यूपीएससी आईएएस (मेन) हिन्दी अनिवार्य परीक्षा पेपर UPSC IAS (Mains) Hindi Compulsory Exam Paper - 2001

यूपीएससी आईएएस (मेन) हिन्दी अनिवार्य परीक्षा पेपर UPSC IAS (Mains) Hindi Compulsory Exam Paper - 2001

In the case of Question No. 3, marks will be deducted if the precis is much longer or shorter than the prescribed length

1. निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 300 शब्दों में निबन्ध लिखिएः 100

(क) भारतवर्ष में उपभोक्तावाद का विकास
(ख) अवकाश का मोल
(ग) स्त्राी के प्रति अत्याचार
(घ) किसी सन्त-महात्मा से भेंट
(ङ) महत्त्वकांक्षा शांति की सबसे बड़ी शत्राु है

2. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा नीचे पूछ गए प्रश्नों के उत्तर अपने शब्दों में लिखिएः

आजकल, जहाँ तक हमारी दृष्टि जाती है, हमें विज्ञापन दिखाई देता है। विज्ञापन तैयार करना इतना आसान नहीं है, जितना पहली नजर में दिखता है। एक उत्तम विज्ञापन, जो लोगों को आकर्षित करके उन्हें कुछ खरीदने को बाधित करता है, बनाने के लिए मनोविज्ञान का ज्ञान अनिवार्य है। विज्ञापन लोगों के लिए निर्णय लेने में सहयोगी होते हैं। किसी को धन खर्चने का निर्णय लेने में सहयोगार्थ कुछ लिखने वाले व्यक्ति को मानव-प्रकृति तथा मानवीय सहयोगार्थ कुछ लिखने वाले व्यक्ति को मानव-प्रकृति तथा मानवीय मन के कार्य करने के ढंगों का पूर्ण ज्ञान होना चाहिए। कुछ अकुशल लेखक लोगों को चीजें खरीदने की प्रेरणा देने की अपेक्षा उन्हें परेशानी में डाल देते हैं। उदाहरणार्थ, यह घोषणा मनावैज्ञानिक दृष्टिकोण से गलत कही जाएगीµ‘‘हमारी दुथ-पेस्ट सर्वोत्तम है’’। ऐसा विज्ञापन देखने वाला तुरंत उनसे कहेगाः नहीं, ऐसा नहीं है। जो टुथ-पेस्ट में गत दस वर्ष से प्रयोग कर रहा हूँ वही अधिक उत्तम है।

समझदारीपूर्ण सुझाव यह होगा कि जो टुथ-पेस्ट हम बना रहे हैं, उसमें कुछ ऐसे गुण हैं कि उसका प्रयोग करके जरूर देखना चाहिए। पुनः लोगों के कल्पित चित्रा प्रस्तुत करने की अपेक्षा प्रयोक्ता की वास्तविक फोटो अधिक प्रभावी हो सकती है।

नैतिक पक्ष में भी, व्यक्ति को सावधान रहना चाहिए। अधिकतर विज्ञापनµसंस्थाएँ ऐसे माल के विक्रय में सहयोग से इनकार कर देती है, जो हानिकारक हो या किए गए दावे पर पूरा न उतरता हो। विज्ञापन
धोखेबाजी नहीं। कुछ दवाएँ, परीक्षण करने पर पानी, चीनी और रंग का घोलµमात्रा प्रमाणित हुई। बेईमान उत्पादक को इसका भारी मोल चुकाना पड़ता है।

सामान्य अध्ययन सिविल सेवा मुख्य परीक्षा अध्ययन सामग्री

(क) विज्ञापन लिखने में मनोविज्ञान की जानकारी क्यों सहायक होती है?
(ख) विज्ञापन खरीददार को प्रभावशाली ढंग से कब आकर्षित करता है?
(ग) कुछ निर्माता खरीददार को वै$से ठगते हैं?
(घ) विशिष्ट उत्पादनों का विज्ञापन करने से कुछ विज्ञापन-संस्थाएँ क्यों इन्कार कर देती है?
(ङ) प्रभावी विज्ञापन लिखने वाले व्यक्ति में क्या-क्या गुण होने अपेक्षित हैं?

3. निम्नलिखित गद्यांश का संक्षेपीकरण लगभग 180 शब्दों में अपनी भाषा में कीजिए। संक्षेपण को निर्धारित कागज पर ही लिखिए और उसे अपनी उत्तरµपुस्तिका में भली-भाँति नत्थी कीजिए। अपने सार-संक्षेप के अन्त में प्रयुक्त शब्दों की संख्या भी दीजिए। ध्यान रहे, निर्धारित कागज पर न लिखने अथवा आवश्यकता से न्यूनाधिक शब्दों में संक्षेपण तैयार करने पर अंकों में कटौती की जायेगी। 60

योजना तैयार करने की जितनी आवश्यकता आज है, इतनी पहले कभी न थी। आधुनिक जीवन के सारे पक्षों के सम्बन्ध में यह सच है। निश्चय ही यह स्वाभाविक भी है। वर्तमान संसार में, जबकि समूची मानवता उत्तम भविष्य की खातिर अपना जीवन-स्तर उ$ँचा उठाने में संलग्न हैं, उपलब्ध साधन-नानाविध अपेक्षाओं के कारण कम पड़ते जा रहे हैं। अतः यह कहना उचित होगा कि योजना का सर्वप्रथम लक्ष्य उपलब्ध साधनों का सर्वोत्तम प्रयोग होना चाहिए। इसी संदर्भ में, देश में डाकµ सुविधाओं पर बनाई गई योजना के सम्बन्ध में यहाँ कुछ टिप्पणी की जा रही है।

देश के स्वतंत्रा होने के पश्चात् नये डाकघर खोलने की नीति में एक सार्थक परिवर्तन किया गया। उससे पूर्व नये डाकघर खोलने के प्रस्ताव को प्रायः जनता की मांग पर ही विचारधीन रखा जाता था, क्यों कि अंग्रेज सरकार को जन-सुविधानों में कुछ विशेष रुचि न थी और डाकघर सरकार के प्रशासन-तन्त्रा का एक हिस्सा समझा जाता था, जो देश पर अधिकार बनाए रखने में सरकार का सहयोगी पहलू था। स्वतन्त्राप्राप्ति के साथ ही डाक-विभाग ने बड़ी संख्या में डाकघरों का विस्तार किया और डाकघरों की गिनती कई गुणा बढ़ गई। ग्रामीण और पिछड़े प्रदेशों की डाकघर-व्यवस्था में उठाई जाने वाली सीमित आर्थिक हानि की अनुमति विभाग ने प्राप्त कर ली। उक्त पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिये यह आवश्यक भी था। विचार किया गया था कि जब तक डाक-सुविधाएँ नहीं दी जायेंगी, प्रदेश-विशेष के निवासियों को उनसे होने वाले लाभ की जानकारी नहीं हो सवें$गी। तथापि जब दस वर्ष बीत गए, प्रयोग-मूलक अवधि समाप्त हुई, तो डाकघर का निरन्तर चलते रहना आत्माµनिर्भरता के सिद्धान्त पर आधृत हो जाएगा। अर्थात् डाकघर को जब घाटे में नहीं चलना होगा। निश्चय ही नागरिक प्रदेश के डाकघरों को शुरू से ही आत्म-निर्भर रहना चाहिए।

अनेक प्रसंगों में प्रयोगµमूलक आधार पर खोले गये डाकघरों को 10 वर्ष की प्रयोगावधि या उसके पहले ही बंद कर देना पड़ा। इससे अनुमान किया जा सकता है कि डाक-विभाग द्वारा उन प्रयोगमूलक डाकघरों को, जो प्रदत्त कालावधि में भी आत्म-निर्भर नहीं सके, चलाते रहने में अनेक अनुत्पादक खर्चे करने पड़े और विभाग को निश्चित आर्थिक हानि उठानी पड़ी।

क्या स्थिति इससे उत्तम हो सकती थी? पंचवर्षीय योजनाओं को एक नजर देखने से पता चलेगा कि नये डाकघर खोलने में हमने केवल संख्यात्मक लक्ष्य ही बनाए थे। जन-उपयोगी सेवा के रूप में डाकघरों के संदर्भ को हमने कोई राष्ट्रीय स्तर का लक्ष्य नहीं बनाया। हमने अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं किया कि इस विभाग को किस सीमा तक हमें व्यापारिकµसंख्या बनाना है और कहाँ तक अव्यापारिक।

जब कि, एक ओर हम डाकघरों के संगठन को बिना प्रयोक्ताओं पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाले, बढ़ावा नहीं दे सकते, वहीं दूसरी ओर नये डाकघरों को खोलने के व्यय को निपट आत्म-निर्भरता के सिद्धान्त पर
आधृत करना उचित न होगा, क्योंकि इससे देश के अलग-अलग ख.डों में उपलब्ध सुविधाओं में असमानता आएगी।

अतीत में मात्रा संख्यात्मक लक्ष्य बनाए जाने पर भी अधिक आर्थिक हानि नहीं हुई, क्योंकि तक ऐसे अनेक क्षेत्रा मौजूद थे, जहाँ मीलों तक कोई डाकघर न था और यह पहला मौका था, जब सदियों की गुलामी के बाद नागरिकों के आर्थिक जीवन का पुररुद्वार हो रहा था। तथापि यदि हम वहीं ढंग अब भी जारी रखेंगे, तो इससे न केवल हमें बहुत बड़ी आर्थिक हानि होगी, बल्कि डाक-सेवाओं के संदर्भ में हम प्रादेशिक असन्तुलन को जन्म देंगे।

4. निम्नलिखित अवतरण का हिन्दी भाषा में अनुवाद कीजिएः

Hunting was originally a means of providing food, but it has now become a sport. A great many years ago, fishermen in Japan used birds to catch fish. Today, however, fishing in this way has simply become a sport, for the fishermen, who catch fish with the help of birds, do so for the sake of pleasure. On summer nights they set out on rivers in their fishing boats. At the front of each boat there is an iron basket in which a wood fire is kept burning. As the graceful, curved boats float past carried along by the current, these fires, dotted here and there, make beautiful patterns on the water. Steering down the river, the fisherman beat the sides of the boats to encourage the birds. A long piece of string is tied round the neck of each bird. The method of fishing with the help of birds demands great skill and a fisherman has to bandle three or four birds in one hand. Encouraged by the fishermen the birds fly close to the water in search of fish. The moment a bird catches a fish in its beak, it is pulled back on to the boat. The string is held tightly round the bird's throat to prevent it from swallowing the fish. When there do not seem to many fish in the river, the fishermen throw some dead fish into the river for the birds to catch.

5. निम्नलिखित अवतरण का अंग्रेजी भाषा में अनुवाद कीजिएः 20

स्वतन्त्राता ने निश्चय ही हमें नयी प्रतिष्ठा और नवीन सुअवसर प्रदान किया है। किन्तु इसमें यह भी अन्तर्निहित है कि हम स्वार्थ, सुस्ती और संकीर्णता की मानसिकता को त्याग दें। स्वतन्त्राता हमें पुराने मूल्यों की जगह नये मूल्यों के निर्माण के निये परिश्रम करने की प्रेरणा देती है। हमें इतना अनुशासित होने की आवश्यकता है कि हम अपने नये दायित्वों को सन्तोष-पूर्वक निबाहने के योग्य बन सवें$। नवीन व्यवस्था में यदि एक बात पर, अन्य समूचे कार्य-व्यापार से अधिक जोर देने की आवश्यकता है, तो वह अपनी पूरी शक्ति के साथ चीजों को कार्यान्वित करने पर है, हम में सबको लाभप्रद प्रयास करने होंगेµसबको अपने-अपने क्षेत्रा में, चाहे वह कितना भी साधारण हो। काम और लगातार काम करो। काम ही अब हमारा नारा होना चाहिए। काम ही धन है और सेवा ही प्रसन्नता है। कुछ और नहीं। भारत में आज सबसे बड़ा अपराध आलस्य है। यदि हम आलस्य को जड़ से उखाड़ दें, तो हमारी समस्त कठिनाइयाँ और विरोध धीरे-धीरे समाप्त हो जायेंगे। सिपाही हों या राज्य के उच्चाधिकारी, व्यापारी हों या उद्योगपति, शिल्पी, कृषक हों या खेतिहर, हम सब राज्य के प्रति अपना दायित्व निबाह रहे हैं और देश के कल्याण में अपना योगदान दे रहे हैं।

6. (क) निम्नलिखित मुहावरों और लोकोक्तियों में से केवल पाँच का अर्थ स्पष्ट करते हुए वाक्यों में प्रयोग कीजिएः 20

(i) राम भरोसे बैठकर जग का गुजरा देख
(ii) तूµतू, मैंµमैं
(iii) आँखें दिखाना
(iv) सो सुनार की एक लोहार की
(v) जिसकी लाठी उसकी भैंस
(vi) तीनµपाँच करना
(vii) समझदार की मौत है

5. निम्नलिखित अवतरण का अंग्रेजी भाषा में अनुवाद कीजिएः 20

स्वतन्त्राता ने निश्चय ही हमें नयी प्रतिष्ठा और नवीन सुअवसर प्रदान किया है। किन्तु इसमें यह भी अन्तर्निहित है कि हम स्वार्थ, सुस्ती और संकीर्णता की मानसिकता को त्याग दें। स्वतन्त्राता हमें पुराने मूल्यों की जगह नये मूल्यों के निर्माण के निये परिश्रम करने की प्रेरणा देती है। हमें इतना अनुशासित होने की आवश्यकता है कि हम अपने नये दायित्वों को सन्तोष-पूर्वक निबाहने के योग्य बन सवें$। नवीन व्यवस्था में यदि एक बात पर, अन्य समूचे कार्य-व्यापार से अधिक जोर देने की आवश्यकता है, तो वह अपनी पूरी शक्ति के साथ चीजों को कार्यान्वित करने पर है, हम में सबको लाभप्रद प्रयास करने होंगेµसबको अपने-अपने क्षेत्रा में, चाहे वह कितना भी साधारण हो। काम और लगातार काम करो। काम ही अब हमारा नारा होना चाहिए। काम ही धन है और सेवा ही प्रसन्नता है। कुछ और नहीं। भारत में आज सबसे बड़ा अपराध आलस्य है। यदि हम आलस्य को जड़ से उखाड़ दें, तो हमारी समस्त कठिनाइयाँ और विरोध धीरे-धीरे समाप्त हो जायेंगे। सिपाही हों या राज्य के उच्चाधिकारी, व्यापारी हों या उद्योगपति, शिल्पी, कृषक हों या खेतिहर, हम सब राज्य के प्रति अपना दायित्व निबाह रहे हैं और देश के कल्याण में अपना योगदान दे रहे हैं।

6. (क) निम्नलिखित मुहावरों और लोकोक्तियों में से केवल पाँच का अर्थ स्पष्ट करते हुए वाक्यों में प्रयोग कीजिएः 20

(i) राम भरोसे बैठकर जग का गुजरा देख
(ii) तूµतू, मैंµमैं
(iii) आँखें दिखाना
(iv) सो सुनार की एक लोहार की
(v) जिसकी लाठी उसकी भैंस
(vi) तीनµपाँच करना
(vii) समझदार की मौत है
(viii) सिर मुंडाते ओले पड़ना
(ix) दूसरे के वं$धे पर बंदूक चलाना
(x) उबाल आना

(ख) निम्नलिखित संज्ञाओं को विशेषण रूप में वाक्येां में प्रयोग कीजिएः 15

(i) काम (ii) सुन्दरता
(iii) करुणा (iv) भलाई
(v) प्रेम
(iv) घर
(vii) अक्ल
(viii) स्थान
(ix) युग
(x) स्वतन्त्राता

(ग) निम्नलिखित शब्दों में वर्ण-विन्यास शुद्ध करके लिखिएः 5

(i) स्वातंत्राय
(ii) सन्यासी
(iii) शंृगार
(iv) सार्थी
(v) पियारा
(vi) गल्त
(vii) उज्वल
(viii) कृप्या
(ix) मिष्ठान
(x) इस्थिति

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