादन) को प्रभावित करता है ?
(d) वध किए गए पशुओं के ग्रंथिल भागों के भैषजिक (फार्मस्यूटिकल) उपयोग ।
(e) पशु-रोगों की रोकथाम के लिए नियम और विनियम ।
Q6. (a) रोमन्थियों में खुरपका-मुँहपका रोग के रोगकारण, नैदानिक लक्षण, निदान और नियंत्रण का वर्णन कीजिए ।
(b) निर्जीवाणुकृत, समांगीकृत और सुवासित दुग्ध-निर्माण को प्रवाह संचित्रों द्वारा स्पष्ट कीजिए ।
(c) अंडे की संरचना, संघटन और पोषक मूल्यों का सविस्तार वर्णन कीजिए ।
Q7. (a) आघात विभंजन (स्टनिंग) की विधियों का ब्यौरा प्रस्तुत कीजिए तथा साथ ही छोटे एवं बड़ेपशुओं में विद्युत् आघात विभंजन की व्याख्या कीजिए।
(b) विशाल डेरी फार्म में विशिष्ट श्रेणियों के गोपशुओं की आवासीय आवश्यकताओं की विवेचना कीजिए ।
(c) डिंबग्रंथि की ऊतकीय संरचना का उपयुक्त चित्रों द्वारा वर्णन कीजिए।
Q8. (a) वध के पश्चात् मांस में होने वाले भौतिक-रासायनिक परिवर्तनों और इनको प्रभावित करने वाले कारकों की व्याख्या कीजिए ।
(b) डेरी उद्योग के उपोत्पादों को वर्गीकृत कीजिए तथा साथ ही अम्लीय केसीन बनाने की सामान्य विधि की व्याख्या कीजिए।
(c) पोल्ट्रि में विटामिनों की कमी की नैदानिक अभिव्यक्तियों का वर्णन कीजिए ।
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