(GIST OF YOJANA) विकास के लिए आधारभूत ढांचा [April-2018]


(GIST OF YOJANA) विकास के लिए आधारभूत ढांचा [April-2018]


विकास के लिए आधारभूत ढांचा

 किसी भी देश के सम्पूर्ण विकास के लिए आधारभूत ढांचे की मजबूती को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इससे जहां देश के नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं मिलती हैं, वहीं राष्ट्र की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होती है। ढांचागत विकास की बदौलत ही विकसित देश निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। भारत में भी पिछले कुछ सालों में जिस तरह से आधारभूत ढांचे का विकास हुआ है। हालांकि अभी भी कुछ राज्य विकास की इस दौड़ में कुछ पिछड़ गए हैं। खासकर पर्वतीय राज्यों में अपेक्षा के मुताबिक विकास नहीं हुआ। अब केद्र सरकार सहित उन राज्यों की सरकारों ने अपने-अपने क्षेत्र में आधारभूत ढांचे के विकास पर तेजी से काम शुरू किया है। इनमें पूर्वोत्तर के वे राज्य भी शामिल हैं, जो देश के दूसरे राज्यों के मुकाबले भौगोलिक दृष्टि से अलग हैं और देश की राजधानी से दूर होने के साथ-साथ राजनीतिक दृष्टि से भी अपेक्षाकृत कमजोर होने के कारण दूसरे राज्यों के मुकाबले पिछड़े रहे।

   अब इन पूर्वोत्तर राज्यों में आधारभूत ढांचागत विकास को लेकर सरकारों की ओर ! से पहल शुरू हुई है। पूर्वोत्तर राज्यों की प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है। यही वजह है कि ये राज्य, देश ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के पर्यटकों के लिए आकर्षण के के केंद्र रहे हैं। सरकारें भी चाहती हैं कि इन राज्यों में पर्यटन को बढ़ावा देकर यहां से की अर्थव्यवस्था और मूल निवासियों के जीवन स्तर को सुधारा जाए। इसके लिए सरकारें यहा आधारभूत ढांचागत विकास पर पूरा ध्यान दे रही हैं।
पूर्वोत्तर राज्यों के संपूर्ण विकास के लिए 1970 के दशक में पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) की स्थापना की गई थी। लेकिन पिछले कुछ सालों से यह महसूस किया जा रहा था कि इस परिषद के कामकाज में तेजी लाने के लिए कुछ परिवर्तन किए जाएं। केद्र सरकार ने इस जरूरत को समझते हुए पूर्वोत्तर राज्यों के लिए अलग से बनाए गए गए केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय को इसकी जिम्मेवारी सौंपी। मंत्रालय ने इस परिषद यानी एनईसी को दोबारा कारगर बनाने के लिए उसका एक नया स्वरूप तैयार करना शुरू कर दिया है, ताकि उसे पूरे पूर्वोत्तर की उन्नति के लिए पूर्व एक महत्वपूर्ण केद्र के रूप में विकसित किया जा सके। मंत्रालय ने इस संबंध में एक प्रस्ताव भेज दिया है, जिस पर केंद्र सरकार विचार कर रही है।

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Courtesy: Yojana