(GIST OF YOJANA) समग्र खाद्य सुरक्षा से सार्थक पोषण [May-2018]
(GIST OF YOJANA) समग्र खाद्य सुरक्षा से सार्थक पोषण [May-2018]
समग्र खाद्य सुरक्षा से सार्थक पोषण
आजादी मिलने के समय से ही खाद्य सुरक्षा देश का एक बढ़ा लक्ष्य रहा है। ऐसा इसलिए
की बंगाल के सूखे ने भुखमरी दूर किये जाने की जरुरत की दिशा में जागरूकता फैलाई।
हमारा खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 पोषण सुरक्षा की आवश्यकता का ख़ास तौर पर उल्लेख
करता है। (सम्मानपूर्वक जीवन जीने के लिए लोगो को वहनीय मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण
भोजन की पर्याप्त मात्रा मिलना सुनिश्चित करते हुए मानवीय जीवन चक्र नजरिए में
खाद्य - व् पोषण सुरक्षा हेतु अधिनियम )
खाद्य से पोषण सुरक्षा की ओर अग्रसर
1986 में एफएओ के अपने भाषण व ग्लोबल एस्पेक्ट्स ऑफ फूड प्रोडक्शन पुस्तक में मैंने खाद्य सुरक्षा से पोषण रक्षा पर जोर देने की जरुरत पर बल दिया है। मैंने पोषण सुरक्षा को संतुलित आहार, साफ पय जलस्वच्छता व प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा पर शारीरिक, आर्थिक व सामाजिक पहुँच के रूप में परिभाषित किया है। इसके आगेमैंने पोषण सुरक्षा की दिशा में औषधि आधारित नज़रिए की जगह खाद्य आधारित नज़रिए की जरूरत पर भी बल दिया है। आज 30 साल के बादपोषण सुरक्षा की अवधारणा उभर कर सामने आ रही है। एमएसएसआरएफ इस बात को सिद्ध करने की योजना बना रहा है कि कैसे कृषि, स्वास्थ्य व पोषण एक साथ सहजीवी दायरे में आ सकते हैं। पोषण सुरक्षा के क्षेत्र में खाद्य पर्याप्तता, प्रोटीन कमी व आयरन, आयोडीन, जिंक, विटामिन ए आदि की कमी पर ध्यान दिया जाना काफी आवश्यक है। मेरे द्वारा तैयार पोषण हेतु कृषि प्रणाली (एफएसएन) सहजीवी लिंकेज को प्राप्त करने की प्रक्रिया प्रदान करती है। इन सबके अलावा, अदृश्य भूखमरी का सामना करने के लिए बायोफोर्टीफाईड पौधों के जेनेटिक बगान का वैश्विक ग्रिड एक महत्वपूर्ण टूल होगा।
राष्ट्रीय पोषण सप्ताह
राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के माध्यम से बच्चों में मस्तिष्क विकास के संबंध में
कुपोषण के असर के प्रति जागरूकता प्रसारित करना काफी सही होगा। कार्रवाई के तौर पर
बायोफोर्टीफाईड पौधों के जेनेटिक बागान के नैशनल ग्रिड की शुरुआत करना काफी उपयोगी
होगा। यह प्रमुख पोषण समस्याओं विशेष तौर पर गरीबों को प्रभावित करने वाली समस्याओं
के कृषि उपाय प्रदान करने में मददगार होगा। राष्ट्रीय पोषण सप्ताह लोगों की पोषण
ज़रूरतों हेतु कार्यक्रम की शुरुआत का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करता है।
राष्ट्रीय पोषण कर्यक्रम को सफल बनाना
सरकार ने 9000 करोड़ रुपये के तीन वर्षीय बजट के साथ राष्ट्रीय पोषण मिशन का
अनुमोदन किया है। यह बढ़ते कुपोषण, जिसकी वजह से बच्चों में काफी समस्याएँ आ रही
हैं, की दिशा में सरकार की ओर से की गई पहल है। इस पोषण मिशन को सफल बनाने के लिए
इसकी रूपरेखा घटकों के साथ सहजीवी संवाद के साथ मिशन मोड पर बनाई जानी चाहिए और इसमें
एक मिशन निदेशक होना चाहिए जिसे पर्याप्त अधिकार के साथ-साथ जिम्मेदारी सौंपी जानी
चाहिए। पूर्व में मिशन सफल नहीं रहे क्योंकि मिशने की अवधारणा को पूरी तरह
कार्यान्वित नहीं किया गया। उदाहरण के लिए सफल होने के लिए पोषण मिशन में
निम्नलिखित संवादात्मक घटक, होने चाहिए:
खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों के प्रभावी उपयोग व अभिवर्धित फूड बास्केट
जिसमें चावल व गेहूं के साथ साथ बाजरा भी शामिल है, के उपयोग के जरिए अल्पपोषण को
दूर करना।
- संवर्द्धित दाल उत्पादन व दूध व मुर्गी उत्पादों के वर्धित उपभोग के जरिए पर्याप्त प्रोटीन के उपयोग को सुनिश्चित करना।
- बायोफोर्टीफाइड पौधों के जेनेटिक गार्डन तैयार करने का पोषण कार्यक्रम हेतु एक प्रणाली को प्रमोट करके सूक्ष्म पषक तत्वों की कमी से हुई अदृश्य भूखमरी को दूर करना।
- बेहतर फसलउपरान्त प्रबंधन के लिए उठाए जाने वाले कदमों के जरिए खाद्य गुणवत्ता व सुरक्षा को सुनिश्चित करना। इसके अलावा, मिशन में साफ पेय जल स्वच्छताप्राथमिक स्वास्थ्य सेवा व पोषण साक्षरता के प्रावधान होने चाहिए। हमें यह भी सनिश्चित करना चाहिए कि समुदाय स्तर पर भुखमरी से लड़ने वालों को कृषि विश्वविद्यालयों की मदद से पोषण समस्याओं के कृषि निवारण के तरीकों से पूर्णतसमर्थ बनाना चाहिए।पोषण मिशन में उपयुक्त प्रबोधन व्यवस्था होनी राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के माध्यम से बच्चों में मस्तिष्क विकास के संबंध में कुपोषण के असर के प्रति जागरूकता प्रसारित करना काफी सही होगा। कार्रवाई के तौर पर बायोफोर्टीफाईड पौधों के जेनेटिक बागान के नैशनल ग्रिड की शुरुआत करना काफी उपयोगी होगा। यह प्रमुख पोषण समस्याओं विशेष तौर पर गरीबों को प्रभावित करने वाली समस्याओं के कृषि उपाय प्रदान करने में मददगार होगा। चाहिए ताकि इस दिशा में किए गए हस्तक्षेप के प्रभाव का मूल्यांकन किया जा सके।
आस्ट्रय पोषण मिशन
- 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर, प्रधानमंत्री ने देश भर के 640 जिलों को कवर करने वाले राष्ट्रीय पोषण मिशन की शुरुआत की है।
- व राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के प्रावधानों के प्रभावी उपयोग के जरिए कैलोरी की कमी को दूर करना।
- बायोफोर्टीफाईड पौधों के जेनेटिक गार्डन तैयार करने के पोषण कार्यक्रम हेतु एक कृषि प्रणाली को प्रमोट करके सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से हुई अदृश्य ‘भूखमरी को दूर करना।
- साफ पेय जलसफाई व प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा की उपलब्धता को निश्चित करना।
- कुपोषण उन्मूलन की दिशा में भूखमरी से जूझने वालों का एक समर्थ समूह तयार
करना।
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Courtesy: Yojana