(The Gist of Kurukshetra) ग्रामीण युवाओं के लिए कौशल विकास और रोजगार [June-2018]


(The Gist of Kurukshetra) ग्रामीण युवाओं के लिए कौशल विकास और रोजगार [June-2018]


ग्रामीण युवाओं के लिए कौशल विकास और रोजगार

भारत की जनसांख्यिकीय बढ़त का लाभ लेने के उद्देश्य से कौशल विकास के लिए वर्ष 2009 में पहली बार राष्ट्रीय नीति बनाई गई थी । इस नीति का लक्ष्य वर्तमान में लागू कौशल–तंत्र की सीमा और क्षमता बढ़ाकर बदलती आवश्यकताओं के अनुरूप सभी तक इसकी पहुंच को सुनिश्चित करना, जीवन पर्यन्त ज्ञानार्जन का संवर्धन तथा सरकारी और निजी क्षेत्र के कौशल विकास संबंधी बहुविधी प्रयासों का स्कूली शिक्षा में समावेशन एवं प्रशिक्षण संस्थानों की क्षमता बढ़ाना है ।

कौशल विकास पारिस्थितिकी में आए बदलाओं और कौशल विकास कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के दौरान मिले अनुभवों को /यान में रखते हुए वर्ष 2015 में नई राष्ट्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता नीति की घोषण की गई । नई नीति का लक्ष्य द्रुत गति, गुणवता और दीर्घकालिकता के साथ कौशल उन्ययन नवाचारों को बढ़ावा देना है । इसके अंतर्गत सरकारी क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्रों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं में चल रही कौशल गतिविधीयों के लिए समावेशी तंत्र की व्यवस्था की गई है तथा इसके द्वारा शुरू की गई अनिवार्य उद्यमिता में वैतनिक और स्वरोजगार हेतु कौशल उन्नयन का प्रावधान है ।

कौशल विकास के लिए अवसरंचना के अंतर्गत राष्ट्रीय कौशल विकास एजेंसी, राष्ट्रीय कौशल विकास कोष आते हैं । वर्ष 2014 में इन सबा विलय कर एक नया विभाग ‘कौशल विकास एवं उद्यमिता’ गठित किया गया जिसे वर्ष 2014 में कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय में परिवर्तित कर दिया गया । राज्यों के स्तर पर कौशल किवकास कार्यक्रमों को लागू करने के लिए राज्यों को परामर्श दिया गया है कि वे नोडेल एजेंसी के रूप मे ंराज्य कौशल विकास मिशनों की स्थापना करें ।

ग्रामीण युवाओं के लिए कौशल विकास योजना

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना एक फ्लैंगशिप योजना है जिसे वर्ष 2015 में युवाओं को उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुरूप प्रशिक्षण लेकर अपने लिए बेहतर रोजगार प्राप्त करने के योग्य बनाने के लिए शुरू किया गया था । यह योजना रोजगार पाने के इच्छुक युवाओं को लघुकालीन प्रशिक्षण सहयोगी/प्रशिक्षण केंद्रों के मा/य से उनकी पूर्व अ/ययन मान्यता को मान्य करते हुए उन्हें रोजगार दिलवाने के लिए शुरू की गई थी ।

ब्रू परियोजना % इस परियोजना का उद्देश्य मिजोरम की ब्रू जनजाति का कौशल उन्नयन करना है जिसे विस्थापन होने के कारण उतरी त्रिपुरा में स्थित आंतरिक विस्थापित व्यक्ति केन्द्रांे में रहना पड़ रहा है । कतकरी मूल आदिवासी जनजाति % इस परियोजना का लक्ष्य महाराष्ट्र की कतकरी जनजाति के 1020 युवाओं का कौशल उन्नयन करना है । ओडिशा में कौशल विकास % परियोजना का लक्ष्य ओडिशा के 62 स्थानीय आदिवासी समुदायों के 12,000 प्रत्याशियों का कौशल उन्नयन करना है । इन 62 में से 13 समुदाय मूल आदिवासियों के रूप में वर्गीकृत है ।

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दीनदयाल उपा/याय ग्रामीण कौशल्य योजना

डीडीयू–जीकेवाई निर्धन ग्रामीण युवाओं को उन्हें रोजगारपरक प्रशिक्षण देकर श्रमशक्ति बाजार के अनुरूप तैयार करने की प्लेसमेंट से जुड़ी कौशल विकास की सशक्तीकरण योजना है । अक्टूबर 2017 तक डीडीयू–जीकेवाई के अंतर्गत 674 परियोजनओं में 566 से अधिक प्रशिक्षक केंद्र थे जो 28 राज्यों में 39 सेकटरों में 329 प्रकार के रोजगारों के लिए 310 परियोजना क्रियान्वयन एजेंसियों के सहयोग से संचालित किए जा रहें थे । वर्ष 2017–18 के लिए निर्धारित 02 लाख प्रत्याशियों को कौशल प्रशिक्षण दिया जा चुका है । इनमें से भी 46,654 उम्मीदवारों को नौकरी दिलवाई जा चुकी है ।

ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान

ग्रामीण युवाओं की पारिवारिक आय मेंे विविधता लाने के उद्देश्य से ग्रामीण विकास मंत्रालय ने अपनी योजना ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान चलाई है । आरएसईटी एक त्रिमार्गी योजना है जिसे ग्रामिण विकास मंत्रालय, राज्य सरकारें और बैंक मिल कर चलाते हैं । इस योजना में 31 सहयोगी बैंकों ने पूरे देश में 586 आरएसईटी की स्थापना की है । ये कृषि, प्रसंस्करण, उत्पाद और सामान्य उद्यमिता विकास कार्यक्रमों पाठ्यक्रमों का प्रत्याशियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं जिससे कि वे स्वयं का रोजगार/वैतनिक कार्य करने के लिए सक्षम हो सकें ।

प्रधानमंत्री कौशल केन्द्र

कौशल प्रशिक्षण देने के लिए उद्योगों की नवीनतम आवश्यक्ताओं की पूर्ति हेतु उनके अनुरूप ही आधुनिकता प्रशिक्षण उपकरण अत्यंत आवश्यक हैं । प्रधामंत्री कौशल केन्द्र ऐसे ही आदर्श विकास अवसंरचना के निर्माण, प्रशिक्षण और प्लेसमेंट पर पूरा /यान दिया जाता है । दिसंबर 2017 तक देश के 27 राज्यों के 484 जिलों हेतं 527 प्रधानमंत्री कौशल केन्द्र अनुमोदित किए गए है । इनमें से 328 प्रधानमंत्री कौशल केन्द्र की स्थापना की जा चुकी है ।

उड़ान

उडान जम्मू–कश्मीर राज्य के शिक्षित बेरोजगार युवाओं की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए चलाई जा रही अनुठी पहल है । इस योजना का उद्देश्य स्नातक / स्नातकोतर एवं त्रिवर्षीय इंजीनियरिंग डिप्लोमा/ाारी युवाओं के कौशल और रोजगार क्षमता को बढ़ावा देकर उन्हें निजी क्षेत्र के उपक्रमों में रोजगार दिलवाना है । यह योजना निजी क्षेत्र कॉर्पोरेट्स के सहयोग से एनएसडीसी द्वारा चलाई जा रही है । लगभग 84 कॉर्पोरेट्स ने प्रशिक्षण देने के लिए उड़ान महाचयन अभियानों में अपनी सहभागिता की है ।

राष्ट्रीय कैरियर सेवा

राष्ट्रीय कैरियर सेवा परियोजना में एक डिजिटल पोर्टल बनाया गया है जिसमें रोजगार के इच्छुक युवाओं और नियोक्ताओं को एक ऐसा राष्ट्रव्यापी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म मिलता है जिससे वांछित कार्य / नौकरी की आवश्यकता पूर्ति त्वरित, सक्षम एवं सकारात्मक तरीके से हो सके और जिसमें विभिन्न प्रकार के कैरियर्स की पूरी जानकारी उपलब्ध रहे । 31 मार्च, 2018 तक इस पोर्टल पर 14–87 लाख नियोक्ताओं एवं 4–24 करोड़ रोजगार चाहने वालों ने अपना पंजीकरण करवाया था और इस पर 8–61 लाख रोजगार संबंधी नियुक्तियां भेजी गई थी ।

ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार सृजन

ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं । महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना का उद्देश्य ही प्रत्येक ग्रामीण परिवार के कम से कम एक व्यस्क व्यक्ति को, जो स्वयं को अकुशल रोजगार के लिए प्रस्तावित करे, साल में 100 दिनों के सुनिश्चित भुगतान योग्य देकर उपयोगी दीर्घकालिक परिसंपति के निर्माण के जरिए सामाजिक समावेशन करना है । हाल के वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में समावेशन के मा/यम से अवसंरचना निर्माण पर जोर दिया गया है । इसके अंतर्गत पीएम एवाई–जी लाभार्थियों के लिए व्यक्तिगत रूप से घरों में शौचालय निर्माण, कृषि एवं तत्संबंधी कार्यों के लिए अवसंरचना निर्माण जैसे कार्य किए जा रहे हैं । वर्ष 2017–18 के दौरान 4–63 करोड़ परिवारों को 163 लाख कार्यों के लिए रोजगार दिया गया और इस प्रक्रिया में 182 करोड़ मानव श्रम दिवसों के रोजगार का सृजन किया गया ।

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Courtesy: Kurukshetra